News.14.04.2020_B

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार

कर्फ्यू पास की वैधता अब 3 मई तक
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु जिले में लागू कर्फ्यू लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवा हेतु पूर्व में जारी 14 अप्रैल तक के लिए कर्फ्यू पास की वैधता कलेकटर भरत यादव ने बढ़ाकर अब 3 मई कर दी है   इसलिए जिन्हें पूर्व में लॉकडाउन कर्फ्यू पास जारी किया गया था, वह अब 3 मई तक वैध रहेगा
क्रमांक/3854/अप्रैल-196/मनोज

भरा या खाली किसी भी मालयान को रोका नहीं जायेगा
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
राज्य शासन ने यह निर्णय किया है कि प्रदेश में कहीं भी कोई मालयान, चाहे वह भरा हो या खाली हो, रोका नहीं जायेगा
प्रदेश के परिवहन आयुक्त व्ही. मधु कुमार ने ट्रक आपरेटर एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में यदि किसी मालयान को रोका जाता है तो इसकी सूचना डायल 100 पर देवें ताकि मालयान को तत्काल छोड़ने की कार्यवाही की जा सके
क्रमांक/3855/अप्रैल-197/मनोज

कोरोना नियंत्रण के लिये राज्य-स्तरीय टेक्निकल एडवायजरी कमेटी गठित
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
राज्य शासन ने नोवल कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए राज्य-स्तरीय टेक्निकल एडवायजरी कमेटी का गठन किया है। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुदाम खाड़े की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी कोरोना पर नियंत्रण के लिये कार्य-योजना तैयार करेगी। साथ ही, प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार सर्विलेंस, सैम्पल कलेक्शन, क्लीनिकल मैनेजमेंट, आईसोलेशन, क्वारेंटाइन और गाइडलाइन्स इत्यादि तैयार कर जारी करने तथा इसके लिये टीमों के गठन की कार्यवाही करेगी। कमेटी प्रतिदिन की स्थिति का विश्लेषण कर की गई कार्यवाही का प्रगति विवरण अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को प्रस्तुत करेगी।
कमेटी में विभागाध्यक्ष प्रिवेन्टिव एवं सोशल मेडिसिन गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल डॉ. दिनेश कुमार पाल, विभागाध्यक्ष पल्मोनरी मेडिसिन गाँधी मेडिकल कॉलेज डॉ. लोकेन्द्र दवे, विभागाध्यक्ष माइक्रो बॉयोलॉजी एम्स भोपाल, डॉ. देवाशीष विश्वास, उप संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रज्ञा तिवारी, सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डिपार्टमेंट एम्स भोपाल डॉ. अभिजीत पाखरे, सहायक प्राध्यापक कम्यूनिटी मेडिसिन एम्स भोपाल डॉ. सागर खडंगा और कलेक्टर विदिशा डॉ. पंकज जैन को सदस्य मनोनीत किया गया है। अपर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. संतोष शुक्ला को कमेटी का समन्वयक बनाया गया है।
क्रमांक/3857/अप्रैल-199/मनोज

