News.25.12.2019_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
वित्त मंत्री श्री भनोत का जबलपुर आगमन आज
जबलपुर, 25 दिसंबर, 2019
      प्रदेश के वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री तरूण भनोत का गुरूवार 26 दिसंबर की शाम 5 बजे गाडरवारा से कार द्वारा जबलपुर आगमन होगा । श्री भनोत गुरूवार को ही रात 11.50 बजे ओव्हर नाईट एक्सप्रेस द्वारा भोपाल प्रस्थान करेंगे । वित्त मंत्री के पूर्व घोषित दौरा कार्यक्रम में संशोधन हुआ है ।  संशोधित कार्यक्रम के अनुसार श्री भनोत आज बुधवार 25 दिसंबर की शाम 7.50 बजे भोपाल से अमरकंटक एक्सप्रेस द्वारा नरसिंहपुर पहुंचेंगे । वित्त मंत्री गुरूवार 26 दिसंबर की सुबह 10.30 बजे नरसिंहपुर में पी.जी. कॉलेज आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दोपहर 1.30 बजे गाड़रवारा पहुंचेंगे। वित्त मंत्री गाडरवारा में किसान सम्मान समारोह में शामिल होंगे और वहां से दोपहर 3.30 बजे जबलपुर के लिए रवाना होंगे ।
क्रमांक/2586/दिसंबर-254/जैन

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री मरकाम आज आयेंगे
जबलपुर, 25 दिसंबर, 2019
      प्रदेश के आदिम जाति कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम कल गुरूवार 26 दिसंबर की सुबह ओव्हर नाईट एक्सप्रेस द्वारा भोपाल से जबलपुर आयेंगे । श्री मरकाम सर्किट हाउस में कुछ देर रूकने के बाद सुबह 5.30 बजे कार द्वारा डिण्डौरी प्रस्थान करेंगे ।
क्रमांक/2587/दिसंबर-255/जैन
राजस्व अधिकारियों की बैठक आज
जबलपुर, 25 दिसंबर, 2019
      राजस्व अधिकारियों की बैठक 26 दिसंबर की दोपहर 3 बजे आयोजित की गयी है ।  पहले यह बैठक 27 दिसंबर को होनी थी ।  समय में संशोधन किया गया है ।
क्रमांक/2588/दिसंबर-256/खरे

जय किसान फसल ऋण माफी योजना:
किसानों द्वारा गुलाबी फार्म में भरे गये आवेदनों के निराकरण के लिए
बैंकों में शिविर आज से
जबलपुर, 25 दिसंबर, 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव के निर्देशानुसार जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों द्वारा गुलाबी फार्म में दिये गये ऋण माफी के आवेदन पत्रों के निराकरण के लिए कल गुरूवार 26 दिसंबर से शुक्रवार 3 जनवरी तक बैंक शाखावार शिविर लगाये जायेंगे ।
ये शिविर केवल उन कृषकों के ऋण माफी के आवेदनों के निराकरण के लिए लगाये जा रहे हैं जिनके नाम पंचायत में चस्पा की गई ऋण माफी की चस्पा सूची में नाम शामिल नहीं थे । इसी के साथ ही जो हितग्राही मृत हो चुके हैं और उनके वारिशों द्वारा गुलाबी फार्म में ऋण माफी के लिए आवेदन जमा किये गये थे उन आवेदनों का निराकरण भी इन शिविरों में किया जायेगा ।
      ऋण माफी के लिए इन दोनों श्रेणी में गुलाबी फार्म भरने वाले किसानों से आग्रह किया गया है कि वे बैंक शाखावार लगाये जा रहे शिविरों में 26 दिसंबर से तीन जनवरी के बीच उस बैंक में जहां से ऋण लिया है ऋण संबंधी दस्तावेज, खसरा-खतौनी जैसे भूमि संबंधी दस्तावेज, फार्म जमा करने की पावती, आधार कार्ड तथा हितग्राही की मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र एवं वारिश संबंधी दस्तावेज अनिवार्य रूप से लेकर पहुंचे ।
उप संचालक कृषि के अनुसार 26 दिसंबर से 3 जनवरी तक लगाये जा रहे शिविरों में जिन आवेदनों का निराकरण नहीं हो सकेगा, उनका निराकरण 4 जनवरी को जनपद पंचायत मुख्यालयों में शिविर लगाकर किया जायेगा। निराकरण के बाद ऋण माफी के लिए पात्र किसानों के आवेदन पत्र पोर्टल पर दर्ज किये जायेंगे।
क्रमांक/2589/दिसंबर-257/जैन
कलेक्टर ने देर रात सड़क किनारे फुटपाथ पर सो रहे लोगों को बांटे कंबल
जबलपुर 25 दिसंबर 2019
कलेक्टर श्री भरत यादव ने मंगलवार की देर रात इंदिरा मार्केट, एस पी  ऑफिस, कचहरी वाले बाबा की दरगाह, घण्टाघर और रानीताल स्थित हनुमान मंदिर  पहुँचकर कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़क पर रात बिता रहे लोगों को कम्बल वितरित किये और उन्हें रेनबसेरा में शिफ्ट कराया
