News.19.12.2019_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
हर गतिविधियों पर रखें सतर्क नजर
कलेक्टर-एसपी ने ली एसडीएम एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों की बैठक
जबलपुर, 19 दिसंबर, 2019
      नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर जिले की कानून व्यवस्था प्रभावित न हो इसके मद्देनजर आज गुरूवार को कलेक्टर श्री भरत यादव ने सभी एसडीएम और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की बैठक लेकर इन अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र का लगातार भ्रमण करने और हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिये हैं ।  कलेक्टर के सभाकक्ष में संपन्न हुई इस बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित एवं अपर कलेक्टर व्ही.पी. द्विवेदी भी मौजूद थे ।
      कलेक्टर ने बैठक में एसडीएम एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों को अपने सूचना तंत्र को मजबूत बनाने, लोगों से निरंतर संपर्क में रहने तथा किसी भी प्रकार की आशंका होने पर तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना देने के निर्देश दिये । श्री यादव ने अधिकारियों से टीम वर्क और आपस में बेहतर समन्वय बनाये रखकर कार्य करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के आये फैसले के बाद जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने में जो सक्रियता उनके द्वारा दिखाई गई थी, आने वाले कुछ दिनों में भी उन्हें उसी तरह अपने दायित्वों का अंजाम देना होगा ।
कलेक्टर ने जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने धारा 144 के तहत लगाये गये प्रतिबंधात्मक आदेश का अपने-अपने क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ।  उन्होंने बताया कि प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत सतर्कता के बतौर जबलपुर शहर के कुछ क्षेत्रों में सभी प्रकार के आयोजनों पर रोक लगा दी गई है । नागरिकों को इससे भी अवगत कराया जाना चाहिए ।
      कलेक्टर ने बैठक में सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि व्हाट्स अप, फेसबुक तथा सोशल मीडिया के अन्य सभी माध्यमों पर नागरिक संशोधन अधिनियम एवं एनआरसी को लेकर की जाने वाली प्रत्येक भ्रामक पोस्ट को संज्ञान में लें इसकी सूचना फौरन पुलिस के सायबर सेल को दें तथा दोषियों पर तत्काल कार्यवाही भी करें ।
      पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह ने भी एसडीएम एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों को नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया पर उत्तेजक टिप्पणी और भ्रामक प्रचार करने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों से कहा कि उन्हें सजग रहकर प्रत्येक गतिविधि को गंभीरता से लेना होगा । धारा 144 के तहत लगाये गये प्रतिबंधों से पी ए सिस्टम के जरिए लोगों को लगातार अवगत कराते रहना होगा तथा शहर और जिले की फिजां खराब न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम भी उठाने होंगे । उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था बनाये रखने पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया जायेगा ।  संवेदनशील क्षेत्रों में फिक्स पिकेटिंग भी तैनात की जायेगी। पुलिस अधीक्षक ने शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी अधिकारियों से आपस में बेहतर समन्वय बनाये रखकर काम करने का आग्रह भी किया ।
क्रमांक/2534/दिसंबर-202/जैन

सोशल मीडिया पर नजर रखने टीम गठित
जबलपुर, 19 दिसंबर, 2019
      जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर श्री भरत यादव ने नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार-प्रसार को रोकने निगरानी दल का गठन किया है ।
      कलेक्टर ने निगरानी दल में जिला सूचना अधिकारी आशीष शुक्ल, ई-गवर्नेंस प्रबंधक चित्रांशु त्रिपाठी, प्रबंधक लोकसेवा केन्द्र शुभांगी शुक्ला, सहायक प्रबंधक लोकसेवा केन्द्र आशीष गुप्ता तथा सहायक प्रबंधक ई-गवर्नेंस अभिषेक बाकोडे, ओमप्रकाश पड़राम एवं अजय चक्रवर्ती को इस दल में शामिल हैं ।
      सोशल मीडिया पर निगरानी रखने गठित यह दल व्हाट्स अप, फेसबुक ट्विटर, वेबसाइट्स एवं सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर डाली जाने वाली आपत्तिजनक पोस्ट, कमेंट्स, लाईक, चित्रों एवं संदेशों पर नजर रखेगा तथा इस प्रकार के मैसेज पर तत्काल कार्यवाही कर पुलिस कंट्रोल रूम के सायबर सेल को आगे की कार्यवाही के लिए सूचित करेगा ।
क्रमांक/2535/दिसंबर-203/जैन  