विश्व बैंक ने भारत के "आरोग्य सेतु" एप को सराहा
अंग्रेजी और हिन्दी सहित 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है एप
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के नाम दिये संदेश में लोगों से आरोग्य सेतु एप अपनाने की पुन: अपील की है। यह एप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आंकलन करने में मदद करता है। देश में 2 करोड़ से अधिक लोग इस एप को डाउनलोड कर चुके हैं। आरोग्य सेतु एप एंड्रायड और आईफोन दोनों फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। अंग्रेजी और हिन्दी समेत 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध एप हरे और पीले रंग के कोड में आपके जोखिम के स्तर को बताता है और सुझाव देता है कि आपको कोरोना वायरस से बचने के लिये क्या करना चाहिए। विश्व बैंक ने भी भारत के इस एप की प्रशंसा की है।
'आरोग्य सेतु' एप डाउनलोड करने का तरीका
आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिये गूगल प्ले पर जाकर AarogyaSetu टाइप करें। आरोग्य और सेतु के बीच स्पेस नहीं दें। अपनी भाषा चुनने के बाद 'रजिस्टर्ड नाउ' बटन पर टेप करें। ब्लूटूथ और जीपीएस ऑन करने के बाद एप को काम करने के लिये इसकी अनुमति दें। आरोग्य सेतु कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के लिये मोबाईल नम्बर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का उपयोग करता है और बताता है कि आप कोरोना के जोखिम के दायरे में रहे है या नहीं। अपना मोबाईल नम्बर रजिस्टर्ड करने पर एप काम करने लगेगा। इसके बाद वैकल्पिक फार्म खुलने पर उसमें नाम, आयु, व्यवसाय और पिछले तीस दिनों में की गई विदेश यात्रा की जानकारी सबमिट करनी होती है। इस फार्म को स्किप किया जा सकता है। अगर कोई स्वयं सेवक बनना चाहता है, तो उसके पास खुद को इसमें नामांकित करने का विकल्प भी है।
कोरोना का खतरा भी बताता है एप
'आरोग्य सेतु' एप हरे और पीले रंग के कोड में जोखिम के स्तर को दिखाता है। ग्रीन कोड में बताता है कि आप सुरक्षित हैं, कोई खतरा नहीं हैं। अगर पीला रंग दिखता है और लिखकर आता है कि आप जोखिम में हैं, तो आपको हेल्पलाइन में सम्पर्क करना चाहिए। एप पर लोग 'सेल्फ ऐसेसमेंट टेस्ट' फीचर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिये ऑप्शन पर क्लिक करने पर एप चैट विन्डो खुलेगी। इसमें यूजर की सेहत और लक्षण से जुड़े हुए कुछ सवाल किये जाएंगे।
हेल्पलाइन नम्बर का पता भी बताता है
हेल्पलाइन नम्बर का पता लगाने के लिये कोविड-19 हेल्प सेंटर बटन पर क्लिक करना पड़ेगा और अपने शहर की लोकेशन तक पहुँचने के लिये स्क्रॉल डाउन करना होगा।
विश्व बैंक ने रविवार को जारी रिपोर्ट में इस एप की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु एप लांच किया है, जो लोगों के स्मार्ट फोन की लोकेशन का उपयोग करके बताया है कि वे किसी ऐसे व्यक्ति के पास तो नहीं हैं, जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।
क्रमांक/3856/अप्रैल-198/मनोज

