News.13.04.2020_B

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
जिले से बाहर या अन्य राज्यों में आवागमन के ई-पास के लिए पोर्टल लॉन्च 
http://mapit.gov.in/covid-19
जबलपुर 13 अप्रैल 2020
राज्य शासन द्वारा लॉकडाउन अवधि में खाद्यान्न उपार्जन एवं अनुषांगिक गतिविधियों तथा अत्यावश्यक सेवाओं एवं आपातकालीन कार्यों के लिए जिले के भीतर अंतर जिला एवं जिले से अन्य राज्यों में आवागमन हेतु ई-पास की अनुमति के लिए एक नया पोर्टल  http://mapit.gov.in/covid-19 लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों पर कलेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी परीक्षण करेंगे एवं समाधान होने पर ऐसे आवेदनों को स्वीकार कर पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक अनुमति ई-पास जारी करेंगे। इस ई-पास की एक कॉपी आवेदकों को उनके आवेदन के दौरान पंजीकृत मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी पर इलेक्ट्रॉनिक रूप में भेजी जाएगी।
    इस पोर्टल के अंतर्गत चार श्रेणियों जिसमें ऐसे नागरिक या संस्था के प्रतिनिधि जो खाद्यान्न उपार्जन एवं उसकी अनुषांगिक गतिविधियों तथा अत्यावश्यक सेवाओं के लिए, अतिआवश्यक सेवाओं से संबंधित सामग्री के डोर टू डोर वितरण व्यवस्था में कार्यरत हैं, मध्यप्रदेश में सामग्री लाने अथवा मध्य प्रदेश से सामग्री अन्य राज्य में ले जाने के लिए परिवहन करने वाले और व्यक्तिगत आपातकालीन कार्य की दृष्टि से आवागमन करने वाले नागरिक या संस्था ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
   इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिले के भीतर  अत्यावश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रदाय में सहभागी व्यक्तियों या संस्थाओं को  आवागमन हेतु पृथक से पास प्राप्त किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। कलेक्टर स्थानीय आवश्यकताओं और कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देशों के तारतम्य में जमीनी स्तर पर कार्यरत अपने मातहतों को निर्देश दे कि जब ऐसे व्यक्ति या संस्था के प्रतिनिधि जिले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाए तो सामान्य पूछताछ या परिचय पत्र जैसे कार्यालय का आईडी कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट देखने के बाद उचित  समाधान होने पर उन्हें उनके गंतव्य स्थान हेतु प्रस्थान करने दिया जाएगा। जिले के kovid-19 की दृष्टि से घोषित कंटेनमेंट क्षेत्र में परिवहन एवं आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
   इस ऑनलाइन प्रक्रिया के संबंध में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर नागरिक मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु संजय दुबे प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग अथवा श्रीमती करलिन  खोंगवार देशमुख विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी ,सह आयुक्त, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल से जिलों के कलेक्टर संपर्क कर सकते हैं।
क्रमांक/3832/अप्रैल-174/मनोज॥

कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने कर सकते हैं घरेलू कॉटन मास्क का उपयोग
जबलपुर 13 अप्रैल 2020
    नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए कॉटन मास्क के उपयोग के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार के कार्यालय प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा जारी मेन्यूवल के अनुसार कॉटन मास्क का उपयोग करने से कोविड-19 वायरस संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता है। आमजन द्वारा कॉटन से बने मास्क का उपयोग किया जा सकता है।
   वैज्ञानिकों द्वारा किए गए परीक्षणों के अनुसार 100 प्रतिशत कॉटन से निर्मित दोहरी परत वाले मास्क वायरस की रोकथाम के लिए अत्यंत प्रभावी हैं। डिस्पोजेबल मास्क केबल एक बार ही उपयोग किए जा सकते हैं जबकि घरेलू कॉटन मास्क धुलाई एवं सफाई कर पुनः उपयोग में लाए जा सकते हैं। डिस्पोजेबल मास्क केबल एक बार के उपयोग के बाद घरेलू कचरे के साथ क्लोज्ड बेग में निपटान करना आवश्यक है जबकि घरेलू कॉटन मास्क उपयोग के बाद साधारण साबुन पानी से आसानी से धोया जा सकता है।
घरेलू कॉटन मास्क के उपयोग के पूर्व बरते सावधानी
   घरेलू कॉटन मास्क का उपयोग करने के पूर्व सावधानी बरतना आवश्यक है। मास्क को अच्छी तरह से धोकर एवं साफ करने के बाद ही पहनना चाहिए। मास्क पहनने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोना जरूरी है तथा मास्क गीला होने पर दूसरा मास्क बदलकर पहनना चाहिए। मास्क के उपयोग के बाद उसे धोए बिना पुनः उपयोग नहीं करना चाहिए।
घरेलू मास्क की सफाई एवं सेनेटाईज करने की विधि
   घरेलू मास्क को साधारण साबुन पानी से धोने के बाद धूप में पांच घण्टे सुखाना चाहिए। यदि धूप न हो तो मास्क को प्रेशर कुकर में कम से कम प्रेशर से 10 मिनिट उबालना जरूरी है। प्रेशर कुकर उपलब्ध नहीं होने पर 15 मिनिट पानी में उबालना चाहिए। प्रेशर कुकर व गर्म पानी उपलब्ध नहीं होने पर मास्क को साबुन पानी से धोना चाहिए तथा आयरस प्रेस से गर्म करना चाहिए। इन कॉटन मास्क का उपयोग ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जो प्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 के रोगियों की सेवा में नहीं है तथा अतिरिक्त अन्य शासकीय कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी द्वारा किया जा सकता है।
क्रमांक/3833/अप्रैल-175/मनोज॥

