संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
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अस्पतालों में शुरू की जाये फीवर क्लीनिक
स्वास्थ्य
सुविधाओं को सुचारू बनाने निजी अस्पताल संचालकों की कलेक्टर ने ली बैठक
जबलपुर, 08 मई, 2020
कलेक्टर भरत यादव ने
शहर के निजी
अस्पतालों में भी फीवर
क्लीनिक प्रारम्भ करने का सुझाव
देते हुए कहा
है कि अस्पताल संचालकों से कहा है कि इनमें
आये मरीजों का
डेटा स्वास्थ्य विभाग
से भी साझा
करें ताकि हर
जरूरी सावधानी बरती
जा सके और
सस्पेक्टेड मामलों में सेम्पल
लेकर कोरोना का
टेस्ट कराया जा
सके । श्री
यादव ने यह
बात आज शुक्रवार को
कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में
आयोजित निजी अस्पतालों के
संचालक तथा नर्सिंग होम
एसोशिएशन एवं आईएमए के
पदाधिकारियों के साथ आयोजित
बैठक में कही
।
कलेक्टर ने बैठक में
कहा कि प्रशासन के
सामने कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ स्थितियों को
तेजी से सामान्य बनाने
की चुनौती भी
है । इसके मद्देनजर प्रशासन ने
शासन द्वारा तय
गाइड लाइन के
मुताबिक जिले में कई
आर्थिक गतिविधियों को
प्रारम्भ करने की अनुमति
भी प्रदान की
है । उन्होंने कहा
कि प्रशासन
अब शासकीय अस्पतालों के
साथ-साथ निजी
अस्पताल एवं क्लीनिक में भी
लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधायें सुचारू रूप
से मिले इस पर भी विशेष ध्यान दे रहा है । श्री यादव ने कहा कि निजी अस्पतालों में
ओपीडी और मरीजों की देखभाल के साथ
रुकी हुई सर्जरी
भी प्रारम्भ हो इस दिशा
में भी अस्पतालों के संचालकों को रुचि
लेनी होगी ।
यदि किसी केस
में कोरोना टेस्ट
कराने की आवश्यकता है
तो प्रशासन सेम्पल
की परीक्षण रिपोर्ट तत्काल
उपलब्ध कराने की
व्यवस्था भी करेगा ताकि
सर्जरी के इंतजार
में पीड़ित को
ज्यादा कष्ट न
झेलना पड़े । हालांकि बैठक में साफ किया गया कि निजी
अस्पतालों में इलाज या सर्जरी के लिए आने वाले हर मरीज का कोविड टेस्ट कराना
अनिवार्य नहीं है । यह चिकित्सकों को लक्षणों के आधार पर तय करना है कि
कोविड टेस्ट कराया जाये या नहीं । कलेक्टर ने इस मौके पर निजी अस्पताल
संचालकों से कोरोना संक्रमण को रोकने के जिला प्रशासन को दिये गये सहयोग के लिए
आभार जताते हुए अपेक्षा भी की कि वे अपने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का मरीजों
के हित में सभी जरूरी एहतियात बरतने के साथ बेहतर इस्तेमाल करेंगे ।
श्री
यादव ने इस
अवसर पर आईएमए,
नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं
निजी अस्पतालों के
संचालकों को कोरोना वायरस
के संक्रमण से
सर्वाधिक प्रभावित शहर के चांदनी
चौक, गोहलपुर एवं
सराफा क्षेत्र में
कराये गये इंटेंसिव हेल्थ
सर्वे की जानकारी भी
दी । उन्होंने बताया
कि सर्वे में
सामने आये हाईरिस्क व्यक्तियों के
स्वास्थ पर विशेष ध्यान
दिया जा रहा है ।
कलेक्टर ने बताया कि
चांदनी चौक के
ऐसे हाईरिस्क और
बीमार व्यक्ति
को जिनके घर
पर सुविधा उपलब्ध
नहीं है, उनके
क्वारेन्टीन के लिये प्रशासन द्वारा
अलग से स्थान
चिन्हित किये गये हैं
। रमजान के
पवित्र त्योहार को
देखते हुए साफ-सफाई, प्रकाश और
पेयजल के बेहतर
व्यवस्थाएं भी इन चिन्हित स्थानों पर
की गई हैं
। उन्होंने अस्पताल संचालकों से
कहा कि ऐसे लोगों
को क्वारेन्टीन सेंटर
जाने के लिए तैयार करने में
भी प्रशासन का सहयोग करें
।
बैठक
में निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार ने शासन-प्रशासन
की मंशा के मुताबिक आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने में निजी
अस्पतालों की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया । उन्होंने निजी अस्पताल
संचालकों से भी कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जब उन्हें आगे बढ़कर पीड़ित लोगों की सेवा
करने की जिम्मेदारी संभालनी होगी । उन्होंने अस्पताल संचालकों से निर्भीक और निडर
होकर अपने दायित्वों का निर्वाह करने का आव्हान भी किया । डॉ. जामदार ने निजी
अस्पतालों में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के उपाय संबंधी फ्लैक्स लगाने
के सुझाव भी बैठक में दिये ।
बैठक
में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा,
विक्टोरिया अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आर.के. चौधरी, डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ. पवन
