News.14.05.2020_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
तीन श्रमिक एक्सप्रेस से आए
955 श्रमिकों को 27 बसों
से अन्य जिलों के लिए भेजा गया
अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड से रवाना हुए 350 श्रमिक
श्रमिकों के लिए राज्य शासन ने किए बेहतर इंतजाम
जबलपुर 14 मई 2020
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य शासन द्वारा बेहतर इंतजाम किए गए हैं। इन श्रमिकों के लिए अस्थाई ठहरने की व्यवस्था, भोजन, पेयजल और परिवहन की व्यवस्था नि:शुल्क की गई है।
      गुरूवार 14 मई को जबलपुर तीन श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों के द्वारा 955 श्रमिक आए। इन श्रमिकों को जबलपुर रेल्वे स्टेशन में पहुंचाकर ट्रेन आगे रीवा के लिए रवाना हो गई। तीनों ट्रेन महाराष्ट्र के पुणे, नासिक और पनबेल से रवाना होकर यहां आई। जिला प्रशासन ने इन 955 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं थर्मल स्क्रीनिंग कर भोजन और पानी उपलब्ध कराया। उन्हें 27 बसों से अन्य जिलों पन्ना 143 श्रमिकों को भेजा गया। इसी तरह दमोह 68, टीकमगढ़ 20 श्रमिकों, छतरपुर 78, सागर 102, बालाघाट 97, छिंदवाड़ा 65, नरसिंहपुर 27, सिवनी 46, मण्डला 22, और उमरिया 16 श्रमिकों को भेजा गया। जबलपुर जिले के 57 श्रमिक तथा अन्य जिलों के 62 श्रमिक भी आए। अनुविभागीय दण्डाधिकारी शाहिद खान ने बताया कि अंतर्राज्यीय बस स्टैंड जबलपुर से 350 श्रमिकों को बसों द्वारा अन्य जिलों के लिए भेजा गया।
      14 मई तक जबलपुर जिले में श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों और बसों से आए 7597 श्रमिकों को अन्य जिलों में उनके गृह स्थान तक राज्य शासन द्वारा बसों से पहुंचाया गया है। जबलपुर जिले में रहने वाले करीब 800 श्रमिकों को अन्य प्रांतों और जिलों से श्रमिक ट्रेनों और बसों से वापस लाकर घरों तक पहुंचाया गया। अन्य माध्यमों से जबलपुर पहुंचने वाले श्रमिकों के लिए भी राज्य शासन द्वारा बेहतर इंतजाम किए गए हैं।  
कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों को बसों से गुजरात, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ प्रांतों और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से वापस लाया गया।
      श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों द्वारा गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश प्रांतों से तथा अकोला, औरंगाबाद, बंगलौर, पुणे और कोल्हापुर से श्रमिकों को लाया गया। इन्हें छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, पन्ना, डिंडोरी, खण्डवा, खरगौन, हरदा, सिवनी, नरसिंहपुर, उमरिया, कटनी, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, सागर, दमोह, टीकमगढ़, गुना, सतना, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, रीवा, छतरपुर, आगर मालवा, अनूपपुर, बालाघाट, मण्डला, विदिशा भेजा गया।
      ट्रेनों और बसों द्वारा वापस लाए गए तथा जबलपुर लाकर मध्यप्रदेश के अन्य जिले में भेजे जा रहे सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए सुविधाओं का नि:शुल्क बेहतर इंतजाम राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। उनके लिए पेयजल और भोजन का पर्याप्त इंतजाम किया गया। चिकित्सकों की टीम स्क्रीनिंग कर रही है। छह अनुविभागीय दण्डाधिकारियों सहित तहसीलदार और राजस्व अधिकारी श्रमिकों को पूरी सुविधा के साथ उनके गृह स्थान तक पहुंचाने में रात-दिन लगे हैं। 8-8 घंटे की तीन शिफ्टों में अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें कार्य कर रही है।
क्रमांक/4365/मई-173/खरे॥

कलेक्टर ने की सेवा भारती के कार्यों की सराहना
जबलपुर 14 मई 2020
     कलेक्टर भरत यादव ने सेवा भारती द्वारा प्रवासी मजदूरों की सेवा के कार्यों की सराहना की है । श्री यादव आज सेवा भारती द्वारा सुदर्शन स्मृति न्यास और वेणु पांडुरंग सेवा न्यास के सहयोग से शहपुरा बायपास पर प्रवासी मजदूरों को साबुन, सेनिटाइजर, मास्क, बिस्किट और भोजन वितरण के लिए लगाये गये शिविर में पहुंचे थे ।
