NEWS -17-08-2020-A

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार

जिले में अब तक 634.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

जिले में एक जून से सत्रह अगस्त तक 634.6 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 735.3 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई थी।

      अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल एक जून से अभी तक वर्षामापी केन्द्र जबलपुर में 639.4 मिलीमीटर, पनागर में 650.2 मिलीमीटर, कुण्डम में 819 मिलीमीटर और पाटन में 622.8 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इसी प्रकार शहपुरा वर्षामापी केन्द्र में अब तक 347.1 मिलीमीटर, सिहोरा में 606.2 मिलीमीटर और मझौली में 757.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

      भू-अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिला मुख्यालय की औसत सामान्य वर्षा 1298.3 मिलीमीटर और जिले की औसत सामान्य वर्षा 1178.6 मिलीमीटर है।

क्रमांक/5368/अगस्त-153/उइके

 कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिये सभी उपाय करें : आयुक्त चिकित्सा शिक्षा

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े ने आज मेडिकल कॉलेज में बैठक कर बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए प्रभावी उपाय के संबंध में बैठक ली। बैठक में जबलपुर संभागायुक्त श्री महेश चंद्र चौधरी, कलेक्टर श्री भरत यादव, अपर कलेक्टबर श्री हर्ष दीक्षित, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ प्रदीप कसार सहित अन्य संबंधित चिकित्सक उपस्थित थे।

श्री वरवड़े ने कहा कि कोविड 19 मैनेजमेंट के लिए वैसे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार समीक्षा की जाती है, किंतु मुख्यमंत्री की मंशा है कि फील्ड पर जाकर भी अधिकारी इसकी समीक्षा की करे,ताकि कोरोना संक्रमण के फैलाव पर प्रभावी नियंत्रण बढे और मृत्युड को रोकने सभी प्रयास किये जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कोविड पेशेंट की मृत्यु न हो। संक्रमण का फैलाव हर संभव तरीके से रोके। कोविड संक्रमण के संबंध में जनता में जागरूकता होनी चाहिये और इससे बचाव के लिए जो गाईड लाइन है उनका पालन करना चाहिये तभी कोविड 19 के रोकथाम की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जा सकता है । उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि आने वाले समय में संभावित संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कोविड पेशेंट को समुचित उपचार के लिए उन्होंने बेड व्यवस्था के संबंध में विस्तार पूर्वक समीक्षा की और कहा की जहां- जहां कोविड पेशेंट रखे जा रहे हैं वहां प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन पाइप लाइन हो और इसके साथ ही आवश्यक उपकरण भी सुनिश्चित करें और यह देखते हुए प्लान करें कि कोविड के बाद भी वे उपकरण नॉन कोविड पेशेंट के लिए भी काम आ सके। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए कोविड पेशेंट को रखने के संबंध में विस्तार से समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा की बिना किसी विशेष बात के कोई भी अस्पताल या चिकित्सक कोविड पेशेंट को रेफर न करें । यदि यह बात संज्ञान में आती है तो संबंधित पर कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि लोगों को कोविड-19 के बचाव के उपाय अपनाना चाहिए इसके लिए मास्क लगाएं, सैनिटाइजर का उपयोग करें साथ ही अन्य आवश्यक उपाय करें। बैठक के दौरान प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोरोना के अद्यतन स्थिति व रोकथाम के लिए किये जा रहे एक-एक बिंदुओं पर समीक्षा की गई और कहा कि किसी भी स्थिति में कोरोना से मृत्यु न हो यह विशेष रुप से ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज चिकित्सातलय में कोविड पेशेंट का बेहतर व्यवस्था व उपचार हो । प्रदेश स्तर पर भी  यह प्रयास किया जा रहा है कि कोविड-19 से मृत्यु न हो ।बैठक के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कोविड 19 की रोकथाम से जुड़ा अमला या चिकित्सक जो भी लापरवाही बरतते हैं उन पर कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने डीन मेडिकल व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  से कहा कि मेन पावर व उपकरण को लेकर यदि कोई समस्या है तो उसे बताएं इसमें जो गैप है उसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के द्वारा दौरान लगाये जाने वाले उपकरण अच्छी क्वालिटी के हो ताकि उनका प्रयोग भविष्य में भी किया जा सके।

