संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
चांदनी चौक और गोहलपुर से घर-घर
इन्टेन्सिव हेल्थ सर्वे
शुरू
जबलपुर 06 मई 2020
कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से शहर के संवेदनशील माने जाने वाले चाँदनी चौक और गोहलपुर क्षेत्र में आज बुधवार से इन्टेन्सिव हेल्थ सर्वे प्रारम्भ कर दिया गया है । घर-घर किये जा रहे इस सर्वे में क्षेत्रवासियों से परिवार के प्रत्येक सदस्य के स्वास्थ के बारे में गहन पूछताछ की जा रही है तथा थर्मल स्केनर से लोगों का टेम्परेचर भी लिया जा रहा है । बीमार और हाई रिस्क लोगों की पहचान करने संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी एवं कलेक्टर भरत यादव के निर्देशानुसार प्रारम्भ किये गये इस सर्वे में आयुष औषधियों का वितरण किया जा रहा है । सर्वे कर रहे प्रत्येक दल में कम्युनिटी हेल्थ एवं आयुष चिकित्सकों को भी शामिल किया गया है ।
क्रमांक/4154/मई-62/जैन॥
चॉदनी चौक और सराफा कंटेन्मेंट जोन पर
40 सीसीटीव्ही कैमरों से भी रखी जा रही है नजर
जबलपुर 06 मई 2020
कोरोना वायरस के संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जबलपुर शहर के चॉदनी चौक और सराफा कंटेन्मेंट जोन में लोगों के मूवमेंट को रोकने एवं नियमों का सख्ती से पालन कराने करीब 40 सीसीटीव्ही कैमरों से नजर रखी जा रही है । ये सीसीटीव्ही कैमरे कंटेन्मेंट जोन के प्रवेश मार्गों एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये हैं । इनकी लिंक कंटेन्मेंट जोन के मुख्य प्रवेश मार्ग पर बनाये गये नगर निगम के अस्थाई उप- कार्यालय सहित पुलिस कंट्रोल रूम और एकीकृत कोरोना कण्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराई गई है । जहाँ से इन क्षेत्रों की हर गतिविधि की मॉनिटरिंग की जा रही है और प्रतिबन्धों एवं नियमों के उल्लंघन के मामलों में उचित कार्यवाही भी की जा रही है । सीसीटीव्ही कैमरे के साथ ही दोनों कंटेन्मेंट क्षेत्र में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है । चाँदनी चौक और सराफा कंटेन्मेंट जोन के अलावा कुछ कैमरे निवाडग़ंज मंडी में भी जिला प्रशासन द्वारा लगाये गये हैं ।
क्रमांक/4155/मई-63/जैन॥
78 हजार परिवारों के सवा चार
लाख से
अधिक लोगों को मिला नि:शुल्क
आयुर्वेदिक औषधियों का लाभ
जबलपुर 06 मई 2020
कंटेनमेंट क्षेत्र सहित शहर के गली-मोहल्लों
में घूम-घूम कर शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय एवं महाविद्यालय के चिकित्सकों की टीम द्वारा
वितरित की जा रही रोग प्रतिरोधक औषधियों से अब तक 4 लाख 33 हजार 553 व्यक्तियों सहित
कुल 77 हजार 832 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं।
प्रधानाचार्य डॉ एलएल अहिरवाल ने बताया कि 3
अप्रैल से अब तक कुल 33 दिनों में अब तक अनवरत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक दवाईयों
का वितरण कार्य जारी है। डॉ अहिरवार ने बताया कि अब तक 2 लाख 39 हजार 603 लोगों को
नि:शुल्क आयुर्वेदिक औषधि और एक लाख 93 हजार 950 व्यक्तियों को होम्योपैथिक दवाईयां
बांटी जा चुकी हैं।
औषधि वितरण के इस कार्य में आयुर्वेद महाविद्यालय
से डॉ राकेश सारस्वत, डॉ ओबेद अहमद अंसारी, डॉ मंजुला मिश्रा, डॉ प्रतिभा बघेल, डॉ
मुकेश पाठक, डॉ ज्योति सिंह, डॉ रचना तिवारी, डॉ शुभम् जैन एवं महाविद्यालय की रासेयो
इकाई प्रभारी डॉ पंकज मिश्रा एवं मो. रजा सिद्दीकी तथा स्वयं सेवक संलग्न हैं। इस कार्य
की मानीटरिंग संस्था प्रमुख डॉ एलएल अहिरवाल के निर्देशन में डॉ आरके गुप्ता, डॉ मनोज
सिंह द्वारा की जा रही है।
क्रमांक/4156/मई-64/मनोज॥
