News.22.05.2020_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
टिड्डियों के संभावित प्रकोप से किसान सावधान और सतर्क रहें
कलेक्टर ने जिले के किसानों से की अपील
जबलपुर 22 मई 2020
      कलेक्टर भरत यादव ने राजस्व, कृषि, ग्रामीण विकास, पशु चिकित्सा सहित अन्य विभागों के मैदानी अमले को टिड्डी दल के आक्रमण होने की स्थिति में तत्काल सूचना देने और सतत् निगरानी के निर्देश दिए हैं। साथ ही कलेक्टर श्री यादव ने फसलों में टिड्डियों के प्रकोप के दौरान किसानों से बचाव, सावधानी और सतर्कता बरतने की अपील की है।
      कृषि विज्ञान केन्द्र जबलपुर की प्रमुख एवं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ रश्मि शुक्ला ने किसानों को फसलों में टिड्डी दलों के हमले के दौरान रोकथाम हेतु सामयिक सलाह दी है। डॉ श्रीमती शुक्ला ने बताया कि टिड्डी दल समूह में रात्रिकालीन समय शाम 7 बजे से रात्रि 9 बजे के बीच फसलों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है। साथ ही जमीन में लगभग 500 से 1500 अंडे प्रति मादा कीट देकर सुबह उड़कर दूसरी तरफ चला जाता है। टिड्डी दल के समूह में लाखों की संख्या होती है। ये जहां भी पेड़-पौधे या अन्य वनस्पति दिखाई देती है, उसको खाकर आगे बढ़ जाते हैं। टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव हेतु किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि अपने स्तर पर अपने गांव में समूह बनाकर खेतों में रात्रि के समय निगरानी रखें। डॉ रश्मि ने किसानों से आग्रह किया है कि यदि टिड्डी दल का प्रकोप होता है तो तत्काल इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन, कृषि विज्ञान केन्द्र सहित किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को देवें। ताकि समय रहते ऐहतियाती उपाय किए जा सकें।
      यदि किसी गांव में टिड्डी दल का आक्रमण होता है तो सभी किसान एवं ग्रामीण भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह के उपाय जैसे ढोल बजाकर, डीजे बजाकर, थाली, टीन के डिब्बे से शोर मचाकर, ट्रेक्टर का साइलेंसर निकालकर चलाएं तथा अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से तेज आवाज कर टिड्डी दल को खेतों से भगाया जा सकता है।
      इसी प्रकार यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप होता है तो टिड्डी की विश्राम अवस्था में सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच में तुरंत कीटनाशी दवाएं ट्रेक्टर चलित स्प्रेयर पम्प (पावर स्प्रेयर) से क्लोरपायरीफास 20 ईसी 200 मिली या लेम्डासाइलोइन 5 ईसी 400 मिली या डाईफ्लूबेंजुसन 25 डब्ल्यूटी 240 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500 ली पानी में मिलाकर छिड़काव करें। रासायनिक कीटनाशी पावडर फेनबिलरेड 0.4 प्रतिशत 20 से 25 किलो या क्यूनालफास 5 प्रतिशत 25 किलो प्रति हेक्टेयर भुरकाव करें।
      टिड्डी दल के आक्रमण हो जाने के बाद यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध न हो सके तो इस स्थिति में ट्रेक्टर चलित पावर स्प्रेयर के द्वारा पानी की तेज बौछार चलाकर भी टिड्डी दल को भगाया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र जबलपुर के वैज्ञानिक डॉ डीके सिंह मोबाइल नंबर 6261546761 एवं डॉ एके सिंह के मोबाइल नंबर 9424638238 एवं विकासखण्ड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्रमांक/4485/मई-294/मनोज॥ 
कृषि कार्य हेतु मजदूरों को लाने की अनुमति देने
उप संचालक कृषि नोडल अधिकारी नियुक्त
जबलपुर, 22 मई, 2020
कलेक्टर भरत यादव ने नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 के लॉकडाउन अवधि में कृषि एवं कृषि संबंधी कार्यों हेतु मजदूरों को अन्य जिलों से वापस लाने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान करने के लिए उप संचालक कृषि एस.के. निगम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है
कलेक्टर श्री यादव ने आज तदाशय का आदेश जारी कर किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सहायक संचालक एस.के. जैन को सहायक नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा है   साथ ही श्री निगम एवं श्री जैन आवश्यक अनुमति एवं कृषि कार्य में आने वाली समस्याओं का संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर निराकरण कराना भी सुनिश्चित करेंगे   यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है
