News.27.05.2020_C


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
कलेक्टर-एसपी ने किया जयप्रकाश नगर और रवीन्द्र नगर कंटेनमेंट क्षेत्र का भ्रमण
जबलपुर, 27 मई, 2020
कलेक्टर भरत यादव एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने आज देर शाम अधारताल क्षेत्र के जयप्रकाश नगर और रविन्द्र नगर कन्टेनमेंट जोन का निरीक्षण किया हाल ही में कोरोना के पॉजिटिव केस मिलने पर इन दोनों क्षेत्रों को  कन्टेनमेंट जोन बनाया गया है
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र के रहवासियों से भी चर्चा की और उनसे कन्टेनमेंट की पाबन्दियों का पालन करने का आग्रह किया   श्री यादव ने जयप्रकाश नगर और रविन्द्र नगर कन्टेनमेंट जोन के रहवासियों को घरों में ही रहने की समझाइश देते हुए कहा कि दैनिक रोजमर्रा की वस्तुएं उनके घर तक पहुंचाई जाएगी उन्होंने कहा कि जनता से जितना ज्यादा सहयोग प्रशासन को मिलेगा उतनी जल्दी कन्टेनमेंट की बंदिशों से उन्हें निजात मिल सकेगी
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा ने कन्टेनमेंट क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था और प्रवेश मार्गों पर की गई बेरिकेडिंग का जायजा लिया   कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारियों को कंटेन्मेंट के नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश भी दिये उन्होंने क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की घर-घर आपूर्ति के लिये की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी  ली निरीक्षण के दौरान सीएसपी हरिओम शर्मा और एसडीएम ऋषभ  जैन भी  मौजूद थे
जयप्रकाश नगर और रविन्द्र नगर कन्टेनमेंट जोन के बाद कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने मिलौनीगंज कन्टेनमेंट जोन का भी भ्रमण किया
क्रमांक/4574/मई-383/जैन

रेत खनिज के ठेकेदारों से वास्तविक उत्खनन की राशि ली जाएगी
वार्षिक ठेका धन में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ ठेका अवधि बढ़ाई जा सकेगी
रेत खनन अनुज्ञा के अधिकार कलेक्टरों को दिए गये
जबलपुर, 27 मई, 2020
राज्य शासन द्वारा रेत खनन के ठेकेदारों को लॉकडाउन अवधि के लिए राहत देने का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन प्रारंभ होने की तिथि 22 मार्च, 2020 से अथवा अनुबंध दिनांक से वास्तविक उत्खनित मात्रा पर ही ठेके की राशि ली जाएगी। समानुपातिक गणना के आधार पर देय किश्त राशि में छूट दी जाएगी।
शासन ने 18 मई, 2020 अथवा अनुबंध दिनांक से 31 अक्टूबर, 2020 तक ठेकेदारों से वास्तविक उत्खनित मात्रा पर अनुबंधित दरों पर ठेके की राशि ली जाएगी। ठेकेदारों को यह भी सुविधा दी गयी है कि उक्त अवधि की देय किश्त राशि का समायोजन करते हुए शेष राशि को बिना ब्याज के समान किश्तों में नियमित भुगतान किया जाए। राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश रेत खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार नियम-2019 के अंतर्गत यह आदेश प्रदान किये।
राज्य शासन ने रेत ठेकों की अवधि बढ़ाने के संबंध में भी निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश रेत नियम-2019 के नियम के प्रावधान को शिथिल करते हुए आर्थिक ठेका धन में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 30 जून, 2023 तक ठेके की अवधि बढ़ाई जा सकेगी। शासन द्वारा वैधानिक अनुमतियों को अनुबंध निष्पादन के पूर्व प्राप्त करने की अनिवार्यता को शिथिल किया गया है। ऐसे शिथिलीकरण उपरांत नियम-13 के तहत निष्पादित अनुबंध में वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त होने के पश्चात ही खदान संचालित किये जाने की शर्त अधिरोपित की जायेगी। इस प्रकार से निष्पादित अनुबंध में ठेके की किश्त की राशि दिनांक 8 जून, 2020 अथवा जलवायु सम्मति दिनांक से वसूल की जायेगी। उक्त राहत केवल उन्हीं जिला समूहों के रेत ठेकेदारों को दी जायेगी जिनके द्वारा 6 जून, 2020 तक अनुबंध का निष्पादन किया गया हो।