कोरोना संक्रमितों और संदिग्ध
मरीजों की मृत्यु पर तय गाइडलाइन के अनुसार
अंतिम संस्कार कराने एसडीएम
अधिकृत
जबलपुर, 06 मई, 2020
जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर भरत यादव ने कोरोना
वायरस के संक्रमण से मृत्यु अथवा संदिग्ध मरीजों की मृत्यु के मामलों में शासन द्वारा
तय गाइडलाइन के मुताबिक अंतिम संस्कार सम्पन्न कराने संबंधित अनुभागों के अनुविभागीय
दंडाधिकारियों को अधिकृत किया है । इस बारे में जारी आदेश के अनुसार अनुविभागीय दंडाधिकारी
अपने क्षेत्र की मृत्यु के मामलों में पुलिस, नगर निगम स्वास्थ्य विभाग एवं मोक्ष संस्था
के श्री आशीष ठाकुर से समन्वय स्थापित कर अंतिम संस्कार सम्पन्न करायेंगे ।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में पुन: स्पष्ट
किया गया है कि हिन्दू धर्म के व्यक्ति की कोरोना के संक्रमण से या संदेहास्पद मृत्यु
हो जाने पर अंतिम संस्कार चौहानी (गढ़ा) श्मशानघाट में किया जायेगा । जबकि ऐसे मामलों में मुस्लिम वर्ग के व्यक्ति का
अंतिम संस्कार सूपाताल कब्रिस्तान में होगा । इसी तरह ईसाई समुदाय के व्यक्ति का कोरोना
से संक्रमित पाये जाने पर या संदेहास्पद मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार क्रिश्चियन सेमेटरी
एन.एच-12 बिलहरी में किया जायेगा ।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोरोना
वायरस से संक्रमित अथवा कोरोना संदिग्ध व्यक्ति की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में
उसके परिजनों की ओर से केवल पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे तथा सामान्य परिस्थितियों
में मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में केवल बीस लोग ही शामिल हो सकेंगे । आदेश के मुताबिक कोविड-19 के पॉजिटिव मरीजों की
मृत्यु होने की स्थिति में डेथ ऑडिट करने की कार्यवाही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
विभाग की गाइडलाइन में दिये गये निर्देशानुसार डीन मेडिकल कॉलेज द्वारा सुनिश्चित की
जायेगी ।
क्रमांक/4157/मई-65/जैन
रेरा प्राधिकरण ने कोरोना महामारी
के मद्देनजर रियल एस्टेट सेक्टर को दी राहत
पंजीकृत परियोजनाओं को दी
6 माह की छूट
रिर्टन जमा की तारीख भी 30
जून तक बढाई
जबलपुर, 06 मई, 2020
म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कोरोना
महामारी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर पर पडे विपरीत प्रभाव को देखते हुए राहत देने का
निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर पंजीकृत परियोजनाओं को पंजीयन अवधि में गत 15 मार्च
से 6 माह की छूट प्रदान की है। साथ ही बिल्डर तथा ऐजेंट को रिर्टन जमा करने की तारीख
भी 30 जून तक बढाई गई है। प्राधिकरण के इस
निर्णय से प्रदेश की पंजीकृत करीब 3000 परियोजनाओं को लाभ मिलेगा। प्राधिकरण का यह
निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर को पुनर्जीवित करने मे भी सहायक होगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गत
19 फरवरी को कोरोना त्रासदी को फोर्स मेज्योर की श्रेणी मे रखा गया है। साथ ही उद्योगो
को इसके प्रभाव से निपटने के लिये अनेक राहत एवं छूट प्रदान की गई है। रिर्जव बैंक
ने भी सभी बैंको को उनके द्वारा प्रदाय निश्चित अवधि के ऋण तथा मासिक ईएमआई के भुगतान
पर भी तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दी है। आवासीय एवं नगरीय विकास मंत्रालय भारत
सरकार के अधिन गठित केन्द्रीय सलाहकार समिति ने भी कोरोना त्रासदी के मद्देनजर प्रोजेक्ट
के पंजीकृत को 6 माह का विस्तार प्रदान करने की अनुंशसा की है। इस संबंध में सम्प्रवर्तकों
