News.27.11.2019_A


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
प्रभारी मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह 29 की रात जबलपुर आयेंगे
जबलपुर, 27 नवंबर, 2019
      प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह का शुक्रवार 29 नवंबर की रात 8 बजे कटनी जिले के बउ़वारा से कार द्वारा जबलपुर आगमन होगा । प्रभारी मंत्री श्री सिंह जबलपुर प्रवास के दौरान शनिवार 30 नवंबर को जिला योजना समिति की बैठक तथा मझौली विकासखण्ड के ग्राम दिनारी खम्हरिया में आपकी सरकार आपके द्वार योजना के तहत आयोजित शिविर सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे ।
क्रमांक/2283/नवम्बर-276/जैन

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री घनघोरिया का आगमन 29 को
जबलपुर, 27 नवंबर, 2019
      प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया रीवा और सतना जिले के प्रवास से शुक्रवार 29 नवंबर की शाम 6.45 बजे वाराणसी-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस द्वारा सतना से जबलपुर आयेंगे ।
क्रमांक/2284/नवम्बर-277/जैन

पटवारी परीक्षा-2017 के चयनित अभ्यर्थियों की पांचवीं काउंसलिंग 5 दिसंबर को
जबलपुर, 27 नवंबर, 2019
      पटवारी भर्ती परीक्षा-2017 के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की पांचवीं काउंसलिंग 5 दिसंबर 2019 को प्रात: 11 बजे से अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय जबलपुर के कक्ष क्रमांक-87 में निर्धारित की गयी है ।  काउंसलिंग के लिये अभ्यर्थियों को स्नातक उपाधि की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जारी डिग्री, आयु संबंधी प्रमाण पत्र 10वीं कक्षा की अंक सूची, मूल निवास प्रमाण पत्र, नि:शक्तता प्रमाण पत्र, भूतपूर्व सैनिक होने का प्रमाण पत्र, निर्धारित प्रारूप में नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा ।  शपथ पत्र का प्रारूप सी.एल.आर. वेबसाइट landrecords.mp.gov.in पर उपलब्ध है ।
क्रमांक/2285/नवम्बर-278/खरे


खाद-बीज दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण
चार विक्रेताओं को नोटिस
जबलपुर 27 नवंबर 2019
      किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने चलाए जा रहे "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" के तहत आज बुधवार को कृषि विभाग के अमले ने शहर की खाद-बीज एवं कीटनाशक के विक्रय प्रतिष्ठानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान प्रतिष्ठानों में अनियमितताएं पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किये गये ।
      उप संचालक कृषि डॉ. एस.के. निगम के मुताबिक बुधवार को अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्रीमती प्रतिभा गौर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बीएस नामदेव एवं ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी जीपी बिल्थरे द्वारा बल्देवबाग स्थित ग्रीन टेक, कुशवाहा बीज भण्डार, प्रताप बीज भण्डार एवं जयदेवी फर्टिलाइजर्स का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठानों में बीज लाइसेंस संबंधी अनियमितताओं के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। चारों प्रतिष्ठानों को तीन दिवस के अंदर नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिये गये हैं तथा जवाब संतोषजनक नहीं होने पर लायसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी गई है ।
      उप संचालक किसान कल्याण ने जबलपुर जिले में आज शुद्ध के लिये युद्ध को सफल बनाने के लिये किसानों से अपील की है कि पीओएस मशीन से ही उर्वरक लें व कीटनाशक दवा के पक्के बिल भी विक्रेताओं से लें ।
क्रमांक/2286/नवम्बर-279/जैन॥

सहायिका पद की अंतिम सूची जारी
जबलपुर 27 नवंबर 2019
      एकीकृत बाल विकास परियोजना क्रमांक एक के अंतर्गत इंदिरा गांधी वार्ड में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पद की पूर्ति हेतु अंतिम चयन सूची जारी कर दी गई है। अंतिम सूची का अवलोकन परियोजना कार्यालय में किया जा सकता है।
क्रमांक/2287/नवम्बर-280/जैन॥

किसानों को बिजली देने की समय सारणी तय करेंगे प्रभारी मंत्री - ऊर्जा मंत्री श्री सिंह
जबलपुर, 27 नवंबर, 2019
किसानों को रबी सीजन में 10 घण्टे बिजली देने की समय-सारणी जिले के प्रभारी मंत्री योजना समिति की बैठक में तय करेंगे। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि प्रभारी मंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि योजना समिति की बैठक में विद्युत प्रदाय के घंटों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा है कि समीक्षा के बाद जिले में किसानों की आवश्यकतानुसार उन्हे 10 घंटे निरंतर अथवा 6 घंटे तथा 4 घंटे की समय सारणी निर्धारित करने के लिए संबंधित अधीक्षण यंत्री को निर्देशित करें। श्री सिंह ने कहा है कि अधीक्षण यंत्रियों को निर्देशानुसार समय-सारणी लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि किसानों को 10 घण्टे बिजली देने के लिए विभाग कृत संकल्पित है। उन्होंने बताया है कि वर्तमान में कृषि कार्य के लिए 2 समय-सारणी में बिजली दी जा रही है। प्रथम समय-सारणी के अनुसार किसानों को 24 घण्टे में 6 घण्टे और 4 घण्टे की अवधि के लिए बिजली दी जाती है। इस समय को प्रति सप्ताह बदल दिया जाता है। दूसरी समय-सारणी में किसानों को 24 घण्टे में निरन्तर 10 घंटे बिजली दी जाती है। इसका भी समय प्रति सप्ताह परिवर्तित कर दिया जाता है।
क्रमांक/2288/नवम्बर-281/जैन

