संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
मेडिकल कालेज में शीघ्र प्रारंभ होगी कोरोना
टेस्टिंग लैब
आईसीएमआर लैब की क्षमता भी बढ़ेगी
संभागायुक्त ने की समीक्षा
निर्माणाधीन लैब का भी किया निरीक्षण
जबलपुर,
23 अप्रैल, 2020
कोरोना के
सन्दिग्ध प्रकरणों में सेम्पल की
जाँच के लिये
न केवल जबलपुर
स्थित आईसीएमआर लैब
की क्षमता बढ़ाई जा
रही है बल्कि
मेडिकल कॉलेज में
भी दो नई
टेस्टिंग लैब स्थापित
की जा रही है। मेडिकल कॉलेज
में दोनों टेस्टिंग लैब
का निर्माण लगभग
पूरा हो गया
है ।
यह जानकारी आज
सम्भाग कमिश्नर श्री
महेश चंद्र चौधरी
की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज में आयोजित बैठक में दी गई। श्री
चौधरी ने इस
दौरान मेडिकल कॉलेज
में बनाई जा
रही लैब में
पार्टीशन और एयरकंडीशनर लगाने
का बचा काम
भी शीघ्र पूरा
करने के निर्देश दिये
हैं । उन्होंने सेम्पल
परीक्षण के लिये आवश्यक
उपकरणों एवं मशीनों के
बारे में भी
जानकारी ली । संभागायुक्त को
बताया गया कि
लैब के लिये
तीन मशीनों का
आर्डर दिया जा
चुका है ।
जो जल्दी ही
यहाँ पहुँच जायेंगी करीब
एक सप्ताह में
सेम्पल परीक्षण शुरू
कर दिया जायेगा
।
बैठक
में कलेक्टर भरत
यादव ने बताया
कि मेडिकल कॉलेज
में स्थापित की
जा रही नई
लैब के लिये
प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत पूरा
करने के लिये
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और
साइंस कॉलेज के
माइक्रो बायोलॉजी विभाग के चार-चार व्याख्याताओं को
आईसीएमआर में ट्रेनिग दी
जा रही है
और उन्हें दक्ष
किया जा रहा
है । ये
प्रशिक्षित आईसीएमआर लैब में भी
सेवाएं देंगें ।
श्री यादव ने
बताया कि आईसीएमआर लैब
की क्षमता बढ़ाने
के लिये यहाँ जल्दी
ही एक टेस्टिंग मशीन
लगाई जायेगी ।
बैठक
में बताया गया कि आईसीएमआर की क्षमता बढ़ने और मेडिकल कालेज में दोनों लैब प्रारंभ
हो जाने से जबलपुर में कोरोना सेम्पल टेस्ट की क्षमता बढ़कर 400 से 450 हो जाएगी। फिलहाल
जबलपुर में केवल आईसीएमआर लैब में ही सेम्पल का परीक्षण हो रहा है और इसकी क्षमता
125 से 135 सेम्पल परीक्षण की है। संभाग के अन्य जिलों के आ रहे सेम्पल के परीक्षण
का दवाब भी इसी लैब पर है।
बैठक
में रीवा और सागर में कोरोना के सेम्पल परीक्षण के लिए लैब प्रारंभ होने की
जानकारी दी गई। बताया गया कि जबलपुर के बैकलॉग को खत्म करने के लिए अब यहां से रीवा
और सागर की लैब में परीक्षण हेतु सेम्पल भेजे जाएंगे।
बैठक के
बाद संभागायुक्त श्री महेशचन्द्र चौधरी ने कलेक्टर भरत यादव के साथ मेडिकल कालेज
में निर्माणाधीन कोरोना ट्रेक्टिंग लैब का निरीक्षण भी किया। इस दौरान मेडिकल
कालेज के डीन डॉ प्रदीप कसार एवं अधीक्षक डॉ राजेश तिवारी भी मौजूद थे।
क्रमांक/3996/अप्रैल-339/जैन॥
विशेष बस से कोटा से जबलपुर पहुंचे जिले के 74 छात्र-छात्रायें
जबलपुर,
23 अप्रैल, 2020
राज्य शासन के प्रयासों से कोटा में अध्ययन कर रहे जबलपुर के 74 छात्र-छात्रायें
बसों से आज जबलपुर के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पहुंचे ।
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर कोटा से लाये गये सभी बच्चों की थर्मल
स्क्रीनिंग की गयी । उन्हें सेनेटाइज किया गया । बच्चों को 14 दिन क्वारेंटाइन
किया जायेगा । बच्चों के मोबाइल में सार्थक एप डाउनलोड करवा दिया गया है ।
सभी बच्चों का डाटा रिकार्ड कर लिया गया है । बच्चों ने जबलपुर पहुंचने पर
प्रसन्नता जाहिर की तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते
हुए धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कोटा से घर वापस आने पर वे सभी बहुत खुश हैं। उल्लेखनीय है कि, कोरोना वायरस के संक्रमण की इन विषम परिस्थितियों में हजारों की संख्या में ऐसे विद्यार्थी जो कोटा में पढ़ाई कर रहे थे, वे लॉक डाउन के आदेश के उपरांत अपने घर नहीं पहुंच पाए। राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार एक कार्य योजना बनाई गई। जिसके बाद विद्यार्थियों को पूर्ण सावधानी बरतकर जबलपुर लाया गया।
घर वापस आए विद्यार्थियों ने बताया कि, इस दौरान ना केवल वे मानसिक रूप से परेशान थे बल्कि उनकी पढ़ाई भी नहीं हो रही थी। राज्य सरकार द्वारा इस विषम परिस्थिति में भी उन्हें सुरक्षित घर वापस लाया गया, जिसका वे तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं। जबलपुर पहुंचकर उन्हें विभिन्न दिशा निर्देश दिए गए कि, किस प्रकार से उन्हें अपना एवं अपने सामान को सैनिटाइज करना है और कैसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है। उन्हें कोरोना वायरस के चलते रखी जाने वाली विभिन्न सावधानियों से
अवगत कराया गया। उन्हें घर में भी मास्क पहनने की समझाइश दी गई। बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग करना, किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ वाली जगह ना जाना एवं यात्रा ना करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अनुशासन में रहने की समझाइश दी गई। इसके अतिरिक्त उन्हें बच्चों एवं बुजुर्गों से ना मिलने एवं सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
क्रमांक/3997/अप्रैल-340/खरे॥
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने
आज 13 हजार से अधिक लोगों को दी गई नि:शुल्क औषधियाँ
जबलपुर,
23 अप्रैल, 2020
शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के प्रधानाचार्य डॉ. एल.एल.
अहिरवाल के मार्गदर्शन में गुरूवार को शहर के विभिन्न स्थानों में 13 हजार 267
व्यक्तियों को आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक दवाइयाँ नि:शुल्क प्रदान की गई ।
कोरोना वायरस के विरूद्ध मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए दी
जा रही नि:शुल्क आयुर्वेदिक औषधियों में त्रिकुट चूर्ण, संशमनी बटी तथा
होम्योपैथिक दवाइयों में आरसेनिक एल्बम-30 का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है ।
प्रधानाचार्य डॉ. अहिरवाल ने बताया कि दवाइयों के वितरण के लिए गठित 13 टीमें
घर-घर, मोहल्ले-मोहल्ले जाकर दवाइयों का नि:शुल्क वितरण कर रही हैं । गठित
दलों ने आज शहर के शहीद गुलाब सिंह वार्ड, लोधी मोहल्ला गोरखपुर, शिवाजीनगर, छापर
रामपुर, बंशकार मोहल्ला घमापुर, बाई का बगीचा, बेनी सिंह की तलैया गोहलपुर, उमरिया
बिलहरी, गुजराती बस्ती मेडिकल, सीताराम डेयरी न्यू कंचनपुर, बर्न कंपनी सदर, भवानी
प्रसाद वार्ड, अम्बेड़कर नगर ग्वारीघाट, इन्द्रानगर एकल चौक रांझी और लोक निर्माण
विभाग में औषधियाँ वितरित की गई ।
क्रमांक/3998/अप्रैल-341/मनोज
दुष्कर्म पीड़ित के परिजनों से मिले
संभागायुक्त-कलेक्टर
परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से दी 20 हजार की मदद
जबलपुर,
23 अप्रैल, 2020
संभागायुक्त महेश चन्द्र चौधरी एवं कलेक्टर भरत यादव ने आज गुरूवार को मेडिकल
पहुंचकर यहां उपचार के लिए भर्ती दमोह जिले के जबेरा की दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के
परिजनों से भेंट की । साथ ही कलेक्टर ने तात्कालिक राहत के तौर पर बच्ची के
परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से 20 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की ।
संभागायुक्त श्री चौधरी ने इस मौके पर बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली
। उन्होंने उपचार में कोई कसर बाकी नहीं रखने के निर्देश भी मेडिकल कॉलेज के