क्रमांक/5369/अगस्त-154/उइके

 सहयोग से सुरक्षा अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाये : श्री यादव

समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिये निर्देश

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

कलेक्टर भरत यादव ने आज समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने चलाये जा रहे "सहयोग से ही सुरक्षा" अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चत करने के निर्देश सभी विभागों के जिला अधिकारियों को निर्देश दिये हैं ।

श्री यादव ने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी और उनके विभाग का मैदानी अमला न केवल खुद कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करे बल्कि अपने-अपने कार्यक्षेत्र के लोगों को भी मास्क पहनने, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने एवं साबुन से बार-बार हाथ धोने के लिये प्रेरित करे । उन्होंने हर शासकीय कार्यक्रम और बैठकों में भी कोरोना की रोकथाम और बचाव के उपायों पर चर्चा करने तथा इनके माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा करने की बात कही ।

कलेक्टर ने बैठक में बर्षा को देखते हुये सभी एसडीएम को जलप्लावन और बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों पर नजर रखने के निर्देश बैठक में दिये । उन्होंने कहा कि जहाँ भी ऐसी स्थिति दिखाई दे वहाँ तुरन्त राहत और बचाव कार्य शुरू किये जायें । कलेक्टर ने डबल लॉक केंद्रों और समितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में खाद की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने के तथा अमानक खाद के विक्रय और खाद की कालाबाजारी की शिकायतों पर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश कृषि  अधिकारियों को दिये । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने कल 18 अगस्त को आखिरी दिन ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसल बीमा कराने प्रेरित किया जाये । मक्का की बड़ी मात्रा में हुई बोनी को देखते हुये श्री यादव ने फसल गिरदावरी में फसलों की वास्तविक स्थिति ही दर्ज करने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने कहा कि कृषि विभाग का मैदानी अमला  फील्ड में ही ज्यादा समय बिताये तथा किसानों को समयोचित सलाह दे । साथ ही ज्यादा बारिश होने की स्थिति में खेतों से पानी की निकासी की व्यवस्था भी बनवाये ।                 

श्री यादव ने बैठक में सीएम हेल्पलाईन के लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण पर भी जोर दिया । उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों का लेवल-वन पर ही निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें । श्री यादव ने केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण में तेजी लाने के निर्देश भी दिये । इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के आधार सीडिंग के कार्य मे गति लाने तथा अपात्र व्यक्तियों के नाम काटने और पात्र व्यक्तियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करने की हिदायत दी । श्री यादव ने  वनाधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावा प्रकरणों के निराकरण में भी गति लाने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिये हैं । बैठक में नगर निगम आयुक्त अनूप कुमार, अपर  कलेक्टर वी पी द्विवेदी भी मौजूद थे ।

क्रमांक/5370/अगस्त-155/जैन

 जिला न्यायालय परिसर में घायल अवस्था में मिला दुर्लभ प्रजाति का उल्लू

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पारिस्थितिकी तंत्र हेतु पंच जल, जंगल, जमीन, जन और जानवर को बनाये रखने हेतु लेख किया गया था इसी उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विशेष पहल करते हुए जिला न्यायालय परिसर में दुर्लभ प्रजाति का अचेत होकर घायल अवस्था में पड़े हुए उल्लू को देखकर उसकी उचित देखभाल की गयी व शीघ्र ही वन विभाग को शरद भामकर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा सूचित किया गया। सूचना मिलते ही वन विभाग कार्यालय से आकर उल्लू को ले जाया गया व उसका इलाज कर उसे स्वस्थ्य किया गया।

क्रमांक/5371/अगस्त-156/मनोज

 राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय बोर्डिंग खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रारंभ

कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के एसओपी जारी

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

खेल विभाग द्वारा संचालित विभिन्न खेल अकादमियों में बोर्डिंग खिलाड़ियों का प्रशिक्षण पुन: प्रारंभ किया गया है। सात अलग-अलग खेलों के लगभग 94 राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पुन:प्रशिक्षण शुरू कर सकेगें। अभी तक सिर्फ खेल अकादमियों में डे-बोर्डिंग के खिलाड़ियों को ही प्रशिक्षण दिया जा रहा था। यह निर्णय आगामी राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के मद्देनजर तथा प्रशिक्षकों से चर्चा के बाद लिया गया है। विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिये मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है। पहले चरण में एथलेटिक्स, फेसिंग, पुरूष हॉकी, घुड़सवारी, शूटिंग, कयाकिंग, रोइंग तथा सेलिंग को शामिल किया गया है। अगले चरण में महिला हॉकी, तीरंदाजी, क्रिकेट आदि खेलों को प्रारंभ किया जायेगा।

खिलाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश

     म.प्र.राज्य खेल अकादमी के एथलेटिक्स, फेंसिंग, वाटर स्पोर्ट्स, घुड़सवारी, शूटिंग, पुरूष हॉकी के बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग में चिन्हित चयनित खिलाड़ियों को ही आवास स्थल एवं प्रशिक्षण स्थल में निर्धारित समय में प्रवेश की अनुमति होगी।

     खिलाड़ियों को आवासीय परिसर में आने के पश्चात् न्यूनतम एक सप्ताह तक कोरेनटाईन किया जावेगा। कोरेनटाईन अवधि में खिलाड़ियों को आवासीय परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। अत: खिलाड़ी को पूर्ण तैयारी के साथ परिसर में आना होगा।

     खिलाड़ियों का प्रतिदिन ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन लेवल भी चैक करना अनिवार्य होगा। हॉस्टल प्रभारी वार्डन एवं फिजियो की सहायता से प्रतिदिन ऑक्सीजन लेवल चैक करवाया जायेगा।

     खेल गतिविधि प्रारंभ करने से पूर्व खिलाड़ियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयाजित किया जायेगा।

     प्रत्येक खिलाड़ी की प्रत्येक सेशन से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रहेगी, जिसका रिकॉर्ड रखा जायेगा।

     सभी खिलाड़ियों का आवासीय परिसर में प्रवेश उपरांत एंटीबॉडी टेस्ट कराना अनिवार्य होगा।

     खिलाड़ियों के अभिभावक अथवा अन्य किसी व्यक्ति को कोरेनटाईन अवधि में मिलने या परिसर में आने की अनुमति नहीं रहेगी।

     कोविड संक्रमित व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा।

     खेल परिसर में कन्टेनमेंट क्षेत्र (हाट स्पाट) बफर जोन के खिलाड़ी का प्रवेश निषेध रहेगा।

प्रशिक्षक प्रशिक्षण स्थल की क्षमता के अनुरूप समय-सारणी तैयार कर खिलाड़ियों को प्रवेश दिया जायेगा। क्षमता से अधिक खिलाड़ियों का प्रवेश वर्जित होगा।

     आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करना अनिवार्य होगा।

     सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा अर्थात प्रशिक्षण के दौरान 2 मीटर का डिस्टेन्स रखना होगा।

     प्रशिक्षण के दौरान उपयोग होने वाले उपकरण को आपस में अदला-बदली करके उपयोग नहीं किया जावेगा।

     खेल परिसर में प्रवेश के समय खिलाड़ी के हाथ, पैर को सेनेटाईज करना आवश्यक होगा।

     खिलाड़ी को अपनी व्यक्तिगत किट(प्लेइंग किट एवं चेजिंग किट, वॉटर बाटल, अतिरिक्त टी शर्ट, टॉवल, ट्रेनिंग शूज, सेनेटाईजर) अभ्यास सत्र के पूर्व एवं पश्चात चेंज करना अनिवार्य होगा। खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत सामान की भी किसी अन्य खिलाड़ी से अदला-बदली नहीं करेंगे।

     प्रशिक्षण के दौरान खेल मैदान/उपकरण को प्रशिक्षण से पूर्व एवं बाद में सेनेटाईज किया जावेगा।

     खिलाड़ी अपने आवास कक्ष में साफ-सफाई बनाये रखेंगे। निरन्तर आवश्यक वस्तुओं को सेनेटाईज करेंगे। शौचालय के उपयोग के पूर्व एवं पश्चात् फ्लश चलायेंगे। विभिन्न वस्तुओं से सम्पर्क करने के पश्चात् अपने हाथों को निरन्तर 20 सेकेण्ड तक साबुन से साफ करेंगे।

