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कोरोना संकट से निपटने
सम्पूर्ण समाज को सहयोग का संदेश दें धर्मगुरू
मुख्यमंत्री श्री चौहान का वीडियो कान्फ्रेसिंग से सभी धर्मगुरुओं से आग्रह
धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री
और सरकार के प्रयासों को सराहा
जबलपुर 03 अप्रैल 2020
मुख्यमंत्री श्री
शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश
के सभी धर्म गुरुओं से आग्रह किया है कि वे अपना संदेश
न केवल अपने अनुयायियों को बल्कि पूरे समाज को दें, जिससे
हम जल्दी से जल्दी कोरोना जैसे वैश्विक संकट से बाहर निकल सकें। वे उनसे प्रशासन
को पूरा सहयोग करने को भी कहें। उनका संदेश सबके लिए बहुमूल्य एवं प्रेरणादायी होगा।
सर्वसमाज मिलकर कोरोना संकट को समाप्त कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने
आज प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में उपस्थित सभी समाजों के धर्मगुरुओं
से कोरोना संकट से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम
से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मगुरूओं का समाज पर पर्याप्त प्रभाव होता है।
उनकी बात लोग मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में धर्मगुरू जनता को
प्रेरित करें तथा उनका मनोबल बढ़ाएं। स्वास्थ्य आदि विभागों के
जो लोग जनता को बचाने का कार्य कर रहे हैं, वे भगवान जैसे
हैं, उनका पूरा सम्मान होना चाहिए।
धर्मगुरूओं ने कोरोना संकट से प्रभावी रूप से निपटने के लिए मुख्यमंत्री और सरकार के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री के आह्वान को बनाएं सफल
मुख्यमंत्री ने धर्मगुरूओं
से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनिट
तक अपने घरों के दरवाजों, बालकनी में दीपक, मोमबत्ती, मोबाईल फ्लैश लाईट जलाने के आह्वान
को सफल बनाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे 4 अप्रैल को रात 8 बजे प्रदेश की जनता को
संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कोरोना संकट
से निपटने के लिए जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। कोरोना से लड़ने के प्रमुख दो हथियार
लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन प्रधानमंत्री के आव्हान पर पूरा देश कर रहा है।
मध्यप्रदेश में भी इनका कड़ाई से पालन हो रहा है।
जनता को नहीं होने देंगे कोई तकलीफ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
कहा कि कोरोना संकट में प्रदेशवासियों को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। प्रदेश में तीन
माह का उचित मूल्य राशन (गेहूँ)
97.5 लाख लोगों को दिलवाया गया है। शीघ्र ही दो महीने का चावल भी दिलवाया जाएगा। प्रदेश
के 52 लाख विद्यार्थियों को 430 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति दी गई है। बच्चों को मध्यान्ह
भोजन के लिए तथा अन्य सहूलियत के रूप में हितग्राहियों को 589 करोड़ रूपए ऑनलाईन ट्रांसफर
किए गए हैं। निर्माण श्रमिकों को एक-एक हजार रूपए उनके खातों में भिजवाए गए हैं। मकान
मालिकों से कहा गया है कि वे किराएदारों से कोरोना संकट के दौरान मकान खाली न कराएं।
फैक्ट्री मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने श्रमिकों को वेतन दिए जाने के साथ
ही उनके भोजन आदि की व्यवस्था भी करें। किसान क्रेडिट कार्ड, सम्पत्ति कर तथा वृत्ति
कर के भुगतान की तिथि को भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
स्वास्थ्यकर्मी भगवान जैसे
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य
विभाग एवं अन्य विभागीय अमला अपनी जान पर खेलकर लोगों को कोरोना संकट में सहायता कर
रहा है। हर समुदाय के लोगों द्वारा उनका स्वागत एवं सम्मान होना चाहिए। उनसे दुर्व्यवहार
किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका अभिनंदन करें, उत्साह बढ़ाएं। वे
योद्धा हैं, जो हमारे लिए लड़ रहे हैं। वे ईश्वरतुल्य हैं। इंदौर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण
है। संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है।
आगामी त्योहार घर पर रहकर ही मनाएं
मुख्यमंत्री ने धर्मगुरूओं
से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे समाज को संदेश दें। इससे समाज को
ताकत मिलेगी तथा मनोबल बढ़ेगा। जिस प्रकार जनता द्वारा रामनवमी, नवरात्रि का पर्व घर
पर रहकर ही मनाया, उसी प्रकार आगामी त्योहार महावीर जयंती, गुड फ्राईडे, शब्बे बारात
आदि पर लोग घर पर रहकर ही पूजा एवं इबादत करें। जब तक कोरोना संकट हैं, घर को ही पूजाघर
तथा इबादतगाह बना लें। योग, व्यायाम, पूजा तथा इबादत के माध्यम से आंतरिक शक्ति बढ़ाएं।