लोकहित महत्व में शासकीय निर्माण कार्यों में रेत खनिज आपूर्ति करने की व्यवस्था
कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रदेश की आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। प्रदेश में बाहरी राज्यों से श्रमिक वापस रहे हैं। इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये राज्य शासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत विभिन्न राहत पैकेज जारी किये गये हैं। इन राहत पैकेज संबंधी निर्माण कार्यों को रेत खनिज की आपूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा रेत खनिज की उत्खनन अनुज्ञा के अधिकार जिला कलेक्टरों को देने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 के नियम-66 के तहत नियम-68 की शर्तों को शिथिल करते हुए रेत खनिज की उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत करने के अधिकार संबंधित जिले के कलेक्टर को देने के आदेश जारी किये गये हैं। जिला कलेक्टर शासकीय एवं सार्वजनिक निर्माण कार्यों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अपने जिले में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 के नियम-68 के तहत मध्यप्रदेश रेत खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार नियम-2019 के अंतर्गत जिले में रेत खनिज की स्वीकृत निविदा दर अनुसार राशि अग्रिम में जमा करने के उपरांत ही रेत की अस्थायी अनुज्ञा जारी कर सकेंगे। इस संबंध में समस्त जानकारी कलेक्टर कार्यालय की खनिज शाखा से प्राप्त की जा सकेगी।
क्रमांक/4575/मई-384/मनोज



आसान उपाय अपनाकर गर्मी के मौसम में नियंत्रित कर सकते हैं बिजली बिल
कम्पनी ने दिये उपभोक्ताओं को सुझाव
जबलपुर, 27 मई, 2020
विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं से कहा कि वे गर्मी के मौसम में आसान उपाय अपनाकर बिजली और बिल की राशि दोनों में बचत कर सकते हैं। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें तथा गैर-जरूरी पंखे, लाईट इत्यादि उपकरणों को बंद रखें। विशेषतः कार्यालयीन समय में भोजनावकाश के दौरान, घर से बाहर एवं कक्ष से बाहर जाते समय, ध्यानपूर्वक समस्त प्रकाश, पंखे एवं कंप्यूटर मॉनिटर इत्यादि को बंद करें चाहे आप थोड़े समय के लिए ही क्यों बाहर जा रहे हों। अपने साथियों, सहकर्मियों, अधीनस्थ कर्मचारियों एवं परिवार को प्रोत्साहित करें कि वे दिन के समय विद्युत का कम से कम उपयोग करें। घरों में उपयोग होने वाले उपकरणों का प्रयोग यथासंभव एक साथ करें, क्योंकि ऐसा करने से घर की वायरिंग में विद्युत क्षति बढ़ जाती है।
वार्षिक विद्युत खपत का लगभग 9 प्रतिशत केवल प्रकाश व्यवस्था पर खर्च होता है। अतः विद्युत का उपयोग अति आवश्यक अवसरों पर करने पर विद्युत खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी की जा सकती है। ब्यूरो आफ एनर्जी इफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित कम से कम तीन सितारा चिन्हित ऊर्जा दक्ष उपकरणों का क्रय करने से ऊर्जा खपत कम की जा सकती है। अप्रमाणित उपकरण क्रय करते समय सस्ते हो सकते हैं किंतु इनमें बिजली खपत अधिक होती है। कुछ अंतराल के बाद ये महंगे साबित होते हैं। इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे टी.वी. को स्टैण्डबाई मोड पर रखने से एक वर्ष में लगभग 70 यूनिट विद्युत की बचत हो सकती है।
