News.05.05.2020_B


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
श्रम सुधारों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम - 4 केन्द्रीय और 3 राज्य अधिनियमों में संशोधन
लोक सेवा गारंटी अधिनियम में एक दिन में मिलेंगी 18 सेवाएँ
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हुई कार्यवाही
जबलपुर 05 मई 2020
उद्योगों और श्रमिकों के हित में 4 केन्द्रीय और 3 राज्य अधिनियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की जा रही है। इसके साथ ही लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में 18 सेवाओं को एक दिन में देने का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ बैठक में विभिन्न अधिनियमों में प्रस्तावित संशोधनों में बिन्दुवार चर्चा कर कोरोना के बाद उत्पन्न स्थिति में आगामी एक हजार दिनों में उद्योगों को विभिन्न रियायतें देने की जरूरत बताई थी। श्री चौहान ने आज के प्रतिस्पर्धी दौर में निवेश बढ़ाने और श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से श्रम कानूनों में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे।
विभागीय निरीक्षणों से मिलेगी मुक्ति
कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कारखाना अधिनियम 1958 की धारा 6,7,8 धारा 21 से 41 (एच), 59,67,68,79,88 एवं धारा 112 को छोड़कर सभी धाराओं से नवीन उद्योगों को छूट रहेगी। इससे अब उद्योगों को विभागीय निरीक्षणों से मुक्ति मिलेगी। उद्योग अपनी मर्जी से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करा सकेंगे। रजिस्टर के संधारण में छूट मिलेगी। फेक्ट्री इंस्पेक्टर द्वारा जाँच एवं निरीक्षण से मुक्ति मिलेगी। उद्योग अपनी सुविधा में शिफ्टों में परिवर्तन कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 में संशोधन के साथ इस अधिनियम के प्रावधान उद्योगों पर लागू नहीं होंगे। इससे किसी एक यूनियन से समझौते की बाध्यता समाप्त हो जायेगी। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में संशोधन के बाद नवीन स्थापनाओं को एक हजार दिवस तक औद्योगिक विवाद अधिनियम में अनेक प्रावधानों से छूट मिल जायेगी। संस्थान अपनी सुविधानुसार श्रमिकों को सेवा में रख सकेगा। उद्योगों द्वारा की गयी कार्यवाही के संबंध में श्रम विभाग एवं श्रम न्यायालय का हस्तक्षेप बंद हो जायेगा।
मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम 1961 में संशोधन के बाद 100 श्रमिक तक नियोजित करने वाले कारखानों को अधिनियम के प्रावधानों से छूट मिल जायेगी। इससे श्रमिक निष्ठापूर्वक उत्पादन में सहयोग करेंगे। मध्यप्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1982 के अंतर्गत जारी किये जाने वाले अध्यादेश के बाद सभी नवीन स्थापित कारखानों को आगामी एक हजार दिवस के लिये मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल को प्रतिवर्ष प्रति श्रमिक 80 रूपये के अभिदाय के प्रदाय से छूट मिल जायेगी। इसके साथ ही वार्षिक रिटर्न से भी छूट मिलेगी।
लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में 18 सेवाएँ एक दिन में
लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत जारी अधिसूचना के अनुसार श्रम विभाग की 18 सेवाओं को पहले तीस दिन में देने का प्रावधान था। अब इन सेवाओं को एक दिन में देने का प्रावधान किया गया है। कारखाना अधिनियम 1948, दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958, ठेका श्रम अधिनियम 1970, अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979, मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम 1961, मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 और बीड़ी एवं सिगार कामगार (नियोजन की शर्ते) अधिनियम 1966 में पंजीयन के लिये ऑनलाइन आवेदन करने पर एक दिन में ही ऑनलाइन पंजीयन मिल जाएगा। इससे पंजीयन के लिये बेवजह कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी।
दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 में संशोधन के बाद कोई भी दुकान एवं स्थापना सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुली रह सकेगी। इससे दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को भी राहत मिलेगी। पचास से कम श्रमिकों को नियोजित करने वाले स्थापनाओं में श्रम आयुक्त की अनुमति के बाद ही निरीक्षण किया जा सकेगा। निरीक्षण में पारदर्शिता होगी। कारखानों को दो रिटर्न के स्थान पर एक ही रिटर्न भरना पड़ेगा।
ठेका श्रमिक अधिनियम 1970 में संशोधन के बाद ठेकेदारों को 20 के स्थान पर 50 श्रमिक नियोजित करने पर ही पंजीयन की बाध्यता होगी। 50 से कम श्रमिक नियोजित करने वाले ठेकेदार बिना पंजीयन के कार्य कर सकेंगे। इस अधिनियम में संशोधन के लिये प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
कारखाने की परिभाषा में संशोधन
कारखाना अधिनियम के अंतर्गत कारखाने की परिभाषा में विद्युत शक्ति के साथ 10 के स्थान पर 20 श्रमिक और बगैर विद्युत के 20 के स्थान पर 40 श्रमिक किया गया है। इस संशोधन का प्रस्ताव भी केन्द्र शासन को भेजा गया है। इससे छोटे उद्योगों को कारखाना अधिनियम के पंजीयन से मुक्ति मिलेगी। इसके पूर्व 13 केन्द्रीय एवं 4 राज्य कानूनों में आवश्यक श्रम संशोधन किये जा चुके हैं।
क्रमांक/4151/मई-59/मनोज॥

