संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
सी.एम. हेल्पलाइन से 3 लाख 59 हजार से अधिक लोगों को मिली राहत
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
प्रदेश में
कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 आम नागरिकों और सभी जरूरतमंदों
के लिये सबसे बड़ा आसरा केन्द्र बन गया है। इस नम्बर पर अब तक 3 लाख 59 हजार 156 लोगों
को फोन करने पर भोजन, राशन, दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की राहत उपलब्ध कराई गई
है। सी.एम. हेल्पलाइन किसानों के लिये भी मददगार साबित हो रही है। इस पर अब तक किसानों
की फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की 976 समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया
है।
प्राप्त
विस्तृत जानकारी के अनुसार सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 पर अब तक भोजन संबंधी 2 लाख
80 हजार 767, परिवहन संबंधी 18 हजार 489, दवाइयों संबंधी 24 हजार 785, आवश्यक वस्तुएं
जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी 12 हजार 056 तथा अन्य प्रकार की 23 हजार 059 समस्याओं की
जानकारी मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
क्रमांक/3990/अप्रैल-333/मनोज
लॉकडाउन में मध्यप्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए लागू
"मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना"
जिला कलेक्टरों को क्रियान्वयन के दिशा-निर्देश जारी
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
कोरोना महामारी
के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन में मध्यप्रदेश के अन्य राज्यों में
फँसे मजदूरों की सहायता के लिए 'मुख्यमंत्री प्रवासी सहायता योजना-2020' के प्रभावी
क्रियान्वयन के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। योजना में प्रवासी
मजदूरों की जानकारी, पता, मोबाइल नम्बर आदि की जानकारी एकत्रित कर तात्कालिक आवश्यकता
भोजन,दवाई आदि के लिए उन्हें 1000 रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह
चौहान ने 15 अप्रैल 2020 को इस योजना को घोषित किया है। अभी तक अन्य राज्यों में फँसे
15 हजार प्रवासियों की मोबाइल नम्बर सूची बना ली गई है।
प्रदेश के
सभी कलेक्टरों को भेजे गए विस्तृत परिपत्र में योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश
दिए गए है : पात्रता:- योजना का लाभ उन प्रवासी मजदूरों को मिलेगा, जो मध्यप्रदेश के
मूल निवासी होने के साथ योजना के लागू होने के दिनांक तक अन्य राज्यों में प्रवासी
मजदूर हों।
योजना का
क्रियान्वयन - सभी जिलों के कलेक्टर योजना के पात्र मजदूरों की जानकारी विभिन्न स्त्रोतों
से एकत्र करेंगे। यह जानकारी राहत आयुक्त को दी जाएगी। इसके अलावा राज्य-स्तरीय कॉल
सेन्टर में सीधे ऐसे प्रवासियों की जो जानकारी आएगी उसे मेप आईटी को हस्तांरित किया
जाएगा।
मेप आई.टी.प्राप्त डाटा के आधार पर निम्न
जानकारी एकत्रित करेगा :-
मोबाईल नम्बरों
का डी- डुप्लीकेशन की कार्यवाही। उपलब्ध मोबाइल नम्बरों की मोबाइल टॉवर के आधार पर
लोकेशन पता लगाना तथा राज्य के बाहर के नंबरों को सूचीबद्ध करना। सूचीबद्ध मोबाइल नम्बरों
को जिलेवार विभाजित करना। मेप आईटी द्वारा जो सूची जिला कलेक्टर को उपलब्ध करवाई जाएगी,
उन मोबाइल नम्बर पर कॉल करवाकर कलेक्टर निम्न जानकारी संबंधित से एकत्रित करवाएंगे
: नाम, पिता का नाम, पूरा पता, (ग्राम, निकाय, ब्लाक, तहसील और जिला), मोबाइल नम्बर,
आधार नम्बर, समग्र आईडी, बैंक एकाउंट विवरण आईएफसी सहित एवं जहाँ व्यक्ति फँसे हैं,
