संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
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कंटेनमेंट
जोन, अस्पताल परिसर व नगर निगम सीमा क्षेत्र के बाहर स्थित
लोकसेवा
एवं आधार केन्द्रों के संचालन की सशर्त अनुमति
कलेक्टर
एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश
जबलपुर, 27 मई, 2020
कलेक्टर
एवं जिला दण्डाधिकारी भरत यादव ने कंटेनमेंट जोन, अस्पताल परिसर और नगर निगम सीमा
क्षेत्र के बाहर स्थित लोकसेवा एवं आधार केन्द्रों के संचालन की सशर्त अनुमति
प्रदान की है। शर्तों का उल्लंघन करने वाले केन्द्र संचालक व कर्मचारियों के विरूद्ध
आपदा अधिनियम की विहित धाराओं तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक
कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर
श्री यादव द्वारा जारी आदेश में तय शर्त के मुताबिक लोकसेवा एवं आधार केन्द्रों पर
सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन हर हाल में होना चाहिए। केन्द्रों में बिना
मास्क लगाए प्रवेश करना वर्जित होगा। केन्द्र में प्रवेश करने के पूर्व आवेदक का
हाथ सेनेटाइज करने के उपरांत ही अंदर आने दिया जाएगा। बायोमैट्रिक डिवाइस के उपयोग
के पूर्व हाथों को सेनेटाइज करना अनिवार्य है। आवेदक के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों
का कार्यालय में प्रवेश करना वर्जित होगा। किसी भी स्थिति में डेस्क पर दो से अधिक
व्यक्ति उपस्थित नहीं रहेंगे। कोविड -19 महामारी की रोकथाम हेतु केन्द्र पर आने
वाले सभी नागरिकों एवं स्टॉफ को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य
है। उपकरणों को साफ व स्वच्छ रखा जाए एवं स्टाफ संपूर्ण समय मास्क पहन कर ही कार्य
करे। सभी आपरेटर्स अन्य स्टाफ नियमित रूप से अपने हाथ साफ करें एवं स्वच्छता मानकों
का पालन करें, सेनेटाइजर का उपयोग करेंगे। केन्द्रों में कंटेनमेंट जोन के अंदर से
आने वाले कर्मचारियों व आवेदकों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा। सुविधाओं का लाभ लेने
हेतु उपस्थित व्यक्ति को भी मास्क पहनना अनिवार्य है ऐसा न करने पर संबंधित व्यक्ति
द्वारा मास्क पहनकर पुन: आने पर ही सेवा का लाभ प्रदान किया जाए। केन्द्र में आ
रहे नागरिकों को उनके हाथ को साबुन या पानी से धोने हेतु प्रोत्साहित करें। प्रत्येक
आथेंटिकेशन के पश्चात् बायोमेट्रिक मशीनों को अनिवार्यत: सेनेटाइजर से साफ करें।
केन्द्र के किसी भी कर्मचारी को सर्दी, खासी व बुखार होने की स्थिति में स्वास्थ्य
पुन: ठीक होने तक कोई कार्य न कराया जाए। सुविधाओं का लाभ लेने हेतु उपस्थित
व्यक्ति के सर्दी, खांसी, बुखार या श्वास लेने में तकलीफ से पीड़ित होने की दशा में
उन्हें ठीक हो जाने के उपरांत पुन: सेवा का लाभ लेने हेतु आग्रह करें।
सभी
आधार एवं लोक सेवा केन्द्र शासन द्वारा जारी एडवाइजरी को आमजन हेतु केन्द्र के
बाहर चस्पा करें। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारत शासन के
आदेश, मध्यप्रदेश शासन के आदेश एवं जिला क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा समय-समय
पर निर्धारित दिशा-निर्देश का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
क्रमांक/4578/मई-387/मनोज॥
सी.एम. हेल्पलाइन बनी जरूरतमंदों का बड़ा आसरा
8
लाख से अधिक लोगों को मिली सहायता
जबलपुर,
28 मई, 2020
प्रदेश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 पर अब तक
8 लाख 477 लोगों के फोन करने पर भोजन, राशन,
दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई है। सी.एम. हेल्पलाइन किसानों के लिये भी मददगार साबित हो रही है। इस पर अब तक फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की 1257 समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा आमजन को सहज रूप से उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की वजह से पिछले पखवाड़े में सी.एम.
हेल्पलाइन में आने वाले फोनकॉल (शिकायतों)
की संख्या में कमी आई है। सी.एम.
