संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
राष्ट्रीय स्तर के ओशो महोत्सव में होंगे
ध्यान, गीत-संगीत, परिचर्चा और व्याख्यान के कार्यक्रम
ओशो पर केन्द्रित फिल्मों, कवि सम्मेलन तथा सांस्कृतिक
कार्यक्रमों का भी होगा आयोजन
जबलपुर, 10 दिसंबर, 2019
राज्य शासन
के आध्यात्मक विभाग द्वारा जबलपुर में बुधवार 11 दिसंबर से आयोजित किये जा रहे तीन
दिवसीय ओशो महोत्सव में आचार्य रजनीश के विचारों पर केन्द्रित गोष्ठियों, परिचर्चाओं
के साथ गीत-संगीत, कवि सम्मेलन एवं फिल्म प्रदर्शन के कार्यक्रम भी होंगे । राष्ट्रीय
स्तर के ओशो महोत्सव का आयोजन आध्यात्म विभाग द्वारा जिला प्रशासन एवं जबलपुर टूरिज्म
प्रमोशन काउंसिल के सहयोग से रामपुर स्थित तरंग प्रेक्षागृह में 11, 12 एवं 13 दिसंबर
को किया जा रहा है । ओशो अनहद कम्यून भोपाल एवं ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन पुणे की संयोजना
में होने वाले ओशो महोत्सव में देश-विदेश से बड़ी संख्या में ओशो भक्त तथा प्रख्यात
फिल्मकार, गीतकार, कथाकार, कहानीकार, साहित्यकार, कवि एवं संगीतकार शामिल हो रहे हैं
।
ज्ञात हो कि
जबलपुर ओशो के नाम से सुपरिचित आध्यात्मिक गुरू आचार्य रजनीश की कर्मभूमि रही है । ओशो महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन में पहले दिन
11 दिसंबर के कार्यक्रमों की शुरूआत माँ प्रेम पूर्णिमा के मार्गदर्शन में चक्र
ध्यान से कार्यक्रम शुरू होगा इसके बाद ओशो की देशना पर माँ प्रेम पूर्णिमा ओशो
अनहद कम्यून भोपाल, भूपेन्द्र गुप्ता अगम
सतना, श्री कृष्ण वेदांत (लंदन) एवं लेखक और गायिका सीमा कपूर का व्याख्यान
होगा।युवाओं में स्पर्धा एवम महत्वाकांक्षा विषय पर
व्याख्यान एवम परिचर्चा में श्री कपिल तिवारी, श्री मुकेश नायक, श्री मनोज श्रीवास्तव सम्मिलित होंगे । माँ अमृत
साधना ओशो इंटरनेशनल पुणे द्वारा हसीबा खेलिबा करिबा ध्यानम के तहत जीवन उपयोगी
अस्तित्व की ऊर्जा के ध्यान प्रयोग कराए जाएंगे । इनके पश्चात कुंडलिनी ध्यान
होगा। शाम को सांस्कृतिक संध्या में प्रख्यात ड्रमर शिवमणि द्वारा वादन किया जाएगा
तथा देर रात कवि सम्मेलन में भी देश के नामचीन कवि जैसे सुरेंद्र शर्मा, श्री अरुण जैमिनी, श्री अशकरन अटल, सुश्री सीता सागर, श्री प्रवीण शुक्ला अपनी रचनाओं से लोगो को
आनंदित करेंगे ।
ओशो महोत्सव के दूसरे दिन
12 दिसंबर के कार्यक्रमों की शुरुआत सक्रिय ध्यान से होगी जो स्वामी अनादि अनंत
अमृत धाम आश्रम जबलपुर के मार्गदर्शन में होगा इसके बाद श्री अशोक चतुर्वेदी पूर्व
सचिव विधानसभा मां साधना ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन पुणे एवं फिल्म निदेशक सुभाष घई का
व्याख्यान होगा । ध्यान क्या और क्यों इस विषय पर सुश्री सीमा कपूर लेखिका द्वारा
व्याख्यान दिया जाएगा । ओशो अनहद कम्यून भोपाल की ओर से मां प्रेम पूर्णिमा
साहित्यकार एवं कथाकार श्री कमलेश पांडे द्वारा इसी क्रम में ध्यान पर व्याख्यान
दिए जाएंगे । मैं धार्मिकता सिखाता हूं धर्म नहीं, इस विषय पर श्री शशांक शेखर महाधिवक्ता मध्यप्रदेश श्री
नरेंद्र पाल सिंह रूपराह वरिष्ठ अधिवक्ता जबलपुर, श्री सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी
प्रोफेसर नूतन कॉलेज भोपाल व्याख्यान एवं परिचर्चा में भाग लेंगे । अगले महत्वपूर्ण चरण में श्री सुभाष घई फिल्म
निर्माता एवं निर्देशक की अध्यक्षता में ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन पुणे द्वारा ओशो
की विभिन्न भाव भंगिमाओं की अनदेखी फिल्म, ओशो के अंग्रेजी-हिन्दी वीडियो एवं ओशो
मेडिटेशन रिसोर्ट पुणे झलकियां दिखाई जायेगी । शाम 7.30 बजे से
प्रसिद्ध सूफी गायिका रेखा भारद्वाज द्वारा सूफी गायन की प्रस्तुति दी जाएगी ।
ओशो महोत्सव के समापन दिवस
पर 13 दिसंबर के कार्यक्रम की शुरूआत नो डायमेंशन ध्यान से होगी जो मां प्रेम
गतिता ओशो अनहद कम्यून भोपाल के मार्गदर्शन में होगा । इसके बाद व्याख्यान के क्रम में श्री शिवकुमार
