संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय
जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव
के आज के कार्यक्रम
जबलपुर, 30 दिसंबर, 2019
प्रदेश के पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री
लाखन सिंह यादव अपने जबलपुर प्रवास के दूसरे दिन कल मंगलवार 31 दिसंबर की सुबह 11 बजे
शहपुरा विकासखंड के नीमखेड़ा में कामधेनु गौशाला का लोकार्पण करेंगे । श्री यादव दोपहर
12 बजे बरगी जलाशय में मत्स्य पालन गतिविधियों का निरीक्षण करेंगे और मछुआ कल्याण तथा
मत्स्य विकास विभाग के संभागीय अधिकारियों की बैठक लेंगे । श्री यादव मंगलवार को ही
रात्रि 11.50 बजे ओवर नाईट एक्सप्रेस द्वारा भोपाल प्रस्थान करेंगे ।
क्रमांक/2631/दिसंबर-299/जैन
युवाओं से रहवासीय प्रशिक्षण
के लिए 10 जनवरी तक आवेदन आमंत्रित
जबलपुर 30 दिसंबर 2019
केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय एवं नाबार्ड
की सहभागिता से प्रशिक्षण सह अनुदान योजना अंतर्गत एग्रीकल्चर विषय से हायर सेकेन्डरी
अथवा उच्च शिक्षित युवाओं से 45 दिवसीय निःशुल्क रहवासीय प्रशिक्षण के लिए 10 जनवरी
तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा
यह प्रशिक्षण सेडमैप भोपाल में 20 जनवरी से संचालित किया जाएगा। प्रशिक्षण हेतु हितग्राहियों
का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जायेगा।
नोडल अधिकारी उद्यमिता विकास केन्द्र भोपाल शरद मिश्रा
के मुताबिक योजनांतर्गत कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, एग्री क्लीनिक, कस्टम
हायरिंग, पॉली हाउस, पशुपालन, पोल्ट्री इत्यादि व्यवसाय स्थापना या स्टार्ट अप पर प्रशिक्षण
पश्चात् अधिकतम 20 लाख रूपये ऋण एवं नाबार्ड पुनर्वित्तपोषण के माध्यम से 36 से 44
प्रतिशत तक अनुदान की पात्रता रहेगी। नये दिशा-निर्देशानुसार
वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान तथा रसायन विज्ञान विषय से बी.एस.सी उत्तीर्ण युवा
भी आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी हेतु नोडल अधिकारी उद्यमिता विकास केन्द्र भोपाल
से दूरभाष क्रमांक 0755-2575256 अथवा मोबाईल नं 7703020302 पर भी संपर्क किया जा सकता
है।
क्रमांक/2632/दिसंबर-300/जैन॥
मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने किया कृषि विवि का भ्रमण
जबलपुर 30 दिसंबर 2019
प्रदेश
के पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने आज जबलपुर
प्रवास के दौरान जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय पहुंचकर यहां चल रहे अनुसंधान कार्यों
का निरीक्षण किया। श्री यादव ने इस मौके विवि में हो रहे अनुसंधान कार्यों की प्रशंसा
करते हुये कहा कि अनुसंधान कार्यों को वास्तविक रूप से कृषकों तक पहुंचाना
सुनिश्चित किया जाए जिससे खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सके। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय
में इन अनुसंधान कार्यों के साथ पशुपालन व मत्स्य विभाग से समन्वय बनाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर कुलपति डॉं. प्रदीप कुमार बिसेन, संयुक्त संचालक कृषि श्री नेताम, अधिष्ठाता
कृषि संकाय डॉ. धीरेन्द्र खरे, कुलसचिव श्री अशोक कुमार इंगले, संचालक अनुसंधान सेवायें
डॉ. पी.के. मिश्रा, संचालक प्रक्षेत्र डॉ. दीप पहलवान व वेटनरी विवि के प्रक्षेत्र
प्रबंधक डॉं. जे.के. भारद्वाज उपस्थित रहे।
क्रमांक/2633/दिसंबर-301/जैन॥
समय-सीमा प्रकरणों की समीक्षा
बैठक में
नगरीय निकायों के वार्डों के
आरक्षण की कार्यवाही के लिए
जरूरी तैयारी करने के निर्देश
जबलपुर, 30 दिसंबर,
2019
कलेक्टर श्री
भरत यादव ने
जिले के सभी
नगरीय निकायों के
वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही के लिए
जरूरी तैयारियाँ प्रारम्भ करने
के निर्देश दिये
है । आज
सोमवार को समय
सीमा प्रकरणों की
साप्ताहिक समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते
हुए श्री यादव
ने कहा कि
राज्य शासन द्वारा
जनवरी माह के
अंत तक नगरीय
निकायों के वार्डों के
आरक्षण की कार्यवाही पूरी
करने के
निर्देश दिये गये हैं ।
उन्होंने बताया कि इस
बारे में एक
जनवरी को जिले के
सभी नगरीय निकायों के
अधिकारियों की बैठक भी
बुलाई गई है ।
कलेक्टर ने आने वाले
बर्ष में जिले
में खोली जाने
वालों 60 नई गौशालाओं के
लिए भूमि चिन्हित करने
के निर्देश राजस्व
अधिकारियों को दिए ।