हेल्पलाइन नम्बर
181 पर अब तक भोजन संबंधी
6 लाख 44 हजार
490, परिवहन संबंधी 48 हजार
247, दवाइयों संबंधी 39 हजार
661, आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी
20 हजार 124 तथा अन्य प्रकार की
47 हजार 505 समस्याओं की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
क्रमांक/4579/मई-388/मनोज
विभिन्न
5 सड़कों के निर्माण में
7 करोड़ 64 लाख से ज्यादा राशि होगी खर्च
जबलपुर,28
मई, 2020
राज्य शासन द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जबलपुर संभाग के कटनी जिले में
7 करोड़ 64 लाख
7 हजार रूपए की लागत से 5 विभिन्न सड़कों का निर्माण कार्य कराया जाएगा। यह सभी कार्य 4 से
8 माह की अवधि में पूर्ण होंगे।
कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण संभाग कटनी ने बताया कि कटनी से बड़ेरा तक
6.20 किलोमीटर के सड़क निर्माण के लिए 3 करोड़
92 लाख 81 हजार रूपए,
विलायतकला से रेल्वे स्टेशन पहुंच मार्ग निर्माण के शेष कार्य के लिए
1 करोड़ 16 लाख
67 हजार, बिहरिया से खंदवारा मार्ग निर्माण के बचे कार्य के लिए
78 लाख 65 हजार, उप संभाग क्रमांक
1 कटनी के अंतर्गत 8 मार्गों में बी.टी. रिन्यूवल के शेष कार्य के लिए 1 करोड़
75 लाख 94 हजार रूपए की लागत निर्धारित की गई है।
क्रमांक/4580/मई-389/मनोज
जवाहर बाल भवन द्वारा ऑनलाइन राज्य बालश्री कला प्रतियोगिता का आयोजन
जबलपुर,28
मई, 2020
जवाहर बाल भवन द्वारा लॉकडाउन के इस दौर में भी बच्चों की सृजनात्मक कला के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जा रही है। बच्चों को विभिन्न कलाओं में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसमें अभिनय सृजनात्मक लेखन, नाटक आदि शामिल है।
बाल भवन द्वारा बच्चों के सृजनात्मक कला के विकास के लिए ऑनालाइन राज्य बालश्री प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। 20 जुलाई तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में 5 से
10 वर्ष तथा सीनियर वर्ग में
11 से 16 वर्ष तक के बच्चे भाग ले सकते है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए
http://www.jawaharbalbhawanbhopl.com/ पर पंजीयन कराया जा सकता है। इसके अतिरिक्त 8959503202, 9425011719 तथा 9669333020 मोबाइल नम्बर पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।
सभी प्रतियोगिता के लिए जवाहर बाल भवन में ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। प्रतियोगिता में सम्मिलित लेखन के अन्तर्गत हस्तलिखित रचना तथा चित्रकला,
हस्तकला एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता के अन्तर्गत निर्मित कलाकृतियों को लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात भोपाल संभाग के बच्चे जवाहर बाल भवन, भोपाल में तथा अन्य जिलों के बच्चे निकटतम संभागीय बाल भवन ग्वालियर, सागर,
रीवा, जबलपुर,
उज्जैन एवं इंदौर में अपनी सुविधानुसार जमा करा सकते हैं।
नृत्य,
गायन, वादन एवं अभिनय के कुछ चयनित प्रतिभागियों की प्रस्तुतियाँ लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात आवश्यकतानुसार जवाहर बाल भवन, भोपाल में कराई जायेगी। नृत्य,
गायान, वादन,
अभिनय की वीडियो तथा हस्तकला, चित्रकला,
मूर्तिकला की कलाकृति की फोटो एवं लेखन के अन्तर्गत लिखी रचनाओं की स्केनकॉपी 20 जून
2020 को सायं 6 बजे तक jawaharbhavanbpl@ gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं। सभी प्रतियोगिताओं में जूनियर एवं सीनियर वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिये चयनित प्रतियोगिताओं को पृथक-पृथक पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता विवरण और नियम की विस्तृत जानकारी बालभवन की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
क्रमांक/4581/मई-390/मनोज
ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना
ग्रामीणों को उनके भू-खण्ड पर मिलेगा मालिकाना हक
जबलपुर,
28 मई, 2020
प्रदेश में ग्रामीण बसाहट का सर्वे कर अधिकार अभिलेख तैयार कर ग्रामीण जनता को उनके भू-खण्ड पर मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा। ग्रामीणों के हित में योजना के तहत तैयार किये गये डाटाबेस से पंचायत स्तर पर सम्पत्ति रजिस्टर भी तैयार किये जायेंगे। ग्रामीणों को यह सौगात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
