News.27.04.2020_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
कोरोना संक्रमण के रोकथाम के इंतजामों को पुख्ता और अधिक प्रभावी बनाएं - संभागायुक्त
कोरोना संक्रमण को समाप्त करने कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
      संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सकों की समिति की बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के इंतजामों को अधिक प्रभावी और बेहतर बनाने के लिए बिंदुवार विस्तृत चर्चा हुई। अनेक मुद्दों पर निर्णय लिए जाकर क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए।
      बैठक में कहा गया कि कंटेनमेंट एरिया में पूर्ण लॉकडाउन के लिए सख्त रवैया अपनाया जाए। गलियों में भी प्रभावी क्रियान्वयन हो। मोहल्लावार जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम लोगों को स्वप्रेरणा से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने प्रेरित करें।
      संभागायुक्त श्री चौधरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जागरूकता तारीफ योग्य है। वहां लोग घरों में ही है। एक-दूसरे के घरों में नहीं जा रहे है। सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहे हैं। इसका फायदा उन्हें हो रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल मोबाइल यूनिट अधिक सक्रियता के कार्य करें। संभावित कोरोना मरीजों का सैम्पल प्रोटोकाल का पालन करते हुए लिए जाएं।
      संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि मेडिकल कालेज चिकित्सालय में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सों की सेवाएं अच्छी रहें। मेडिकल कालेज के डीन और अधीक्षक यह सुनिश्चित करें। वार्ड में भर्ती मरीज मॉस्क पहनें। उन्हें सीसीटीव्ही निगरानी में रखा जाए। इस कैमरे की लिंक निगरानी के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी जाए। वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ अमले को प्रोत्साहित करते रहें। उनका उत्साहवर्धन करें। साथ में सुखसागर मेडिकल कालेज और अन्य संस्थानों में क्वारेंटाइन में रखे गए व्यक्तियों तथा मेडिकल चिकित्सालय के कोरोना पाजिटिव मरीजों के लिए भोजन-पानी, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, साफ-सफाई की व्यवस्था के साथ उनके हल्के-फुल्के मनोरंजन और उत्साहवर्धन का भी इंतजाम किया जाए। डीन मेडिकल कालेज उपरोक्त इंतजाम सुनिश्चित कराएं। प्रशासन का पूरा सहयोग उन्हें मिले।
      कलेक्टर भरत यादव ने कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किए जाएंगे। प्रथम चरण में सुख सागर मेडिकल कालेज का चयन किया गया है। जहां क्वारेंटाइन के लिए चिन्हित मरीजों को रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिक आवश्यकता के मद्देनजर कई अन्य संस्थानों को भी चिन्हित कर लिया गया है। कोविड केयर फेसिलिटी सेंटर अस्पतालों में प्रारंभ होंगे। इसके लिए भी अस्पतालों का चयन कर लिया गया है । शहर के निजी चिकित्सालयों का अच्छा सहयोग मिल रहा है । निजी चिकित्सालयों को एग्रीमेंट कर सेवा में लिया जायेगा। संभागायुक्त श्री चौधरी ने निजी चिकित्सालयों के प्रबंधन से अपील की कि वे अपने अस्पताल में आवश्यकता होने पर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की सुनिश्चित व्यवस्था रखें। कलेक्टर ने बताया कि 2000 लोगों तक को क्वारेंटाइन करने तक की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गयी है। निजी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है ।
     संभागायुक्त श्री चौधरी ने सुखसागर मेडिकल कालेज की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।  उन्होंने कहा कि वहां भर्ती व्यक्तियों की भोजन, चाय-नाश्ते की व्यवस्था के लिये स्थायी केंटीन प्रारंभ की जाय। इसी तरह अन्य कोविड केयर सेंटर तथा मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में कोरोना क्वारेंटाइन मरीज और कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिये पृथक से आत्म-निर्भर केंटीन शुरू की जाय। क्वारेंटाइन सेंटर में कोरोना पॉजिटिव के कांटेक्ट में रहे तथा हल्के लक्षणों वाले व्यक्ति अलग-अलग रहे।  इसकी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की होगी।  संभागायुक्त ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में पुलिस बल भी लगाया जाय ।