क्रमांक/4486/मई-295/मनोज
कोरोना से स्वस्थ होने पर एक और डिस्चार्ज
अब तक 115 व्यक्तियों  ने जीती कोरोना से जंग
जबलपुर, 22 मई, 2020
          कोरोना से जंग जीतने पर आज शुक्रवार को एक और व्यक्ति 18 साल के मोहम्मद शहबाज खान को  सुखसागर कोविड केयर सेंटर से आई.सी.एम.आर. द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक डिस्चार्ज कर दिया गया  उन्हें घर में सुविधा होने के कारण अगले सात दिनों के लिये सुखसागर स्थित कोरेन्टीन सेंटर भेजा गया है इन्हें मिलाकर जबलपुर में अब कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 116 हो गई है जबलपुर में अभी कोरोना के पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या 194 है इनमें से नौ की मृत्यु हो चुकी है जबकि कोरोना के एक्टिव केस 69 रह गये हैं
क्रमांक/4487/मई-296/जैन
डीएलएड परीक्षा के लिये ऑनलाइन आवेदन 10 जून तक
जबलपुर, 22 मई, 2020
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सत्र 2019-20 की प्रारंभिक शिक्षा में पत्रोपाधि पाठ्यक्रम (डीएलएड) नियमि प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिये आवेदन-पत्र एम.पी.ऑनलाइन के कियोस्क अथवा पोर्टल के माध्यम से 25 मई से 10 जून तक भरे जा सकेंगे।
क्रमांक/4488/मई-297/मनोज
कीमती सागौन इमारती लकड़ी बनायेगी किसानों को धनाढ्य
किसानों को मिलेंगे हर साल एक लाख सर्वोत्कृष्ट सागौन पौधे
प्रदेश में शुरू हुआ सर्वोत्तम सागौन वृक्षों से पौधे बनाने का वैज्ञानिक कार्य
जबलपुर, 22 मई, 2020
मध्यप्रदेश में सागौन की कीमती इमारती लकड़ी किसानों के लिये आय का मजबूत स्त्रोत बनेगी। प्रदेश में पहली बार इंदौर वन वृत्त की टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में सागौन के धन वृक्षों से उच्च गुणवत्ता के टू-टू-टाईप (हूबहू) पौधे तैयार किये जा रहे हैं। ये पौधे अपने पैरेन्ट वृक्ष के समान ही सर्वोत्कृष्ट प्रमाणित गुणवत्ता वाले होंगे। इससे किसानों को हरसाल सर्वोत्कृष्ट प्रमाणित गुणवत्ता वाले एक लाख पौधे मिल सकेंगे। सागौन की लकड़ी का मूल्य बाजार में 50 से 60 हजार रुपये प्रति घनमीटर है। प्रमाणित पौधों के विकसित होने पर मध्यप्रदेश सागौन में उच्च गुणवत्ता की लकड़ी के लिये पहचाना जायेगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी. सी. दुबे ने बताया कि इंदौर की टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में सागौन, बाँस और संकटापन्न प्रजातियों के पौध तैयारी का कार्य राज्य अनुसंधान विस्तार जबलपुर और इन्स्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट जेनेटिक्स एण्ड ट्री ब्रीडिंग कोयम्बटूर के तकनीकी सहयोग से सफलतापूर्वक किया जा रहा है। वर्ष 2019 से प्रारंभ इस कार्य के लिये देवास वन मंडल के पुंजापुरा परिक्षेत्र के चयनित 2320 उत्कृष्ट सागौन वृक्षों में से पाँच धन वृक्षों का चयन किया गया। इनमें रातातलयी के चार और जोशी बाबा वन समिति का एक सागौन वृक्ष शामिल है। इन वृक्षों की उँचाई लगभग 28 मीटर और चौड़ाई 72 से.मी. है। धन वृक्ष से आशय है बीमारी रहित सर्वोच्च गुणवत्ता वाले वृक्ष। श्री दुबे ने कहा कि जंगलों से सागौन के पेड़ कम होते जा रहे हैं। टिश्यू कल्चर से हजारों प्रमाणित गुणवत्ता वाले पौधे तैयार किये जा सकेंगे और भविष्य में प्रदेश देश की सर्वोत्कृष्ट सागौन लकड़ी का भंडार प्रदेश होगा।
टिश्यू कल्चर पद्धति में विभिन्न चरणों में सागौन पौधा तैयार होता है। चयनित धन वृक्षों की शाखायें लेकर उपचार के बाद पॉलीटनल में रखकर अंकुरित करते हैं। अंकुरण के बाद तीन-चार से.मी. की शूट होने पर उसको एक्सप्लांट के लिये अलग कर लेते हैं। इसके बाद एक्सप्लांट की सतह को एथनॉल आदि से अच्छी तरह साफ कर इसे कीटाणु रहित किया जाता है। तत्पश्चात् स्टरलाइज्ड एक्सप्लांट को सावधानीपूर्वक टेस्ट ट्यूब में ट्रांसफर किया जाता है। टेस्ट ट्यूब में पौधा 25 डिग्री सेल्ससियस + 2 डिग्री सेल्ससियस पर 16 से 8 घंटे की लाइट पर 45 दिनों तक रखा जाता है। लगातार दो हफ्ते की निगरानी और तकनीकी रखरखाव के बाद एक्सप्लांट से नई एपिकल शूट उभर आती हैं। अब इनकी 6 से 8 बार सब कल्चरिंग की जाती है। लगभग 30 से 40 दिनों के बाद 4 से 5 नोड वाली शूट्स प्राप्त होती हैं। जिन्हें फिर से काटकर नये शूटिंग मीडिया में इनोक्यूलेट किया जाती है। इसके बाद शूट को डबल शेड के नीचे पॉलीप्रोपागेटर में 30 से 35 डिग्री तापमान और 100 प्रतिशत आद्रता पर लगाया जाता है। लैब में तैयार पौधे वर्तमान में 15 से.मी. ऊँचे हो चुके हैं। अभी किसानों को बीज से विकसित सागौन पौधे मिलते हैं। जिनकी गुणवत्ता प्रमाणित नहीं होती। निजी पौध-बीज विक्रेता किसानों को मनमाने दाम पर पौधे बेच देते हैं। जिनकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती।