कम्प्यूटर : कम्यूटर के मानिटर एवं कापीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें। यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। यदि कम्प्यूटर को चालू रखना आवश्यक हो तो मॉनिटर अवश्य बंद रखें जो कि कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करता है। यदि एक कम्प्यूटर 24 घंटे चालू रखा जाए तो यह एक ऊर्जा दक्ष फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अतः उपयोग होने पर कम्प्यूटर बंद रखें।
एलईडी बल्ब : वर्तमान में एलईडी बल्ब ऊर्जा बचत के लिए अतिउत्तम विकल्प है। एलईडी बल्ब बार-बार चालू/बंद करने से उनकी उम्र पर असर नहीं पड़ता है जबकि साधारण बल्ब जल्दी ही फ्यूज हो जाता है। एलईडी बल्ब सीएफएल से तो बेहतर है ही साथ ही परंपरागत बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं। इनकी टिकाऊ होने की अवधि सामान्य बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। यह कम ऊर्जा ग्रहण करते हैं और ज्यादा गर्म भी नहीं होते हैं।
सीलिंग फैन, फ्रिज और एयर कंडीशनर्स (एसी) के संबंध में सुझाव
वर्तमान में नियमित पंखों के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटेड पंखे एवं उच्च दक्षता के पंखे उपलब्ध हैं।
तुलनात्मक अध्ययन
विवरण
साधारणपंखे
बीईईस्टाररेटेडपंखे
उच्चदक्षताकेपंखे
कीमत
रू. 1500
रू. 1940
रू. 2600
नियामकलागत
रू. 200
रू. 200
रू. 0
वाटक्षमता
75 वाट
50 वाट
35 वाट
हवाकावितरण
230
क्यूबिकमीटर/मिनिट
210-220
क्यूबिकमीटर/मिनिट
230
क्यूबिकमीटर/मिनिट
प्रतिवर्षखपतयूनिट
180 यूनिट
120 यूनिट
84 यूनिट
प्रतिवर्षबिजलीकीलागत
रू. 900
रू. 600
रू. 420
10 वर्षोंकेलिएबिजलीकीलागत
रू. 10800
रू. 7200
रू. 5000
फ्रिज को दीवार, सीधे सूर्य का प्रकाश अथवा अन्य ऊष्मा देने वाले उपकरणों के पास रखें। फ्रिज के पीछे कंडेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं बिजली ज्यादा लगती है, अतः क्वाइल्स को नियमित साफ करें। फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है जिससे कूलिंग करने के लिये फ्रिज को अधिक ऊर्जा की जरूरत नहीं पड़े। इसके अंदर के स्थान का पूर्ण उपयोग आवश्यक है किंतु भीतर खुली हवा के सरकुलेशन के लिए जगह छोड़ना जरूरी है। इससे ऊर्जा की बचत होती है। फ्रिज के दरवाजे की गास्केट में लीकेज नहीं होना चाहिए, जिसके कारण फ्रिज हमेशा अधिक ऊर्जा खर्च करता है एवं बिजली का बिल अधिक आता है।
एयर कंडीशनर्स की 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है। पुराने एवं रिपेयर किए हुए एसी की दक्षता कम होती है। इसकी तुलना में नए ऊर्जा दक्ष एसी खरीदना बेहतर एवं किफायती है। एक अच्छा एसी लगभग 30 मिनट में एक कमरे को ठण्डक प्रदान कर देता है। अतः टाइमर का प्रयोग कर एसी कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। इसके एयर फिल्टर्स में धूल जमा होने पर हवा का बहाव कम हो जाता है। साफ फिल्टर्स से शीतलता शीघ्र प्राप्त होती है एवं बहुमूल्य ऊर्जा की बचत होती है। घर के आसपास हरियाली पेड़-पौधों की छांव रहने पर एसी द्वारा विद्युत की खपत में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। थर्मोस्टेट की सेटिंग शीतकाल में 2 डिग्री कम एवं ग्रीष्मकाल में 2 डिग्री अधिक करने पर लगभग 900 किलो कार्बन डायआक्साईड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है।
क्रमांक/4573/मई-382/मनोज