की अनेक संस्थाओं ने भी प्राधिकरण को इस संबंध में राहत देने के लिए अभ्यावेदन दिये
गये थे।
कोरोना त्रासदी को देखते हुए रेरा प्राधिकरण ने यह माना
है कि सम्पूर्ण प्रदेश की परियोजनाएं इससे प्रभावित हुई है। प्राधिकरण ने यह निर्णय
लिया है कि जिन परियोजनाओं की पूर्णता गत 15 मार्च और उसके बाद होनी थी उनका पंजीयन,
समाप्ति दिनांक से 6 माह के लिए बढाया जायें। रेरा में जिन परियोजनाओं के पंजीयन में
विस्तार संबंधी आवेदन विचारधीन है उनकी पंजीयन अवधि में 6 माह का अतिरिक्त विस्तार
नि:शुल्क दिया जाये। साथ ही जिनके पंजीयन गत 15 मार्च के पहले समाप्त हो गये थे एवं
जिनके द्वारा अभी तक विस्तार के लिये प्राधिकरण में आवेदन नही किया गया है। ऐसी परियोजनाओं
द्वारा विस्तार चाहे जाने पर उनकी अंतिम वैधता अवधि में भी 6 माह का विस्तार अतिरिक्त
रूप से प्रदान किया जायेगा।
सम्प्रवर्तक
एवं ऐजेंट को जो वैधानिक आवश्यक जानकारियां 31 मार्च या उसके बाद प्रस्तुत करनी थी,
उनकी अंतिम तिथि भी 30 जून तक बढा दी गई है।
इसी प्रकार
विस्तार संबंधी आदेश उन सभी क्रेता-विक्रेता अनुबंधों पर भी लागू होगा जो गत 15 मार्च
के पहले संपादित हुए है पर जिनकी पूर्णता अवधि 15 मार्च के बाद नियत है। ऐसे अनुबंधों
के लिये सहमत निर्माण अवधि में 6 माह का विस्तार मान्य किया जायेगा।
क्रमांक/4158/मई-66/मनोज
सभी यात्री वाहन तथा मालयानों
की होगी चेकिंग
परिवहन आयुक्त श्री मधुकुमार
ने दिए निर्देश
जबलपुर, 06 मई, 2020
परिवहन आयुक्त श्री व्ही. मधुकुमार ने सभी परिवहन अधिकारियों
को यात्री वाहन और मालयानों की चेकिंग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इससे
प्रवासी मजदूरों के अवैध परिवहन एवं मोटरयान अधिनियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर
अंकुश लग सकेगा।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यक
वस्तुओं के निर्बाध परिवहन के लिये प्रदेश में किसी भी मालयान का रोकना निषेध किया
गया था, परंतु कुछ मालयान चालकों/मालिकों द्वारा इस आदेश का दुरूपयोग कर एक राज्य से
दूसरे राज्य के मध्य प्रवासी मजदूरों का अवैध परिवहन करने के साथ ही मजदूरों से किराया
भी वसूल किया जा रहा है। इस संबंध सतना और ग्वालियर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर
वाहन चालकों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन स्थितियों के मद्देनजर वाहनों की चेकिंग
का निर्णय लिया गया है।
श्री
मधुकुमार ने कहा है कि सभी कर्मचारी-अधिकारी मास्क लगाकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते
हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होने कहा है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
भारत सरकार द्वारा जारी वाहनों के दस्तावेजों की वैधता संबंधी एडवायजरी का भी पालन
सुनिश्चित करें।
क्रमांक/4159/मई-67/मनोज
मानसून से पहले बाढ़ संभावित
क्षेत्रों में करें पूरी तैयारी
प्रमुख सचिव राजस्व ने सभी
कमिश्नर और कलेक्टर को दिये निर्देश
जबलपुर, 06 मई, 2020
प्रदेश में जुलाई से सितम्बर माह में मानसून के दौरान
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने के लिये कमिश्नर और
कलेक्टर को प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।
राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा है कि ऐसे
गाँव की संख्या और क्षेत्र जो वर्षाकाल में बाढ़ की दृष्टि से संवेदलशील क्षेत्र है
को चिन्हित किया जाये। इसके साथ ही ऐसी नदियों जिनमें बाढ़ आती है उनकों भी चिन्हित