तिवारी, लेखक श्री मनोज श्रीवास्तव एवं श्री मुकेश नायक राज्यसभा सांसद अपना
व्याख्यान शिक्षा का स्वरूप विषय पर देंगे । राजनीति ओशो की नजर से विषय पर श्री
कमल दीक्षित वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी प्रोफेसर नूतन कॉलेज
भोपाल, श्री अशोक चतुर्वेदी एवं राज्यसभा सदस्य श्री विवेक तन्खा अपनी बात रखेंगे।
इसके उपरांत ओशो साहित्य की जानकारी मां अमृत साधना ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन पुणे
द्वारा दी जाएगी । इसी क्रम में सत्य की प्यास मन का दर्पण कोर्स ऑफ मैडिटेशन आदि
पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा ।
इस तीन दिवसीय आयोजन के
समापन सत्र में श्री मनोज मिश्रा का सूफी डांस एवं नीलांगी कलन्तरे का नृत्य होगा
। इस अवसर पर ओशो की पुस्तकों सत्य की प्यास, मन का दर्पण एवं कोर्स ऑफ मेडिटेशन
के नवीन संस्करणों का विमोचन भी होगा ।
ओशो महोत्सव के तहत जबलपुर
टूरिज्म काउंसिल एवम जिला प्रशासन के सहयोग से 10 दिसंबर शाम 5.30 पर व्हाईट रोब
ब्रदर हुड ध्यान मौलश्री वृक्ष भंवरताल गार्डन में किया गया । इसी प्रकार 14 दिसंबर को प्रात: 8.30 बजे ओशो ट्रेल का आयोजन किया
जाएगा।
जिसमें ओशो से संबंधित
विभिन्न स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा ।
क्रमांक/2439/दिसम्बर-107/जैन
राजस्व अधिकारियों की बैठक 20 को
जबलपुर, 10 दिसंबर, 2019
जिले में पदस्थ राजस्व अधिकारियों की बैठक
20 दिसंबर को सुबह 11.30 बजे से कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में होगी । कलेक्टर श्री भरत यादव की अध्यक्षता में आयोजित
की जाने वाली इस बैठक में मुख्य तौर पर राजस्व प्रकरणों के निराकरण एवं राजस्व वसूली
की समीक्षा की जायेगी ।
क्रमांक/2440/दिसम्बर-108/जैन
किसानों को ऋण-मुक्त कर समृद्ध
बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले
जबलपुर, 10 दिसंबर, 2019
प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ-व्यवस्था को मजबूत
बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता-मुक्त हो, उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम
हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस
शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प-काल में
ही इस दिशा में क्रांतिकारी फैसले लिये हैं और उन्हे जमीनी स्तर पर लागू भी किया
है। सरकार ने अपने वचन-पत्र में किसान कल्याण और कृषि विकास के मुद्दों को
सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को पीढ़ियों के
कर्जो से मुक्ति दिलाई है। साथ ही यह क्रम तब तक जारी रखने का संकल्प भी लिया है,
जब तक प्रत्येक पात्र किसान कर्ज-मुक्त नहीं हो जाता। किसान को फसल बोने से लेकर
फसल बेचने तक के काम में राज्य सरकार मदद कर रही है। बिजली, पानी आदि भी किसानों
को रियायती दरों पर दिया जा रहा है।
जय
किसान फसल ऋण माफी योजना
प्रदेश में 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' लागू
कर किसानों को ऋण-मुक्त करने का अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार
731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गये हैं। शीघ्र प्रारंभ
किये जा रहे दूसरे चरण में 12 लाख से अधिक ऋण खाताधारक पात्र किसानों के ऋण माफ
किये जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
जय
किसान समृद्धि योजना
प्रदेश में 5 मार्च 2019 को ''जय किसान समृद्धि
योजना'' लागू की गई है। इस योजना में रबी सीजन 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी और
ई-उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रूपये
प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राज्य सरकार ने कुल 92 लाख 67 हजार
मीट्रिक टन गेहूँ विक्रय करने वाले कुल 11 लाख 79 हजार किसानों को कुल 1463 करोड़
42 लाख प्रोत्साहन राशि देने की पुख्ता व्यवस्था की है।
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये
''शुद्ध के लिए युद्ध''
राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में
मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्चय किया है। किसानों को हर
कदम पर हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक
की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में ''शुद्ध के लिए युद्ध'' अभियान
चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीज, उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का
परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रय, अनाधिकृत विक्रय,
कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही
है।
मंडियों
में नगद भुगतान की व्यवस्था
कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों को उनकी उपज
बेचने पर दो लाख रूपये तक के नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। बैंकों से एक करोड़
रूपये से अधिक नगद आहरण पर टीडीएस कटौती के आयकर प्रावधानों से मंडियों में नगद
भुगतान कठिनाई आई, तो तुरंत भारत सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। इस तरह मंडी
व्यापारियों को इस प्रावधान से मुक्त कराने की पहल की गई है।
ई-नाम
योजना से जुड़ी कृषि उपज मंडियाँ
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के द्वितीय चरण में
राज्य सरकार द्वारा 25 कृषि उपज मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा गया है। मंडी
बोर्ड द्वारा 16 अगस्त, 2019 से प्रदेश की सभी मंडियों में एक साथ ई-अनुज्ञा
प्रणाली लागू कर 4 लाख से ज्यादा ई-अनुज्ञा जारी किये गए हैं। इससे मण्डी व्यापारियों
का समय बचा है। प्रदेश में 27 मण्डी प्रांगण में सोलर एनर्जी प्लांट भी
स्थापित किये गये हैं। कृषकों को मण्डी प्रांगण में संतुष्टि अनुरूप मूल्य
प्राप्त नहीं होने पर चार माह की निःशुल्क सुविधा और 80 प्रतिशत राशि कृषि उपज का
भुगतान करने के लिये कोलेटेरल मैनेजमेंट एजेंसीस के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है।
किसानों
को सस्ती बिजली
प्रदेश में किसानों के लिये दस हॉर्स पॉवर तक के
कृषि पंप की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। पूर्व मे निर्धारित 1400 रूपये
प्रति हॉर्स पॉवर प्रतिवर्ष कृषि पंप की विद्युत दर को अब आधा कर 700 रूपये कर
दिया गया है। इससे लगभग 20 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में प्रति
कृषि उपभोक्ता लगभग 47 हजार रूपये प्रति वर्ष सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य
सरकार ने अब तक 2622 करोड़ 53 लाख रूपये सब्सिडी प्रदान की है। अक्टूबर 2019 से
मार्च 2020 तक 20 लाख 10 हजार कृषि पंपों के लिए करीब 6138 करोड़ रूपये की सब्सिडी
का प्रावधान किया गया है। स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि
पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरें भी कम की गई हैं।
अजजा/अजा
किसानों को नि:शुल्क बिजली
प्रदेश में अब एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप
कनेक्शनों के लिये निःशुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में राज्य सरकार बिजली
कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये वार्षिक सब्सिडी देगी।
जैविक
खेती
जैविक खेती के
क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में नंबर-वन राज्य बन गया है। एपीडा के अनुसार प्रदेश
में 2 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास, गेहूँ, धान, अरहर, चना, सोयाबीन
इत्यादि फसलों की जैविक खेती की जा रही है। जैविक खेती के दृष्टिकोण से गौ-शालाएँ
बेहद महत्वपूर्ण हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर गौ-शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है।
प्रदेश का किसान अब निश्चिंत होकर कृषि कार्य
में जुट गया है। कृषि की नई-नई तकनीक अपनाने लगा है। उद्यानिकी और खाद्य
प्र-संस्करण के क्षेत्र में भी सक्रिय हो गया है।
क्रमांक/2438/दिसम्बर-106/जैन