NEWS -06-08-2020-A

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार

जिले में अब तक 424.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

जिले में एक जून से  छह अगस्त तक 424.4 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 409.4 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई थी।

      अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल अब तक वर्षामापी केन्द्र जबलपुर में 352.7 मिलीमीटर, पनागर में 402.5 मिलीमीटर, कुण्डम में 523.4 मिलीमीटर और पाटन में 374.3 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इसी प्रकार शहपुरा वर्षामापी केन्द्र में अब तक 271.8 मिलीमीटर, सिहोरा में 521.2 मिलीमीटर और मझौली में 524.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

      भू-अभिलेख कार्यालय के मुताबिक जिला मुख्यालय की औसत सामान्य वर्षा 1298.3 मिलीमीटर और जिले की औसत सामान्य वर्षा 1178.6 मिलीमीटर है।

क्रमांक/5231/अगस्त-47/मनोज

 जिला सलाहकार समिति की बैठक 10 को

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. अधिनियम के अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की बैठक 10 अगस्ति को दोपहर 12 बजे से सेठ गोविन्दपदास जिला चिकित्साटलय विक्टोरिया हॉस्पिटल में आयोजित की गई है। बैठक में सभी संबंधितों से उपस्थित रहने का आग्रह मुख्य चिकित्सटक एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया ने किया है।

क्रमांक/5232/अगस्त-48/मनोज

 मोहगांव-खवासा मार्ग 31 अक्टूबर तक बंद रहेगा

संभागायुक्त श्री चौधरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्रदान की अनुमति

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात के मोहगांव-खवासा खण्ड में फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के मद्देनजर सिवनी जिले में स्थित कुरई घाटी मार्ग को 31 अक्टू्बर तक बंद किये जाने की अनुमति प्रदान की है। सिवनी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7  मोहगांव-खवासा खंड किलोमीटर 624.480 से किलोमीटर 653.225 में कुरई घाटी में फोरलेन चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। सड़क निर्माण कार्य को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रीय अधिकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस मार्ग को 31 अक्टूबर तक बंद रखने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह संभागायुक्त श्री महेशचंद्र चौधरी से किया था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के आग्रह पर श्री चौधरी ने मार्ग को पूर्व शर्तों के साथ 31 अक्टूबर तक बंद रखने की अनुमति प्रदान की है।

क्रमांक/5233/अगस्त-49/उइके

 कोरोना संक्रमितों को हर हाल में मिलें बेहतर इलाज

कलेक्टर श्री यादव ने की समीक्षा, दिये निर्देश

चिकित्सा‍ उपकरणों व दवाओं की उपलब्धता की ली जानकारी

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

कलेक्टर भरत यादव ने आज मेडिकल कॉलेज पहुँचकर कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुये यहाँ की जा रही तैयारियों की समीक्षा की । इस दौरान श्री यादव ने डीन कार्यालय में बैठक लेकर कोरोना के गम्भीर मरीजों के उपचार के लिये चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता तथा वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई लाईन के विस्तार के चल रहे कार्य की भी जानकारी ली ।

कलेक्टर ने बैठक में कहा कि कोरोना पॉजिटिव मिले व्यक्तियों के नजदीकी सम्पर्क में आये बुजुर्गों और हाई रिस्क वाले व्यक्तियों के सेम्पल की रिपोर्ट आने के पहले यदि अर्ली ट्रीटमेंट प्रारम्भ किया जा सकता है तो उस बारे में भी विचार किया जाना चाहिये । श्री यादव ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश हो कि किसी भी व्यक्ति की कोरोना से मौत न हो पाये । उन्होंने कोरोना के गम्भीर रोगियों का जीवन बचाने के लिये प्लाज्मा थेरेपी की मेडीकल कॉलेज में शुरू की गई सुविधा पर भी चर्चा की ।

श्री यादव ने मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक बनाने का सुझाव भी दिया ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना के गम्भीर मरीजों को तुरंत प्लाज्मा थेरेपी दी जा सके ।

 कलेक्टर ने बैठक के बाद स्टेट कैन्सर इंस्टिट्यूट के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण भी किया और कोरोना मरीजों के उपचार के लिये यहाँ की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया । इस दौरान बताया गया कि स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के भवन में ऑक्सीजन सप्लाई लाईन सहित कोरोना के मरीजों की उपचार की सारी व्यवस्थायें पूरी हो गई है ।

