News.30.05.2020_B

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
पीसीसीएफ श्री पी.सी. दुबे राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड में सदस्य बने
जबलपुर, 30 मई, 2020
केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग कमेटी का पुनर्गठन किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख पंजाब श्री जितेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में गठित बोर्ड में मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे को सदस्य (क्षेत्र विशेषज्ञ) के रूप में शामिल किया गया है। समिति माह में एक बार होने वाली बैठक में सर्वेक्षण जैव विवि‍धता संरक्षण, विपणन आदि के औषधीय पौधों के प्रोजेक्ट से संबंधित प्रस्तावों का निराकरण करेगी।
समिति में सदस्य के रूप में बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया कोलकाता के संचालक, आईसीएआर नई दिल्ली, सीएसआईआर नई दिल्ली, केन्द्रीय आयुष मंत्रालय, केन्द्रीय बॉयोटेक्नालॉजी विभाग, नार्थ ईस्टर्न काउंसिल सेक्रेटरिएट शिलांग और डॉ. एन.बी. बृन्दावनम विशाखापटनम शामिल किया गया है। राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड के कार्यपालन अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। ट्राइफेड के प्रतिनिधि, राजस्थान के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. दीप नारायण पाण्डेय, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. वी.वी. प्रसाद और अध्यक्ष एएमएमओआई केरल डॉ. डी. रामनाथन विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
औषधीय पौधों के उत्पादन और विपणन में रुचि रखने वाले लोग और कंपनियाँ समिति के समक्ष प्रस्ताव भेज सकेंगी। इससे गुग्गल, एलोवीरा, सलई, पाडर आदि प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्ताव भेजकर आय का अतिरिक्त साधन बढ़ा सकते हैं।
क्रमांक/4614/मई-423/मनोज

विभिन्न 5 विकास कार्यों पर 6.25 करोड़ से ज्यादा राशि होगी खर्च
जबलपुर, 30 मई, 2020
राज्य शासन द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जबलपुर संभाग के नरसिंहपुर जिले में 6 करोड़ 25 लाख 76 हजार की लागत से सड़क निर्माण, कोर्ट रूम उन्नयन, गौ-शाला निर्माण और सड़क मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, नरसिंहपुर ने बताया कि गाड़रवारा उपसंभाग के अंतर्गत घघरोला से सिंहपुर तक 4.20 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 3 करोड़ 27 लाख 43 हजार, मऊ से आड़ेगाँव तक 4.10 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 2 करोड़ 76 लाख 32 हजार, नरसिंहपुर में बाल मैत्रीपूर्ण कोर्ट रूम में मौजूदा कोर्ट रूम के उन्नयन के लिए 11 लाख 67 हजार रूपए, करेली-इमलिया कोदसा और पलोहा से कटनी मार्ग की मरम्मत पर 5 लाख 34 हजार की राशि खर्च की जाएगी। इसी तरह हरिहर आश्रम सतधारा के पास 5 लाख रूपए की लागत से गौ-शाला का निर्माण कराया जाएगा।
क्रमांक/4615/मई-424/मनोज

