News.26.12.2019_B


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
कानून व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक संपन्न
जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की आज शाम आयोजित संयुक्त बैठक में शहर में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं ।  कलेक्टर सभाकक्ष में संपन्न हुई इस बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह भी मौजूद थे ।
      श्री यादव ने बैठक में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखने की हिदायत भी दी । उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की जरूरत भी बताई । पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने भी इस अवसर पर बीते शुक्रवार को हुई घटना का उल्लेख करते हुए अधिकारियों को सजग रहने तथा सभी प्रकार के आयोजनों पर निगाह रखने के निर्देश दिये । 
बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, संदीप जीआर एवं वी.पी. द्विवेदी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश त्रिपाठी, अमृत मीणा एवं संजीव उइके तथा सभी एसडीएम और सीएसपी मौजूद थे ।
क्रमांक/2602/दिसंबर-270/जैन

पथराव से निजी संपत्ति को हुई हानि की क्षतिपूर्ति के लिए
42 हजार रूपए की राहत राशि स्वीकृत
जबलपुर 26 दिसंबर 2019
      कलेक्टर श्री भरत यादव ने बीते शुक्रवार को हुई पथराव एवं तोड़फोड़ की घटना में निजी संपत्ति को पहुंचे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये 42 हजार रुपये की राहत राशि स्वीकृत की है श्री यादव ने शासन से आबंटन प्राप्त होने की प्रत्याशा में जिला रेडक्रॉस समिति से प्रभावितों को तत्काल स्वीकृत राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए हैं  
कलेक्टर द्वारा जिन प्रभावितों को निजी संपत्ति के हुए नुकसान के लिए राहत राशि स्वीकृत की गई है उनमें पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप मिश्रा को उनकी निजी मोटर साइकिल को पहुंची क्षति के लिए बारह हजार रूपये, बब्बू ठाकुर को कॉलिस कार के सामने के कांच टूटने पर चार हजार रूपये, फारूख चौधरी को टाटा सफारी एवं मजहर अली को रेनाल्ट डस्टर वाहन में टूट-फूट के लिए आठ-आठ हजार रूपये, मोहम्मद आबिद खान को घर के सामने के शीशे टूटने पर दो हजार रूपये, डॉ. अब्दुल माजिद को क्लीनिक के कांच टूटने पर चार हजार रूपये तथा बेनी सिंह की तलैया स्थित मोना मोबाइल सेमसन गैलेक्सी स्टोर को टूट-फूट के लिए चार हजार रूपये की राहत राशि स्वीकृत की गई है ।
ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार 20 दिसम्बर को शहर के कुछ क्षेत्रों में हुई पथराव की घटना में निजी एवं शासकीय सम्पत्ति को हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों को दिए गए थे सर्वे में निजी संपत्ति को हुए नुकसान के अलावा शासकीय सम्पत्ति को भी 77 हजार रुपये की क्षति का आंकलन किया गया है शासकीय संपत्ति को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए भी शासन से आबंटन मांगा गया है
क्रमांक/2603/दिसंबर-271/जैन॥
छात्रवृत्ति भुगतान प्रक्रिया निर्धारण के लिए समिति गठित
जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019

राज्य शासन ने उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित अशासकीय महाविद्यालयों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति भुगतान प्रक्रिया की नीति निर्धारण के लिए समिति का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विभाग, और अन्य पिछड़ा वर्ग इस समिति के सदस्य मनोनीत किये गये हैं। अपर सचिव उच्च शिक्षा को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। समिति दो माह में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।
क्रमांक/2605/दिसंबर-273/खरे
प्रदेश में पहली बार सरकारी अस्पताल में हुआ लकवे का सफल ऑपरेशन
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने डॉक्टर्स को दी बधाई 
जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019
प्रदेश में पहली बार सरकारी अस्पताल में लकवाग्रस्त मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया है। यह अस्पताल है जबलपुर का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल। पैतालीस वर्षीय मरीज अशोक पुरी गोस्वामी को दाहिनी तरफ लकवा और बोलने में तकलीफ के कारण जबलपुर के नेताजी सुभाष मेडीकल कॉलेज के शासकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। एक घंटे में ही मरीज बेहोश होने के साथ बोलने में भी असमर्थ हो गया था। डॉ. निष्ठा यादव, डॉ. अम्बुज कुमार और डॉ. केतन की टीम ने सिटी स्केन द्वारा बीमारी की पहचान कर तुरंत आधी रात में ही मरीज का उपचार शुरू किया और उसकी जान बच गई। ऑपरेशन के बाद मरीज तुरंत होश में गया और बात करने लगा। प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने ऑपरेशन में शामिल डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है।
डीन डॉ. कसार ने बताया कि मरीज की खून की नली (बाईं इन्टरनल कैरोटिड ऑर्टरी) में खून का थक्का जमा था। इसी वजह से वह बोल पा रहा था और दाहिनी ओर लकवा लग गया था। उसकी जाँघ पर एक छोटा-सा चीरा लगाकर खून की नस का थक्का एक कैथेटर द्वारा निकाला गया। मेडीसिन और एनेस्थीसिया के डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. रजत देव, डॉ. कमल राज, डॉ. अनिवेष जैन और डॉ. प्रशांत पाइकरा ने भी ऑपरेशन के दौराना भरपूर मदद की।
डीन डॉ. कसार ने लोगों से अपील की है कि लकवे के बाद मरीज को जितना जल्दी हो सके, अस्पताल में दिखायें। उन्होंने कहा कि लकवा अटेक के 24 घंटे के भीतर यदि ऑपरेशन होता है, तो मरीज के बचने औार ठीक होने की अधिक संभावना रहती है।
क्रमांक/2604/दिसंबर-272/खरे