प्रदेशवासियों को लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित

पाँच करोड़ से ज्यादा लोगों को दिया गया खाद्यान्न

जबलपुर 05 मई 2020
मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के लॉकडाउन के चलते कोई भी व्यक्ति भूखा सोए इसलिए सरकार ने गरीबों को नि:शुल्क राशन उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कार्य किया हे। अब तक विभिन्न श्रेणी के 5 करोड़ 75 लाख 92 हजार हितग्राहियों को 5 लाख 692 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बिना पात्रता पर्ची वाले 32 लाख लोगों को उचित मूल्य की दुकानों से एक माह का राशन (चार किलो गेहूँ तथा एक किलो चावल प्रति व्यक्ति) नि:शुल्क प्रदान किया गया। साथ ही, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये संचालित उचित मूल्य दुकानें 12 घंटे खोलने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के सभी जिलों में आटा चक्की, फ्लोर मिल निश्चित समयावधि में खोलने की अनुमति दी गयी है।
ग्राम पंचायतें भी करा रही हैं भोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश पर प्रदेश की 22 हजार 812 ग्राम पंचायतों ने 8 लाख 70 हजार श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराया गया। ग्राम पंचायतों द्वारा प्रदेश में प्रतिदिन 37 से 38 हजार जरूरतमंद परिवारों को भोजन कराया जा रहा है। इस संकट काल में 60 लाख से अधिक हितग्राहियों को आँगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर 'रेडी-टू-ईट' पूरक पोषण आहार प्रदान कर रही हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में दीनदयाल रसोई द्वारा लाखों जरूरतमंद लोगों को दोनों समय का भोजन वितरित किया जा रहा है।
आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश
राज्य शासन ने आवश्यक वस्तुओं के व्यापारियों को चिन्हित वस्तुओं की सामान्य उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। आवश्यक वस्तुओं में 30 जून 2020 तक मास्क और हैण्ड सेनिटाइजर भी शामिल किये गये। साथ ही इनकी उपलब्धता एवं कीमतों की नियमित समीक्षा और निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की है। इन वस्तुओं की जमाखोरी की शिकायत सीएम हेल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर 181 पर की जा सकती है।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में फूड प्रोडक्ट्स (अनाज, फल एवं सब्जी) के परिवहन को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए छूट दी गयी। प्रदेश में अति-आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में लगे वाहनों को पुलिस द्वारा नहीं रोके जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। यदि पुलिस ऐसे वाहनों को रोकती है तो वाहन चालक राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के नम्बर 100 पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकता है। यह सुविधा 24x7 उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री ने बड़ी मंडियों को विकेन्दीकृत कर किसानों से फल एवं सब्जियाँ खरीदी करने के निर्देश दिये हैं ताकि आमजन को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध होती रहे। इन्दौर, भोपाल, उज्जैन आदि शहरों को जोन में बांट कर छोटे वाहनों से आवश्यक सामग्री घर-घर पहुँचाने की व्यवस्था की गयी है।
लाखों लोगों को उपलब्ध कराया पका हुआ भोजन
बेघर, बेसहारा तथा अन्यत्र रुके लोगों से नि:शुल्क पका हुआ भोजन प्राप्त करने के लिये टोल फ्री 1800233297 स्थापित किया गया। इस भोजन राहत हेल्पलाइन तथा 181 पर फोन कॉल के आधार पर 81 लाख 76 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों को पका भोजन तथा राशन सामग्री पहुँचायी गयी। उचित मूल्य पर दाल प्रदाय करने तथा उज्जवला योजना कनेक्शन धारकों को एक अप्रैल से तीन माह तक नि:शुल्क गैस सिलेण्डर प्रदान किये जा रहे हैं।
राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम
प्रदेश के निवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं और समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिये राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम स्मार्ट सिटी कार्यालय भोपाल में स्थापित किया गया है। यह कंट्रोल रूम 24x7 काम करता है। टोल फ्री नम्बर 181/104 के अलावा व्हाट्सअप मेसेजिंग नम्बर 8989011180 पर भी नागरिकों ने आवश्यकताओं और समस्याओं को भेजा, जिनका त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया गया। इसकी मॉनीटरिंग प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन की जाती है।
क्रमांक/4152/मई-60/मनोज॥