कलेक्टर-एसपी ने की मुफ्ती-ए-आजम से भेंट
जबलपुर, 19 दिसंबर, 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव एवं पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह ने आज मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश डॉ. मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी से उनके निवास पर जाकर सौजन्य भेंट की । इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके, श्री कदीर सोनी एवं श्री ताहिर खान भी मौजूद थे ।
क्रमांक/2536/दिसंबर-204/जैन

अवैध रूप से भण्डारित रेत तथा पत्थरों का परिवहन करते हुए दो डम्पर जप्त
जबलपुर 19 दिसंबर 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव के निर्देश पर अवैध उत्खनन पर सख्ती से लगाम लगाने आज गुरूवार को खनिज विभाग के अमले ने भेडाघाट थाना अंतर्गत ग्राम कूड़न में अवैध रूप से भंडारित लगभग 10 डम्पर रेत तथा एक खाली डम्पर जप्त किया गया। एक अन्य कार्यवाही में बरगी हिल्स के पास पत्थरों का परिवहन करते हुए भी एक डम्पर को जप्त किया गया है।
अपर कलेक्टर संदीप जीआर ने बताया कि पुष्पराज उर्फ शेखर ठाकुर निवासी कूड़न के घर के पास रेत का स्टॉक लगा था तथा एक खाली डम्पर क्रमांक MP-20-HB-9199 भी खड़ा था। इस पर खनिज विभाग के अमले ने कार्यवाही करते हुए डम्पर की जप्ती बनाकर भेडाघाट थाने में खड़ा कराया गया है। इसी प्रकार बरगी हिल्स के आईटी पार्क में बिना अनुमति के ब्लास्टिंग कर पत्थर का खनन कर परिवहन करते हुए 1 डम्फर MP-09-HH-1799 जप्त कर तिलवारा थाना में खड़ा कराया गया है।
क्रमांक/2537/दिसंबर-205/जैन