टॉस्क फोर्स कमेटी को मिला अतिरिक्त समय
जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019
राज्य शासन ने वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच नारंगी क्षेत्र वन और राजस्व भूमि विवाद के निपटारे के लिये गठित टॉस्क फोर्स समिति के समय में दो माह की वृद्धि की है। मई-2019 में गठित समिति को 31 दिसम्बर, 2019 तक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए हैं।
क्रमांक/2606/दिसंबर-274/खरे

डायल 100 की तर्ज पर बिजली संबंधी शिकायतों के लिए काल सेन्टर 1912
जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019
प्रदेश में विद्युत प्रदाय संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए डायल 100 की तर्ज पर केन्द्रीयकृत काल सेन्टर 1912 शुरू किया गया है। भोपाल, जबलपुर और इंदौर में काल सेन्टर सेवा में कार्यरत डेस्क की संख्या बढ़ाई गई है। काल सेन्टर में दर्ज शिकायतों के निराकरण की निरंतर मॉनीटरिंग की जाती है।
ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने बताया है कि जनवरी 2019 से अब तक विद्युत प्रदाय संबंधी लगभग 32 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं। सभी शिकायतों का निराकरण समय पर किया गया। निराकरण की औसत अवधि एक घंटा 32 मिनिट पाई गई। यह अवधि विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड से बहुत कम है।
निर्धारित मापदंड के अनुसार सामान्य कारणों से विद्युत व्यवधान पर शहरी क्षेत्र के लिये अधिकतम 5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र के लिये 24 घंटे तय किये हैं। लाईन ब्रेक डाउन की स्थिति में शहरी क्षेत्र में अधिकतम 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 3 दिन का समय दिया गया है।
शिकायत निराकरण का फीडबैक
शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने का काम भी शुरू किया गया है। तीनों काल सेन्टर से प्रति कम्पनी प्रतिदिन 500 शिकायतकर्ताओं से सम्पर्क कर उनकी सन्तुष्टि की जाँच की जाती है। एक अगस्त, 2019 से अब तक एक लाख 70 हजार से अधिक उपभोक्ताओं का फीडबैक लिया गया। इनका उपभोक्ता सन्तुष्टि प्रतिशत 91.73 आंका गया। असन्तुष्ट उपभोक्ताओं से मैदानी अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत सम्पर्क कर उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें संतुष्ट किये जाने का प्रयास किया जाता है।
क्रमांक/2607/दिसंबर-275/खरे