ऑगनवाड़ी के बाल शिक्षा केन्द्र में हो रही नौनिहालों की प्री-प्रायमरी पढ़ाई की तैयारी

जबलपुर, 27 नवंबर, 2019
महिला-बाल विकास विभाग ने प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड के एक ऑगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 313 ऑगनवाड़ी केन्द्र में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किये गये हैं। इन बाल शिक्षा केन्द्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के नौनिहालों को प्री-प्रायमरी शिक्षा की तैयारी कराई जा रही है।
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखरेख और शिक्षा के संबंध में रेग्युलेटरी दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे हैं। इसके माध्यम से शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों के समुचित विकास के लिए संचालित की जा रही प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी और मूल्यांकन किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाये जा रहे हैं।
पाठ्यक्रम निर्धारण
ऑगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक आयु के बच्चों के लिए 19 विषयों का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंग और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन, सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में बच्चों के लिए आयु समूह के अनुसार तीन एक्टीविटी वर्कबुक तैयार की गई हैं। बच्चों के विकास की निगरानी के लिए शिशु विकास कार्ड भी बनाए गए हैं।
ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश
बाल शिक्षा केन्द्र में ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए साल भर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक और साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसमें बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं। ऑगनवाड़ी छोडते समय बच्चों को प्रमाण-पत्र और प्रतिवर्ष पी.एस..किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड़ से प्रशिक्षित स्टेट रिर्सोस ग्रुप के द्वारा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनके द्वारा पर्यवेक्षकों को 'हेण्डस ऑन' प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑगनवाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं को भी पर्यवेक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
खेल-खेल में शिक्षा
ऑगनवाड़ी शिक्षा केन्द्र में खेल-खेल में बच्चों के शारिरीक और मानसिक विकास के लिए दैनिक गतिविधियाँ निर्धारित की गई हैं। इसमें क्रियात्मक और रचनात्मक खेल, नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चे अपने मन से अकेले कुछ खेल खेलना चाहते हैं, उसे भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियाँ कराई जाती हैं। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे का समय शाला-पूर्व शिक्षा के लिए निर्धारित है। बच्चों को एक गतिविधि के लिए 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है क्योंकि 3 से 6 वर्ष तक की उम्र के बच्चे एक गतिविधि पर इससे अधिक समय तक ध्यान नहीं दे पाते।
कक्ष व्यवस्था
बच्चों को आकर्षित करने के लिए ऑगनवाड़ी शिक्षा केन्द्र में रंग बिरंगी साज-सज्जा की गई है। कक्ष में दीवारों पर चार्ट, पोस्टर्स और कटआऊट आदि लगाए गए हैं। कक्ष की दीवारों पर बच्चों के द्वारा बनाई गई सामग्री का प्रदर्शन भी किया गया है। बड़े समूह की गतिविधियों के लिए कक्ष के एक कोने में मंच की व्यवस्था की गई है, जहां बच्चे पुस्तक पढ़कर सुनाते हैं, गाना गाते हैं, कविताएं और कहानियाँ सुनाते हैं। बाल शिक्षा केन्द्र के कक्ष के अन्दर का वातावरण छोटे बच्चों की रूचि एवं विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग कोने जैसे गुडिया घर का कोना, संगीत का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना, बिल्डिंग ब्लॉक से खेलने का कोना, शिल्पकला का कोना और कहानियों का कोना आदि बनाए गए हैं।
बाहरी वातावरण
बच्चों की माँसपेशियों के विकास के लिए खेलकूल और भागदौड़ जैसी शारीरिक गतिविधियाँ आवश्यक होती हैं। ऑगनवाड़ी केन्द्रों के बाल शिक्षा केन्द्र में प्रत्येक दिन एक विशेष समय के अंतराल में बच्चों को बाहरी खेल जैसे चढ़ने-उतरने वाले खेल, शारीरिक हलचल, झूले, फिसल पट्टी और संतुलन वाले खेल खिलाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, बगीचे में गड्ढा खोदना, पौधा लगाना, बागवानी आदि के खेल भी खिलाए जाते हैं।
क्रमांक/2289/नवम्बर-282/जैन