इसके लिए समय बहुत कम मिलता है।
इंसानियत जीतेगी, कोरोना हारेगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश
में कोरोना से बचाव एवं उपचार की अच्छी व्यवस्था है। हम शीघ्र ही कोरोना टेस्ट क्षमता
एक हजार प्रतिदिन तक ले जाएंगे। इसके अलावा मास्क, पीपीई किट्स आदि भी पर्याप्त मात्रा में है।
हमारी पीपीई किट की गुणवत्ता को डी.आर.डी.ओ. द्वारा मान्यता प्रदान की गई हैं। हम प्रतिदिन चार हजार पीपीई किट
बना रहे हैं तथा शीघ्र ही अन्य प्रदेशों को देने की स्थिति में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री
ने कहा कि आप सभी के प्रयासों से इंसानियत जीतेगी, कोरोना हारेगा।
सभी संभागों से धर्मगुरूओं ने दिए सुझाव
वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी
संभागों से धर्मगुरूओं द्वारा कोरोना संकट से निपटने के लिए बहुत से सुझाव दिए गए।
भोपाल संभाग से गायत्री परिवार के धर्मगुरू ने ग्रामीण क्षेत्रों में
कोरोना टैस्ट बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। आर्चबिशप ने प्रदेश में आए गरीब एवं प्रवासी
मजदूरों की मदद करने की बात कही। काजी मुश्ताक अली ने शासन के कार्य की सराहना करते
हुए कहा कि आने वाले शबे बारात आदि त्योहारों में कोई घर से बाहर नहीं निकलेगा। वे
घर पर रहकर ही त्योहार मनाएंगे।
इंदौर संभाग से शहर काजी ने
इंदौर में हुई घटना के लिए देश-प्रदेश से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जो लोग जिन्दगी
बचा रहे हैं, उनके साथ ऐसा बर्ताव इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। राधे बाबा ने
कहा कि इंदौर में प्रशासन द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा एक अन्य
धर्मगुरू ने कहा कि गेहूँ की फसल पक गई है, उसकी कटाई आदि की व्यवस्था की जाना चाहिए।
प्रशासन में लगे अमले की सैकण्ड लाईन भी तैयार की जाना चाहिए।
उज्जैन संभाग के शहर काजी ने
सुझाव दिया कि जो भी लोग बाहर से शहरों में आए, उनकी जाँच होना जरूरी है। उन्होंने
उज्जैन में कोरोना के प्रकरण न बढ़ने पर प्रशासकीय व्यवस्थाओं की तारीफ की। एक अन्य
धर्मगुरू ने बताया कि वे सरकार के साथ मिलकर जनता की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा
कि सभी अधिकारी-कर्मचारी प्रतिदिन कम से कम पाँच लोगों को भोजन सामग्री प्रदाय करें।
रामेश्वर दास महंत ने सुझाव दिया कि कुंजन क्रिया बुखार आदि से तुरंत राहत दिलाती है।
ग्वालियर संभाग के नायब शहर काजी
ने प्रशासकीय व्यवस्थाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह इबादत का समय है। सभी अपनी
भागीदारी निभाएं। घर में रहकर खुदा से दुआ करें कि कोरोना संकट जल्दी खत्म हो। श्री
त्रिलोक सिंह भाटिया ने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि कोई भी व्यक्ति इस संकट के समय में
भूखे न रहे। वहाँ के बिशप ने स्वास्थ्य विभाग के योगदान की सराहना की तथा कहा कि ईश्वर
शीघ्र ही इस संकट से हमें बाहर निकालेगा।
जबलपुर संभाग के धर्मगुरूओं
ने कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने
पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है। जबलपुर में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के
लिए धर्मगुरूओं द्वारा शासन को धन्यवाद दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सक्रियता,
तत्परता एवं जागरूकता से हम इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण कर पाए हैं। समन्वय परिवार
ट्रस्ट द्वारा जबलपुर में निर्धन एवं निराश्रितों के लिए भोजन आदि की नि:शुल्क व्यवस्था
की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय जनता अपने-अपने घर को मंदिर बना ले। प्रशासन,
पुलिस पूरी सख्ती करे और जाँच के बाद ही किसी को नगर में आने दे।
सागर संभाग के धर्मगुरूओं
द्वारा सरकार के प्रयासों की सराहना की गई। सिख समाज के धर्मगुरू ने बताया कि सागर
में किसी को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। गुरूद्वारों में 24 घंटे लंगर चल रहे हैं,
जिनमें भोजन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संदेश जनता को दिया जा रहा है कि
कोई भी घर से बाहर न निकलें, यदि बाहर निकला तो यह स्वयं एवं परिवार के लिए तबाही का
कारण बनेगा।
रीवा संभाग के शहरकाजी ने
कहा कि कोरोना संकट के द्वौरान भारत की एकता, अखण्डता की सही तस्वीर नजर आ रही है।
सभी आपसी सद्भाव के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगामी शबे बारात पर घर
पर ही नमाज अदा की जाएगी। इस्लाम इंसानियत की हिफाजत करना सिखाता है। धर्मगुरूओं ने
मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि रीवा में संभागायुक्त एवं आई.जी.