लॉकडाउन अवधि में प्रदेश में 57 हजार से ज्यादा सुधारे गए हैंड पम्प
जबलपुर, 30 मई, 2020
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गर्मी के मौसम में आम लोगों को पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा गत दो माह में लॉकडाउन की अवधि में 57 हजार 799 हैण्डपम्पों का सुधार कार्य करवाया गया है। इसके अलावा 10 हजार 365 ऐसे हैंडपम्प जहाँ का जल स्तर नीचे चला गया था वहाँ 51893 मीटर राईजर पाइप बढ़ाकर हैण्डपम्पों को चालू कराया गया। इसके अलावा 370 बसाहटों में जहाँ हैण्डपम्पों में जल स्तर बहुत नीचे चला गया था किन्तु नलकूप में आवक क्षमता पर्याप्त थी वहाँ पर सिंगल फेस मोटर पंप को स्थापित कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया गया है। साथ ही 532 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापित किये गये और 154 खराब हैण्डपम्प प्लेटफार्म का पुनर्निर्माण भी कराया गया।
प्रमुख अभियंता श्री के.के.सोनगरिया ने बताया कि प्रदेश में 16 हजार 2633 नल-जल योजनाएँ संचालित हैं। इनमें से 14 हजार 905 योजनाएँ चालू हैं। बंद नल-जल योजनाओं में से 176 योजनाओं में स्त्रोत पर ही पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग द्वारा स्थानीय ग्राम पंचायतों के सहयोग से 256 बंद नल-जल योजनाओं को चालू करवाया गया है। जबकि स्त्रोत असफल होने से विभाग ने बंद 85 योजनाओं में नवीन स्त्रोत का निर्माण कर पंचायतों के माध्यम से चालू कराया है। इस प्रकार 341 नल-जल योजनाएँ चालू की गई हैं।
अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाते हैं बंद हैण्डपम्प
प्रमुख अभियंता ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 28 हजार 489 ग्रामीण बसाहटों में पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रत्येक जिले में खण्ड/उप खण्ड कार्यालय स्थापित हैं। हैण्डपम्प बिगड़ने पर विभागीय व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य खराबी से बंद हैण्डपम्पों को 7 दिन में और विशेष खराबी से बंद हैण्डपम्पों को तकनीकी स्टाफ द्वारा अधिकतम 15 दिन में सुधार कर चालू कर दिया जाता है।
समस्या-ग्रस्त 13 हजार से अधिक बसाहटों को किया गया चिन्हांकित
प्रमुख अभियंता श्री सोनगरिया ने बताया कि गर्मी के मौसम को दृष्टिगत पहले से ही संभावित पेयजल समस्या ग्रसित होने वाली 13 हजार 963 बसाहटों को चिन्हांकित कर लिया गया है। जिनकी जनसंख्या 87 लाख 51 हजार 281 है। इनमें से 4276 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन की कार्रवाई की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर 283 ग्रामीण नल-जल योजनाओं में पाईप लाईन बढ़ाकर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही 4081 हैण्डपम्पों पर सिंगल मोटर पंप स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। एक हजार 733 नल-कूपों में हाईड्रोफ्रैक्चरिंग की जाएगी। इन सबके बाद भी यदि किसी बसाहट में पेयजल की उपलब्धता नहीं होने पर समीप के जल उपलब्धता वाले स्थान से परिवहन कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा।
क्रमांक/4616/मई-425/मनोज

संग्राहकों से 1582 क्विंटल महुआ फूल खरीदा गया
जबलपुर, 30 मई, 2020
राज्य लघु वनोपज संघ ने संग्रहण वर्ष 2020 में संग्राहकों से बढ़ी दर पर अब तक 1582 क्विंटल महुआ फूल खरीदा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य 35 रूपये प्रति किलो की दर से खरीदे गए फूल से संग्राहकों को 55 लाख 37 हजार रूपये की आय हुई है। उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गत माह महुआ फूल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रूपये प्रति किलो से बढ़ाकर 35 रूपये करने के निर्देश दिये थे।
महुआ फूल का चिकित्सकीय और औषधीय रूप से काफी महत्व है। इसके फल-फूल, पत्ती, लकड़ी, सभी का प्रयोग होता है। ह्रदय, लिवर, कैंसर, अल्सर, ब्रोंकाईटिस, बुखार आदि अनेक रोगों में महुआ और महुए के फूल का उपयोग किया जाता है। महुआ फूल का उपयोग देशी मदिरा बनाने में भी किया जाता है। महुआ का पेड़ आदिवासियों में काफी लोकप्रिय है।
क्रमांक/4617/मई-426/मनोज

पलाश और कुसुम लाख के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि
जबलपुर, 30 मई, 2020
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के पालन में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पलाश और कुसुम लाख के लिये निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्यों में वृद्धि की गई है। अब संग्राहकों से पलाश लाख 150 रूपये प्रति किलो के बजाय 200 रूपये प्रति किलो और कुसुम लाख 230 रूपये की जगह 275 रूपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से खरीदा जायेगा।
राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संग्रहण वर्ष 2020 के लिये पुनर्निधारित दरें एवं उनमें हुई बढ़ोत्तरी इस प्रकार हैं :
क्रं
लघु वनोपज
पुरानी दर राशि रूपये
नवीन दर राशि रूपये
बढ़ोत्तरी का प्रतिशत
1.
अचार गुठली
109
130
19%
2.
पलाश लाख
130
200
53%
3.
कुसुम लाख
203
275
35%
4.
हर्रा
15
20
33%
5.
बहेड़ा
17
25
47%
6.
बेल गुदा
27
30
11%
7.
चकोड बीज
14
20
42%
8.
शहद
195
225
15%
9.
महुआ फूल
30
35
16%
10.
महुआ बीज
30
35
16%
11.
करंज बीज
35
40
14%
12.
नीम बीज
23
30
30%
13.
साल बीज
20
20
-
14.
नागरमोथा
27
35
29%
क्रमांक/4618/मई-427/मनोज