करें। वह नदिया जो प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बहती हैं उन पर भी ध्यान रखा जाये।
बड़े तालाब और नाले जिनसे बाढ़ आने की संभावना रहती है, उनको भी चिन्हित किया जाये। सभी
बड़े बाँधों की सूची तैयार की जाये और जल संसाधन विभाग से इन बाँधों को बाढ़ और अतिवृष्टि
को ध्यान में रखकर किये गये सुदृढ़ीकरण के कार्य और जिले में बाढ़ आने के मुख्य कारणों
की जानकारी एकत्रित कर शासन को भिजवाएं। जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थित
प्राकृतिक जलाशयों और जल निकास की नालियों की साफ-सफाई, तालाबों से अतिक्रमण हटाने
और तालाब, नालों और बाँधों के तटबंधों का निरीक्षण कर उनका सुदृढ़ीकरण भी किया जाये।
बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में नागरिकों को सूचना
देने के लिये व्यवस्थित प्रणाली बनाई जाये। बाढ़ और अतिवृष्टि के दौरान की जाने वाली
आपातकालीन कार्यवाहियों के लिये जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन दल का गठन करें और जिला स्तरीय
आपदा प्रबंधन समिति की बैठके आयोजित की जाएं। आवश्यक सेवाएँ जैसे ऊर्जा, संचार, सड़क
और पुल आदि के रख-रखाव की स्थिति की समीक्षा की जाये। सभी विभागों से बाढ़ से निपटने
के लिये बनाये गये नोडल अधिकारियों के नाम, पता, दूरभाष, मोबाइल नम्बर, फैक्स और ई-मेल
की जानकारी भी पहले से संकलित की जाए।
बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का आकलन कर क्षेत्रों
में आवश्यक वस्तुएँ दवाइयाँ आदि का पर्याप्त मात्रा में भंडारण सुनिश्चित किया जाये।
इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति में राहत शिविर लगाने की स्थिति पैदा होने पर शिविरों के
लिये स्थान आदि भी पहले से तय करा लें। बाढ़ में राहत और बचाव में काम आने वाले उपकरण,
नाव, मोटर बोट, रबर बोट आदि की तैयारी पहले से रखें। जिले में उपलब्ध मोटर बोट, रबर
बोट आदि उपकरणों का परीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि वह सभी कार्यशील स्थिति में हों।
बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य में जिनकी सेवाएँ ली जाना है उन्हें प्रशिक्षित भी
करें। जिला मुख्यालय पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना करें जो 24 घंटे सक्रिय रहें।
क्रमांक/4160/मई-68/मनोज
राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण
कक्ष बना नागरिकों का मददगार
जबलपुर, 06 मई, 2020
प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के
कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतों, जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिये
विशेष राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) भोपाल के स्मार्ट सिटी सेन्टर में
संचालित किया जा रहा है। राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष को प्राप्त 79 हजार 387 फोनकॉल
में से 72 हजार 564 में त्वरित कार्रवाई कर समाधान किया गया। नियंत्रण कक्ष द्वारा
किये जा रहे सहयोग एवं सहायता से अब तक 05 लाख 52 हजार 817 लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
राज्य-स्तरीय नियंत्रण-कक्ष को राशन, भोजन, आश्रय, चिकित्सा,
परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता एवं सहयोग के लिये प्राप्त होने वाले फोनकॉल को तीन
अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश के वह नागरिक
जो अन्य राज्यों में निवास कर रहे हैं, से प्राप्त 61 हजार 486 फोनकॉल में से 55 हजार
815 का निराकरण किया गया। प्रदेश के अन्दर ही अपने निवास के जिले से बाहर रुके हुए