द्वारा समय रहते सीमाएं सील कर दी गईं, जिससे
कोरोना नियंत्रित रहा। उन्होंने कोरोना सहायता के लिए कलेक्ट्रेट में काउंटर बनाए जाने
का सुझाव दिया।
होशंगाबाद संभाग के धर्मगुरू आचार्य
सोमेश ने सुझाव दिया कि कोरोना के प्रति जनता को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। आवश्यक
सावधानियां बरती जाएं तथा अफवाहों से दूर रहा जाए। वहां के आर्च बिशप ने घरों पर ही
आराधना करने की बात कही। शहर काजी ने कहा कि सावधानी में ही सुरक्षा है।
शहडोल संभाग से जैन समाज के
धर्मगुरू ने कहा कि प्रशासन की जागरूकता की वजह से शहर में एक भी कोरोना केस नहीं है।
फादर एंटेनी ने कोरोना संकट को गंभीरता से लेने की बात कही। एक अन्य धर्मगुरू ने सुझाव
दिया कि शासन द्वारा प्रत्येक धार्मिक स्थल पर कोरोना संबंधी बचाव आदि की जानकारी भिजवायी
जाए, जिससे वे लोगों को बता सकें। चंबल संभाग के धर्मगुरूओं ने बताया
कि आगामी पर्व घर पर रहकर ही मनाएंगे। लॉकडाउन में प्रशासन को पूरा सहयोग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा मुस्तैदी से वहां कार्य किया जा रहा है।
सुझावों पर अमल किया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
सभी धर्मगुरूओं से प्राप्त सुझावों को ध्यान से सुना तथा कहा कि उन पर अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत विभाग के माध्यम से कोरोना संबंधी
टेस्टिंग का कार्य किया जाएगा। बाहर से आए मजदूरों के लिए भी राशन एवं खाद्यान्न की
व्यवस्था की जा रही है। फसल कटाई के लिए किसानों को हार्वेस्टर आदि की अनुमति रहेगी।
कटाई का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करें। जो लोग कोरोना संकट में तैनात हैं, उनकी
सेकण्ड लाईन भी तैयार की जा रही है।
जबलपुर
से धर्मगुरूओं के सुझाव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश स्तर पर
सभी संभागीय मुख्यालयों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए धर्मगुरूओं से बातचीत की गई।
जबलपुर संभागीय मुख्यालय से धर्मगुरूओं ने कोरोना
वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री के त्वरित प्रयासों
और लागू किए गए लॉक डाउन को बहुत प्रभावी और आवश्यक कहा। धर्मगुरूओं ने कहा कि मध्यप्रदेश
में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय अमले को कर्तव्य पर लगाकर और स्वयंसेवी संगठनों,
सामाजिक संस्थाओं, धर्म गुरूओं, गणमान्य नागरिकों का सकारात्मक सहयोग लेकर कोरोना वायरस
के फैलाव पर प्रभावी नियंत्रण हासिल किया है। धर्मगुरूओं ने संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक,
कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पूरे प्रशासनिक अमले की कर्तव्य के प्रति तत्परता,
समर्पण और परिश्रम की सराहना की गई। उन्होंने कहा कि जबलपुर संभाग में सामाजिक संगठनों,
धर्मगुरूओं, धार्मिक संस्थाओं और नागरिकों द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग
को प्रभावी ढंग से अपनाकर वायरस के संक्रमण को रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है
जो सफलता की ओर ले जा रहा है।
धर्मगुरूओं ने कहा कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त
हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सीमाएं अन्य प्रांतों से लगी हैं। लॉकडाउन
के बाद भी मप्र की सीमाएं सील रहनी चाहिए। बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकार्ड
रखा जाए तथा कोरोना वायरस के संक्रमण संबंधी गहन जांच की जाए। ताकि आगे मध्यप्रदेश
को कोरोना मुक्त रखा जा सके।