     प्रत्येक खिलाड़ी प्रशिक्षण द्वारा आवंटित समय पर ही अभ्यास हेतु उपस्थित होंगे।

     प्रशिक्षण समाप्त होने के तत्काल बाद खिलाड़ियों को खेल मैदान छोड़कर जाना अनिवार्य होगा।

     खिलाड़ी खेल परिसर में चेहरे पर मास्क का उपयोग करेंगे। अभ्यास के समय मास्क को उतार सकते है।

     म.प्र. राज्य खेल अकादमी के समस्त खिलाड़ियों को आवश्यक रूप से सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा जिसमें स्पष्ट रूप से यह लेख होगा कि यदि वह अभ्यास के दौरान संक्रमण से ग्रसित होते है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी खिलाड़ी की होगी। साथ ही खिलाड़ी को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के निर्धारित प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा।

     खेल परिसर में अभ्यास के दौरान थूकने, छिकना, पसीना छिड़कना अनावश्यक रूप से स्वंय के चेहरे को छूना प्रतिबंधित रहेगा।

     यदि खिलाड़ी को ऐसी चोट लगी हो जिसमें उसका शरीर कटा अथवा छिला हो ऐसे खिलाड़ी का परिसर में प्रवेश वर्जित रहेगा।

     खिलाड़ी का अभ्यास के पश्चात् नहाना अनिवार्य होगा।

     डे-बोर्डिंग के खिलाड़ी परिसर में प्रशिक्षण हेतु आने के लिए केवल अपने वाहन का प्रयोग करेंगे। पब्लिक ट्रासंपोर्ट या अन्य किसी व्यक्ति अथवा साधन से आने वाले खिलाड़ियों को स्टेडियम/खेल मैदान (प्रशिक्षण स्थल) पर प्रवेश के अनुमति नहीं होगी।

     कोविड-19/किसी भी बीमारी के लक्षण जैसे कफ, फीवर, सांस लेने में तकलीफ, स्वादहीनता और सुगन्धहीनता के लक्षण दिखायी देने पर खिलाड़ियों को तत्काल इसकी सूचना प्रबंधन को देना अनिवार्य होगा।

     प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी उपस्थिति के समय विगत एक माह की ट्रेवल हिस्ट्री प्रस्तुत करनी होगी।

     खिलाड़ी को मैस में सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन करना होगा। खिलाड़ी अपनी थाली/प्लेट्स आहार सामग्री की अदला-बदली नहीं करेंगे और न ही मैस से कोई खाद्य सामग्री अपने साथ मैस के बाहर ले जावेंगे।

प्रशिक्षकों एवं सहायक स्टाफ हेतु खेल गतिविधियों के लिये सामान्य शर्ते एवं सावधानियाँ

     प्रत्येक अभ्यास सत्र के पूर्व प्रत्येक खिलाड़ी/ प्रशिक्षकों/ सहायक स्टाफ की इन्फ्रारेड थर्मल स्क्रीनिंग एवं हाथ-पैर को सेनेटाईज करना अनिवार्य होगा।

     खेल परिसर में कन्टेन्मेंट क्षेत्र (हॉट स्पाट) बफर जोन के प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ का प्रवेश निषेध रहेगा।

     खेल परिसर में कार्यरत प्रशिक्षकों, स्टेडियम में कार्यरत प्रशिक्षकों एवं सहायक स्टाफ को ही प्रवेश की अनुमति होगी।

     प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ को कोविड संक्रमण से बचाव हेतु आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना अनिवार्य होगा।

     आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करना अनिवार्य होगा।

     मास्क के बिना प्रवेश नहीं दिया जावेगा।

     प्रशिक्षण स्थल, उपकरण, प्रशिक्षण सामग्री आदि अभ्यास के पूर्व एवं पश्चात् संक्रमण मुक्त करवाना प्रशिक्षक की जिम्मेदारी होगी।

     प्रशिक्षक को खिलाड़ियों के प्रवेश एवं निर्गम का रिकार्ड उपस्थिति पंजी में पृथक से रखना अनिवार्य होगा।

     प्रशिक्षक को ट्रेनिंग प्रोग्राम, समय-सारणी तैयार करना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जावेगा के एक समय में, एक सत्र में अधिकतम 8 से 10 खिलाड़ी अभ्यास कर सकेंगें।