विशेष लेख

ग्रामीण अंचलों में "हर घर नल से जल" योजना का प्रभावी क्रियान्वयन

जबलपुर, 19 दिसंबर, 2019
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की लगभग 98 फीसदी पेयजल व्यवस्था भू-जल स्त्रोतों पर आधारित है। विगत कई वर्ष से भू-जल स्तर में हो रही निरंतर गिरावट को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए पिछले एक साल में सतही जल स्त्रोतों पर आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं को प्राथमिकता दी है। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में 'हर घर नल से जल'' योजना लागू कर दी गई है। अब ग्रामीण माता-बहनों को पानी के लिये नदी, तालाब, कुआँ, बावड़ी के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है।
नई पेयजल नीति में छोटे और दूर-दराज के गाँवों को प्राथमिकता दी गयी है। इन गाँवों में नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नीति को सरल बनाया गया है। जिन बसाहटों में गर्मी के मौसम में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाता है, उनमें नये हैण्डपम्प लगाए जायेंगे। पहले किसी भी बसाहट के 500 मीटर के दायरे में न्यूनतम एक शासकीय पेयजल स्त्रोत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जगह नई पेयजल नीति में न्यूनतम 300 मीटर के दायरे में कम से कम एक शासकीय पेयजल स्त्रोत उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। हैण्डपम्प स्थापना में ग्रामों के चयन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल ग्रामों को प्राथमिकता दी जा रही है। अब गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या से त्रस्त रहने वाले बड़े गाँवों के साथ छोटे गाँव भी नल-जल योजना के क्रियान्वयन से लाभान्वित हो सकेंगे।
मध्यप्रदेश 'राइट टू वाटर' एक्ट बनाने वाला पहला प्रदेश
राज्य सरकार ने विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में 'राइट-टू-वाटर ' एक्ट का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। विधानसभा के आगामी बजट सत्र में यह एक्ट पारित करवाकर लागू कर दिया जाएगा। इस एक्ट के लागू होने पर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहाँ लोगों को पानी का कानूनी अधिकार मिलेगा। इस कानून को लागू करने के लिये बजट में एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। यह एक्ट सरकारी कानून होकर 'जनता का कानून' होगा। इसमें जन भागीदारी सुनिश्चित करते हुए जल- संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों को बड़े अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जायेगा। इस कानून से प्रदेश के सभी जल-स्त्रोतों, नदियों, तालाबों और परम्परागत जल-स्त्रोतों कुएँ-बावड़ी आदि को संरक्षित कर स्थायित्व दिया जायेगा। राज्य सरकार ने प्रत्येक परिवार को उसकी आवश्यकता के अनुरूप जल उपलब्ध करवाने से निश्चय का ही परिणाम है पानी का कानूनी अधिकार।
हर घर पहुँचेगा नल से जल
ग्रामीण अंचलों में हर घर तक नल से जल पहुँचाने के लिये 68 हजार करोड़ रूपये की विस्तृत कार्य- योजना बनाई गई है। अभी तक 19 समूह जल योजनाएँ पूर्ण कर 802 गाँवों की लगभग साढ़े 11 लाख से अधिक जनसंख्या को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा जल-प्रदाय शुरू कर दिया गया है। रूपये 6672 करोड़ की लागत की 39 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जो अगले दो साल में पूरा हो जाएगा। इससे 6091 गाँवों की लगभग 64 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। प्रदेश के 14 हजार 510 गाँव की एक करोड़ आबादी को पेयजल सुलभ कराने के लिये 22 हजार 484 करोड़ रूपये की 45 समूह जल-प्रदाय योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है।
ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने हुए स्थायी कार्य
पिछले एक साल में ग्रामीण अंचल में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के सघन प्रयास किए गए हैं। इतने कम समय में ग्रामीण अंचल में 6 हजार से ज्यादा हैण्डपम्प स्थापित किये गए, 600 से अधिक नवीन नल-जल योजनाओं के कार्य पूरे कर पेयजल प्रदाय प्रारंभ कराया गया और 6700 से अधिक सिंगल फेस मोटर पम्प स्थापित किये गये हैं। पूर्ववर्ती सरकार के समय की लगभग तीन हजार नल-जल योजनाओं को भी पुन: चालू करवाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े 3 लाख 12 हजार हैण्डपम्पों को सुधार कर चालू करवाया गया। साथ ही, साढ़े तीन लाख मीटर राइजर पाइप बढ़ाकर अथवा आवश्यकतानुसार बदलकर 65 हजार हैण्डपम्पों को चालू स्थिति में लाया गया है।
बेहतर प्लानिंग के लिये आईआईटी से अनुबंध
पेयजल प्रदाय योजनाओं की बेहतर प्लानिंग के लिये आईआईटी दिल्ली से अनुबंध किया गया है। पेयजल उपलब्धता लिये न्यू डेवलपमेंट बैंक से 4500 करोड़ की योजनाओं की वित्तीय सहायता प्राप्त हो गई है। जायका से नीमच तथा मंदसौर जिले के सभी गॉंव और रतलाम जिले के आलोट विकासखण्ड के 1735 गाँवों में समूह पेयजल योजना के लिये वित्तीय सहायता प्राप्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
वचन-पत्र- कारगर पहल
अपने वचन-पत्र में किये गये वायदों के अनुरूप ग्रामीण, आदिवासी अंचलों में शुद्ध पेयजल के नियमित प्रदाय तथा उनके रख-रखाव की स्थाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिकायत निवारण की भी सक्रिय व्यवस्था लागू की जा रही है। जल निगम का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। लगभग 27 हजार करोड़ रूपये लागत की समूह जल प्रदाय परियोजनाएँ प्रक्रियाधीन हैं। इनके क्रियान्वयन के लिए जाइका, एडीबी, एनडीबी सिक्योरिटाइज्ड माइनिंग फंड और पीपीसी से वित्तीय व्यवस्था की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। नई जल योजनाओं के निर्माण की गुणवत्ता एवं उन्हें समय-सीमा के भीतर पूर्ण कराने के लिए शीर्ष स्तर पर नियमित मानिटरिंग की जा रही है। नर्मदा एवं अन्य बारहमासी नदियों के 50 कि.मी. के दायरे की बसाहटों के लिए जल निगम और विभाग द्वारा चिन्हित क्षेत्रों में साध्यता के आधार पर पेयजल योजनाएँ तैयार की जा रही हैं। विभाग में ठेकेदारी व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा रहा है।
जल-गुणवत्ता में मिली पहली रैंक
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रयोगशालाओं में जल-गुणवत्ता की जाँच के लिए निर्धारित 14 मानदण्डों में मध्यप्रदेश को प्रथम रैंकिंग मिली है। प्रदेश को आईएस 10500-2012 के तहत पहला स्थान दिया गया है।  प्रदेश की मुरैना, गुना, ग्वालियर, भिण्ड, शाजापुर, मंदसौर, पन्ना, मण्डला और सागर जिले सहित मुख्यालय की प्रयोगशालाओं ने प्रथम दस में स्थान हासिल किया है।
संविदा कर्मचारियों के हितार्थ लिए गए निर्णय
प्रदेश में जल सहायता संगठन के अंतर्गत वर्ष 2013 से कार्यरत 500 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित कराने के उददेश्य से राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस) में खाते खुलवाए जा रहे हैं। इसमें 10 प्रतिशत अंशदान संविदा कर्मचारी देंगे और 10 प्रतिशत विभाग द्वारा दिया जाएगा।
नवाचार
मैप आई.टी के माध्यम से विभागीय कार्यों के अनुबंधों के अनुश्रवण के लिए ऑनलाईन साफ्टवेयर बनाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। स्थापित नल-जल योजनाओं के संचालन के अनुश्रवण और संबंधित ग्राम पंचायतों की संचालन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल तैयार कराया जा रहा है। नल-जल योजनाओं में विद्युत खपत की रियल टाइम मानिटरिंग के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। जल निगम में -टेण्डरिंग व्यवस्था को पारदर्शी बनाते हुए सुदृढ किया गया है। प्रदेश की एक लाख 28 हजार 231 ग्रामीण बसाहटों में निरंतर पेयजल सुनिश्चित करने के सार्थक प्रयासों के परिणाम मिलने लगे हैं।
ऋषभ जैन
विशेष लेख

