NEWS -12-12-2020-A

 संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्यप्रदेश शासन

समाचार

15 दिसम्बर से शुरू होगा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में प्रोजेक्ट अभ्युदय

योजनाओं का लाभ लेने लोगों के सामने आ रही कठिनाइयों को घर-घर जाकर दूर करेंगे अभ्युदय दल

संभाग के प्रभारी मंत्री श्री कमल पटेल ने दिये थे निर्देश

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

राज्य एवं केंद्र शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ लेने में आम लोगों खासतौर पर पात्र व्यक्तियों को आ रही कठिनाइयों को दूर करने जिले में पन्द्रह दिसम्बर से "प्रोजेक्ट अभ्युदय : समस्या का हल, आपके अपने घर" प्रारम्भ होगा । यह जानकारी कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने आज शनिवार को आयोजित बैठक में दी । कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में अपर कलेक्टर एवं जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ संदीप जी आर भी  मौजूद थे ।

बैठक में बताया गया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में एक साथ शुरू किये जा रहे इस कार्यक्रम के लिये ग्राम पंचायत और वार्ड वार अभ्युदय दलों का गठन किया गया है ।  राजस्व, स्वास्थ, शिक्षा, महिला बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं नगरीय निकायों के कर्मचारियों के ये दल सप्ताह के सातों दिन अपने कार्य क्षेत्र में घर-घर जाकर शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के पात्र हितग्राहियों से भेंट करेंगे तथा इन योजनाओं का लाभ लेने में उनके सामने आ रही कठिनाइयों जैसे पात्रता पर्ची, आयुष्मान कार्ड, आधार नम्बर, समग्र आई डी, जाति प्रमाण पत्र जैसी कमियों को दूर करेंगे । 

ज्ञात हो कि प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री तथा जबलपुर संभाग के प्रभारी मंत्री श्री कमल पटेल ने जबलपुर प्रवास के दौरान आम लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने घर-घर जाकर सर्वे करने के लिये अभियान चलाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये थे । प्रोजेक्ट अभ्युदय मंत्री श्री कमल पटेल के इसी निर्देशानुसार जिले में प्रारम्भ किया जा रहा है ।

      कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने बैठक में प्रोजेक्ट अभ्युदय के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश दिये हैं । उन्होंने प्रोजेक्ट अभ्युदय के उद्देश्य की जानकारी देते हुये स्पष्ट किया कि इसके तहत कोई नई योजना शुरू नहीं की जा रही है, बल्कि वर्तमान में संचालित योजनाओं और सेवाओं के क्रियान्वयन को आक्रामक रणनीति बनाकर गति देना है  ताकि हर पात्र हितग्राही को इन योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके । 

कलेक्टर ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को प्रोजेक्ट अभ्युदय के तहत खाद्य सुरक्षा के तहत पात्रता पर्ची, आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, मातृ वंदना योजना, प्रसूति सहायता योजना जैसी शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत अभ्युदय दलों की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की जनपद स्तर एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जायेगी । इसके अलावा मॉनिटरिंग के लिये एक अलग से साफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है । उन्होंने अभ्युदय दलों का एक-दो दिन में प्रशिक्षण भी पूरा कर लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये । 

कलेक्टर ने कहा कि प्रोजेक्ट अभ्युदय कार्यक्रम के लिये ग्रामीण क्षेत्र के मामले में जिला पंचायत के सीईओ जबकि शहरी क्षेत्र के लिये नगर निगम आयुक्त नोडल अधिकारी होंगें । श्री शर्मा ने कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सभी विभागों और अभ्युदय दल के सदस्यों के बीच आपस में बेहतर समन्वय पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि सभी का मकसद सिर्फ एक होना चाहिये कि कैसे ज्यादा से ज्यादा पात्र हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके । कलेक्टर ने नामान्तरण, बंटवारा और सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों का भी प्रोजेक्ट अभ्युदय के तहत प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिये हैं ।

क्रमांक/6860/दिसम्बर-158/जैन

 केयर बाय कलेक्टर :

