News.14.12.2019_B


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
न्यूयार्क में लोक भाषाओं के संरक्षण सत्र को संबोधित करेंगे मंत्री श्री मरकाम
जबलपुर, 14 दिसंबर, 2019

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम 17 दिसम्बर को न्यूयार्क में लोक-भाषाओं के संरक्षण और व्यापक प्रचार-प्रसार के सिलसिले में आयोजित उच्च स्तरीय समापन सत्र को संबोधित करेंगे। श्री मरकाम इस सत्र में मध्यप्रदेश की आदिवासी बोलियों के संरक्षण के लिये राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगे।
इस सत्र का उद्देश्य लोक-भाषाएं बोलने वाले जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिये नई साझेदारी सुनिश्चित करना है। इस एक दिवसीय सत्र में लोक-भाषाओं की विश्व में स्थिति, उनके संरक्षण की चुनौती और उन्हें बढ़ावा दिये जाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। यू.एन. असेम्बली में यह सत्र 17 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से शुरू होगा।
यूनाइटेड नेशन ने वर्ष 2019 को लोक-भाषाओं का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। इसी सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष द्वारा आयोजित इस समारोह में यूनेस्को और यूएनडीईएसए भी सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य संयुक्त प्रतिबद्धता और प्रचलित प्रयासों में प्रगति सुनिश्चित करना है।
क्रमांक/2492/दिसंबर-160/जैन


विशेष लेख
गैर कृषि उपभोक्ताओं को एक रूपये प्रति यूनिट और कृषि उपभोक्ताओं को आधी दर पर बिजली
जबलपुर, 14 दिसंबर, 2019

एक साल पहले तक मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियाँ पर कुल 37 हजार 963 करोड़ का ऋण और लगभग 44 हजार 975 करोड़ का संचयी घाटा था। बीते एक साल में राज्य सरकार ने कम्पनियों को खस्ताहाल वित्तीय स्थिति से छुटकारा दिलाने के प्रयास शुरू कर दिये हैं। साथ ही, इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू कर आम उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली एक रूपये प्रति यूनिट देने का काम किया है। इसके अलावा इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू कर किसानों के लिये 10 हार्स पावर तक के पंपों पर विद्युत शुल्क 1400 रूपये से घटाकर 700 रूपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष कर दिया।
इंदिरा गृह ज्योति योजना
इस वर्ष फरवरी माह में इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई। इसमें संबल योजना के पात्र घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 200 रूपये के स्थान पर अधिकतम 100 रूपये का बिल दिया जा रहा था और शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही थी। सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना का विस्तार करते हुए इस योजना को संबल योजना से असंबद्ध किया। अब ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं को जिनकी मासिक खपत 30 दिन की रीडिंग में 150 यूनिट हो, को भी योजना में शामिल किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत के लिए मात्र 25 रूपये देने पड़ रहे हैं। इसमें 4 माह में एक बार 100 रूपये लेने की व्यवस्था की गई। इस योजना से लगभग 97 लाख घरेलू उपभोक्ता लाभांवित हो रहे हैं- जो कुल उपभोक्ताओं का 83 प्रतिशत है। योजना में प्रतिवर्ष लगभग 3400 करोड़ रूपये की सब्सिडी राज्य शासन द्वारा बिजली कम्पनियों को दी जाएगी।
इंदिरा गृह ज्योति योजना और संबल योजना की तुलना करें तो इंदिरा गृह ज्योति योजना में जहाँ लगभग 97 लाख अर्थात 83 प्रतिशत उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं, वहीं पूर्ववर्ती सरकार की संबल योजना से लगभग 42 लाख अर्थात मात्र 35 प्रतिशत उपभोक्ताओं को ही लाभ मिला था। इंदिरा गृह ज्योति योजना में 100 यूनिट तक की खपत पर 100 रूपये बिल रहा है, जो पहले 200 रूपये मासिक था।
इंदिरा किसान ज्योति योजना
इंदिरा किसान ज्योति योजना में पूर्व प्रचलित कृषि पंप कनेक्शन के लिए देय 1400 रूपये प्रति एच.पी. प्रतिवर्ष के शुल्क को आधा करते हुए 10 एच.पी.तक के पंप उपभोक्ताओं को 700 रूपये प्रति एच.पी. प्रति वर्ष की दर से दो समान किश्तों में देय है। साथ ही 10 एच.पी.तक के मीटर युक्त स्थाई एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को भी ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। योजना में कृषक उपभोक्ता को 2 किश्तों में राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। योजना से 19 लाख 91 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना में 8 हजार 760 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही इंदिरा किसान ज्योति योजना के अतिरिक्त एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 8 लाख अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 5 हार्स पॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिए नि:शुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये की वार्षिक सब्सिडी देगी। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घन्टे बिजली देने के समय के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार जिला योजना समिति को दिया गया है।