वहाँ क्या व्यवसाय कर रहे थे।
दिशा-निर्देश
में स्पष्ट किया गया है कि जिस आवेदित व्यक्ति के पास आधार नम्बर अथवा समग्र आईडी न
हो तो संबंधित जिले द्वारा उसकी पहचान, मध्यप्रदेश में निवासी होने का सत्यापन अन्य
माध्यम जैसे पंचायत सचिव से बात करके अपना वोटर आई.डी., खाद्यान्न पर्ची, मनरेगा का
जॉब कार्ड इत्यादि शासकीय दस्तावेज से की जाएगी। अगर आवश्यकता तो जिले द्वारा आवेदित
व्यक्ति के उक्त दस्तावेजों को वाटसएप अथवा अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से भी प्राप्त
की जा सकेगी। दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि यदि आवेदित व्यक्ति के साथ मध्यप्रदेश
के अन्य लोग भी फँसे हैं जो इस योजना में पात्र हैं तो उनका भी उपरोक्त विवरण मोबाइल
नम्बर की लोकेशन मेप आईटी/वाटसएप से सत्यापित करवाना जरूरी होगा। इससे आवेदक उस स्थान
पर उपस्थित है या नहीं यह जानकारी स्पष्ट हो जाएगी।
जिला कलेक्टर
को जैसे-जैसे सत्यापित जानकारी प्राप्त होगी वैसे-वैसे संबंधित व्यक्ति के बैंक खातों
में राशि जमा करवाएंगे अथवा किसी ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, फोन-पे, योनो इत्यादि से भुगतान
करेंगे।
जिला कलेक्टर
यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक पात्र मोबाइल नम्बर पर एक ही भुगतान किया जाए।
साथ ही एक ही व्यक्ति को एक से अधिक बार भुगतान न हो। सभी जिलों में वितरित की गई राशि
के संबंध में हितग्राही का सम्पूर्ण विवरण, बैंक एकाउंट नम्बर, वितरण दिनांक आदि की
सभी जानकारी का संधारण जिला स्तर पर अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है।
राज्य सरकार
द्वारा ऐसे प्रवासी श्रमिकों के संबंध में समन्वय स्थापित करने के लिये तय किये गए
राज्य स्तरीय समन्वयक अपने-अपने निर्धारित जिलों में इसकी निगरानी करेंगे।
क्रमांक/3991/अप्रैल-334/मनोज
राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष बना नागरिकों का मददगार
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
प्रदेश में
नोवल कोरोना वायरस (कोविड19) संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतों,
जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिये विशेष राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल
रूम) भोपाल के स्मार्ट सिटी सेन्टर में संचालित किया जा रहा है। राज्यस्तरीय नियंत्रण
कक्ष को प्राप्त 23 हजार 962 फोनकॉल में से 21 हजार 413 में त्वरित कार्रवाई कर समाधान
किया गया। नियंत्रण कक्ष द्वारा किये जा रहे सहयोग एवं सहायता से अब तक दो लाख 24 हजार
743 लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
राज्य-स्तरीय
नियंत्रण-कक्ष को राशन, भोजन, आश्रय, चिकित्सा, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता एवं
सहयोग के लिये प्राप्त होने वाले फोनकॉल को तीन अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर त्वरित
कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश के वह नागरिक जो अन्य राज्यों में निवास कर रहे
हैं, से प्राप्त 14 हजार 465 फोनकॉल में से 12 हजार 513 का निराकरण किया गया। प्रदेश
के अन्दर ही अपने निवास के जिले से बाहर रुके हुए नागरिकों से प्राप्त 7 हजार 424 फोनकॉल
में से 7 हजार 100 को चाहा गया सहयोग प्रदान किया गया। इसी प्रकार, अन्य राज्यों के
मध्यप्रदेश में निवास कर रहे लोगों द्वारा किये गये 2073 फोनकॉल में से 1800 में मदद
पहुँचाई जा चुकी है।
नियंत्रण
कक्ष में चिकित्सा, खाद्य, परिवहन तथा सामाजिक न्याय आदि विभाग के अधिकारी नियमित रूप