इस दौरान उन्होंने नगर निगम द्वारा इंदिरा मार्केट स्थित गोकुलदास धर्मशाला का निरीक्षण भी किया और लोंगो को रात गुजारने के लिए यहाँ किये गये इंतजामों का जायजा लिया नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, अपर आयुक्त नगर निगम रोहित कौशल एवं सयुंक्त संचालक सामाजिक न्याय आशीष दीक्षित भी उनके साथ थे
कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम की टीम ने देर रात 25 से अधिक लोगों को गोकुलदास धर्मशाला स्थित रैनबसेरा में शिफ्ट किया नगर निगम के अपर आयुक्त टी एस कूमरे भी इस दौरान मौजूद थे
क्रमांक/2590/दिसंबर-258/जैन॥

कलेक्टर ने सिविक सेंटर, रसल चौक का भ्रमण कर सफाई व्यवस्था का लिया जायजा
जबलपुर 25 दिसंबर 2019
कलेक्टर श्री भरत यादव ने आज बुधवार की सुबह गुजराती क्लब , सिविक सेंटर , रसल चौक और भंवरताल क्षेत्र की साफ- सफाई व्यवस्था का जायजा लिया इस दौरान उन्होंने नागरिकों से चर्चा भी की और शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग का आग्रह किया नगर निगम के उपायुक्त राकेश अयाची भी इस मौके पर कलेक्टर के साथ मौजूद थे
श्री यादव ने सिविक सेंटर में स्थानीय व्यापारियों से डस्टबिन रखने तथा दुकानों का कचरा सड़क पर फेंकने की समझाइश दी उन्होंने कहा कि यही कचरा नाले- नालियों में जाकर उनके बहाव को अवरुद्ध करेगा  कलेक्टर ने गुजराती क्लब के सामने सड़क की दूसरी तरफ नाले के आसपास फैले कचरे पर भी स्थानीय निवासियों का ध्यान आकृष्ट किया और मौके पर मौजूद नगर निगम के अधिकारियों को इस नाले को ऊपर से ढंकने के निर्देश  दिए
कलेक्टर ने रसल चौक के निरीक्षण के दौरान शटर लगी एक दुकान (तारी बाबू जी की दुकान ) के भीतर नल खुला छोड़ दिये जाने पर दुकानदार के विरुद्ध चालानी कार्यवाही कर जुर्माना वसूलने के निर्देश निगम अधिकारियों को दिए श्री  यादव बाद में नगर निगम मुख्यालय भी पहुँचे और निगम के सदन की बैठकों के लिये प्रस्तावित भवन के लिए चिन्हित स्थल का मुआयना किया।
क्रमांक/2591/दिसंबर-259/जैन॥

इन्क्यूबेशन सेंटर का निरीक्षण कर
स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध सुविधाओं का लिया जायजा
जबलपुर 25 दिसंबर 2019
कलेक्टर एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी के चेयरमैन  श्री भरत यादव ने आज उद्योग भवन कटंगा स्थित जबलपुर स्मार्ट सिटी इन्क्यूबेशन सेंटर का निरीक्षण किया ।इस मौके पर उन्होंने इन्क्यूबेशन सेण्टर में स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी ली । श्री यादव ने विभिन्न स्टार्टअप कम्पनीज से भेंट की तथा इन्क्यूबेशन फैसिलिटीज को और बेहतर बनाने एवं युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु  सुझाव  प्रदान किये   इस दौरान स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठक भी कलेक्टर के साथ मौजूद थे।
कलेक्टर श्री यादव ने इस मौके पर  जबलपुर इन्क्यूबेशन के स्टार्टअप्स द्वारा आयोजित क्रिसमस ईव  पार्टी में भी  शिरकत की। पार्टी में सभी स्मार्टसिटी  स्टार्टअप ने अपनी-अपनी प्रतिभाओ के साथ सबका मनोरंजन किया। सीक्रेट सेंटा, क्विज कॉम्पिटिशन जैसे अन्य खेल भी खेले गए। कार्यक्रम  में  जबलपुर स्मार्टसिटी कम्पनी सेक्रेटरी कैलाश भाटी, प्रशसनिक अधिकारी रवि राव, तक्षशिला इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर आई.के.खन्नाअनुराग अग्रवाल  शामिल रहे। कार्यक्रम के संचालन का दायित्व इन्क्यूबेशन मैनेजर अग्रांशु द्विवेदी तथा स्टार्टअप मैनेजर बरखा उपाध्याय , विकास श्रीवास्तव , रचित  पवार , दिव्या कुशवाहा ने सम्हाला   कार्यक्रम के समापन पर सभी को सीक्रिट सेंटा के अनुसार क्रिसमस गिफ्ट दिए गए।
क्रमांक/2592/दिसंबर-260/जैन॥

विशेष लेख
आदिवासी वर्ग का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता
जबलपुर 25 दिसंबर 2019
प्रदेश के आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास तथा उन्हें पूरा सम्मान और वाजिव हक दिलाने के लिये राज्य सरकार ने एक वर्ष की अवधि में कई अभिनव प्रयास किये हैं। इस अवधि में पूर्व प्रचलित योजनाओं और कार्यक्रमों पर तेजी से अमल किया गया। साथ ही आहार अनुदान, मदद, आष्ठान जैसी नयी योजनाएँ लागू की गयी। विभागीय योजनाओं का कम्प्यूटरीकरण किया गया। राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय के हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिये इस वर्ष से 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के ऐच्छिक अवकाश को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया।