     परिसर में आने वाले खिलाड़ी, प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ में कोविड- 19 के लक्षण दिखायी देने पर संबंधित प्रशिक्षक तत्काल इसकी सूचना स्टेडियम प्रशासक एवं कोविड टास्क फोर्स को अनिवार्य रूप से देगा।

     प्रत्येक प्रशिक्षक/ सहायक स्टाफ को अपनी विगत एक माह की ट्रेवल हिस्ट्री प्रस्तुत करनी होगी।

     संबंधित प्रशिक्षक एवं सहायक स्टाफ को अपने निर्धारित समय से 45 मिनिट पूर्व प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थिति देना आवश्यक होगा।

     खिलाड़ियों के लिये बनाये गये दिशा-निर्देश का अक्षरश: पालन कराने का दायित्व संबंधित प्रशिक्षक का होगा।

क्रमांक/5372/अगस्त-157/मनोज

 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:

बीमा कराने की अंतिम तिथि आज

जबलपुर 17 अगस्त, 2020

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत किसान खरीफ 2020 में अपनी फसलों का बीमा 18 अगस्त तक करा सकते हैं। फसलों का बीमा हो जाने के बाद प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति होने पर बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराके वित्तीय मदद प्रदान किये जाने का प्रावधान है। ताकि कृषक कृषि व्यवसाय में बने रहते हुए उन्नत तकनीकी का उपयोग एवं टिकाऊ नवीन अभिनव कृषि हेतु प्रोत्साहित हो सके।

खरीफ मौसम में सभी अनाज दलहन, तिलहन फसलों हेतु बीमित राशि का मात्र अधिकतम दो प्रतिशत प्रीमियम कृषकों द्वारा देय है तथा कपास फसल हेतु अधिकतम 5 प्रतिशत प्रीमियम देय है। जबकि शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। खरीफ की जिन फसलों का बीमा कराया जा सकता है उनमें जिला स्तर से उड़द एवं मूंग तहसील स्तर से ज्वार, कोदो, कुटकी, मूंगफली, तिल कपास तथा पटवारी हलका स्तर पर सिंचित धान, असिंचित धान, सोयाबीन, मक्का, बाजरा एवं अरहर की फसलें शामिल हैं।

बीमा कराने के लिए पात्र कृषकों में अधिसूचित बैंकों में अधिसूचित पसलें उगाने वाले बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान अपनी-अपनी फसलों का बीमा का आच्छादन प्राप्त करने हेतु पात्र हैं। योजना सभी कृषकों हेतु सवैच्छिक की गई है। अल्पकालिक फसल ऋण प्राप्त करने वाले कृषकों की फसलों का बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जायेगा। अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक, लोक सेवा केन्द्र एवं कार्यरत बीमा कंपनी के अधिकृत एजेन्ट के माध्यम से करवा सकते हैं।

बीमा कराने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में फसल बीमा प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र शासन द्वारा मान्य दस्तावेज जैसे वोटर आई कार्ड, राशन कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड, समग्र आईडी ड्रायविंग लायसेंस आदि शामिल है। भू-अधिकार पुस्तिका, बुआई प्रमाण-पत्र पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी किया हुआ होना चाहिए। सभी ऋणी एवं अऋणी कृषकों हेतु आधार कार्ड अनिवार्य है तथा मोबाइल नंबर वांछित है।

क्रमांक/5373/अगस्त-158/मनोज

 डायरेक्ट एजेण्ट चयन हेतु साक्षात्कार 20 को

जबलपुर, 17 अगस्त 2020

डाक जीवन बीमा एवं ग्रामीण डाक जीवन बीमा के व्यवसाय अर्जन हेतु डायरेक्ट एजेण्ट के चयन के लिए गुरुवार 20 अगस्त को प्रात: 11 बजे कार्यालय प्रवर अधीक्षक डाकघर जबलपुर में साक्षात्कार का आयोजन किया गया है।

डायरेक्ट एजेण्ट पद के लिए अर्हता कक्षा दसवीं पास या समकक्ष है। अभ्यार्थी को माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल या सीबीएसई बोर्ड से दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। आयु 18 से 50 वर्ष के बीच और कम्प्यूटर व स्थानीय क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9301667559 और 7987583054 पर संपर्क किया जा सकता है।

क्रमांक/5374/अगस्त-159/मनोज