News.15.11.2019_B


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार

संघर्ष, कुर्बानी और त्याग के प्रतीक थे आदिवासी नायक बिरसा मुंडा
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में संबोधन
जबलपुर 15 नवंबर 2019
      मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि आदिवासी नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री बिरसा मुंडा संघर्ष, कुर्बानी और त्याग के प्रतीक थे। वे कम उम्र में ही अपने सद्कर्मों से भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गए। श्री कमल नाथ आज बिरसा मुंडा जयंती पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा ने कम उम्र में ही अपने समाज के उत्थान और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष की राह को चुना था। उन्होने गुलामी के दौर में अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। देश को आजाद कराने के लिये अंग्रेजों के खिलाफ हुए आंदोलन में बिरसा मुण्डा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी नायक बिरसा मुण्डा ने अपने विचार और संघर्ष से आदिवासी समाज को नई दिशा और दृष्टि प्रदान की। श्री कमल नाथ ने कहा कि समाज और देश के लिए जो विचार बिरसा मुंडा के हैं, उन्हे आज युवाओं को समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता है।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर पूर्व मंत्री श्री चंद्रप्रभाष शेखर, पूर्व विधायक श्री भूपेन्द्र जैन एवं श्री रामनिवास रावत तथा श्री राजीव सिंह उपस्थित थे।
क्रमांक/2162/नवम्बर-155/जैन

प्रकृति की सुखद अनुभूति का प्रतीक है अनुभूति लोगो
अखिल भारतीय प्रतियोगिता के बाद मुम्बई के श्री वंशीलाल का लोगो हुआ फाईनल
जबलपुर 15 नवंबर 2019
      प्रदेश में वन, वन्य-प्राणी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं प्रशिक्षण का वृहद अभियान ''अनुभूति कार्यक्रम'' एक संस्थागत रूप ले चुका है। लगभग 2 लाख 25 हजार विद्यार्थी इसमें भाग लेकर अपने क्षेत्र में वनदूत की भूमिका निभा रहे हैं। इसको मद्देनजर रखते हुए वन विभाग ने कार्यक्रम के लिये अलग से लोगो की आवश्यकता महसूस की। मध्यप्रदेश इको-पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित लोगो प्रतियोगिता में 77 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। उच्च-स्तरीय समिति द्वारा मूल्यांकन के बाद मुम्बई निवासी श्री वंशीलाल केतकी का डिजाईन, लोगो के लिये चुना गया।
इस लोगो में एक छात्रा हंसती हुई मुद्रा में दिखाई गई है, जो प्रकृति की सुखद ''अनुभूति'' का प्रतीक है। छात्रा के बालों में थलचर के रूप में हाथी और जलचर के रूप में मछली तथा गले के पास नभचर के रूप में पक्षी दर्शाया गया है। छात्रा की चोटी में टाईगर पगमार्क प्रदर्शित है, जो मध्यप्रदेश के टाईगर स्टेट होने के साथ पर्यावरण में बाघ की शीर्ष महत्ता को दर्शाता है। पत्तियों के रूप में बनाये गये हाथ, वनों को प्रदर्शित करते है। हाथों के नीचे कार्यक्रम के समन्वयक ईको पर्यटन विकास बोर्ड का लोगो है जो जल, भूमि और आकाश का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्यों के आस-पास रहने वाले बच्चों को वन और वन्य-प्राणी की पृथ्वी पर जीवन की महत्ता समझाने और इनके प्रति प्रत्यक्ष अनुभूति से एक लगाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा कक्षा 7वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिये ईको कैम्प लगाये जा रहे हैं। 15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक होने वाले इन कैम्प में विभिन्न कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं होती हैं। स्कूली बच्चों और शिक्षकों द्वारा इसे बेहद पसन्द किया जा रहा है। इससे देश के प्रशिक्षित भावी नागरिक विश्व में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बीच एक सुखद आस बन कर निकले हैं।
अनुभूति कार्यक्रम में इस वर्ष 1.11 लाख बच्चे
ईको पर्यटन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि इस वर्ष 15 दिसम्बर 2019 से 15 जनवरी 2020 के मध्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें 1 लाख 11 हजार विद्यार्थी भाग लेंगे। अनुभूति कार्यक्रम में स्थानीय जन-प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी काफी रूचि लेते हैं। बोर्ड द्वारा दिव्यांग बच्चों के जंगल कैम्प के लिये विशेष व्यवस्था की जाती है। ये बच्चे स्पर्श, सूंघने और दृश्य-श्रवण के माध्यम से केवल एन्जॉए करते हैं बल्कि जंगल का बारीकी से अध्ययन भी करते हैं।
क्रमांक/2163/नवम्बर-156/जैन

सभी राज्यों को आवश्यकतानुसार अपनी खेल नीति बनाने की स्वतंत्रता दी जाएं
खेल मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मंत्री श्री जीतू पटवारी का आग्रह
जबलपुर 15 नवंबर 2019
      खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्यों को उनकी अपनी आवश्यकतानुसार नीति बनाये जाने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खेल अधोसंरचना के लिए राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता के मापदंड भी सब के लिये एक जैसे नहीं होने चाहिए। श्री पटवारी ने आज नई दिल्ली में राज्यों के खेल एवं युवा कल्याण मंत्रियों के सम्मेलन में यह विचार व्यक्त किये। केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री किरण रिजिजू ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। 
मंत्री श्री पटवारी ने केन्द्र सरकार से खेलों के लिए बजट बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि खेलों के लिए उपलब्ध बजट आवश्यकता की 10 प्रतिशत पूर्ति भी नहीं करता है। उन्होंने कहा कि बजट और सकारात्मक मानसिकता से ही पूरा वातावरण बनता है, जिससे कि अनुकूल नतीजे भी प्राप्त होते हैं। श्री पटवारी ने प्रत्येक राज्य में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने और खेलों का व्यवसायीकरण करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। खिलाड़ियों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण को अनिवार्य किये जाने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों का भविष्य और नौकरी सुरक्षित होने से वे खेल को अपना व्यवसाय बना सकते हैं। श्री पटवारी ने नेशनल गेम्स का बैकलॉग खत्म करने और चार साल के स्थान पर दो साल में राष्ट्रीय खेल कराने की नीति बनाने का सुझाव दिया। साथ ही, निजी सहभागिता से खेलों को बढ़ावा देने और कॉर्पोरेट सोशल रिन्सपोन्सबिलिटी (CSR) 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की मांग की। 
मध्यप्रदेश में खेलों के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मंत्री श्री जीतू पटवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश की खेल नीति देश के प्रथम तीन राज्यों में गिनी जाती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से मध्यप्रदेश में ओलम्पिक खेलों की शुरूआत की गई है। इसके अलावा, प्रदेश की शूटिंग और घुड़सवारी अकादमी देश में पहले स्थान पर है। देश की हॉकी टीम में 30 प्रतिशत भागीदारी मध्यप्रदेश की है।
क्रमांक/2164/नवम्बर-157/जैन