News.18.12.2019_C


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
कानून व्यवस्था एवं लोक शांति बनाए रखने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
बिना अनुमति नहीं किया जा सकेगा जुलूस, आमसभा, धरना, प्रदर्शन और रैली का आयोजन
अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर भी प्रतिबंध
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट डालने पर होगी सख्त कार्यवाही
जबलपुर 18 दिसम्बर 2019
            जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर श्री भरत यादव ने जुलूस, रैली, आमसभा जैसे आयोजनों से नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने, कानून व्यवस्था एवं लोक शांति बनाए रखने तथा हिंसक गतिविधियों एवं सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने पर रोक लगाने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
            जिला दण्डाधिकारी ने प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया है कि जुलूस, रैली, धरना-प्रदर्शन, आमसभा जैसे आयोजनों के लिए सक्षम अधिकारियों की पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। आदेश में सभी प्रकार के आयोजनों के दौरान अस्त्र-शस्त्र के उपयोग एवं प्रदर्शन तथा साथ लेकर चलने को पूर्णत: निषेध किया गया है। कोई भी व्यक्ति अथवा आयोजक कार्यक्रम स्थल एवं जुलूस मार्ग पर फटाका अथवा अन्य किसी प्रकार की विस्फोटक सामग्री, ज्वलनशील पदार्थ एवं मसाल आदि का उपयोग और प्रदर्शन भी नहीं कर सकेगा।
            प्रतिबंधात्मक आदेश में सोशल मीडिया के सभी माध्यमों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर आदि पर आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाले फोटो, चित्र या मैसेज तथा साम्प्रदायिक फोटो, चित्र एवं मैसेज करने एवं मैसेज को फारवर्ड करने तथा उन पर कमेंट करने की गतिविधियों को भी निषेध किया गया है।
            प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन कार्यपालिक दण्डाधिकारी की अनुमति के बाद किया जा सकेगा जिनमें पचास से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने की संभावना हो। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजकों को स्वयं का एवं दस प्रमुख कार्यकर्त्ताओं का नाम भी उपलब्ध कराना होगा ।
            जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में रैली अथवा जुलूस के संचालन के दौरान आयोजकों के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे अपने वालिन्टियर्स के माध्यम से आधा मार्ग सार्वजनिक आवागमन हेतु खाली रखेंगे तथा किसी भी व्यक्ति के व्यवसाय अथवा कार्य में अवरोध उत्पन्न हो यह भी सुनिश्चित करेंगे तथा यातायात के नियमों का विधिवत् रूप से पालन भी करेंगे। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में जुलूस, रैली एवं शोभायात्रा के मार्ग में लगाए जाने वाले स्वागत मंचों की अनुमति भी पृथक से लेना अनिवार्य किया है। अनुमति के बाद भी स्वागत मंचों को इस तरह लगाना होगा जिससे किसी भी व्यक्ति के व्यवसाय अथवा कार्य में अवरोध उत्पन्न हो।
            प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सम्पूर्ण जिले में मोटर साइकिल रैली पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। इसके साथ ही डीजे के उपयोग पर भी सम्पूर्ण जिले में प्रतिबंध रहेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पर भी रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह रोक रहेगी तथा सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक अनुमति मिलने पर ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों  का उपयोग किया जा सकेगा। इस पर भी ध्वनि का स्तर 50 डेसीमल तक रहेगा एवं केवल दो साउण्ड बॉक्स ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
            प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक आयोजनों के दौरान ऐसे नारों अथवा शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जिनसे किसी भी धर्म एवं समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे। ऐसा पाए जाने की स्थिति में दोषी व्यक्ति के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजकों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाकर उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