     बैठक में तय किया गया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने तथा मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया जाय। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा।
     बैठक में पी.पी.ई. किट, मानक मास्क तथा वेंटीलेटर की उपलब्धता और आवश्यकता की समीक्षा हुई। कलेक्टर ने कहा कि इनकी जरूरत के मुताबिक उपलब्धता नहीं होने पर बिना विलंब पूर्ति सुनिश्चित की जाय। बैठक में जिले में निवास कर रहे अन्य जिलों और राज्यों के श्रमिकों के बाहर जाने तथा अन्य राज्यों और जिले में फंसे श्रमिकों को वापस जबलपुर लाने की समीक्षा हुई। संभागायुक्त ने कहा कि सड़क मार्ग से बहुत से श्रमिक पैदल आ-जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए थानों में इन श्रमिकों के लिए भोजन, पानी, हेल्थ चैकअप, अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया जाए तथा बाहर से जबलपुर लाए गए और आ रहे श्रमिकों का पूरा डाटा रिकार्ड रखा जाए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने श्रमिकों को वापस लाने पूरे इंतजाम से अवगत कराया। कलेक्टर ने कहा लॉकडाउन में जिले में फंस गए अन्य जिलों के व्यक्तियों को जिले से बाहर अपने निवास स्थान जाने के लिए पास दिए जाएं।
      बैठक में नगर निगम तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा गरीबों को वितरित किए जा रहे पके भोजन के संबंध में चर्चा में बताया गया कि जिन गरीब परिवारों, को कच्चा राशन दिया गया है। उन्हें पका भोजन नहीं दिया जा रहा है। बैठक में गेहूं खरीदी केन्द्रों में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के क्रियान्वयन की जानकारी ली गई।
      बैठक में बताया गया कि मेडिकल टीम का पूरा प्रयास रहता है कि किसी भी कोरोना पाजिटिव मरीज की मृत्यु नहीं हो। वह स्वस्थ हो जाएं। फिर भी यदि ऐसी दुखद स्थिति निर्मित होती है तो मृतक के अंतिम संस्कार के लिए कब्रिस्तान और मुक्तिधाम के स्थलों का चयन कर लिया गया है तथा वहां जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई है। कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर तथा कोरोना लक्षण वाले व्यक्ति की बिना जांच मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिए गए।
      बैठक में पूर्ण लॉकडाउन खुलने तथा तीन मई बाद की परिस्थितियां के मद्देनजर समिति सदस्यों से सुझाव लिए गए कि लॉकडाउन खोलने की स्थिति में क्या-क्या प्रतिबंधित होना चाहिए और क्या आमजन की सुविधा के लिए खोला जाना चाहिए? इन मुद्दों पर सुझाव नोट कर निर्णय लेने की बात कही गई।
      संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि निजी चिकित्सक जनसुविधा को देखते हुए अपनी क्लीनिक खोलें। आने वाले वाले सभी मरीजों का पूरा डाटा सुरक्षित रखें तथा कड़ाई के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। निजी अस्पताल की ओपीडी चालू रखें। मेडिकल व विक्टोरिया की ओपीडी प्रारंभ रहे।
      संभागायुक्त ने कहा सभी अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं का डिलेवरी सिस्टम व्यवस्थित रखा जाए। नागरिकों से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। भविष्य की कार्ययोजना बनाकर अभी से व्यवस्थाओं को बेहतर और चुस्त-दुरूस्त बनाने जुट जाए। बैठक में आईजी पुलिस भगवत सिंह चौहान, डीआईजी मनोहर वर्मा, कलेक्टर भरत यादव, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर संदीप जीआर, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ प्रियंक मिश्रा, मेडिकल कालेज के डीन प्रदीप कसार, नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ जितेन्द्र जामदार, डॉ राजेश धीरावाणी, डॉ पवन स्थापक और अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