सरकार ने खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए पात्रता नियमों में परिवर्तन कर पहले के 40 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत बकाया पर ट्रांसफार्मर बदलने की नीति लागू की है।
गलत देयकों के निराकरण के लिए समिति गठित
बिजली उपभोक्ताओं की गलत देयकों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए विद्युत वितरण केन्द्रवार समिति का गठन किया गया है। कुल 1210 समितियाँ गठित की गई हैं। समितियों द्वारा अब तक 49 हजार से अधिक शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है।
डायल 100 की तर्ज पर कॉल सेन्टर 1912
विद्युत संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए डायल 100 की तर्ज पर कॉल सेन्टर 1912 स्थापित किया गया है। जनवरी 2019 से अब तक इसमें प्राप्त 31 लाख 65 हजार 727 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ताओं से फीडबेक भी लिया जाता है।
विद्युत दुर्घटना में पशु हानि पर आर्थिक सहायता
विद्युत दुर्घटना में जनहानि के साथ ही पशु हानि होने पर भी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों को लागू किया गया है। पिछले 10 माह में 88 प्रकरणों में 20 लाख 85 हजार रूपये की आर्थिक सहायता पशु मालिकों को दी गई है। बिजली कंपनियों में आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए समिति का गठन किया गया है।
विद्युत उपलब्धता के लिए प्रयास
प्रदेश के कुल एक करोड़ 58 लाख विद्युत उपभोक्ताओं में से एक करोड़ 17 लाख घरेलू, 29 लाख कृषि और 12 लाख अन्य उपभोक्ता है। वर्तमान में विभिन्न स्त्रोतों से 20 हजार 502 मेगावॉट की विद्युत उपलब्धता है। इसी उपलब्धता के कारण 5 जनवरी 2019 को 14 हजार 89 मेगावॉट विद्युत मांग की पूर्ति की गई, जो प्रदेश के अब तक के इतिहास में सर्वाधिक है। प्रदेश में दिसम्बर 2018 से अक्टूबर 2019 की अवधि में 69219 मिलियन यूनिट विद्युत आपूर्ति की गई, जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि से 6.4 प्रतिशत अधिक है।
इस वित्तीय वर्ष में विद्युत उपलब्ध क्षमता में 2137 मेगावॉट की वृद्धि का लक्ष्य है। भविष्य में भी प्रदेश विद्युत के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बना रहे, इसके लिए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह,सारणी जिला बैतूल एवं अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनुपपूर में 600 मेगावॉट की एक-एक इकाई की स्थापना की जायेगी। सतपुड़ा और अमरकंटक विस्तार इकाइयों के लिए वर्ष 2019-20 के बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में 2640 मेगावॉट की उत्पादन इकाइयों की स्थापना के भी प्रयास किये जा रहे हैं। उर्जा स्टोरेज के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) जारी की गई है।
विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के प्रयास
विद्युत कंपनियों द्वारा विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत विद्युत उपलब्धता क्षमता में 1682 मेगावॉट की वृद्धि की गई। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खण्डवा के द्वितीय चरण में 660 मेगावॉट उत्पादन संयत्र की इकाई क्रमांक चार को 50 माह 28 दिन के रिकार्ड समय में क्रियाशील किया गया, जो प्रदेश के पावर सेक्टर में एक कीर्तिमान है। तेरह नए अति उच्च दाब केन्द्र और 24 वर्तमान अति उच्च दाब उप केन्द्रों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए। प्रदेश में 1827 अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण, 2354 एमबीए अति उच्च दाब ट्रांसफार्मरों में वृद्धि, 185 33/11 केव्ही उप केन्द्रों की स्थापना, 407 पॉवर ट्रांसफार्मर, 1953 किलोमीटर 33 केव्ही लाइन, 43793 किलोमीटर 11 केव्ही लाइन एवं 20518 एलटी लाइन का निर्माण और एक लाख 19 हजार 29 वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना की गई है। जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 तक 59 हजार 914 खराब ट्रांसफार्मर बदले गये। पात्र खराब ट्रांसफार्मर 3 दिन में बदलने की व्यवस्था की गई है।
नवाचार
तीनों विद्युत वितरण कंपनियों से प्रतिभाशाली युवा इंजीनियरों के तकनीकी एवं वाणिज्यिक मामलों के दो दल गठित किए गए हैं, जो शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुशंसाएं देंगे। संधारण कार्य के लिए शटडाउन की पूर्व सूचना दिए जाने की व्यवस्था लागू की गयी है। जन-प्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को दूरभाष एवं एप के माध्यम से सूचित किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को समाचार-पत्र एवं यदि उनके मोबाईल नंबर पंजीकृत हैं, तो एसएमएस द्वारा पूर्व सूचना दी जाने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के बड़े शहरों में अति उच्च दाब गैस इन्सुलेटेड उपकेन्द्र बनाने का निर्णय लिया गया है। वितरण कंपनियों में आर.एण्ड.डी.सेल स्थापित किया गया है, जो तकनीकी समस्या एवं नवाचार इत्यादि पर सुझाव देगा।
