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अयोध्या प्रकरण पर आने वाले फैसले के मद्देनजर
धर्मगुरूओं ने शहरवासियों से की शांति और सद्भाव रखने
की अपील
जबलपुर, 07 नवंबर, 2019
अयोध्या प्रकरण
पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसले के मद्देनजर आज प्रशासन द्वारा सर्किट हाऊस
में आयोजित सभी समुदायों के धर्मगुरूओं की संयुक्त बैठक में साधु संतों ने जिले में
शांति सद्भाव और आपसी भाईचारा बनाये रखने की शहर और जिले के नागरिकों से की है । बैठक
में हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी और अन्य सभी समुदायों के मौजूद धर्मगुरूओं ने कहा
कि अयोध्या प्रकरण पर आने वाले फैसले को किसी पक्ष की जीत या हार के तौर पर देखने की
बजाय इसे एक समस्या के समाधान के रूप में देखा जाना चाहिए । धर्मगुरूओं ने जबलपुर की
सांप्रदायिक सद्भाव की विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि संस्कारधानी के नाम से पहचाने
जाने वाले इस शहर और जिले के नागरिक फैसला चाहे जिसके पक्ष में भी आये उसका स्वागत
करेंगे तथा आपसी सद्भाव एवं भाईचारा बनाये रखकर एक नई मिसाल प्रदेश और देश में प्रस्तुत
करेंगे ।
बैठक में मौजूद
हिन्दू समाज के साधु संतों का नेतृत्व जगतगुरू डॉक्टर स्वामी श्यामा देवाचार्य जी महाराज
और मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरूओं का नेतृत्व मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना हामिद
अहमद सिद्दीकी कर रहे थे । ईसाई समाज की ओर
से बिशप पी.सी. सिंह एवं बोहरा समाज की ओर से आमिल कुरैश जमाली भी बैठक में मौजूद थे
।
बैठक के प्रारंभ
में कलेक्टर श्री भरत यादव ने सभी संप्रदायों के धर्मगुरूओं का स्वागत किया और उनसे
अयोध्या प्रकरण पर आने वाले फैसले के मद्देनजर जिले में कानून व्यवथा बनाये रखने में
प्रशासन एवं जिले के नागरिकों का मार्गदर्शन करने का आग्रह किया । इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह ने भी
धर्मगुरूओं को जिले में कानून व्यवस्था और शांति बनाये रखने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं
की जानकारी दी ।
बैठक को संबोधित
करते हुए जगतगुरू स्वामी श्याम देवाचार्य ने जबलपुर की गौरवशाली परंपराओं का उल्लेख
करते हुए कहा कि अयोध्या प्रकरण पर कोई भी फैसला आये इस शहर और जिले पर कोई प्रभाव
नहीं पड़ने वाला । उन्होंने कहा कि सर्वोच्च
न्यायालय का फैसला एक वर्षों पुरानी समस्या का समाधान प्रस्तुत करने जा रहा है और इसे
इसी स्वरूप में नागरिक स्वीकार भी करेंगे । स्वामी श्याम देवाचार्य ने सभी समुदायों
खासतौर पर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के नागरिकों से अनुरोध किया है कि इसे वे किसी
की जीत या किसी की हार के रूप में न देखें । उन्होंने कहा कि कोई भी पक्ष न तो खुशियों
का सार्वजनिक रूप से इजहार करें न ही विरोध करने सड़कों पर उतरें । एक दूसरे पक्ष की
भावनायें आहत करने वाले कोई कदम न उठायें । स्वामी जी ने सभी समुदायों के धार्मिक संगठनों
से अपील की कि वे फैसला आने पर विजय जुलूस, पटाखे चलाने, नारेबाजी जैसी गतिविधियां
भी न करें । उन्होंने कहा कि यह शहर सबका है
और सभी संप्रदायों के लोगों को मिलजुलकर रहना है । कोई भी संगठन कोई ऐसा काम न करे जिससे शहर का माहौल
खराब करने की कोशिश करने वाले फायदा उठा सकें।
जतगुरू स्वामी
श्याम देवाचार्य ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से भी कहा कि वे अशांति फैलाने
की कोशिश करने वाले तत्वों एवं अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटे । उन्होंने जिले
में कानून व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन को हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया ।
मुफ्ती-ए-आजम
मध्यप्रदेश मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में मुस्लिम समुदाय
के लोगों को मुल्क की तरक्की और बेहतरी के लिए काम करने का पैगाम दिया । उन्होंने कहा कि अयोध्या प्रकरण में आने वाले सर्वोच्च
न्यायालय का फैसला न किसी पक्ष की जीत होगी न किसी की हार बल्कि यह न्याय की और देश
की जीत होगी । मुफ्ती-ए-आजम ने कहा कि सुप्रीम
कोर्ट का फैसला सभी को स्वीकार करना होगा ।
यह फैसला देश की तकदीर नहीं बदल सकता देश की एकता में सबका भरोसा है और देश
की बेहतरी सभी समुदायों के लिए सर्वोपरि रहेगी ।
उन्होंने सभी समुदाय के नागरिकों से कहा कि आने वाले फैसले को न अपनी जीत समझें
न अपनी हार । मुफ्ती-ए-आजम ने कहा कि हम देश के साथ हैं देश की तरक्की और अमन के लिए
मिलजुलकर काम करने की हमारी विचारधारा है । यह सोच कभी बदल भी नहीं सकती ।
बैठक में महामण्डलेश्वर
स्वामी अखिलेश्वरानंद ने भी अपने विचार रखे । उन्होंने नागरिकों से फैसला आने के बाद
अनुशासन में रहने संयम बरतने तथा हर्ष और बिषाद को समान रूप में स्वीकार करने का आग्रह
किया । स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि फैसले को सभी को स्वीकार करना होगा इसमें जय
और पराजय जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए । उन्होंने सभी संप्रदाय के नागरिकों से अफवाहों
से दूर रहने का आग्रह भी किया ।
बैठक को बिशप
पी.सी. सिंह तथा बोहरा समाज के धर्मगुरू आमिल कुरैश जमाली ने भी संबोधित किया और शहर
के नागरिकों से अमन चैन, आपसी भाईचारा बनाये रखकर देश की तरक्की के लिए काम करने की
अपील की । दोनों धर्मगुरूओं ने कहा कि संस्कारधानी
के नाते जबलपुर के नागरिकों में एक दूसरे के धर्मों के प्रति जो सम्मान की भावना है
वह कहीं और नहीं मिलेगी । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी नागरिकों से स्वीकार
करने का आग्रह किया ।
धर्मगुरूओं
की इस बैठक में ब्रम्हचारी स्वामी चेतन्यानंद जी महाराज, दंडी स्वामी कालिकानंद जी
महाराज, स्वामी मुकुंददास जी महाराज, नायब मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना मुशाहिद
रजा कादरी, मौलाना चांद कादरी भी मौजूद थे । इस मौके पर प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ
अधिकारी तथा श्री मुकेश राठौर, कदीर सोनी, ताहिर अली, प्रहलाद श्रीवास्तव, मनीष चार्ल्स
भी मौजूद थे । बैठक का संचालन श्री शरद काबरा
ने किया । बैठक के बाद सभी संप्रदायों के धर्मगुरूओं
ने एकजुटता का परिचय देते हुए एक दूसरे का हाथ पकड़कर ग्रुप फोटो भी खिंचवाया तथा नागरिकों
को आपसी सद्भाव बनाये रखने का संदेश दिया ।
क्रमांक/2077/नवंबर-70/जैन