क्रमांक/4045/अप्रैल-388/खरे॥

पौंडी मझौली, बाजनामठ और सरकारी कुंआ घमापुर तीन नये कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने जारी किया आदेश
जबलपुर, 27 अप्रैल, 2020
      कलेकटर एवं जिला दंडाधिकारी भरत यादव ने म.प्र. पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर जिले की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर पूर्व में घोषित 9 कंटेनमेंट जोन सहित अब तीन और अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है । इस प्रकार जिले में अब कुल 12 कंटेनमेंट क्षेत्र हो गये हैं ।
      कलेकटर श्री यादव द्वारा आज जारी आदेश के मुताबिक जनपद पंचायत मझौली के पौंड़ी, नगर निगम क्षेत्र बाजनामठ और घमापुर सरकारी कुंआ को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है ।  कंटेनमेंट क्षेत्र पौंड़ी में मात्र ग्राम पौंड़ी, बाजनामठ में जे.डी.ए. कालोनी, नेहरू नगर, नालंदा बिहार, केशर बस्ती, शास्त्री नगर, न्यू शास्त्री नगर बाजनामठ और बजरंग नगर को शामिल किया गया है ।  वहीं घमापुर सरकारी कुंआ कंटेनमेंट क्षेत्र में सरकारी कुंआ, बाई का बगीचा, प्रेम सागर कालोनी, शीतलामाई, करियापाथर, बाबाटोला, लालमाटी बंगाली कालोनी सम्मिलित है ।
      जनपद पंचायत मझौली के पौंड़ी कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए इन्सीडेंट कमांडर एस.डी.एम. सिहोरा चन्द्र प्रताप गोहल को, पुलिस नोडल टी.आई. सिहोरा गिरीश धुर्वे को, नोडल सी.ई.ओ. जनपद पंचायत मझौली राजीव तिवारी को और हेल्थ टीम का नोडल अधिकारी बी.एम.ओ. मझौली डॉ. पारस ठाकुर को बनाया गया है । इसी प्रकार कंटेनमेंट क्षेत्र बाजनामठ के लिए एस.डी.एम. आशीष पांडे को इन्सीडेंट कमांडर, पुलिस नोडल टी.आई. तिलवारा रीना पांडे को, नगर निगम नोडल अंकिता जैन को तथा हेल्थ टीम के नोडल का दायित्व डॉ. रंजना वाजपेयी को सौंपा गया है ।  इसी आदेश में कंटेनमेंट क्षेत्र घमापुर सरकारी कुंआ के लिए मनीषा वास्कले को इंसीडेंट कमांडर, पुलिस नोडल सी.एस.पी. गोहलपुर अखिलेश गौर को, नगर निगम नोडल संजय पांडे को तथा हेल्थ टीम का नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी डॉ. डी.जे. मोहन्ती को सौंपी गई है ।
      कंटेनमेंट क्षेत्र के लिए नियुक्त इंसीडेंट कमांडर और पुलिस की टीम को इस क्षेत्र में आवागमन प्रतिबंधित करने, समस्त निवासियों को होम क्वारेंटाइन में रहने, पेरामीटर कंट्रोल करने और आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोगों का बाहर जाना प्रतिबंधित करने का दायित्व सौंपा गया है । हेल्थ टीम हाई रिस्क व्यक्तियों की प्रोटोकॉल के अनुसार सेम्पलिंग सहित सभी जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण का दायित्व सम्हालेंगी ।
      सभी को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक दिन की रिपोर्ट अपर कलेक्टर संदीप जी.आर. एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार एवं संजीव उइके को प्रस्तुत करें ।
क्रमांक/4046/अप्रैल-389/मनोज

आज 14 हजार लोगों को दी गई नि:शुल्क रोग प्रतिरोधक औषधियां
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
      शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय एवं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ एलएल अहिरवाल के निर्देशन में कोरोना संक्रमण बचाव हेतु एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि हेतु शहर के विभिन्न स्थानों में घर-घर जाकर आज सोमवार को 14 हजार 371 व्यक्तियों को नि:शुल्क आयुर्वेद एवं होम्योपैथी औषधियों का वितरण किया जा चुका है।