     श्री यादव ने इस अवसर पर सेवा भारती के प्रवासी मजदूरों की सेवा के कार्य को प्रेरणास्पद भी बताया । उन्होंने कहा कि ट्रकों या अन्य साधनों से जा रहे मजदूरों को भोजन कराना निश्चित रूप से अनुकरणीय पहल है ।  उन्होंने सेवा भारती के पदाधिकारियों के सुझाव पर प्रवासी मजदूरों को जबलपुर के अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल तक पहुंचाने के लिए शहपुरा बायपास पर बस की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया ।  उन्होंने बताया कि अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल से बाहर से आये मजदूरों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की गई  है ।
     सेवा भारती के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक प्रवीण गुप्ता, विभाग प्रचारक राघवेन्द्र शर्मा, सुदर्शन स्मृति न्यास के डॉ. प्रदीप दुबे, सीए अखिलेश जैन, सेवा भारती के डॉ. बी.के. पांसे, महेश सोनी, प्रवीण गुप्ता आदि मौजूद थे ।  इस अवसर पर नंगे पैर आने वाले प्रवासी मजदूरों को चप्पलें भी वितरित की गई ।
क्रमांक/4366/मई-174/जैन॥

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया पूर्व मुख्यमंत्रियों से संवाद
जबलपुर, 14 मई, 2020
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, श्री कमलनाथ और सुश्री उमा भारती से दूरभाष द्वारा बातचीत कर लॉक डाउन के स्वरूप के संबंध में उनके विचार जाने। उन्होंने राज्य में कोरोना नियंत्रण के प्रयासों,आम लोगों की राहत के लिए की गई व्यवस्थाओं और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों से प्राप्त सुझावों के अनुरूप अन्य आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
क्रमांक/4368/मई-176/मनोज

तेन्दूपत्ता के 13.22 लाख मानक बोरे का 526.52 करोड़ विक्रय मूल्य पर निवर्तन
जबलपुर, 14 मई, 2020
राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संग्रहण वर्ष 2020 में तेन्दूपत्ते के 937 लाटों के अग्रिम निवर्तन के लिये ऑनलाइन निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं। अग्रिम निवर्तन में 689 लाटों का 13 लाख 22 हजार मानक बोरे का 526 करोड़ 52 लाख रुपये के विक्रय मूल्य पर निवर्तन किया जा चुका है। शेष 248 लाटों में विभागीय संग्रहण कराने के निर्देश क्षेत्रीय कार्यालयों को दिये गये हैं। प्रदेश में वर्ष 2004 से तेन्दूपत्ता व्यापार की नई नीति का निर्धारण कर क्षेत्रवार निविदाएँ बुलाई जाकर पत्ते का अग्रिम निवर्तन किया जाता है।
प्रदेश में तेन्दूपत्ता तुड़ाई का काम 25 अप्रैल से और संग्रहण 4 मई से प्रारंभ हो चुका है। लगभग 33 लाख 12 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहकों द्वारा अच्छी गुणवत्ता का बीड़ी बनाने योग्य तेन्दूपत्ता संग्रहित किया जा रहा है। संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित किये गये तेन्दूपत्ते का 2500 रुपये प्रति मानक बोरे की दर से संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया जायेगा।
उल्लेखनीय है इस वर्ष वनोपज संग्रहण, परिवहन और भण्डारण कोविड-19 के सुरक्षा दायरे में हो रहा है। राज्य शासन ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के मद्देनजर लघु वनोपज संग्रहण, प्र-संस्करण, उपचारण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में संलग्न श्रमिकों और ग्रामीणों को संक्रमण से बचाने के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये। तेन्दूपत्ता क्रेताओं, प्रतिनिधियों के लिये फोटो परिचय-पत्र जारी किये गये। लघु वनोपज संग्रहण कार्यों में संलग्न कर्मचारी, क्रेता, प्रतिनिधि, श्रमिक और ग्रामीणों को अनिवार्य रूप से मास्क/फेस कवर, गमछा, रुमाल आदि से ढककर रखने के निर्देश दिये गये। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य संबंधी आदेशों का पालन सुनिश्चित किया गया। प्रत्येक केन्द्र, गोदाम पर सेनिटाइजर और साबुन रखे गये हैं। संग्रहण केन्द्रों पर 2-2 मीटर की दूरी पर चूने का घेरा बनाया गया है।