स्थापक, डॉ. प्रदीप दुबे, डॉ. अमरेन्द्र पांडे, डॉ. संगीता श्रीवास्तव तथा आईएमए
के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे ।
क्रमांक/4184/मई-92/जैन
उच्च न्यायालय और जिला
न्यायालय के न्यायाधीशगणों-अधिकारियों,
कर्मचारियों द्वारा कोरोना-19 के लिए
तीन करोड़ 53 लाख रूपए की मदद
मुख्य न्यायाधीश ने दिए 50 हजार रूपए
जबलपुर 08 मई 2020
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और पीड़ितों को राहत के लिए
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा प्रधानमंत्री और
मुख्यमंत्री राहत कोष में अभी तक कुल तीन करोड़ 53 लाख 53 हजार रूपए का योगदान दिया
है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री अजय कुमार मित्तल ने 50 हजार रूपए और
उच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश ने 25 हजार रूपए आर्थिक सहायता राशि प्रदान
की है।
उच्च
न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और अन्य रजिस्ट्री अधिकारियों तथा सभी जिला न्यायाधीश
स्तर के न्यायाधीशगणों द्वारा प्रत्येक ने 15 हजार रूपए, व्यवहार न्यायाधीश स्तर
के प्रत्येक अधिकारी ने 10 हजार रूपए और न्यायालयों के प्रत्येक कर्मचारी द्वारा
पांच-पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता स्वेच्छा से कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम
तथा पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदान की गई है।
क्रमांक/4185/मई-93/खरे॥
अभिभावकों
को एकमुश्त फीस अदायगी के लिए बाध्य नहीं कर सकेगी निजी शैक्षणिक संस्थायें
जबलपुर, 08 मई, 2020
निजी
शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा बच्चों के अभिभावकों पर फीस जमा करने दबाव डालने की मिल रही
शिकायतों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. नेमा ने स्पष्ट किया है कि शासन के
निर्देशानुसार जो अभिभावक शैक्षणिक सत्र वर्ष 2019-20 की बकाया शुल्क जमा नहीं कर
पाये हैं वो यह शुल्क 30 जून तक जमा कर सकेंगे लेकिन उनपर विलंब शुल्क प्रभारित
नहीं किया जा सकेगा।
जिला
शिक्षा अधिकाकरी के मुताबिक निजी शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र
2020-21 के लिए भी आगामी आदेश तक शुल्क वृद्धि नहीं की जा सकेगी । इसके अलावा
अभिभावकों को फीस की एकमुश्त अदायगी के लिए भी बाध्य नहीं किया जा सकेगा ।
निजी विद्यालय अभिभावकों की सुविधानुसार मासिक रूप से अथवा न्यूनतम चार
किश्तों में फीस ले सकेंगे । फीस जमा न कर पाने के कारण निजी विद्यार्थी का नाम
विद्यालय से नहीं काटा जायेगा।
जिला
शिक्षा अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन अशासकीय विद्यालयों द्वारा वर्तमान
में ऑनलाइन अध्यापन गतिविधियां प्रारंभ की गई हैं वे इसके लिए भी कोई अतिरिक्त फीस
प्रभारित नहीं कर सकेंगे । स्कूल प्रबंधन को विद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक
एवं गैर शैक्षणिक स्टॉफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान भी करना होगा ।
जिला शिक्षा अधिकारी ने शासन के इन सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के
निर्देश निजी शैक्षणिक संस्थाओं को दिये हैं ।
क्रमांक/4186/मई-94/जैन
सी.एम. हेल्पलाइन से करीब 6 लाख लोगों को मिली राहत
जबलपुर 08 मई 2020
प्रदेश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 आम नागरिकों और सभी जरूरतमंदों के लिये सबसे बड़ा आसरा केन्द्र बन गया है। इस नम्बर पर अब तक 5 लाख 90 हजार 587 लोगों के फोन करने पर भोजन, राशन, दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की राहत उपलब्ध कराई गई है। सी.एम. हेल्पलाइन किसानों के लिये भी मददगार साबित हो रही है। इस पर अब तक किसानों की फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की 1030 समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया है।
सी.एम. हेल्पलाइन नम्बर 181 पर अब तक भोजन संबंधी 4 लाख 79 हजार 259, परिवहन संबंधी 33 हजार 044, दवाइयों संबंधी 31 हजार 255, आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी 15 हजार 686 तथा अन्य प्रकार की 31 हजार 343 समस्याओं की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
क्रमांक/4187/मई-95/मनोज॥