लॉकडाउन में आपातिक कार्यों के लिए आवागमन अनुमति की प्रक्रिया
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
राज्य शासन द्वारा नागरिकों, संस्थाओं से जिले के भीतर, प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में एवं प्रदेश के एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन की अनुमति प्राप्त करने के लिए -पास की प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा ने समस्त जिला कलेक्टरों और जिला पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं।
निर्देशानुसार अत्यावश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रदाय में सहभागी व्यक्तियों, संस्थाओं को जिले के भीतर आवागमन के लिये पृथक से पास/ अनुमति-पत्र प्राप्त किये जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जब ऐसे व्यक्ति, संस्था के प्रतिनिधि जिले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाएं, तो उनसे सामान्य पूछ-ताछ, परिचय-पत्र (जैसे- कार्यालय का आईकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, अन्प्य कोई कार्ड आदि) देखने के बाद समाधान होने या उन्हें गंतव्य स्थान के लिये प्रस्थान करने दिया जाए। इस व्यवस्था को करने के लिए जिला कलेक्टर स्वयं स्थानीय आवश्यकताओं ओर कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देश के तारतम्य में अधिकृत होंगे।
प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में एवं प्रदेश के एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन के लिये चार श्रेणियों में आवेदन प्राप्त हो सकते हैं। प्रथम श्रेणी में ऐसे नागरिक, संस्था के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो खाद्यान्न उपार्जन एवं उनकी अनुषांगिक गतिविधियों तथा अत्यावश्यक सेवाओं के लिए एक जिले से दूसरे जिले अथवा एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन के इच्छुक होंगे।
दूसरी श्रेणी में ऐसे व्यक्ति/संस्थायें/कम्पनियों होंगी, जो एक जिले से दूसरे जिले में या एक से अधिक जिलों में नागरिकों के लिए अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित सामग्री, सामग्रियों के डोर-टू-डोर वितरण व्यवस्था में कार्यरत हैं। तृतीय श्रेणी में ऐसे परिवहनकर्ता शामिल होंगे, जिन्हें विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को सामग्रियों को मध्यप्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले अथवा अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में सामग्री लाने अथवा मध्यप्रदेश से सामग्री अन्य राज्य में ले जाने के लिए परिवहन करना आवश्यक है। चौथी श्रेणी में किसी नागरिक को व्यक्तिगत आपातिक कार्य (Personal Emergency) भी आवागमन करना जरूरी हो सकता है।
इन चारों श्रेणियों के प्रकरण में समस्त व्यक्ति, संस्था इस कार्य के लिये विशेष रूप से निर्मित पोर्टल- https://maplt.govIn/coyd-19 पर आवेदन कर सकेंगे। आवश्यक अनुमति के लिए ऑफलाइन आवेदन भी स्वीकार्य होंगे। पोर्टल पर यह आवेदपन उस जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिस जिले से प्रस्तावित परिवहन, आवागमन प्रारंभ होना है।
ऐसे आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी इन प्रकरणों का परीक्षण करेंगे। समाधान होने पर वे ऐसे आवेदन को स्वीकार कर पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रानिक अनुमति (-पास) जारी करेंगे। इसकी प्रति आवेदक को उनके आवेदन के साथ पंजीकृत मोबाइल क्रमांक एवं -मेल आईडी पर इलेक्ट्रानिक रूप से भेजी जायेगी। यदि प्रदेश में एक जिले के सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति, संस्था के पक्ष में -पास जारी किया जाता है, तो उसे प्रदेश के उन सभी जिलों द्वारा भी स्वीकार किया जाएगा, जो रास्ते में आयेंगे।
इस प्रणाली के अंतर्गत जारी किये जाने वाले समस्त -पास की जानकारी पोर्टल के माध्यम से प्रतिदिन एम.आई.एस. के रूप में प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम तथा प्रमुख्सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण को उपलब्ध कराई जाएगी। यदि किसी जिले में काई क्षेत्र कोविड-19 की दृष्टि से कन्टेनमेंट क्षेत्र के रूप में घोषित है, तो ऐसे क्षेत्र में परिवहन एवं आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
इस प्रक्रिया केसंबंध में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे अथवा विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी-सह-आयुक्त, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल श्रीमती कैरोलिन खोगवार देशमुख से संबंधित जिला कलेक्टर सम्पर्क कर सकते हैं। ये दिशा-निर्देश लॉकडाउन की समाप्ति अथवा आगामी आदेश ( जो भी पहले हो) तक प्रभावशील रहेंगे
क्रमांक/3858/अप्रैल-200/मनोज

 

कोविड-19 के सेम्पल भेजते समय सावधानी से भरें डॉक्यूमेंटेशन
जबलपुर, 14 अप्रैल, 2020
आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएँ द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी चिकित्सालयों एवं स्वाथ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कोरोना मरीज के सेम्पल जाँच के लिये भेजते समय डॉक्यूमेंटेशन सावधानी पूर्वक भरें, जिससे जाँच के बिना सेम्पल रिजेक्ट नहीं किये जाएं।
सेम्पल भेजते समय ध्यान रहे कि केटेगिरी का स्पष्ट उल्लेख हो, एक से ज्यादा श्रेणी का उल्लेख हो, स्वास्थ्य सेवकों की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट, अपूर्ण फॉर्म एवं हेंडराइटिंग पड़ने योग्य हों। आईसीएमआर प्रयोगशाला द्वारा बहुत से सेम्पल डॉक्यूमेंटेशन के अभाव अथवा अपूर्ण होने के कारण जाँच के बिना ही वापस भेज दिये गये हैं। इसके अलावा, आईसीएमआर द्वारा सेम्पल मिलने, सेम्पल के लिकेज होने, नाम के मिसमेच होने आदि संबंधी आपत्तियां भी भेजी गयी हैं।
क्रमांक/3847/अप्रैल-189/मनोज