नागरिकों से प्राप्त 11 हजार 647 फोनकॉल में से 11 हजार 286 को चाहा गया सहयोग प्रदान
किया गया। इसी प्रकार, अन्य राज्यों के मध्यप्रदेश में निवास कर रहे लोगों द्वारा किये
गये 6 हजार 254 फोनकॉल में से 5 हजार 463 में मदद पहुँचाई जा चुकी है।
नियंत्रण कक्ष में चिकित्सा, खाद्य, परिवहन तथा सामाजिक
न्याय आदि विभाग के अधिकारी नियमित रूप से 24×7 उपस्थित हैं। नागरिकों के फोनकॉल पर
प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारी त्वरित कार्रवाई करते हैं। नागरिकों
द्वारा चाहे गये सहयोग अथवा मांग की पूर्ति होने पर निराकृत की गई शिकायतों के संबंध
में उच्च अधिकारियों द्वारा सम्पर्क कर पुष्टि भी की जाती है। भोपाल के राज्य-स्तरीय
कोरोना नियंत्रण कक्ष में आम नागरिक अपनी जरूरतों, शिकायतों और सुझाव के लिए निरंतर
सम्पर्क कर रहे हैं।
क्रमांक/4161/मई-69/मनोज
ई-संजीवनी ओपीडी - घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं
जबलपुर 06 मई 2020
लॉकडाउन के चलते सामान्य लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं लेने में कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में अस्पताल जाने में एक झिझक भी है, व्यवाहारिक रूप से अभी अस्पतालों में भीड लगाना उचित भी नहीं है। पूर्व में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मध्यप्रदेश द्वारा टेलीमेडिसिन के माध्यम से होम क्वेरेण्टाईन लोगों को चिकित्सीय सलाह एवं परामर्श हेतु 51 जिलों में टेलीमेडिसिन सुविधाएं प्रारंभ की थी। इसी क्रम में अन्य बिमारियों के लिये प्रदेश के जिला चिकित्सालय में विश फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से ई संजीवनी ओपीडी प्रारंभ की जा रही है। लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार ई-संजीवनी मे माध्यम से उपलब्ध होंगी।
जैसा कि ई-संजीवनी नाम से स्पष्ट है, यह स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाईन सेवाएं होंगी और इसके लिये मरीज को टेबलेट, लेपटॉप या डेस्कटॉप जिसमें वेब केमरा, स्पीकर, माईक एवं इंटरनेट हो, की आवश्यकता होगी, ताकि वह चिकित्सक से सीधा ऑडियो-विजुअल संवाद स्थापित कर सके। ई-संजीवनी का ओपीडी समय प्रात- 9 बजे से दोपहर एक बजे तक रहेगा।
उक्त उपकरणों की सहायता से मरीज को सर्वप्रथम www.esanjeevaniopd.in पर ‘पेशेंट रजिस्टर’ पर अपने मोबाईल नंबर की सहायता से पंजीकृत कर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी इण्टर करने के पश्चात ‘पेशेंट रजिस्टेशन एवं टोकन जनरेशन’ में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करना होगी। यदि कोई रिपोर्ट/एक्स-रे आदि डाक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहॉ ‘ओके’ करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाईल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है।
एस एम एस के आधार पर प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से ‘लाग-इन’ कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर ‘कॉल नाउ’ विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें। संवाद पूर्ण होने के पश्चात आपको आवश्यकतानुसार दवा की पर्ची का ई-प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त होगा, जिसके आधार पर आप दवाई खरीद सकते हैं।
आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर मरीजों को अस्पताल हेतु रेफर करने की सलाह भी दे सकते हैं। इस प्रकार यह ई-संजीवनी ओपीडी की प्रक्रिया पूर्ण होगी, और लोग घरों से ही स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।
क्रमांक/4162/मई-70/मनोज॥