इस कार्य में आयुर्वेद महाविद्यालय से डॉ अहिरवाल के नेतृत्व में डॉ दुर्गेश गुप्ता, डॉ रितु सोनी, डॉ गीता पाण्डे, डॉ सायमा अंसारी, डॉ सुबोध जैन, डॉ रचना तिवारी, डॉ शुभम् जैन एवं जिला आयुष कार्यालय से डॉ श्रद्धा कार्तिकेय, डॉ लक्ष्मी मिश्रा, डॉ नेहा पाण्डे, डॉ सरोज सिंह, डॉ रश्मि मरकाम टीम प्रमुख एवं महाविद्यालय की रासेयो इकाई प्रभारी डॉ पंकज मिश्रा एवं मो रजा सिद्दकी तथा स्वयं सेवक संलग्न हैं। इस कार्य की मॉनीटरिंग संस्था प्रमुख डॉ एलएल अहिरवाल के निगरानी में डॉ आरके गुप्‍ता, डॉ मनोज सिंह द्वारा की जा रही है।
       चिकित्सकों की टीम सोमवार को करमेता विजयनगर, हाथीताल कालोनी, काली मंदिर सदर, रिज रोड सिविल लाइन, शीतला माई घमापुर, मिलौनीगंज, बिलहरी, धन्वंतरि नगर मेडिकल, झिरिया मोहल्ला कंचनपुर, मोदीवाड़ा सदर, अलका बिल्डिंग रानीताल, मदनमहल गुप्तेश्वर वार्ड, खम्हरिया थाना स्टॉफ परिसर तथा अन्य शासकीय संस्थानों में नि:शुल्क आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक औषधियों का वितरण किया गया ।
क्रमांक/4047/अप्रैल-390/मनोज

प्रदेश के अन्य जिलों में फँसे श्रमिकों को गृह जिलों में भिजवाने के निर्देश
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
      अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कोरोना कंट्रोल रूम श्री आई.सी.पी. केशरी ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के ही अन्य जिलों में लॉकडाउन के कारण रोके गये श्रमिकों की परिवहन व्यवस्था कर उनके गृह जिलों में जल्द भेजने की कार्यवाही करें। इसके लिये दोनों जिलों के कलेक्टर श्रमिकों को भेजने एवं रिसीव करने का प्रबंध करेंगे एवं आपस में समन्वय करेंगे।
अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने कहा है कि इस कार्य के लिये स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार संबंधित कलेक्टर परिवहन विभाग के माध्यम से बस को हायर कर श्रमिकों को उनके गृह जिले में भिजवाएंगे। बस में प्रत्येक सीट पर एक व्यक्ति ही बैठेगा। हर बस में श्रमिकों में से एक श्रमिक को, जिसके पास मोबाइल फोन हो, ग्रुप लीडर नामित किया जाएगा एवं उसका नम्बर भोपाल स्थित कंट्रोल रुम एवं गतंव्य जिले के कंट्रोल रूम में साझा किया जाएगा। प्रत्येक बस में सेनेटाईजेशन/ हैंड वॉश की व्यवस्था रखी जाएगी। प्रत्येक श्रमिक का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा यदि श्रमिक को सिम्पोटोनिक पाया जाता है, तो उसे उसी जिले में क्वारंटाइन किया जाएगा। अन्य लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद रवाना किया जायेगा।
कलेक्टरों को से कहा गया है कि गंतव्य वाले जिले में भी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उन्हें स्थानीय परिवहन की व्यवस्था कर गृह ग्राम रवाना किया जाएगा। बसों को हायर करने एवं भोजन आदि की व्यवस्था पर होने वाले व्यय का प्रबंधन आकस्मिकता निधि से संबंधित जिला कलेक्टर करेंगे। बस हायरिंग के लिये भुगतान आर.टी.. द्वारा निर्धारित दर अनुसार तत्काल किया जाएगा।
क्रमांक/4048/अप्रैल-391/मनोज॥

अन्य प्रदेशों में फँसे मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था संबंधी निर्देश
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कोरोना कंट्रोल रूम श्री आई.सी.पी. केशरी ने प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन के कारण रुके हुए मजदूरों को उनके गन्तव्य तक पहुँचाने के लिये जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को जारी किये हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य नियंत्रण कक्ष (स्टेट कंट्रोल रूम) में जिलेवार संधारित अन्य प्रदेशों में रुके प्रदेश के मजदूरों की जानकारी राज्य समन्वयक अधिकारी को दी जायेगी।