बैठक और निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ प्रदीप कसार, अधीक्षक डॉ राजेश तिवारी, सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया, मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ संजय भारती, एसडीएम गोरखपुर मणीन्द्र सिंह भी मौजूद थे ।

क्रमांक/5234/अगस्त-50/जैन

 

कलेक्टर ने 6 गाँवों का किया भ्रम, किसानों से किया संवाद

खाद-बीज की उपलब्धंता की ली जानकारी

धान एवं मक्के की फसलों का लिया जायजा

 जबलपुर 06 अगस्त, 2020

कलेक्टर भरत यादव ने आज ग्रामीण क्षेत्र के अपने भ्रमण के दौरान जहाँ खेतों में पहुँचकर धान एवं मक्का की फसलों का जायजा लिया वहीं किसानों और ग्रामीणों से रु-ब-रु होकर खाद-बीज की उपलब्धता तथा राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण की स्थिति पर चर्चा की । श्री यादव ने इस दौरान खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के सर्वे में पाये गये अपात्रों के नाम काटने की चल रही प्रक्रिया का जायजा भी लियाऔर इस कार्य को हर हाल में दस अगस्त तक पूरा कर लेने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये ।

कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र के अपने भ्रमण की शुरुआत जबलपुर तहसील के ग्राम पिंडरई से की । उन्होंने यहाँ कृषक सत्येंद्र पटेल द्वारा एसआरआई पद्धति से करीब दस एकड़ में बोई गई धान की फसल का अवलोकन किया । श्री यादव ने कृषि की नई तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिये इस युवा किसान की तारीफ की और कम लागत में धान का ज्यादा उत्पादन लेने के लिये छोटे पेड़ी ट्रांसप्लांटर का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया । सत्येंद्र ने कलेक्टर को बताया कि धान की बुआई के लिये खेत को तैयार करने में लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल किया था । इससे पूरे खेत में एक जैसी मात्रा में पानी पहुंचता है । किसान ने बताया कि डेयरी से निकलने वाले अपशिष्ट का इस्तेमाल वो धान की फसल को पानी देने में कर रहा है । इससे उसे रासायनिक खाद की जरूरत नहीं रह गई है । श्री यादव ने इस मौके पर खेत से लगी इस किसान  की डेयरी को भी देखा ।

पिंडरई के बाद कलेक्टर ने ग्राम सोहड़ पहुँचकर किसानों और ग्रामीणों से चर्चा की तथा खाद-बीज की उपलब्धता के साथ ही खाद्यान्न के वितरण की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली । कलेक्टर ने जबलपुर तहसील के ही ग्राम हिनौतिया भोई में उचित मूल्य दुकान का निरीक्षण किया और सर्वे में अपात्र पाये गये उपभोक्ताओं के नाम काटे जाने की प्रक्रिया तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिये ।  उन्होंने केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं के तहत उपभोक्ताओं को दस अगस्त तक खाद्यान्न का वितरण करने की हिदायत भी मौके पर मौजूद अधिकारियों को दी। 

कलेक्टर श्री यादव ने जबलपुर तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के भ्रमण के बाद कुंडम के ग्राम खुक्खम पहुँचकर यहाँ शाला परिसर में पिछले तीन वर्षों  किये जा रहे पौधारोपण के कार्य का अवलोकन किया । उन्होंने रोपे गये पौधों की समर्पित भाव से देखभाल और सुरक्षा करने के लिये पौधरक्षक तितरु परस्ते की सराहना की ।

इमलई में किया क्वारन्टीन सेंटर का निरीक्षण :

कलेक्टनर श्री यादव ने प्राथमिक स्वास्थ केंद्र इमलई का भी निरीक्षण किया तथा यहाँ मौजूद स्वास्य्टर  विभाग एवं लोक स्वास्य्कें यांत्रिकी विभाग के अमले को पेयजल स्त्रोतों की सफाई और क्लोरीनेशन के निर्देश दिये । उन्होंने पेयजल स्त्रोतों की सफाई में उन क्षेत्रों में खास ध्यान देने का  निर्देश दिया जहाँ पूर्व के वर्षों में संक्रामक रोग फैल चुका है ।  श्री यादव ने समीप स्थित छात्रावास भवन में बनाये गये क्वारन्टीन सेंटर का भी निरीक्षण किया और यहॉं क्वारन्टीन किये गये कोरोना संदिग्धों से चर्चा कर भोजन आदि की मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली ।