ऋण माफी
मध्यप्रदेश अनुसूचित-जनजाति वित्त एवं विकास निगम एवं अन्य निगमों से अनुसूचित-जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को दिये गये एक लाख रूपये तक की सीमा के ऋण माफ किये गये हैं। कुल 45 करोड़ की राशि माफ की गई है।
आहार अनुदान योजना
प्रदेश की प्रमुख जनजाति सहरिया, भारिया और बैगा परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की विशेष पोषण आहार योजना में प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया के खाते में 1000 रूपये की राशि प्रतिमाह जमा करवाई जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 21 हजार 519 महिलाओं को 155 करोड़ की राशि का वितरण किया गया है।
नवीन और अभिनव "मदद" योजना से मिलने लगी है मदद
जनजातीय समुदाय में जन्म, मृत्यु आदि संस्कारों पर सामाजिक भोज परम्परागत रूप से अनिवार्य माना जाता है। इन कार्यों में आदिवासी परिवारों को आर्थिक सहायता पहुँचाने के लिये 89 आदिवासी विकास खण्ड में मदद योजना शुरू की गई है। अब तक में 89 आदिवासी विकासखण्डों के 12 हजार 245 ग्रामों में 30 करोड़ की राशि बर्तन खरीदने के लिये उपलब्ध कराई गई है। जन्म के समय के कार्यक्रमों के लिये 50 किलोग्राम अनाज एवं मृत्यु के अवसर पर 100 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार उचित मूल्य दुकान से दिलाये जाने की व्यवस्था भी इस योजना में की गई है।
आष्ठान योजना
प्रदेश के निवासी आदिवासियों की संस्कृति और उनके देव-स्थलों के संरक्षण के लिये नवीन आष्ठान योजना प्रारंभ की गई है। योजना में आदिवासी समुदायों के कुलदेवता और ग्राम देवी-देवताओं के स्थानों में निर्मित देवगुड़ी, मढ़िया और देवठान के निर्माण और जीर्णोद्धार, इन स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये सामुदायिक भवनों का निर्माण तथा उनमें स्थित सभाकक्ष, पेयजल, स्नानागार आदि में विद्युत व्यवस्था के लिये बजट में प्रावधान किया गया है। इस वर्ष प्रथम चरण में छिन्दवाड़ा जिले के हरियागढ़, मण्डला जिले के चौगान, डिण्डोरी जिले के करवेमट्टा और रमेपुर, जबलपुर जिले के नरईनाला, झाबुआ जिले के बारहदेव और बड़वानी जिले के भँवरगढ़ (टंट्या भील) आदि आस्था केन्द्रों के संरक्षण और विस्तार का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार के इस कदम का आदिवासी समुदायों में अच्छा स्वागत भी हुआ है। 
वन अधिकार अधिनियम
आदिम-जाति कल्याण विभाग को वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत दिसम्बर-2018 से 30 नवम्बर 2019 तक 3159 नवीन दावे प्राप्त हुए हैं। पूर्व के निराकरण के लिये लंबित सहित इस वर्ष 8683 दावों का निराकरण किया गया है। 5905 दावे मान्य और 2778 दावे अमान्य किये गये हैं। पिछले 11 माह में 1738 वन अधिकार-पत्र वितरित किये गये हैं। अधिनियम की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये जाने और निरस्त दावों के पुन: पुरीक्षण के लिये एम.पी. वन मित्र पोर्टल तैयार किया गया है। अब तक 24 हजार 509 दावेदारों द्वारा अपने दावे इस पोर्टल में दर्ज किये जा चुके हैं।
आदिवासी समुदाय का शैक्षणिक विकास
राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब छात्रवृत्ति की राशि विद्यार्थियों के खातों में चंद मिनटों में ट्रान्सफर हो रही है। विभाग की प्री-मेट्रिक और पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति के माध्यम से आदिवासी वर्ग के बच्चों को पढ़ने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। करीब 19 लाख 60 हजार विद्यार्थियों को 333 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। इस वर्ष 7 विद्यार्थियों को 82 लाख रुपये की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति दी गई। जेईई, नीट और क्लेट की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिये 800 आदिवासी विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है। इस पर राज्य सरकार करीब 14 करोड़ 50 लाख की राशि खर्च कर रही है। जनजातीय वर्ग की बालिकाओं की शिक्षा और साक्षरता वृद्धि के लिये संचालित 82 कन्या शिक्षा परिसरों के संचालन के लिये 60 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान है।