से 24×7 उपस्थित हैं। नागरिकों के फोनकॉल पर प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग
के अधिकारी त्वरित कार्रवाई करते हैं। नागरिकों द्वारा चाहे गये सहयोग अथवा मांग की
पूर्ति होने पर निराकृत की गई शिकायतों के संबंध में उच्च अधिकारियों द्वारा सम्पर्क
कर पुष्टि भी की जाती है। भोपाल के राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष में आम नागरिक
अपनी जरूरतों, शिकायतों और सुझाव के लिए निरंतर सम्पर्क कर रहे हैं।
क्रमांक/3992/अप्रैल-335/मनोज
शासकीय स्कूलों में 1 मई से 7 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
प्रदेश में
समस्त शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये 1 मई से 7 जून 2020 तक
ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है। स्कूल शिक्षा ने पूर्व में जारी आदेश में विद्यार्थियों
के लिये 1 मई से 16 जून तक तथा शिक्षकों के लिये 01 मई से 9 जून तक के लिये ग्रीष्मकालीन
अवकाश घोषित किया था।
ग्रीष्मकालीन
अवकाश में भी विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन के कारण प्रारंभ की गई ऑनलाइन अध्यापन गतिविधि
जारी रखी जा सकती है, प्रारंभ भी की जा सकती है। इसके लिये अभिभावकों तथा छात्रों पर
किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा तथा कोई अतिरिक्त फीस भी नहीं ली जाएगी। ऑनलाइन
अध्यापन करा रहे विद्यालय ऐसे सभी विद्यार्थियों के अध्यापन की प्रतिपूर्ति अतिरिक्त
कक्षाएँ लगाकर करेंगे, जो परिस्थितिवश ऑनलाईन कक्षाओं में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
क्रमांक/3993/अप्रैल-336/मनोज
वैज्ञानिक तरीके से गेहूँ भंडारण में अग्रणी राज्य बना मध्यप्रदेश
साइलो पद्धति से होगा 11 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का भंडारण
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
मध्यप्रदेश समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूँ का वैज्ञानिक तरीके
से भंडारण करने में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। प्रदेश की 289 सहकारी समितियों के 1 लाख 81 हजार
से अधिक किसानों से उपार्जित 11 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का भंडारण 25 साईलो बैग और स्टील
साइलो में किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि साइल
बैग ओर स्टील साईलो खाद्यान्न भंडारण की आधुनिकतम
तकनीकी है। इस तकनीकी में खाद्यान्न को सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशक औषधियों के उपयोग
की आवश्यकता नहीं होती। इसमें गेहूँ बिना कीटनाशक के उपयोग के भी लंबे समय तक सुरक्षित
रखा जा सकता है । उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन
द्वारा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 9 स्थानों भोपाल , सीहोर
, विदिशा , होशंगाबाद, नागौद , सतना हरदा, उज्जैन
और देवास में 50- 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले स्टील साइलो केन्द्र स्थापित किए
गए हैं । इनकी कुल भंडारण क्षमता साढ़े चार
लाख मीट्रिक टन है। इसी प्रकार 16 स्थानों नागदा , सलमानीया बड़ौदा, पिछोर, बैरसिया श्यामपुर
गमाखर, गोहरगंज, शुक्रवारा, बरपटी,
हटा, बरछा, मझौली, सारंगपुर, तथा वेदगबा में साइलो बैग भंडारण केन्द्रों की कुल भंडारण
क्षमता 6 लाख 30 हजार मीट्रिक टन है ।
सोशल डिस्टेंसिंग की आदर्श व्यवस्था है साइलो बेग
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि कोरोना
संक्रमण काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था को बनाए रखने में साइलो बैग पद्धति,