निर्देशों में बताया गया है कि राज्य समन्वयक अधिकारी अन्य राज्यों से संबंधित संधारित प्रदेश के मजदूरों की जिलेवार जानकारी प्राप्त करेंगे एवं अपना डाटा भी उनसे साझा करेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी मजदूर, जो अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, उनकी जानकारी मैपआईटी और जिला कलेक्टरों ने मुख्यमंत्री मजदूर सहायता योजना के अंतर्गत संधारित की है। यह जानकारी अपर प्रमुख सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी अथवा प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे निवासी राज्य नियंत्रण कक्ष के फोन नं. 0755-241180 पर भी सूचना दे सकेंगे, जिसकी जानकारी का संकलन राज्य नियंत्रण कक्ष द्वारा किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने कहा है कि सभी माध्यमों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्य-योजना बनाई जाए तथा संबंधित समन्वयक अधिकारी अपने अन्य प्रदेशों के काउंटर पार्ट से समन्वय स्थापित करेंगे तथा इस जानकारी से मुझे अवगत कराएंगे।
परिवहन व्यवस्था
गुजरात, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश द्वारा वहाँ की बसों से मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे समस्त नागरिक, जो अन्य प्रदेशों से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करेंगे, उनका मध्यप्रदेश की सीमा पर संबंधित जिले के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और उनके विश्राम तथा भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाये गये श्रमिकों के लिये क्वारेंटाइन की व्यवस्था वहीं पर सुनिश्चित की जाएगी। स्वस्थ पाये गये श्रमिकों को इन्ट्री प्वाइंट से उनके गंतव्य जिले तक पहुँचाने की व्यवस्था बसों के माध्यम से सीमावर्ती जिले द्वारा की जाएगी। इसके लिये परिवहन विभाग तथा आर.टी.. द्वारा पर्याप्त बसों को जिलेवार भेजा जाएगा।
ऐसे नागरिकों का गन्तव्य जिले में पहुँचने पर पुन: स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाये गये नागरिकों के अलावा शेष को उनके निवास स्थल को भेजा जाएगा। शेष व्यक्तियों को अस्वस्थ पाये जाने पर जिले के अंदर क्वारेंटाईन किया जाएगा। इस काम में परिवहन, भोजन और अन्य सुविधाओं के लिये कलेक्टर एसडीआरएफ से भुगतान की व्यवस्था करेंगे। अन्य शहरों में आने वाले मजदूरों की संख्या को उस राज्य के नोडल अधिकारी से समन्वय कर रेगुलेट किया जाएगा ताकि बार्डर पर व्यवस्था ठीक बनी रहे।
क्रमांक/4049/अप्रैल-392/मनोज॥

बाहर फँसे प्रदेश के लोगों के लिए जारी होगा -पास
इंदौर, भोपाल और उज्जैन जिले में नहीं लागू होगी यह सुविधा
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
प्रदेश में लॉकडाउन के कारण प्रदेश के नागरिक अन्य राज्यों तथा अन्य प्रदेशों के नागरिक बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश में फँसे हुए है। राज्य शासन ने ऐसे लोगों के आवागमन के लिए -पास की सुविधा देने का निर्णय लिया है। यह सुविधा भोपाल, इंदौर तथा उज्जैन जिलों में लागू नहीं होगी। इन जिलों में पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु, चिकित्सकीय आकस्मिकता अथवा विशेष परिस्थितियों में पूर्ववत अनुमतियाँ जारी की जाएंगी।
जिलों में लॉकडाउन के कारण रुके हुए प्रभावित लोग यदि अपने संसाधनों से वापस जाना चाहते है, तो वे अपना आवेदन http://mapit.gov.in/covid-19 पर प्रस्तुत कर सकते हैं। संबंधित जिलों के द्वारा -पास जारी किया जायेगा। प्रदेश के बाहर रुके लोग अगर अपने संसाधन से प्रदेश में आना चाहते हैं, तो वे भी इस पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। वे जिस जिले में वापस रहे हैं, उस जिले के अधिकारी द्वारा -पास जारी किया जायेगा। दोनों -पास जारी करने की प्रक्रिया पूर्ववत जारी पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु, परिवार में चिकित्सीय आकस्मिकता के अतिरिक्त होगी।
स्टेट कोरोना कंट्रोल रुम के प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी ने सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि -पास जारी करने की सुविधा इंदौर, उज्जैन, भोपाल में लागू नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, जिलों के कन्टनमेंट क्षेत्रों से भी आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। प्रदेश में आने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड रखा जायेगा तथा उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा।
