NEWS -17-08-2020-C

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मध्य प्रदेश शासन

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कोरोना की रोकथाम के प्रयासों और कोरोना सं‍क्रमित मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्थाओं के लिये चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने की जबलपुर की तारीफ

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरबडे ने आज यहां कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जबलपुर में कोरोना की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना की है। श्री बरबड़े ने बैठक में मेडीकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार की व्यवस्था की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि संभागायुक्त  महेशचंद चौधरी के निर्देशन और कलेक्टर यादव के ऊर्जावान नेतृत्व के फलस्वरूप ही मेडीकल कॉलेज, शिक्षा चिकित्सालय रेल्वे और मिलेट्री हॉस्पिटल तथा निजी अस्पतालों के बीच बने बेहतर समन्वय से जबलपुर में कोरोना मरीजों के उपचार की व्यवस्था बेहतर बन सकी है। बैठक में संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी एवं कलेक्टर भरत यादव भी मौजूद थे।

चिकित्सा  शिक्षा आयुक्त ने बैठक में कहा कि जबलपुर में अभी तक की स्थिति काफी बेहतर बनी हुई है लेकिन भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिये अभी से तैयारी करनी होगी। श्री बरबड़े ने बैठक मिलेट्री हॉस्पिटल और रेल्वे अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में कोविड पेशेंट के उपचार की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने इन अस्प‍तालों की वर्तमान क्षमता, आइसीयू बेड और ऑक्सीजन सुविधा, बिस्तरों की जानकारी ली। श्री बरबड़े ने कहा कि शासकीय एवं निजी अस्पतालों को भविष्य की जरूरत को देखते हुये क्षमता वृद्धि के लिये कार्य योजना बनानी होगी और समय रहते उस पर अमल भी करना होगा। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने कहा कि इसके लिये अस्पतालों को यदि किसी तरह की आवश्यकता हो या कोई कठिनाई आ रही हो तो इस बारे में संभागायुक्त अथवा कलेक्टर या सीधे उनसे संपर्क किया जा सकता है।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने बैठक में कहा कि बिना लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को ज्यादा सुविधाजनक होने के कारण अस्पतालों की अपेक्षा होम आइसोलेशन में रहने प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। उन्होंने इस दिशा में की गई पहल के लिये भी जबलपुर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों पर सोशल मीडिया नेटवर्किंग से मॉनीटरिंग की जाये साथ ही पडोसियों के माध्यम से भी उन पर निगाह रखी जानी चाहिये।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने बैठक में 60 वर्ष से अधिक आयु के दूसरी बीमारियों से ग्रसित कोरोना संदिग्ध व्यक्ति या मरीजों का समय पर अस्पताल भेजकर उपचार प्रारंभ करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों का कोरोना रिपोर्ट का इंतजार किये बिना उपचार प्रारंभ किया जाना चाहिये ताकि आगे किसी तरह की कठिनाई न हो। श्री बरबडे़ ने इस बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत भी बताई। श्री बरबड़े ने बैठक में कहा कि निजी अस्पतालों से भी कोरोना के गंभीर मरीजों को मेडीकल कॉलेज में समय पर शिफ्ट किया जाये ताकि उनके जीवन की रक्षा की जा सके। उन्होंने गंभीर रोगियों को बिलंव से मेडीकल कॉलेज रेफर करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये।

श्री बरबडे ने बैठक में कोरोना के गंभीर रोगियों के जीवन की रक्षा करने प्लाज्मा थेरेपी को भी प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना से स्वस्थ हुये व्यक्तियों को इसके लिये प्रेरित किया जाये। इस दिशा में सेना का सहयोग भी लिया जा सकता है और सेना के कोरोना से स्वस्थ्य हुये जवानों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिये प्रेरित किया जा सकता है। बैठक में कलेक्टर भरत यादव ने आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को बताया कि जबलपुर में मेडीकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी शुरू की जा चुकी है। कोरोना से स्वस्थ्य हुये कई मरीजों द्वारा अपना प्लाज्मा डोनेट भी किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना से स्वस्थ्य हुये सेना के जवान भी प्लाज्मा देने को तैयार है। जल्द ही मेडीकल कॉलेज में उनकी जांच कर प्लाज्मा लिया जायेगा।

बैठक में निजी नर्सिग होम ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार, नगर निगम आयुक्त अनूप कुमार, अपर कलेक्ट हर्ष दीक्षित, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रत्नेरश कुररिया तथा सेना एवं रेल्वे हॉस्पिटल के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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