जिला प्रशासन ने मृतक एवं उसके परिवार को अस्पताल से बंधन मुक्त करवाया

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

विगत दिवस मैहर ग्राम पिपरा कला निवासी 45 वर्षीय राम मनोहर तिवारी को ब्रेन हेमरेज होने के कारण आदित्य हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान उनको कोविड हो गया और मृत्यु हो गई। मृतक के परिवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल ने इलाज का कुल  पांच लाख साठ हजार  रूपये का बिल बनाया। जिसमें से तीन लाख साठ हजार रूपये परिवार ने जमा कर दिया शेष दो लाख रूपये के लिए मृतक और उसके परिवार के दो सदस्यों को बंधक बनाकर कमरे में बैठा लिया गया और कहा कि जब तक दो लाख की राशि जमा नही कर देते तब तक न तो मृतक और ना ही उसके परिवार के सदस्यों को ले जा सकते हो। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था किसी व्यक्ति की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने केयर बाय कलेक्टर का व्हाट्सएप नंबर देते हुए शिकायत दर्ज करवाने को कहा। परिवार ने कलेक्टर के व्हाट्सएप नंबर 75879 70500 पर पूरा विवरण लिखते हुए मदद करने की अपील की।   कलेक्टर कर्मवीर शर्मा उस समय एक मीटिंग ले रहे थे। उनके मोबाइल पर मैसेज आते ही उन्होंने पढ़ा और मानवता को शर्मसार करने वालों  के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया को दिया। डॉ. कुररिया ने बिना समय गवाएं नोडल अधिकारी डॉ विभोर हजारी को आदेश दिया। डॉ हजारी ने हॉस्पिटल प्रबंधन और परिवार के बीच समझौता करवाते हुए दो लाख में से एक लाख पच्चीस हजार रूपये माफ करवाते हुए 75 हजार का चेक परिवार से दिलवाया। मृतक राम मनोहर तिवारी का अंतिम संस्कार गुप्तेश्वर श्मशान घाट में कोविड के नियमों के तहत जिला प्रशासन ने करवाया और कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। श्री तिवारी के परिवार ने कलेक्टर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

क्रमांक/6861/दिसम्बर-159/मनोज

 आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के मुख्य आधार स्तम्भों में स्वास्थ्य शामिल- मुख्यमंत्री श्री चौहान 

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के मुख्य आधार स्तम्भों में स्वास्थ्य शामिल है। स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिये सभी उपाय किये जाएँ। उन्होंने हमीदिया अस्पताल भोपाल के कोरोना वार्ड की बिजली गुल होने के मामले में जानकारी लेते हुये विस्तृत जांच के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तथ्य सबके सामने रखे जाएँ। यदि कमियां है तो उन्हें दूर किया जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, संभागयुक्त श्री कवीन्द्र कियावत, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सम्पूर्ण सिस्टम को मजबूत बनाया जाये। पहले चरण में मेडिकल कॉलेज चिकित्सालयों में मैनेजमेंट का कार्य-प्रबंधन-विशेषज्ञ को सौंपा जाना चाहिये। चिकित्सक, चिकित्सा कार्य ही देखें। अगले चरण में यही व्यवस्था जिला चिकित्सालयों में लागू की जाये। बड़े अस्पतालों में प्रबंधन और इलाज के लिये अलग-अलग जिम्मेदारियां देने से अस्पताल की सम्पूर्ण व्यवस्था सुधरेगी और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधायें मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय के साथ निजी क्षेत्रों के अस्पतालों में जनता को बेहतर इलाज और सुविधायें मिलें। इसके लिये भी आवश्यक प्रयास किये जाएँ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार आवश्यक धन उपलब्ध करायेगी। बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। भारत सरकार से अधिक से अधिक मदद ली जायेगी। उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करें और आवश्यकतानुसार इसे बढ़ायें भी। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना के मुताबिक योजनाओं को अमल में लाया जाये। बड़े अस्पतालों के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिये कुछ निर्णय तत्काल लें तथा इस दिशा में लांगटर्म प्लानिंग भी करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय अस्पतालों की स्वशासी व्यवस्था के संबंध में चर्चा करें और पुनर्विचार करें।

क्रमांक/6862/दिसम्बर-160/मनोज

नगर परिषद शहपुरा में नेशनल लोक अदालत आयोजित

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

नगर परिषद कार्यालय शहपुरा में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । लोक अदालत में दी गई छूटों का लाभ उठाकर करदाताओं द्वारा जल कर के 89 हजार 100 रुपये एवं सम्पत्ति कर के 1 लाख 18 हजार रुपये तथा कुल 2 लाख 07 हजार 100 रुपये की राशि जमा कराई गई ।