बैठक में पीडीएस
सर्वे में खासतौर
पर जबलपुर शहरी
क्षेत्र में तेजी लाने
पर जोर दिया
गया । श्री
यादव ने इस
बारे में नगर
निगम के अधिकारियों को
ज्यादा ध्यान के
निर्देश दिए हैं ।
कलेक्टर ने धान खरीदी
केन्द्रों पर बारदानों की
उपलब्धता की समीक्षा भी की
। उन्होंने किसानों की
मेपिंग सम्बन्धी सभी
आवेदनों का शीघ्रनिराकरण करने
की हिदायत अधिकारियों को
दी ।
श्री
यादव ने सहायक आयुक्त
आदिवासी विकास सहित ऐसे
सभी अधिकारियों का
एक दिन का
वेतन काटने की
कार्यवाही के निर्देश दिये
जो बैठक से
बिना सूचना के
अनुपस्थित हैं । बैठक
में सी एम
हेल्पलाईन, सीएम मॉनिट तथा
आपकी सरकार आपके
द्वार योजना के
तहत प्राप्त आवेदनों एवं
शिकायतों के निराकरण की
स्थिति की समीक्षा भी
की गई ।
शहर के सभी
प्रमुख चौराहों के
लेफ्ट टर्न को
फ्री करने की
कार्यवाही के निर्देश भी बैठक में दिए गए
। शहर की
सफाई व्यवस्था पर
भी बैठक में
चर्चा की गई
और नगर निगम
की ओर से
स्वच्छता सर्वेक्षण -2020 पर पॉवर प्वॉइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया
गया । बैठक में
अपर कलेक्टर संदीप
जी आर, अपर
कलेक्टर व्ही पी द्विवेदी, अपर
आयुक्त नगर निगम
रोहित कौशल भी
मौजूद थे ।
क्रमांक/2634/दिसंबर-302/जैन
राज्य शहरी आजीविका
मिशन से 2298 हितग्राहियों को मिला रोजगार
जबलपुर, 30 दिसंबर, 2019
राज्य शहरी आजीविका मिशन योजना में वर्ष 2019 में 5 हजार 316 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 2298 हितग्राहियों को रोजगार/ स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया। योजना 110 शहरों में क्रियान्वित
की जा रही है। इस योजना मे प्रशिक्षण के लिए सीपेट, इंडो-जर्मन टूल और निजी औद्योगिक संस्थानों से अनुबंध किये गए हैं। स्व-रोजगार कार्यक्रम के अन्तर्गत इस वर्ष 517 हितग्राहियों को 6 करोड़ 28 लाख रूपये ऋण दिया गया है।
शहरी पत्र-विक्रेता सदस्यता योजना में इस वर्ष एक लाख 24 हजार 799 पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण कर परिचय-पत्र वितरित किये गए। पथ-विक्रेताओं की सुविधा के लिए एक करोड़ 33 लाख की लागत से हाकर्स कार्नर का निर्माण करवाया गया।
योजना में जिला मुख्यालयों और एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 55 नगरीय निकायों में 133 आश्रम स्थल संचालित किये जा रहे हैं। इनमें आश्रयहीन व्यक्तियों को नि:शुल्क आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी जाती है।
क्रमांक/2635/दिसंबर-303/जैन
विशेष लेख
2019- विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों का वर्ष
जबलपुर, 30 दिसंबर, 2019
मध्यप्रदेश के लोकोन्मुखी प्रशासनिक इतिहास में नि:संदेह, वर्ष 2019 विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों तथा सार्थक आयोजनों के वर्ष के रूप में याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में श्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली नई सरकार ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का अपना पहला साहसिक निर्णय लिया। नतीजतन, लगभग 20 लाख किसानों को अब तक राहत मिली और बाकी को राहत मिलना जारी है। यह एक बहुप्रतीक्षित निर्णय था। किसानों द्वारा की गई आत्म-हत्याओं के लिए मुख्य रूप से ऋणग्रस्तता और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों की विफलता जैसे कारण बताए गए थे। प्रासंगिक राजस्व कानूनों के तहत किसानों को सामान्य प्रावधानों से अलग हटकर राहत की जरूरत महसूस की जा रही थी।
सरकार ने तुरंत कृषि ऋणों को माफ करने का अपना पहला आदेश जारी कर अपने पहले वादे का सम्मान किया। खाली हो चुके सरकारी खजाने को देखते हुए निर्णय पर प्रारंभिक रूप से संदेह व्यक्त किया गया। यह प्रभावशाली शुरुआत थी। इसके बाद विवेकपूर्ण फैसलों की एक श्रृंखला-सी बन गई। शासन को मज़बूती देना और नई चुनौतियों का सामना कर समाधान निकालना आवश्यक था। वर्ष के अंत तक यह स्पष्ट हो गया कि पहले की सरकार की घोषणाओं और प्रयासों के लिए बजटीय प्रावधान ही नहीं किए गए थे।