धर्मगुरूओं ने कहा कि लोग घर में ही रहें। सोशल
डिस्टेंसिंग को बनाए रखें। प्रतिदिन और त्यौहारों के दौरान घर में ईश्वर आराधना करें।
धर्मगुरूओं ने विद्यार्थियों की पढ़ाई की चिंता करते हुए सुझाव दिया कि इंटरनेट और टेलीविजन
के माध्यम से लिखाई-पढ़ाई का इंतजाम होना चाहिए।
धर्मगुरूओं ने कहा कि बीमारी ग्रामीण क्षेत्रों
तक नहीं पहुंचे इसके लिए हर संभव प्रयास हों। जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। संभागायुक्त
रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने सभी धर्मगुरूओं को जनसमुदाय को उचित मार्गदर्शन देने के लिए
आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक भगवत सिंह
चौहान, पुलिस उप महानिरीक्षक मनोहर वर्मा, अपर कलेक्टर व्हीपी द्विवेदी, नायब मुफ्ती-ए-आजम
मध्यप्रदेश मौलाना मोहम्मद मुशाहिद मियां कादरी, धर्मगुरू डॉ स्वामी श्यामदेवाचार्य,
स्वामी अखिलेश्वरानंद, विशप जेराल्ड अल्मेडा, मौलाना सैय्यद बरकात अहमद कौसर रब्वानी,
सरदार प्रताप सिंह बिरदी, सत्येन्द्र जैन, सरदार गुरदेव सिंह रील मौजूद थे।
क्रमांक/3692/अप्रैल-34/खरे॥
डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर की दरें निर्धारित
जबलपुर, 03 अप्रैल, 2020
प्रदेश की सभी डिस्टलरीज को सेनेटाइजर की बोतलों में विक्रय मूल्य अंकित करने के निर्देश दिये गये हैं । प्रदेश में कोरोना वायरस की राष्ट्रीय आपदा के मद्देनजर 180 एमएल की 50 बोतलों की पेटी की शासकीय आपूर्ति के लिये जीएसटी सहित कीमत 1800 रूपये और गैर शासकीय आपूर्ति/विक्रय के लिये अधिकतम 2100 रूपये से अधिक नहीं रखें।
प्रदेश में 180 एमएल की प्रत्येक बोतल में एमआरपी जीएसटी सहित 60 रूपये से अधिक और 90 एमएल की बोतल में 30 रूपये से अधिक अंकित नहीं करें। इससे विक्रेताओं को राष्ट्रीय आपदा के समय अनुचित लाभ लेने से रोका जा सकेगा। यदि 180 एमएल की बोतलों की अधिक मात्रा जैसे 5, 10, 20 लीटर आदि में यह आपूर्ति शासकीय संस्थाओं में की जाती है, तो 175 रूपये प्रति बल्क लीटर और गैर शासकीय संस्थाओं को 190 रूपये प्रति बल्क लीटर जीएसटी सहित आपूर्ति की जाये।
प्रदेश की डिस्टलरियों में निर्मित सेनेटाइजर को संभागीय आयुक्त व जिला कलेक्टर के नियंत्रण में आबकारी विभाग के डिपो में रखा गया है। संभागीय आयुक्त इच्छानुसार इसे जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला डिपो में संग्रहित करवा सकते हैं। शासकीय जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सेनेटाइजर उपलब्ध होने पर इसे मेडिकल स्टोर/विक्रय स्थलों पर ड्रग निरीक्षक के माध्यम से आमजन को विक्रय के लिये उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसे विक्रय स्थलों पर आवश्यक रूप से बाहर एक नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि दुकान में कितना सेनेटाइजर उपलब्ध है और उपभोक्ता के लिये इसके विक्रय मूल्य क्या है।
गौरतलब है कि 20 सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोने पर वही प्रभाव होता है, जो सेनेटाइजर के उपयोग से होता है। शासकीय डिपो में सेनेटाइजर का पर्याप्त स्टॉक है तो डिस्टलरी के संचालक संभागीय आयुक्त से अनापत्ति प्राप्त कर खुले बाजार में भी इसे बेच सकते हैं। उन्होंने सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को प्रदेश के डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर के मूल्य एवं विक्रय व वितरण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
क्रमांक/3686/अप्रैल-28/मनोज