पहली बार एक माह में 217 करोड़ राजस्व संग्रह
मध्यप्रदेश के पावर सेक्टर के इतिहास में नवंबर 2019 का माह मील का पत्थर है। नवंबर में राजस्व संग्रह  2017 करोड़  रुपये हुआ है, जो नवंबर 2018 की तुलना में 413 करोड़ अधिक है। इस प्रकार लगभग 26 प्रतिशत अधिक राजस्व मिला है, जो अब तक का प्रदेश का एक माह का सर्वाधिक राजस्व संग्रह है।
गौरतलब है कि  वर्ष 2018 में जुलाई से नवंबर की तुलना इस वर्ष 2019  से की जाए तो इन महीनों में 1687 करोड़ का अधिक राजस्व संग्रह हुआ है। इसी प्रकार प्रति यूनिट नगद  राजस्व वसूली गत वर्ष 2 रुपये 34 पैसे की तुलना में इस वर्ष नवंबर में  4 रुपये 14 पैसे हो गई है। यह गत वर्ष के इसी माह से 77 प्रतिशत अधिक है। 
नवंबर में पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा  31.71 प्रतिशत, मध्य क्षेत्र कंपनी द्वारा 20.38 प्रतिशत और पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा 25.63 प्रतिशत अधिक राजस्व संग्रह किया गया। यह कंपनी गठन के बाद किसी एक माह में सर्वाधिक राजस्व संग्रह है। 
पुरस्कार
सौभाग्य योजना में शत-प्रतिशत घरों में विद्युतीकरण देश में सबसे पहले पूरा करने पर भारत सरकार द्वारा फरवरी 2019 में दो भिन्न-भिन्न श्रेणियों में पश्चिम एवं मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी को 100-100 करोड़ और 50-50 लाख रूपये के पृथक-पृथक नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
                                                        राजेश पाण्डेय
विशेष लेख
पुलिस के प्रति संवेदनशील और अपराधियों के लिये सख्त सरकार
जबलपुर, 14 दिसंबर, 2019

मध्यप्रदेश में बीते एक वर्ष में पहली बार पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने क्रांतिकारी प्रयास किये हैं। नई सरकार के इन प्रयासों से पुलिस महकमे में विश्वास का भाव जागा है। परिणामस्वरूप प्रदेश की पुलिस पहले से अधिक मुस्तैद हुई है।
साप्ताहिक अवकाश
अभी कुछ समय पहले तक 24X7 की ड्यूटी निभाना पुलिस के हिस्से में था। लगातार ड्यूटी के कारण पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य की समस्या और मानसिक अवसाद के मामले सामने रहे थे। ऐसे में नई सरकार ने पुलिस कर्मियों को सप्ताह में एक दिन अवकाश देने का निर्णय लिया। पुलिसकर्मियों के हित में पहली बार इस तरह का बड़ा फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना
मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक तथा निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मचारियों को निःशुल्क आवास सुविधा देने के लिये 25 हजार आवास का निर्माण कराया जा रहा है। प्रथम चरण में 5000 आवास का निर्माण पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण में 5000 आवास का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। तृतीय चरण में 5000 आवासों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।
संविलियन एवं अनुकम्पा नियुक्ति
एस..एफ. के आरक्षक से प्रधान आरक्षक तक, जिनकी सेवा 5 वर्ष की हो गई है, उनका जिला पुलिस में 25 प्रतिशत तक पद पर संविलियन करने के लिए कार्य-योजना तैयार की जा रही है। इसी क्रम में मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को पुलिस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलने पर अन्य विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने की योजना प्रचलन में है।
पुलिस परिसर में सेवा केन्द्र
पुलिस परिवार की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिये वर्ष 2003 में पुलिस अनुसूचित जाति/जनजाति महिला कल्याण समिति का पंजीयन कराकर प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापनालायब्रेरी एवं बच्चों के लिए विद्यालय की स्थापना की गई थी। ये सेवा केन्द्र पिछले कई सालों से निष्क्रिय हो गए थे। अब इन्हें सक्रिय कर इनमें पुलिसकर्मियों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पुलिसकर्मियों के आश्रितों को रोजगार
पुलिस की अन्य इकाइयों की आश्रित महिलाओं और बालिकाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये विसबल रेंज ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में केन्द्रीय कल्याण निधि से राशि स्वीकृत की गई है। सेनानी 6वीं वाहिनी जबलपुर, 2री वाहिनी ग्वालियर, प्रथम वाहिनी इंदौर, 15वीं वाहिनी इंदौर, 24वी वाहिनी जावरा, 32वीं वाहिनी उज्जैन में कल्याण केन्द्र स्थापित कर डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, ब्यूटीशियन, सिलाई, मेकअप आर्टिस्ट एवं ब्यूटी थेरेपिस्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे आश्रित महिलाएँ एवं बच्चियों को सरलता से रोजगार मिल सकेगा तथा वे आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हो सकेंगी। प्रदेश पुलिस की सभी इकाइयों में आँगनवाड़ीशिशु गृह तथा झूलाघर शुरू करवाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं।