क्रमांक/4369/मई-177/मनोज

श्रमिक धैर्य रखें, सबको पहुँचाया जायेगा
तीन दिनों में बिजासन सीमा से करीब 15 हजार श्रमिकों को बसों से पहुँचाया
अब दो लाख 26 हजार श्रमिक बस और 86 हजार ट्रेन से वापस लाये गये
जबलपुर, 14 मई, 2020
मध्यप्रदेश के लिये श्रमिकों को उनके स्थान तक पहुँचाने की चुनौती अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा अधिक है। एक ओर अन्य प्रदेशों में फँसे मध्यप्रदेश के श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुँचाना है, तो दूसरी ओर दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को जो मध्यप्रदेश से ट्रांजिट कर रहे हैं, उन्हे उनके राज्यों की सीमा तक पहुँचाना है। देश का हृदयप्रदेश होने के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड जाने वाले श्रमिक मध्यप्रदेश होकर गुजर रहे हैं। यह श्र पैदल यात्रा अथवा अन्य साधनों से मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुँचते हैं। सबसे अधिक दबाब सेंधवा की सीमा पर बिजासन घाट पर है। वहां प्रतिदिन 5 से 6 हजार मजदूर पहुँच रहे हैं। इन श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा परीक्षण के बाद नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास ट्रांजिट पर पहुँचाया जा रहा है। वहां से सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी बसों से पहुँचाया जाता है। इन स्थानों से प्रदेश के दूसरे जिलो के श्रमिकों को उनके जिले में और उत्तरप्रदेश, झारखण्ड तथा बिहार के श्रमिकों को उत्तरप्रदेश की सीमा तक पहुँचाया जा रहा है। सेंधवा सीमा पर पिछले तीन दिनों में लगभग 15 हजार श्रमिकों को भोजन करवा कर उन्हें बसों के माध्यम से देवास होते हुए उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है। श्रमिकों की संख्या काफी अधिक होने से बसों की संख्या और फेरे बढ़ाने की सतत कोशिशें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों से अपील की है कि वे धैर्य रखें। उनको भोजन और चिकित्सा जांच के उपरांत बसों में नि:शुल्क पहुंचाया जाएगा। संकट की इस घड़ी में घबराये नहीं, मध्यप्रदेश सरकार एक-एक श्रमिक को घर पहुँचाएगी। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलो में श्रमिकों के लिये भोजन, अस्थायी ठहरने, चिकित्सा जांच और बसों की व्यवस्था की गयी है। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक आने वाले सभी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचा नहीं दिया जाएगा। कुछ ऐसे मामले प्रकाश मे रहे हैं जहाँ मजबूरी में श्रमिक पैदल अथवा अन्य साधनों से यात्रा कर रहे हैं। ऐसे श्रमिकों से भी अपील है कि मध्यप्रदेश के जिस जिले में हो, वहां जिला प्रशासन तक पहुंचने अथवा खबर पहुँचाने की व्यवस्था करें। उनकी पूरी मदद की जाएगी। प्रदेश के अब तक 3 लाख 12 हजार 509 श्रमिक वापस चुके हैं।
सड़क परिवहन से दो लाख 26 हजार 803 श्रमिक वापस आये
अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम श्री आई.सी.पी. केशरी ने जानकारी दी है कि सड़क परिवहन के माध्यम से 22 अप्रैल से 14 मई तक कुल दो लाख 26 हजार 803 श्रमिक वापस लाये गये। इनमें राजस्थान से 50 हजार 908, हरियाणा से 1329, गुजराज से एक लाख 29 हजार 431, उत्तरप्रदेश से 1936, महाराष्ट्र से 39 हजार 281, छत्तीसगढ़ से 3 हजार 865 और दमन एंव दीव से 53 श्रमिक लाये गये हैं।
विशेष श्रमिक ट्रेनों से 86 हजार श्रमिक वापस
श्री केशरी ने जानकारी दी है कि 14 मई तक 72 विशेष श्रमिक ट्रेनों से 86 हजार श्रमिक विभिन्न प्रदेशों से लाये गये हैं। उन्होंने बताया है कि दिल्ली से 1100, गोवा से 1200, गुजरात से 27,694, हरियाणा से 15025, कर्नाटक से 2270, केरल से 2251, महाराष्ट्र से 26,572, पंजाब से 2617 और तेलंगाना से 5777 श्रमिक वापस लाये जा चुके हैं। इसके अलावा अंतर्राज्यीय ट्रेन के माध्यम से 1200 लोग आये हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 90 ट्रेनों का रिक्विजिशन भेजा जा चुका है। 15 मई को 9 ट्रेन श्रमिकों को लेकर आयेंगी।
क्रमांक/4370/मई-178/मनोज