विशेष लेख

प्रदेश में सशक्त बनती सार्वजनिक वितरण प्रणाली

 जबलपुर, 26 दिसंबर, 2019


प्रदेश के प्रत्येक जरूरतमंद पात्र परिवार को दो जून की रोटी मुहैया करना राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है। प्रदेश में 5.46 करोड़ हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत रियायती दर पर राशन मुहैया कराने का काम राज्य सरकार कर रही है। इससे भी आगे बढ़कर मध्यप्रदेश शासन के अक्टूबर 2019 में 22 हजार राशन दुकानों को आधार-आधारित राशन वितरण व्यवस्था (Ae-PDS) से जोड़ दिया गया। इस व्यवस्था से ऐसे सभी गरीब हितग्राही जो रोजगार की तलाश में किसी अन्य कारणों से एक शहर से दूसरे शहर चले जाते है वह व्यक्ति उस शहर की किसी भी दुकान से अपना राशन Ae-PDS से ले सकता है। इसका अभी तक लाभ 76.93 लाख परिवार इसका लाभ उठा चुके है। यह उल्लेखनीय तथ्य है कि केन्द्र सरकार इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है। उससे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने कार्य रूप में परिवर्तित कर दिया है।
इसके साथ ही 17 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में नई सरकार का गठन जिन 'वचनों' के साथ किया गया था उनकी पूर्ति भी पूर्ण-प्रतिबद्धता साथ की जा रही है।
मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा दाल वितरण योजना
प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित हितग्राहियों के भोजन में प्रोटीन एवं अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा दाल वितरण योजना लागू की गई, जिसे अंतर्गत चना की वितरण दर 27 रुपये प्रति किलोग्राम की दर निर्धारित है। पात्रता प्रति सदस्य एक किलो एवं अधिकतम चार किलो प्रति परिवार है। हर महीने 117 लाख 47 हजार पात्र परिवारों को 40 हजार 793 मेट्रिक टन का आवंटन दिया गया है।
शक्कर वितरण
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवार के रूप में चिन्हित अन्त्योदय अन्न योजना के 16 लाख 39 हजार 993परिवारों को 20 रू. प्रति किलो की दर से एक किलो शक्कर प्रतिमाह प्रति परिवार वितरण माह मार्च, 2019 से प्रारम्भ किया गया है, जिस पर राज्यसरकार द्वारा रू. 3 हजार 224 प्रति टन के मान से अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अपात्र हितग्राहियों को पोर्टल से विलोपित कर 1,65,438 नवीन परिवारों को सम्मिलित किया जाकर योजना का लाभ दिया गया है। वर्तमान में 5.46 करोड़ हितग्राहियों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वर्ष 2011 की जनसंख्या अनुसार 75 फीसदी आबादी 5 करोड़ 46 लाख को ही लाभांवित करने का प्रावधान है। वर्ष 2018 की अनुमानित जनसंख्या 8 करोड़ 23 लाख हो गई है, जिसका 75% आबादी 6 करोड़ 17 लाख होती है। इस प्रकार, 71 लाख हितग्राहियों के लिये खाद्यान्न आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है। वर्तमान आबादी का 66% लाभ हितग्राहियों को ही मिल पा रहा है, जो कि अधिनियम के अनुसार 9% कम है। इन 71 लाख हितग्राहियों के लिये अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन करने की मांग भारत सरकार से की गई है।
पात्र परिवारों का सत्यापन अभियान
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वर्तमान में सम्मिलित 117.52 लाख पात्र परिवारों के 5 करोड़ 46 लाख हितग्राहियों के घर-घर जाकर सत्यापन करने का अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 61 हजार सत्यापन दलों द्वारा यह कार्य ‘’एम-राशन मित्र मोबाईल एप’’ के माध्यम से किया जाएगा।
अभियान के अंतर्गत पात्र परिवारों के छूटे हुए सदस्यों के नाम की जानकारी संकलित की जाएगी तथा परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर एवं मोबाईल नंबर भी प्राप्त किए जाएंगे। सत्यापन अभियान में अस्तित्वविहीन एवं अपात्र परिवारों के चिन्हांकन उपरांत उनको सुनवाई का अवसर देकर विलोपित किया जाएगा, जिसके विरूद्ध नवीन परिवारों को जोड़ा जा सकेगा।
दुकान संचालन हेतु विक्रेताओं के लिए मार्गदर्शिका
01 नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त 24713 उचित मूल्य दुकान के विक्रेताओं को उपलब्ध कराई गई है।
रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 9 लाख 87 हजार 258 किसानों से 73 लाख 69 हजार 550 मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया जो कि विगत वर्ष से 53 हजार 508 मे.टन अधिक है।
उपार्जित गेहूं की कुल राशि रू. 13 हजार 560 करोड़ का भुगतान किसानों को किया गया है जो विगत वर्ष से 867 करोड़ अधिक है।
समर्थन-मूल्य पर फसलों के उपार्जन के साथ ही भुगतान प्रक्रिया को भी पारदर्शी और त्वरित भी किया गया है। रबी फसलों के उपार्जन के लिए खरीदी केन्द्रों की संख्या 3008 से बढ़ाकर 3545 की गई। किसान भाइयों को just in time (JIT) के द्वारा तीन दिन में राशि उनके खाते में जमा कराने का काम भी राज्य सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में भी एक वर्ष में 18.78 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदान किए गये है। प्रदेश में कुल 71.39 लाख परिवारों को लाभान्वित किया गया है।
समर्थन मूल्य खरीदे गये अनाज के रख-रखाव के लिए संसाधनों को वितरीत करना भी मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता रही है। नार्बाड के सहयोग से 139 विकासखण्डों और 76 उपार्जन केन्द्रों पर 77.40 करोड़ रूपये की लागत से 500-500 मैट्रिक टन क्षमता के 'गोदाम सह-उचित मूल्य दुकान' निर्माण का कार्य हाथ में लिया गया है। निजी गोदाम संचालकों के प्रोत्साहन के साथ ही वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन की भण्डार क्षमता विस्तार के प्रयास जारी है इसके लिए 143.87 करोड़ रूपये की डी.पी.आर. तैयार कर ऋण हेतु नार्बाड को प्रस्ताव भेजा गया है।
प्रदेश उपभोक्ता-हितों के संरक्षण में भी देश में अग्रणी राज्य है। राज्य सरकार के उपभोक्ता मामलों के विकास की मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन को लगातार चौथी बार प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
अनिल वशिष्ठ
क्रमांक/2608/दिसंबर-276/खरे