अपराधों पर नियंत्रण एवं निर्णय
मध्यप्रदेश सरकार के अपराधों के खिलाफ सख्त रवैये से अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है। नई सरकार के प्रति विश्वास का भाव आम आदमी में बढ़ा है। खासतौर पर महिला सुरक्षा को लेकर नई सरकार की कार्रवाई से अपराधियों में भय का वातावरण बन गया है।
महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा
 इस वर्ष प्रथम पाँच माह में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों में न्यायालयों से 1400 से अधिक प्रकरणों में सजा दिलाई गई है। यह गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। अब तक 27 मामलों में अपराधियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।
अपराधों के खिलाफ प्रदेशव्यापी विशेष अभियान
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया गया। अभियान में प्रदेश भर में 5947 अवैध हथियार एवं 3 लाख 6 हजार 856 लीटर अवैध मदिरा जप्त की गई। अवैध कारोबार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। माह जनवरी से अप्रैल तक की अवधि में नारकोटिक्स विंग ने 17 हजार किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ तथा करीब 56 हजार अफीम और गांजे के पौधे जब्त किये। प्रतिबंधित नशीले केमिकल्स की 32 हजार से ज्यादा सीरप और गोलियाँ जब्त की गईं। अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 1285 आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की गई। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के 30 हजार 895 प्रकरणों में 32 हजार 919 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कुल 30 हजार गिरफ्तारी वारन्ट की तामीली कराई गई। तामीली का प्रतिशत लगभग 69 रहा। गुमशुदा बालक-बालिकाओं को खोजने के लिए 15 मार्च से 15 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाकर कुल 1054 बच्चों को ढूँढ़ने में पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली।
सराहना/पुरस्कार
नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस ने 14-14 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों अशोक उर्फ मंगेश और नक्सली महिला नंदे को जिला बालाघाट के थाना लॉजी के अंतर्गत ग्राम नेवरवाही में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा इस अभियान में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देने वाले 19 कर्मियों को क्रम पूर्व पदोन्नति (आउट ऑफ टर्न) दी गई है। गुंडा विरोधी अभियान में पुलिस अधीक्षकउज्जैन के नेतृत्व में कुख्यात बदमाश रोनक एवं उसके साथियों को भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया।
प्रशिक्षण एवं आधुनिक तकनीक
मध्यप्रदेश के सभी पुलिस महानिरीक्षकों को उनके अधीनस्थ जिलों में नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पुलिस प्रशिक्षण संस्थाओं में भी पुलिस को विधिक प्रक्रिया एवं जाँच के आधुनिक तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिला सुरक्षा के प्रयास
प्रदेश में महिला सुरक्षा के लिये 17 से 45 वर्ष आयु वर्ग की बीपीएल वर्ग की महिलाओं को निःशुल्क स्मार्ट फोन दिये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें आत्म-रक्षा के लिये एप इंस्टाल होगा। महिला द्वारा इसके उपयोग से पुलिस तत्काल मदद के लिए पहुँच सकेगी। इस एप से शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी महिलाओं को प्राप्त हो सकेगी।
मॉडल एक्ट और मॉब लिंचिंग कानून
जुलिया रिबेरा, मालिमाथसोली सोराबाजी कमेटी की सिफारिशों का अध्ययन कर प्रदेश में पुलिस मॉडल एक्ट लागू करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग अथवा भीड़ द्वारा अन्य कारणों से दुष्प्रेरित होकर की जाने वाली घटनाओं के खिलाफ कानून बनाने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में आतंकवाद विरोधी कानून की तर्ज पर साम्प्रदायिक/जातिगत फसादत के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान किया जा रहा है। नई सरकार द्वारा अपराधों पर नियंत्रण पाने तथा अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए कठोर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को भी मूर्त रूप दिया जा रहा है। सरकार के संवेदनशील व्यवहार से पुलिस प्रशासन में चुस्ती गई है। आम आदमी में भी सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। प्रदेश में शांतिपूर्ण वातावरण तैयार हो गया है।  
                                                          दुर्गेश रायकवार