बदुआ, छीताखुदरी और दरगड़ सिंचाई परियोजनाओं का भी लिया जायजा :

कुंडम तहसील के भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री यादव ने बदुआ और छीताखुदरी पहुँचकर यहाँ जल संसाधन विभाग की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजना की प्रगति का स्थल पर जाकर मुआयना किया  । श्री यादव ने इन सिचाई परियोजनाओं के काम में गति लाने के निर्देश देते हुये अधिकारियों से कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास स्थलों पर अधोसंरचना निर्माण एवं मूलभत सुविधाओं के विकास पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाये । उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं के लिये अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पाने से यदि कोई वंचित रह गया हो तो उसे भी शीघ्र मुआवजा का भुगतान किया जाये । श्री यादव ने अधिग्रहित भूमि और वितरित किये गये मुआवजा की सूची सबंधित ग्राम पंचायत में चस्पा करने के निर्देश भी दिये । कलेक्टर ने बदुआ में सिंचाई परियोजना से विस्थापित हुये लोगों से भी चर्चा की । उन्होंने बदुआ और छीताखुदरी के बाद दरगड़ सिंचाई परियोजना का अवलोकन भी किया । उन्होंने तीनो परियोजना की सिचाई क्षमता और कुंडम सहित इनके आसपास के गाँवों में पेयजल आपूर्ति के लिये बनाई गई योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली । श्री यादव के ग्रामीण क्षेत्र के आज के भ्रमण में दौरान कुंडम एसडीएम एवं अपर कलेक्टर विमलेश सिंह, जबलपुर एसडीएम नमः शिवाय अरजरिया, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन आर एस शर्मा, उपसंचालक कृषि डॉ एस के निगम, कार्यपालन यंत्री आर ई एस श्री कोरी भी मौजूद थे ।

क्रमांक/5235/अगस्त-51/जैन

 मध्यप्रदेश में फिर से लागू होगी भामाशाह योजना : मुख्यमंत्री श्री चौहान

राजस्व बढ़ाना आवश्यक, मंत्री अधिकारियों के साथ करें समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री चौहान एक पखवाड़े के बाद पुन: लेंगे जानकारी

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राजस्व प्राप्तियाँ आवश्यक हैं। इनमें वृद्धि होना चाहिए। राजस्व प्राप्तियों की वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए मंत्रीगण विभागीय अधिकारियों से प्रति सप्ताह समीक्षा करें। आज एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व प्राप्तियों की जानकारी प्राप्त की। कोविड-19 के हालातों में अर्थव्यवस्था दुरस्त करने के उद्देश्य से विभिन्न मदों में राजस्व बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए रणनीति बनाकर कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि ईमानदार टैक्स पेयर्स को सम्मानित करने की भामाशाह योजना पुनः प्रारंभ की जाए। ईमानदारी से कर चुकाने वाले लोगों को प्रोत्साहन देना भी जरूरी है। गत वर्ष इस योजना पर ध्यान न दिए जाने से अनेक करदाता निरुत्साहित हो गए हैं। ज्यादा टैक्स जमा करने वालों का सम्मान होने से टैक्स जमा करने के लिए सभी वर्ग प्रेरित होते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसी वर्ष से इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों के संबंध में समीक्षा के लिए एक पखवाड़े के बाद पुन: बैठक होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा बैठक में वाणिज्यिक कर, आबकारी, वन, खनिज, ऊर्जा, परिवहन, स्टांप एवं पंजीयन आदि विभागों से संबंधित करों की प्राप्ति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कर अपवंचन करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण के पूरे प्रयास हर स्थिति में हों। प्रयास यह हो कि गत वर्ष की स्थिति में तो आ ही जाएं। यदि राजस्व संग्रहण से जुड़े शासकीय विभागों के मुख्यालय और फील्ड के किसी भी दफ्तर में कोरोना पॉजिटिव रोगी पाया जाता है तो इस स्थिति में पूरा कार्यालय बंद करने की आवश्यकता नहीं है। एक दिन कार्यालय बन्द कर आवश्यक सेनेटाईजेशन और अन्य प्रोटोकाल के पालन के साथ राजस्व संग्रहण की गतिविधियाँ जारी रखी जाएं। कार्यालय पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले कुछ माह कोरोना के साथ ही जीना है। आर्थिक गतिविधियों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है। पुरानी रिकवरी करते हुए अनियमित्ताओं पर नियंत्रण के प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाधान योजना, कर अपवंचन प्रवर्तियों के रोकने के प्रयासों, वेट/स्टेट जीएसटी की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। निर्देश दिए कि गड़बड़ियाँ रोकने की कार्रवाई करते हुए और बेहतर वसूली की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आबकारी आय की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी किसी भी डिस्टलरीज से अवैध रूप से शराब कहीं न जाए। इसे रोकने के लिए तकनीक आधारित पद्धति विकसित की जाए। इससे आय वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गौण खनिजों से संबंधित अनियमितताओं की खबरें मिलती हैं। ऐसी अनियमित्ताओं को रोका जाए। इसके लिए पृथक समिति भी राज्य स्तर पर गठित करने का विचार है। वाहनों के बकाया कर की वसूली भी की जाए। राज्य में बसों के नियमित संचालन के अलावा सरल योजना के अमल, अन्य प्रांतों के वाहनों से कर प्राप्त करने, लाइफ टाइम टैक्स, परिवहन निगम की भूमि के संबंध में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ऊर्जा, वन क्षेत्र में भी राजस्व प्राप्ति की जानकारी प्राप्त की।

वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, श्रम एवं खनिज मंत्री श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, वन मंत्री श्री विजय शाह और राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत के साथ ही मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

क्रमांक/5236/अगस्त-52/मनोज

 

बासमती की जीआई टैगिंग के मामले में शिवराज ने अमरिंदर की निंदा की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

जबलपुर 06 अगस्त, 2020

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के प्रसिद्ध बासमती चावल को भौगोलिक संकेत टैग (जीआई टैगिंग) दिलाने के प्रयासों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की आज निंदा करते हुए कहा कि उनका यह कदम राजनीति से प्रेरित है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के बासमती चावल के एतिहासिक संदर्भ का उल्लेख करते हुए प्रदेश के किसानों एवं बासमती चावल आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदेश के बासमती चावल को जी.आई. दर्जा प्रदान करने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है 'मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र की निंदा करता हूँ और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूँ। मैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है।

मध्यप्रदेश के निर्यात होने वाले प्रसिद्ध बासमती चावल को जीआई टैग दिलाने के राज्य के प्रयासों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में दावा किया गया है कि ऐसा हो जाने पर पंजाब और अन्य राज्यों के हित प्रभावित होंगे, जिनके बासमती चावल को पहले से ही 'जीआई टैग' हासिल है। पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसा होने पर पाकिस्तान को भी लाभ मिल सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपेडा) के मामले का मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है। क्योंकि यह भारत के जीआई एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से कोई जुड़ाव नहीं है। पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्यात के आकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। केंद्र सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के 'ब्रीडर बीज' की आपूर्ति कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तत्कालीन 'सिंधिया स्टेट' के रिकॉर्ड में अंकित है कि वर्ष 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राइस रिसर्च, हैदराबाद ने अपनी 'उत्पादन उन्मुख सर्वेक्षण रिपोर्ट' में दर्ज किया है कि मध्यप्रदेश में पिछले 25 वर्ष से बासमती चावल का उत्पादन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्थिरता मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया है कि मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है और इसका लिखित इतिहास भी है। मध्यप्रदेश का बासमती चावल अत्यंत स्वादिष्ट माना जाता है और अपने जायके और खुशबू के लिए यह देश विदेश में प्रसिद्ध है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में बासमती की खेती परम्परागत रूप से होने के संबंध में आईआईआरआर हैदराबाद एवं अन्य विशेषज्ञ संस्थानों द्वारा प्रतिवेदित किया गया है। इस प्रतिवेदन की प्रति केन्द्रीय कृषि मंत्री को इस संदर्भ में पृथक से भेजी गयी है। प्रदेश में उत्पादित बासमती चावल को जीआई सुविधा देने के लिये दिये गये अभ्यावेदन के परीक्षण के लिये उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है और प्रकरण अभी समिति के समक्ष निराकरण हेतु लंबित है।

क्रमांक/5237/अगस्त-53/मनोज