            निजी भवनों पर झण्डे, बैनर एवं पोस्टर लगाए जाने की स्थिति में सम्पत्ति के स्वामी की पूर्ण लिखित अनुमति प्राप्त करना आयोजकों के लिए अनिवार्य किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार आयोजकों को यह अनुमति सम्बन्धित पुलिस थानों को उपलब्ध करानी होगी। प्रतिबंधात्मक आदेश में मूर्तियों अथवा प्रतिमाओं के निर्माण में केवल प्राकृतिक एवं गैर विषाक्त रंगों के इस्तेमाल की ही अनुमति दी गई है। आदेश में कहा गया है कि मूर्तियों अथवा प्रतिमाओं के निर्माण में केवल मिट्टी एवं प्राकृतिक सामग्री का उपयोग ही किया जा सकेगा।
            आदेश में होटल, लॉज, धर्मशाला में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। होटल, लॉज एवं धर्मशाला के संचालकों से कहा गया है कि ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन संबंधित थाने को दें। मकान मालिकों को भी पेईंग गेस्ट की सूचना विहित प्रारूप में संबंधित थाने में पेईंग गेस्ट रखने के पूर्व देना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही घरेलू नौकरों एवं व्यावसायिक नौकरों की सूची भी संबंधित थाने को देने के निर्देश प्रतिबंधात्मक आदेश में दिये गये हैं ।
            जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण जिले में आगामी दो माह तक प्रभावशील हो गया है। आदेश में चेतावनी दी गई है कि इसका उल्लंघन भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय होगा।    
क्रमांक/2529/दिसंबर-197/जैन

पीपीपी मोड पर गौ अभ्यारण्य बनाने की कार्ययोजना की दी जानकारी
गौशालाओं के संचालन में व्यावसायिक एवं संगठनों से मांगा सहयोग
कलेक्टर ने ली बैठक
जबलपुर, 18 दिसंबर, 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव ने आज बुधवार को आयोजित बैठक में विभिन्न औद्योगिक, व्यावसायिक एवं सामाजिक संगठनों तथा मंदिर ट्रस्टों से जिले में वर्तमान में पंजीकृत गौशालाओं और ग्रामीण क्षेत्र में नई बन रही गौशालाओं के संचालन में आगे बढ़कर सहयोग करने का आग्रह किया है ।  श्री यादव ने कहा कि गौशालाओं के संचालन में सहयोग करने के लिए कोई भी नागरिक या संगठन इसके लिए तैयार किये गये ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी दान दे सकते हैं । बैठक में पूर्व मंत्री श्री चन्द्रकुमार भनोत, जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्रा, महाकौशल चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष श्री रवि गुप्ता, जबलपुर चेम्बर ऑफ कामर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हिमांशु खरे, श्री अनिल ग्रोवर भी मौजूद थे।
      बैठक में कुण्डम में प्रस्तावित गौ अभ्यारण्य पर भी चर्चा की गई ।  श्री यादव ने कहा कि करीब 400 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले गौ अभ्यारण्य को पीपीपी मोड पर संचालित किया जायेगा ।  उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से गौशालाओं को टूरिज्म से जोड़ने की योजना के तहत शहपुरा के आसपास करीब सौ एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है ।  श्री यादव ने बताया कि कुण्डम मार्ग पर उमरिया में भी व्यावसायिक तौर पर गौशाला के संचालन के लिए 70 से 80 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है ।
      कलेक्टर ने कहा कि इन गौशालाओं के संचालन में रूचि रखने वाली कोई भी निजी संस्थायें, समूह अथवा संगठन अपना प्रस्ताव जिला प्रशासन को दे सकता है ।  उन्होंने कहा कि यदि जबलपुर जिले में इन गौशालाओं की पीपीपी मोड पर संचालन का प्रयोग सफल रहा था तो यह प्रदेश में एक अच्छी मिसाल बन सकता है ।
      बैठक में श्री यादव ने जिले में गौशाला परियोजना के तहत इस वर्ष बन रही 23 गौशालाओं के बारे में भी जानकारी दी ।  उन्होंने कहा कि इन गौशालाओं के संचालन में महिला स्व-सहायता समूहों को पहली प्राथमिकता दी जायेगी ।  समाजसेवी संस्थाओं तथा ग्राम पंचायतों को भी इन गौशालाओं के संचालन का भी दायित्व सौंपा जा सकता है ।  उन्होंने बताया कि अगले साल ऐसी 66 और गौशालायें ग्रामीण क्षेत्रों में खोली जायेंगी । 
      श्री यादव ने कहा कि गौशाला से निकलने वाले गोबर और गौ-मूत्र से कई तरह के उत्पाद बनाये जा सकते हैं ।  ताकि इन्हें सेल्फ सस्टेनेबल बनाया जा सके । उन्होंने कहा कि गोबर स्टिक, दीये, गमले और गौ-मूत्र से बनने इत्र एवं फिनायल भी वर्तमान में काफी प्रचलन में है, इनका अच्छा मार्केट भी है और ये उत्पाद इन गौशालाओं में तैयार किये जा सकेंगे ।
      कलेक्टर ने मौजूद मंदिर प्रबंधन और मंदिर ट्रस्ट कमेटियों से भी मंदिरों को होने वाली आमदनी गौशालाओं के संचालन के लिए प्रदान करने का आग्रह किया ।  उन्होंने मंदिर परिसर में तालाबों और उपवन के निर्माण पर भी जोर दिया ।
      बैठक में मौजूद उद्योग संघों एवं व्यापारिक संगठनों से गौशाला के संचालन में रूचि दिखाते हुए जिला प्रशासन से जिले में संचालित गौशालाओं की आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया ।
क्रमांक/2530/दिसंबर-198/जैन