क्रमांक/4050/अप्रैल-393/मनोज॥

राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष बना नागरिकों का मददगार
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतों, जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिये विशेष राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) भोपाल के स्मार्ट सिटी सेन्टर में संचालित किया जा रहा है। राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष को प्राप्त 26 हजार 505 फोनकॉल में से 23 हजार 023 में त्वरित कार्रवाई कर समाधान किया गया। नियंत्रण कक्ष द्वारा किये जा रहे सहयोग एवं सहायता से अब तक दो लाख 40 हजार 635 लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
राज्य-स्तरीय नियंत्रण-कक्ष को राशन, भोजन, आश्रय, चिकित्सा, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता एवं सहयोग के लिये प्राप्त होने वाले फोनकॉल को तीन अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश के वह नागरिक जो अन्य राज्यों में निवास कर रहे हैं, से प्राप्त 16 हजार 436 फोनकॉल में से 13 हजार 668 का निराकरण किया गया। प्रदेश के अन्दर ही अपने निवास के जिले से बाहर रुके हुए नागरिकों से प्राप्त 7 हजार 891 फोनकॉल में से 7 हजार 493 को चाहा गया सहयोग प्रदान किया गया। इसी प्रकार, अन्य राज्यों के मध्यप्रदेश में निवास कर रहे लोगों द्वारा किये गये 2178 फोनकॉल में से 1862 में मदद पहुँचाई जा चुकी है।
नियंत्रण कक्ष में चिकित्सा, खाद्य, परिवहन तथा सामाजिक न्याय आदि विभाग के अधिकारी नियमित रूप से 24×7 उपस्थित हैं। नागरिकों के फोनकॉल पर प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारी त्वरित कार्रवाई करते हैं। नागरिकों द्वारा चाहे गये सहयोग अथवा मांग की पूर्ति होने पर निराकृत की गई शिकायतों के संबंध में उच्च अधिकारियों द्वारा सम्पर्क कर पुष्टि भी की जाती है। भोपाल के राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष में आम नागरिक अपनी जरूरतों, शिकायतों और सुझाव के लिए निरंतर सम्पर्क कर रहे हैं।
क्रमांक/4051/अप्रैल-394/मनोज॥

ग्राम पंचायतें भी जरूरतमंदों को करवा रहीं भोजन
जबलपुर 27 अप्रैल 2020
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य गरीब  परिवारों को ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्वादिष्ट भोजन और खाद्यान्न उपलब्ध कराने की माकूल व्यवस्था की गई है। अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव बताया कि 22 हजार 812 पंचायतों में 8 लाख 70 हजार श्रमिकों को स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराया जा चुका है। 
संचालक पंचायत राज श्री बी.एस. जामोद ने बताया कि कोरोना संक्रमण में लॉक डाउन की स्थिति निर्मित हो जाने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत राज संचालनालय ने सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सचिवों को निर्देश जारी किए थे कि वह अपने क्षेत्रों में निवास करने वाले प्रवासी श्रमिकोंउनके परिवारों तथा गांव के गरीब परिवारों को भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।  इसके लिए ग्राम पंचायतें अपनी निधि और 14  वें वित्त में दी गई राशि तथा जनसहयोग का उपयोग कर सकती हैं। इसी कड़ी में ग्राम पंचायतों द्वारा प्रतिदिन लगभग 37 से 38 हज़ार परिवारों को स्वादिष्ट भोजन कराया जा रहा है। 
अभी तक एक लाख 92 हजार हितग्राहियों को खाद्यान्न के रूप मेंकिलो गेहूं और एक किलो चावल प्रति व्यक्ति के मान से उपलब्ध कराया गया है।
अपर मुख्य सचिव कर रहे मॉनिटरिंग
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों को उपलब्ध कराये जा रहे भोजन, सेनिटाइजर, मास्क वितरण व्यवस्था की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे है।
क्रमांक/4052/अप्रैल-395/मनोज॥