News.08.04.2020_B


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
कोरोना वायरस संक्रमण रोकने संभागायुक्त द्वारा दिशा-निर्देश जारी
जबलपुर, 08 अप्रैल, 2020
     संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने कोरोना वायरस के प्रदेश में बढ़ते हुए संक्रमण के मद्देनजर रोकथाम हेतु संभाग के जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। संभागायुक्त ने कहा है कि निर्देशों का सख्ती से पालन हो। उल्लंघन की ‍स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860, आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।  संभागायुक्त ने कहा कि स्वयं उनके द्वारा सतत् निगरानी की जा रही है। साथ ही संभाग स्तरीय मॉनीटरिंग दल द्वारा भी निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने निर्देशानुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
     संभागायुक्त ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर्स अपने जिले में ऐसे सभी रास्तों पर सघन चैकिंग शुरू करें जहां से बाहर से आने वाले वाहन/व्यक्ति जिले में प्रवेश कर सकते हैं। चिन्हित चैक प्वाइंट्स पर सघन चैकिंग करें तथा इन प्वाइंट्स पर नगर निगम/नगर पालिकाओं के माध्यम से टेंट, पानी तथा खाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी पर्याप्त संख्या में तैनात किया जाए, जो बाहर से आने वालों की गहन जांच करेगा। बाहर से आकर शहर या गांव में रहने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से यथास्थिति संस्थागत/होम क्वारेंटाइन किया जाये ।
     चैकिंग के दौरान पी.डी.एस. दुकानें हेतु राशन, सब्जी, फल, दवाई, मेडिकल इक्विपमेंट पहुंचाने एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के कार्य में संलग्न ट्रकों को न रोका जाये। बाहर से आने वाले लोगों में यदि कोई कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाये तो उनका उपचार किया जाये।  साथ ही यदि जानकारी जानबूझकर छुपाने का दोषी पाया जाये तो उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए प्रकरण भी दर्ज किया जाये। धार्मिक स्थलों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाये। वहां लोगों को ठहरने न दिया जाय न ही इकट्ठा होने दिया जाये। सब्जी मंडी एवं किराना आदि दुकानों पर कई स्थानों पर अत्याधिक भीड़ इकट्ठा होने की स्थितियां देखने में आ रही हैं। जहां सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। अत: ऐसी मंडियों एवं दुकानों से लोगों के घरों तक डोर-टू-डोर सामान उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिला चिकित्सालय/अन्य चिकित्सालय अथवा अन्य जगह कंट्रोल रूम स्थापित किया जाये। जिसमें ओपीडी की सुविधा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों के इलाज हेतु उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी हो।
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