जनजातीय एवं अनुसूचित-जाति शिक्षण संवर्ग के अंतर्गत 53 हजार 235 अध्यापकों का नियमित संवर्ग में संविलियन किया गया है। इन अध्यापकों को नियमित कर्मचारियों की भाँति सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये सेवा शर्तें जारी कर दी गई हैं। आदिवासी स्कूलों में रिक्त करीब 8000 उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के पदों की भर्ती की जा रही है।
पिछले एक वर्ष में 9 कन्या शिक्षा परिसरों और 4 गुरुकुलम आवासीय विद्यालयों का एकलव्य में उन्नयन किया गया है और 13 नवीन एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं। प्रदेश के 12 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में उन्नत ऑडिटोरियम बनाने के लिये 13 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर की गई है। पाँच कन्या शिक्षा परिसर का निर्माण पूरा किया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग के 36 विद्यालयों में नवीन भवनों के निर्माण और अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिये 118 करोड़ की राशि जारी की गई। चार संभागों में सौ-सौ सीटर छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। विभाग के 43 कन्या और बालक छात्रावास भवनों का निर्माण 91 करोड़ 65 लाख की राशि से किया जा रहा है। छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गई है। छात्रावास में रहने वाले करीब 95 हजार विद्यार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पौने 14 करोड़ की राशि अंतरित की गई है। इस वर्ष ऐसे 62 हजार से अधिक महाविद्यालयीन आदिवासी विद्यार्थियों को, करीब 72 करोड़ की आवास सहायता दी गई।
विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास
विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया, सहरिया और बैगा के निवास वाले 15 जिलों में 3 संभाग स्तर के सामुदायिक भवन, 10 जिला स्तर के सामुदायिक भवन और 37 विकासखण्ड स्तर के सामुदायिक भवन निर्माण के लिये 34 करोड़ 50 लाख की राशि मंजूर की गई है। इस वर्ष गुरुकुलम विद्यालयों, आश्रम शाला, छात्रावास भवन और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण के लिये 510 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। विभागीय शैक्षणिक और आवासीय संस्थाओं के भवनों की मरम्मत के लिये भी 40 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर संभागीय मुख्यालयों पर 250 कन्या एवं 250 बालक प्रति संभाग 500 सीट क्षमता के बड़े छात्रावास भवन निर्माण पर 57 करोड़ 46 लाख खर्च किये जा रहे हैं।
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के जनजातीय विकास और सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिये भोपाल में साढ़े 18 करोड़ की राशि से सांस्कृतिक केन्द्र भवन का निर्माण कराया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल छिन्दवाड़ा, शहडोल, शिवपुरी और मण्डला जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जा रहे हैं।
विभागीय योजनाओं का कम्प्यूटराइजेशन
जनजातीय हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ ऑनलाइन दिलाने के लिये कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है। मोबाइल एप से योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। अब हितग्राही विभिन्न योजनाओं में मोबाइल एप के अलावा MPTAAS पोर्टल से भी आवेदन कर पा रहे हैं।
विमुक्त, घुमक्कड एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के हित में लिये गये निर्णय
राज्य सरकार ने विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिये है। पिछले एक वर्ष में इन जनजाति वर्ग के विकास पर साढ़े 17 करोड़ की राशि खर्च की गई है।
मुकेश मोदी
क्रमांक/2593/दिसंबर-261/जैन॥