क्रमांक/4489/मई-298/मनोज
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में "जल जीवन मिशन" समिति का पुनर्गठन
जबलपुर, 22 मई, 2020
राज्य शासन ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 'राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन' के अन्तर्गत गठित समिति का मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन समिति का पुनर्गठन किया है समिति द्वारा जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिये जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य में ग्रामीण जलप्रदाय कार्यक्रम के क्रियान्वयन संबंधी कार्य किया जाएगा।
समिति में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सदस्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव महिला एवं बाल विकास, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव नगरीय विकास एवं आवास, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्कूल शिक्षा, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव जल संसाधन, प्रबंध संचालक जल निगम, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव जनसम्पर्क के प्रतिनिधि, जल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय,भारत सरकार के प्रतिनिधि, प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, परियोजना निदेशक, .प्र. जल निगम, तीन विषय विशेषज्ञ (ग्रामीण पेयजल, जन सेवा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, समुदाय विकास आदि से संबंधित), अध्यक्ष की अनुमति से आमंत्रित अन्य विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे।
समिति जल जीवन मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यकतानुसार बैठकों का आयोजन कर सकेगी
क्रमांक/4490/मई-299/मनोज
सी.एम. हेल्पलाइन बनी जरूरतमंदों का बड़ा आसरा
सात लाख से अधिक लोगों को मिली सहायता
जबलपुर, 22 मई, 2020
प्रदेश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 आम नागरिकों और सभी जरूरतमंदों के लिये सबसे बड़ा आसरा बन गया है। इस नम्बर पर अब तक 7 लाख 54 हजार 541 लोगों के फोन करने पर भोजन, राशन, दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई है। सी.एम. हेल्पलाइन किसानों के लिये भी मददगार साबित हो रही है। इस पर अब तक फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की 1234 समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया है।
सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 पर अब तक भोजन संबंधी 6 लाख 9 हजार 555, परिवहन संबंधी 45 हजार 160, दवाइयों संबंधी 37 हजार 777, आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी 18 हजार 748 तथा अन्य प्रकार की 43 हजार 801 समस्याओं की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
क्रमांक/4491/मई-300/मनोज
अशासकीय स्कूलों को मान्यता नवीनकरण के लिये एक वर्ष की छूट
जबलपुर, 22 मई, 2020
राज्य शासन द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के चलते समस्त अशासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को मान्यता के लिये एक वर्ष की छूट दे दी गई है।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एवं 2011 के अन्तर्गत प्रदेश के संचालित ऐसे समस्त अशासकीय प्राथमिक एवं माध्मिक विद्यालयों जिनकी मान्यता 31 मार्च 2020 को समाप्त हो गई है, की मान्यता को 31 मार्च 2021 तक की समयावधि के लिये यथावत मान्य कर दिया गया है।
ऐसी समस्त संस्थाओं को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकारी अधिनियम 2009 एवं 2011 में वर्णित विद्यालय संचालन के लिये आवश्यक मापदंडों एवं शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।
क्रमांक/4492/मई-301/मनोज