24 अप्रैल को की गई 'ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना' की घोषणा के तहत प्राप्त होगी। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिये है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा आगामी जून माह के प्रथम सप्ताह में हरदा एवं डिंडोरी जिले के कुछ गाँव में कार्य प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना के तहत प्रथम वर्ष में प्रदेश के 10 पॉयलेट जिलों का चयन किया गया है,
शेष 43 जिलों का सर्वे द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में क्रमबद्ध किया जाएगा। प्रथम चरण में शामिल
10 जिलों मुरैना, श्योपुर,
सागर, शहडोल,
खरगौन, विदिशा,
भोपाल, सीहोर,
हरदा और डिंडोरी जिले के 10 हजार
553 राजस्व गाँव शामिल किये गये है। इन सभी राजस्व गाँवों में आबादी भूमि के सर्वे का कार्य तीन चरणों में किया जाएगा।
योजना का लक्ष्य
ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख तैयार करना और प्रत्येक सम्पत्ति स्वामी को उसकी सम्पत्ति का स्वामित्व अभिलेख उपलब्ध करवाना है,
जो उसके स्वत्व तथा स्वामित्व का प्रमाण होगा।
योजना की लागत
योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये योजना की लागत का वर्षवार वर्गीकरण किया गया है। वर्ष
2020-21 में 17 करोड़ 85 लाख,
वर्ष 2021-22 में
40 करोड़ 6 लाख, इस प्रकार तीन वर्षों में
97 करोड़ 97 लाख राशि व्यय होगी। इस राशि में भारत सरकार द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग को सीधे किये जाने वाला भुगतान 29 करोड
9 लाख, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य पर होने वाला व्यय 27 करोड़
55 लाख और राजस्व विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर होने वाला व्यय
41 करोड़ 33 लाख शामिल है।
योजना का कार्यक्षेत्र
आबादी सर्वे अन्तर्गत केवल उन सम्पत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा,
जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता-1959 (यथा संशोधित-2018) के लागू होने की तिथि
25 सितम्बर
2018 को आबादी भूमि पर काविज थे अथवा जिन्हें इसी तिथि के बाद विधिपूर्वक आबादी भूमि में भू-खण्ड का आवंटन किया गया हो।
संबंधित आबादी क्षेत्र के समीप यदि दखलरहित भूमि पर बसाहट है जो आबादी क्षेत्र में शामिल नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कलेक्टर द्वारा दखलरहित भूमि को आबादी घोषित की जाने की कार्यवाही की जा सकेगी।
सर्वे का कार्य तीन चरण में
योजनान्तर्गत आबादी भूमि के सर्वे का कार्य तीन चरणों में किया जायेगा। प्रथम चरण में जागरूकता अभियान और ग्राम सभाओं का आयोजन, द्वितीय चरण में सर्वे की कार्यवाही में ड्रोन के माध्यम से सर्वे का प्रारूप अभिलेख का निर्माण एवं घर-घर जाकर सत्यापन का कार्य होगा। तृतीय चरण में सर्वे पश्चात की कार्यवाही जैसे दावा-आपत्ति दर्ज एवं उनका निराकरण,
सम्पत्ति धारकों को सम्पत्ति कार्ड एवं अन्य अधिकार अभिलेख का वितरण किया जाएगा।
हितधारकों को होने वाले लाभ
ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण योजना में ग्रामीण सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख होगा,
प्रत्येक सम्पत्ति धारक को उसकी सम्पत्ति का स्वामित्व प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। सम्पत्तियों पर बैंक से ऋण लेना आसान होगा। सम्पत्तियों के पारिवारिक विभाजन,
सम्पत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया सुगम होगी और पारिवारिक सम्पत्ति के विवाद कम होंगे।
ग्राम पंचायतों को होने वाले लाभ
योजनान्तर्गत सम्पन्न हुई कार्यवाही से ग्राम पंचायत को स्थानीय आय के साधन प्राप्त होंगे। पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी। शासकीय एवं सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा एवं रख-रखाव आसान होगा। सम्पत्ति संबंधी विवादों में कमी आने के साथ सम्पत्ति के नामांतरण और बटवारे में सहूलियत होगी।
क्रमांक/4583/मई-392/मनोज