भंडारण की आदर्श व्यवस्था सिद्ध हो रही है। इस व्यवस्था में भंडारण का काम न्यूनतम
मानव श्रम से संभव हो सका है। इसमें किसान जब एक ट्रैक्टर ट्रॉली या एक
ट्रक में खाद्यान्न लेकर अकेला केन्द्र पर पहुंचता है, तो धर्म-काँटे पर तौल
करने के बाद हाइड्रोलिक सिस्टम के द्वारा एक ही बार में उसका पूरा गेहूं भंडारण के
लिए खाली करा लिया जाता है। इस तरह किसान अधिकतम 15 से 20 मिनट के अंदर अपना गेहूँ
बेच कर फ्री हो जाते हैं। इस कारण इन केन्द्र पर भीड़-भाड़ होने या अधिक मात्रा में
लोगों के इकट्ठा होने की संभावना नगण्य रहती है।
सुरक्षा की दृष्टि से सभी केन्द्रों पर हैंड वॉश सेनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था
भी सुनिश्चित की गई है।
क्रमांक/3994/अप्रैल-337/मनोज
प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में निरंतर मिल रही सफलता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की मंत्री-मंडल के सदस्यों से चर्चा
जबलपुर, 23 अप्रैल,
2020
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में मंत्री-मंडल के सदस्यों से राज्य में कोरोना
वायरस नियंत्रण के संबंध में चर्चा की। श्री चौहान ने कहा कि राज्य में इस रोग पर नियंत्रण
का कार्य काफी तेजी से चलाया जा रहा है। टेस्टिंग किट्स की संख्या में निरंतर वृद्धि
हुई है। प्रदेश के 27 जिलों में कोरोना का प्रभाव है। प्रदेश के 14 जिलों में 15 से
अधिक पॉजिटिव प्रकरण मिले हैं और अन्य 24 जिलों में एक भी कोरोना रोगी नहीं पाया गया
है। जहाँ 10 से कम कोरोना रोगी पाए गए हैं, उन जिलों की संख्या 14 है। प्रदेश में कुल
487 कंटेनमेंट एरिया बनाए गए हैं। इससे इस रोग पर नियंत्रण में सफलता मिली है। मंत्री
डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री कमल पटेल, श्री गोविंद सिंह राजपूत और सुश्री मीना सिंह चर्चा में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने बताया कि 8 लाख 85 हजार श्रमिकों के बैंक खातों में क्रमश: एक-एक हजार
रूपए की राशि जमा कराने का निर्णय लिया गया और राशि जमा करवा दी गई है। मध्यप्रदेश
में लॉकडाउन की वजह से फंसे अन्य राज्यों के करीब 7 हजार श्रमिकों की भी तत्कालिक जरूरतों
को पूरा करने के लिए एक-एक हजार रूपए की राशि दी जा रही है। श्री चौहान ने बतायाकि
मकान मालिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अभी किराएदारों से किराया न लें, न ही मकान
खाली कराने की कार्रवाई करें। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में संबल योजना को नए सिरे
से प्रारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि जो जिले कोरोना संक्रमण से प्रभावित नहीं है, वहाँ भारत सरकार
की गाइडलाइन के अनुसार जरूरतमंदों को रोजगार देने के लिये मनरेगा के अंतर्गत कार्य
प्रारंभ किए गए हैं। विभिन्न राज्यों से करीब 25 हजार विद्यार्थी वापस अपने घर लौट
आए हैं। प्रदेश में पूरी सजगता और सतर्कता से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गेहूँ
खरीदी का कार्य भी सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते
हुए आवश्यक आर्थिक गतिविधियाँ भी संचालित हो रही हैं। मुख्यमंत्री को मंत्री-मंडल के
सदस्यों ने विभिन्न जिलों से प्राप्त रोग नियंत्रण प्रयासों और सामाजिक संगठनों द्वारा
की जा रही जनसेवाओं की जानकारी दी । मुख्य सचिव श्री इकबालसिंह बैंस ने इस दौरान कोरोना
नियंत्रण के लिए राज्य में अब तक संपन्न कार्यों की जानकारी दी।
क्रमांक/3995/अप्रैल-338/मनोज