मनरेगा के श्रमिकों को कोरोना से बचाने उपलब्ध कराए जाएंगे होम-मेड मास्क
जबलपुर 13 अप्रैल 2020
प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना में काम करने वाले श्रमिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये होम-मेड मास्क उपलब्ध कराये जायेंगे। ये मास्क मिशन के तहत काम कर रहे महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यरत श्रमिकों को कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए होम-मेड मास्क उपलब्ध करने की सलाह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को दी गई है।  उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित होम-मेड मास्क मनरेगा श्रमिकों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा है कि मास्क  तैयार करने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है।
2.87 लाख महिला स्व-सहायता समूहों को मास्क बनाने की सलाह
उन्होंने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 2 लाख 87 हजार स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। इन समूहों की महिला सदस्यों को मास्क तैयार करने की सलाह दी गई है। इनके द्वारा निर्मित मास्क को 'होम-मेड मास्क' नाम दिया गया है।
25 लाख से अधिक मास्क और 26 हजार लीटर  सैनेटाइजर तैयार
प्रदेश के अधिकांश जिलों में समूहों की महिला सदस्यों ने मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक 1927 समूहों द्वारा 25 लाख 42 हजार से अधिक मास्क तैयार किये  जा चुके हैं। इसके साथ ही, 26 हजार 431 लीटर सेनेटाइजर , 3 हजार 866 पी.पी.. किट्स भी तैयार की जा चुके हैं। इन समूहों द्वारा 52 हजार 246 हेंड-वाश साबुन  का भी उत्पादन  किया गया है।
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा निर्मित यह सामग्री मनरेगा के श्रमिकों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के गरीब हितग्राहियों और छोटे किसानों को भी उपलब्ध कराई जा रही है। 
क्रमांक/3834/अप्रैल-176/मनोज॥

राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष द्वारा 14 हजार फोन कॉल्स का समाधान
जबलपुर, 13 अप्रैल, 2020
 प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के दौरान लोगों की दिक्कतों, जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिये विशेष राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) भोपाल के स्मार्ट सिटी सेन्टर में संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा, सीएम हेल्पलाइन और मुख्यमंत्री के ट्वीटर, फेसबुक एकाउण्ट पर भी कोरोना वायरस से संबंधित समस्याओं, जिज्ञासाओं आदि का समाधान किया जा रहा है।
राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष में 24×7 नागरिकों द्वारा सहयोग की अपेक्षा से किए जाने वाले फोन काल्स को तीन अलग-अलग श्रेणी में रखकर उनका निराकरण किया जा रहा है। नियंत्रण कक्ष में अब तक 13 हजार 838 व्यक्तियों द्वारा चाहा गया सहयोग प्रदान कर उनकी समस्या का समाधान किया गया। इनमें प्रदेश के वे नागरिक, जो अन्य राज्यों में हैं, वे नागरिक जो प्रदेश में ही अपने मूल निवास से दूर अन्य जिले में हैं तथा अन्य राज्यों के नागरिक, जो मध्यप्रदेश में निवासरत हैं, शामिल हैं।
नियंत्रण कक्ष द्वारा अन्य राज्यों में रह रहे प्रदेश के नागरिकों से प्राप्त 8612 फोनकॉल्स का भी निराकरण किया गया है। प्रदेश के अन्दर ही अपने निवास के जिले से बाहर रूके नागरिकों से प्राप्त 4364 फोनकॉल को अपेक्षित सहयोग दिया गया। मध्यप्रदेश में निवासरत अन्य राज्यों के नागरिकों के 862 फोनकॉल्स पर समाधान कारक कार्रवाई करते हुए उन्हें मदद पहुँचाई गई।
नियंत्रण कक्ष में चिकित्सा, खाद्य, परिवहन, सामाजिक न्याय आदि विभाग के अधिकारी नियमित रूप से 24×7 उपस्थित हैं। नागरिकों द्वारा फोनकॉल्स पर प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारी त्वरित कार्रवाई प्रारंम्भ करते हैं। नागरिकों द्वारा चाहे गये सहयोग अथवा मांग की पूर्ति होने पर निराकृत की गई शिकायतों के संबंध में भी उच्च अधिकारियों द्वारा सम्पर्क कर पुष्टि की जाती है।
क्रमांक/3835/अप्रैल-177/मनोज