वायु सेवाओं को मिली नई उड़ान

जबलपुर, 19 दिसंबर, 2019
राज्य सरकार ने अपने वचन-पत्र में प्रदेश में वायु सेवाओं का विस्तार करने का वादा किया था। वादे के मुताबिक राज्य सरकार पहले साल ही भोपाल और इंदौर विमानतल को 'कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट'' घोषित कराने में सफल रही। वर्ष 2019 में इंदौर से विस्तारा एयरलाइंस और ट्रू-जेट एयरलाइन द्वारा हवाई उड़ानें शुरू की गईं। इन एयरलाइंस द्वारा दिल्ली-अहमदाबाद-हैदराबाद के लिये अतिरिक्त उड़ान सेवा इंदौर को मिली।
भोपाल से वर्ष 2019 में इंडिगो एयरलाइंस और स्पाइस जेट एयरलाईन ने उड़ान सेवा शुरू की। इसमें इंडिगो एयरलाइंस द्वारा भोपाल से हैदराबाद, दिल्ली, मुम्बई और बैंगलुरू की सेवाएँ दी जा रही हैं। स्पाइस जेट एयरलाईन द्वारा भोपाल से दिल्ली, मुम्बई, जयपुर और उदयपुर के लिए उड़ान सेवाएँ दी जा रही हैं। इन्दौर विमानतल कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित होते ही यहाँ से दुबई के लिये अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही हैं। इस एयरपोर्ट पर कार्गो सेवा भी चालू हो गई है। भोपाल हवाई अड्डा कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित होते ही कस्टम विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया और शीघ्र ही नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है।
रीवा, दतिया, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, छिंदवाड़ा, उमरिया एवं बालाघाट स्थित शासकीय हवाई पट्टियां पायलट प्रशिक्षण तथा अन्य उड्डयन गतिविधियाँ संचालित करने, एयरो स्पोर्टस गतिविधियां संचालित करने तथा एयरक्रॉफ्ट रिसाइक्लिंग, हेलीकॉप्टर अकादमी तथा एयरो स्पोर्टस आदि सुविधाएँ विकसित करने के लिए निर्धारित शुल्क पर आवंटित की गई हैं। इसी प्रकार अन्य हवाई पट्टियों को भी निर्धारित शुल्क पर दिये जाने की कार्य-योजना है।
वर्तमान में रीजनल कनेक्टिविटी योजना में निजी वैमानिक संस्थाओं द्वारा ग्वालियर-इन्दौर-ग्वालियर, ग्वालियर-दिल्ली, बैंगलुरू-ग्वालियर-बैंगलुरू, कोलकाता-ग्वालियर-कोलकाता, ग्वालियर-जम्मू-ग्वालियर तथा हैदराबाद-ग्वालियर- हैदराबाद रूट पर हवाई सेवाएँ संचालित हो रही हैं। भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना (आर.सी.एस) के तहत रीवा-भोपाल एवं रीवा-झाँसी रूट विस्तारित किये गये हैं।
रीजनल कनेक्टिविटी योजना 4.0 में प्रदेश की बिरवा, छिंदवाड़ा, दतिया, मण्डला, नीमच, पचमढ़ी, रीवा, सतना एवं उमरिया हवाई पट्टियों को शामिल करने के लिये विमानन विभाग की ओर से भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।
अब प्रदेश में विमान सेवाओं के विस्तार के जरिए पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर अपना समय बचा सकेंगे। इसी के साथ, बीमारी की दशा में भी लोगों को समय रहते इलाज मिल सकेगा।
दुर्गेश रायकवार