जनजातीय बहुल क्षेत्रों में गैरकानूनी रूप से साहूकारी का प्रचलन हमेशा एक समस्या रही है। छोटी-छोटी रकम की जरूरतों के लिए जनजातीय परिवारों को अनौपचारिक रूप से काम कर रहे साहूकारों पर निर्भर रहना होता है और वे तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं। कई वर्षों तक कर्ज़ से दबे रहते हैं। कर्ज में डूबे ऐसे आदिवासी परिवारों के पक्ष में दूसरे साहसिक निर्णय ने काफी हलचल पैदा की। जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा ब्याज दर पर उधार देने की साहूकारी प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य को लेकर इसकी व्यापक रूप से सराहना की गई। परिणामस्वरूप, कई आदिवासी परिवार साहूकारों की ऋणग्रस्तता के चक्र से बाहर आ गए।
अर्थ-व्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में अच्छे फैसले और रणनीतिक प्रयास देखे गए। मध्यप्रदेश को आदिवासी कलाओं की विरासत के संरक्षण का विशेषाधिकार पहले ही मिला है। जाने-माने कलाकार स्वर्गीय जनगढ़ सिंह श्याम ने मध्यप्रदेश को दुनिया भर में आदिवासी कला के केन्द्र के रूप में पहचान दिलाई थी। हाल ही में भज्जू सिंह श्याम को गोंड चित्रों की परंपरा को समृद्ध बनाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। गोंड चित्रकला की विशिष्ट परंपरा और शैली को आगे बढ़ाने के लिए कई गोंड जनजातीय चित्रकार स्व-प्रेरणा से आगे आ रहे हैं। गोंडी बोली में प्राथमिक कक्षाओं के लिए पठन सामग्री को गोंड जनजाति समुदाय के छात्रों के लिए तैयार करने के निर्णय को सराहना मिली। दुनिया भर में देशज लोगों की लुप्तप्राय हो रही बोलियों और भाषाओं के मद्देनजर यह निर्णय महत्वपूर्ण हो जाता है। भाषाई पहचान के संकट के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इनकी रक्षा तभी हो सकती है, जब इन्हें ज्यादा से ज्यादा बोला और पढ़ा जाए। इसी तरह, 2019 को गोंड कला वर्ष घोषित किया गया।
बिना देखभाल के घूम रहे गो-वंशीय पशुओं के लिए गौ-शाला निर्माण के राज्य सरकार के एक और महत्वपूर्ण निर्णय ने देशव्यापी ध्यान आकर्षित किया है। गहन समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि अनाथ पशुओं के लिए कोई सरकारी स्वामित्व वाली या संचालित गौ-शाला नहीं है। ऐसे पशु यातायात के लिए खतरा बन रहे हैं, साथ ही खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुँचा रहे हैं। इस निर्णय के तुरंत बाद, कई लोग गौ-शाला बनाने के लिए भूमि और सामग्री दान करने की सरकार की घोषणा के समर्थन में सामने आए। कुछ औद्योगिक घराने इस उद्देश्य के लिए अपने सीएसआर फंड देने की पेशकश कर रहे हैं। कुमार मंगलम बिड़ला ने उच्च तकनीकी युक्त गौ-शालाओं के निर्माण की घोषणा की।
इस वर्ष अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब तबके के लोगों के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण करके लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी की गई। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले वास्तव में आम आदमी के सबसे बड़े दुश्मन हैं। मिलावट-मुक्त भोजन का उपयोग करने के बारे में दुनिया में लोगों में चेतना बढ़ रही है। दुनिया भर में सरकारें लोक स्वास्थ्य के प्रति चेतना और साक्षरता बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। मध्यप्रदेश जैसे राज्य लोक स्वास्थ्य को खतरे में डालकर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की अनुमति के लिए कभी तैयार नहीं हो सकते। हाल ही में, मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ एक सतत अभियान चलाने का दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय लिया गया। इस अभियान को खुले मन से लोगों का समर्थन मिल रहा है।
इसी वर्ष रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइड-लाइन दर को 20 प्रतिशत तक कम करने की रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई। सबसे उत्साहजनक उपलब्धि मध्यप्रदेश को तब मिली, जब टाइगर राज्य का दर्जा दोबारा हासिल हुआ। इसका श्रेय नि:संदेह रणनीतिक वन्य-जीव संरक्षण प्रयासों और राष्ट्रीय उद्यानों के कुशल प्रबंधन को जाता है। इंदौर में मैग्नीफिसेन्ट मध्यप्रदेश, छिंदवाड़ा में कॉर्न फेस्टिवल और भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेले जैसे आयोजनों की काफी चर्चा रही।
वर्षांत में सरकार ने अपना 'विजन-टू-डिलीवरी'' रोडमैप 2020-25 बनाया। इसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया। डॉ. सिहं ने आर्थिक प्रगति तेज करने की सोच और प्रयासों की स्पष्टता के लिए राज्य सरकार की सराहना की। एक वर्ष के कम समय में 365 वादे पूरे हुए।
अवनीश सोमकुंवर
क्रमांक/2636/दिसंबर-304/जैन!!