क्रमांक/6863/दिसम्बर-161/जैन

वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संपन्न

लोक अदालत में 256 प्रकरण निराकृत

एक करोड़ 71 लाख रुपए के क्षतिपूर्ति भुगतान आदेश पारित

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजय पॉल के मार्गदर्शन में आज शनिवार को उच्च न्यायालय में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संपन्न नेशनल लोक अदालत में 256 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही एक करोड़ इकहत्तर लाख चार हजार रुपए की क्षतिपूर्ति के भुगतान का आदेश हुआ।

इस लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण प्रथम एवं द्तिीय अपील, राजस्व संबंधी विवाद, चैक अनादरण से संबंधित विवाद, विद्युत से संबंधित विवाद, मोटर दुर्घटना से उदभूत क्षतिपूर्ति हेतु दावा, रिट पीटिशन के मामले एवं वैवाहिक विवाद के साथ-साथ समस्त समझौता योग्य प्रकरणों को रखा गया। इस हेतु पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्ति सुजय पॉल, न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन, न्यायमूर्ति नंदिता दुबे, न्यायमूर्ति विजय शुक्ला एवं न्यायमूर्ति बी.के. श्रीवास्तव रहे। जिनके साथ सदस्य सिद्धार्थ सिंह चौहान अधिवक्ता, कुनाल ठाकरे अधिवक्ता, शारदा दुबे अधिवक्ता, प्रकाश गुप्ता अधिवक्ता एवं दिलीप परिहार अधिवक्ता की खंडपीठ का गठन किया गया।

क्रमांक/6864/दिसम्बर-162/मनोज

 बच्चें में कुपोषण के कारणों की पहचान और निदान जरूरी- कलेक्टर श्री शर्मा

कुपोषण मुक्त जिला बनाने विशेष अभियान चलायें

कलेक्टर श्री शर्मा ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास
विभाग की बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश

जबलपुर, 12 दिसंबर 2020

कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने जिले को कुपोषण से मुक्त रखने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं । आज शनिवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुये श्री शर्मा ने कहा कि कुपोषण को दूर करने केवल कुपोषित बच्चे को चिन्हित करना और उनका उपचार करना ही काफी नहीं है बल्कि बच्चा कुपोषण का शिकार क्यों हुआ  इसकी मूल वजह को दूर किया जाना जरूरी है ।

कलेक्टर ने बैठक में कहा कि बच्चों में कुपोषण को केवल कुपोषित बच्चे तक न देखा जाये बल्कि इसके कारण को जानने कुपोषित बच्चे के परिवार की सामाजिक आर्थिक स्थिति और माँ के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा । उन्होंने कहा कि कई मामलों में माँ का कमजोर या कुपोषित होना भी बच्चे के कुपोषित होने की प्रमुख वजह होती है । इसलिये एएनसी चेकअप के दौरान गर्भवती महिला की बीमारियों और उसके खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना होगा । श्री शर्मा ने गर्भधारण से लेकर पाँच वर्ष तक कि आयु तक बच्चों के स्वास्थ्य पर आंगनबाड़ी, आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकत्र्ताओं के माध्यम से निगरानी रखने के निर्देश भी दिये ।

कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों का ब्यौरा भी बैठक में लिया तथा उन्हें सुपोषित करने के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली । उन्होंने कहा कि जिले में अतिकम वजन के चिन्हित बच्चों की संख्या करीब 17 सौ ही है जो दूसरे जिलों की  तुलना में कम है । उन्होंने ऐसे बच्चों को मार्च माह तक कुपोषण से मुक्त करने के लिये आक्रामक रणनीति तैयार कर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये ।

कलेक्टर ने बैठक में अतिकम वजन के बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग करने के निर्देश भी दिये । उन्होंने कहा कि बच्चा यदि पारिवारिक की खराब आर्थिक स्थिति की वजह से कुपोषण का शिकार है तो दूसरे विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाकर उस परिवार की आय बढ़ाने के प्रयास करने चाहिये । श्री शर्मा ने पोषण पुनर्वास केंद्रों में भी ऑक्यूपेंसी बढाने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण को दूर करने की स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग  सँयुक्त जिम्मेदारी है और दोनों विभागों को आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर इस जिम्मेदारी  का निर्वाह करना होगा । बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम एल मेहरा भी मौजूद थे ।

क्रमांक/6865/दिसम्बर-163/जैन