चिकित्सकों को दिये । संभागायुक्त ने बच्ची के परिजनों से चर्चा करते हुए कहा कि
उसे अच्छा से अच्छा उपचार उपलब्ध कराया जायेगा । जरूरत हुई तो उसे एयर
एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली जैसे संस्थानों में इलाज के लिए भेजा जायेगा ।
कलेक्टर भरत यादव ने दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के परिजनों से चर्चा करते हुए बच्ची के
शीघ्र स्वस्थ होने का भरोसा दिलाया । उन्होंने परिजनों को बताया कि बच्ची की आंखों
का नेत्र रोग विशेषज्ञों से परीक्षण कराया जा चुका है । कलेकटर ने इस मौके
पर बच्ची के परिजनों को रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से तात्कालिक राहत के तौर पर 20
हजार रूपये की सहायता राशि भी स्वीकृत की । उन्होंने बच्ची के परिजनों के
ठहरने और भोजन के समुचित इंतजाम करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये । ज्ञात हो
कि दमोह जिले के जबेरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छह वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित इस बच्ची
को आज उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था ।
क्रमांक/3999/अप्रैल-342/जैन
संभागायुक्त ने कर्त्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने के आरोप में
दो सहायक आपूर्ति अधिकारियों को किया निलंबित
जबलपुर,
23 अप्रैल, 2020
संभागायुक्त महेश चन्द्र चौधरी ने कोरोना वायरस की केन्द्र शासन द्वारा जारी सूचना
के बाद भी कार्यालय में उपस्थित नहीं होने और अपने पदीय कर्त्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों
के विपरीत आचरण कर घोर उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के आरोप में जबलपुर जिले
के दो सहायक आपूर्ति अधिकारियों सुधीर दुबे व संजय खरे को तत्काल प्रभाव से
निलंबित कर दिया है । निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय
जबलपुर निर्धारित किया गया है और इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता
रहेगी ।
निलंबित सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वय श्री दुबे एवं श्री खरे द्वारा बताया गया था
कि वे अपने निवास स्थान से ही शासकीय कार्य निष्पादित कर रहे हैं, लेकिन जब जिला
आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर ने इन्हें कार्यालय में उपस्थित होने के लिए मोबाइल पर कई
बार सूचना दी । इसके बाद भी दोनों कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए । श्री दुबे एवं
श्री खरे ने पुन: बताया कि वे अपने निवास से कार्यालय एवं फील्ड से संबंधित समस्त
कार्य संपादित कर रहे हैं । इस संबंध में दोनों सहायक आपूर्ति अधिकारियों को 13
अप्रैल को कलेक्टर जबलपुर द्वारा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था ।
अपने दिए जवाब में दोनों अफसरों ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वे अपने
घर से ही कार्यालय एवं फील्ड का कार्य संपादित कर रहे हैं । लेकिन जिला
आपूर्ति नियंत्रक द्वारा अभिमत दिया गया कि श्री दुबे एव श्री खरे कार्यालयीन
कार्य हेतु कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए ।
जिला आपूर्ति नियंत्रक के अभिमत और सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वय सुधीर दुबे और
संजय खरे द्वारा कर्त्तव्यों के प्रति बरती गई उदासीनता एवं स्वेच्छारिता के कारण
संभागायुक्त महेश चन्द्र चौधरी ने इन दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया
है । अधिकारी द्वय का कृत्य कदाचरण की श्रेणी में आता है और दण्डनीय भी है ।
क्रमांक/4000/अप्रैल-343/मनोज