News.15.12.2019_A


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मध्य प्रदेश शासन
समाचार
मक्का के उत्पादन में छिन्दवाड़ा को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान-मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
मुख्यमंत्री ने किया कॉर्न फेस्टिवल-2019 का शुभारंभ
जबलुपर/ 15 दिसंबर 2019/ सोयाबीन के बाद मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले ने मक्के के उत्पादन में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। छिन्दवाड़ा को मक्का उत्पादन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ रविवार को छिन्दवाड़ा में दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल छिन्दवाड़ा 2019 के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
      इस मौके पर सांसद श्री नकुल नाथ, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओेमकार सिंह मरकाम, पूर्व मंत्री श्री दीपक सक्सेना, छिन्दवाड़ा जिले के विधायक सर्वश्री कमलेश प्रताप शाह, सुजीत सिंह चौधरी, निलेश उईके, विजय चौरे, सोहन बाल्मिक और सुनील उईके, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री विश्वनाथ ओक्टे, म.प्र.बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष श्री गंगा प्रसाद तिवारी, संभागायुक्त श्री रवीन्द्र कुमार मिश्रा, डी.आई.जी. श्री सुशांत सक्सेना, कलेक्टर डॉ.श्रीनिवास शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, अतिरिक्त कलेक्टर श्री राजेश शाही और एस.डी.एम श्री अतुल सिंह, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं मक्का उत्पादक किसान उपस्थित थे।
      मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर करती है । कृषि क्षेत्र की मजबूती हमारे देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती और किसानों की क्रय शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है। जब किसानों के हाथों में क्रय शक्ति होती है, तभी व्यापार एवं उद्योग धंधे भी चलते हैं।
      मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि उनके प्रयास से वर्ष 1979 के बाद छिन्दवाड़ा जिले में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने के लिये केंद्र सरकार के आयलशील्ड मिशन को लागू किया गया जिससे किसानों ने सोयाबीन क्रांति लाकर जिले को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सोयाबीन उत्पादन वाले जिलों में स्थान दिलाया। कालांतर में सोयाबीन में बीमारी आदि कारणों से उत्पादन कम होने पर घाटा होने और उचित मूल्य नहीं मिलने पर उन्होंने कृषकों को सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिये प्रेरित किया। जिले के किसानों ने मक्का की खेती के विकल्प को स्वीकार किया। वर्तमान में मक्के के उत्पादन में छिन्दवाड़ा का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में अव्वल स्थान पर है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले में औद्योगिक क्रांति के साथ ही कृषि के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखने पर उनका वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है।
        मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं जिससे भावी पीढ़ी और नौजवान शहरों की ओर रूख नहीं कर कृषि की उन्नत तकनीकों और आधुनिक पध्दति से जुड़कर खेती के क्षेत्र में क्रांति ला सकें। मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि पहले खेतों में धोती और पैजामा वाले गरीब किसान ही नजर आते थे, अब उनका सपना है कि जींस और टी-शर्ट वाले समृध्द किसान खेती करते हुये नजर आयें। उन्होंने कहा कि देश में मक्का की खेती का भविष्य उज्जवल है। आज से 10 वर्ष पहले कृषि के उत्पादन की चुनौती हुआ करती थी। अब किसानों की मेहनत से पैदा हुये विपुल उत्पादन को सहेज कर रखना चुनौती है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिले और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि बने, इसके लिये सरकार सतत प्रयत्नशील है।
      सांसद श्री नकुल नाथ ने इस अवसर पर कहा कि भारत देश की धरती पर छिन्दवाड़ा में किसानों का नवीनतम त्यौहार कॉर्न फेस्टिवल के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के प्रयासों से 15 वर्ष पूर्व किसानों को मक्का की ओर प्रोत्साहित करने के फलस्वरूप छिन्दवाड़ा को कॉर्न सिटी के नाम से पूरे विश्व में नई पहचान मिल रही है। आने वाले समय में छिन्दवाड़ा कॉर्न फेस्टिवल और अधिक भव्य होगा तथा ऊंचाईयों को छुयेगा। उन्होंने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले के किसानो ने सोयाबीन उत्पादन में भी जिले का नाम देश भर में सबसे ऊपर रखा था। उन्होंने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले की पहचान विकास के छिन्दवाड़ा मॉडल के रूप में है। अब छिन्दवाड़ा को शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भी अग्रणी और कॉर्न सिटी के रूप में जाना जायेगा। सांसद श्री नकुल नाथ ने कहा कि कॉर्न फेस्टिवल में देश-विदेश के कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आये हुये है। फेस्टिवल में प्रदेश भर से आये उन्नतशील किसान परिचर्चा कर उनसे कम लागत में विपुल उत्पादन की नवीन उन्न्त तकनीकों की जानकारी लेकर लाभ उठायेंगे।
      किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री नाथ के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा कृषि विकास दर को बढ़ाने के लिये अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। किसानों को उच्चतम गुणवत्ता के खाद-बीज एवं कृषि आदान सुविधापूर्वक मिले तथा उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्यप्रदेश को जैविक खेती का प्रदेश बनाने का कार्य शुरू किया है। प्रदेश में प्रथम चरण में एक हजार गौ-शालायें बनाई जा रही हैं। आगामी वर्षों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गौ-शालायें स्थापित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नाथ के मार्गदर्शन में छिन्दवाड़ा को सोयाबीन और मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ जिला होने का खिताब मिला है।
      लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री नाथ ने औद्योगिक क्रांति के साथ ही खेती किसानी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। किसानों के हित में ईमानदारीपूर्वक किये गये इन प्रयासों से सोयाबीन और मक्का उत्पादन से किसानों को भरपूर लाभ मिला है। वास्तविक रूप से किसानों को फायदा पहुंचाकर खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाया जा रहा है। छिन्दवाड़ा मक्का के क्षेत्र में प्रदेश का हब बने इसके प्रयास किये जायेंगे। जनजातीय कार्य मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि खेती किसानी के साथ ही हर क्षेत्र में छिन्दवाड़ा जिला सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश तरक्की की राह पर तेजी से अग्रसर हो रहा हैं। मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कार्य भार संभालते ही सबसे पहला निर्णय किसानों की कर्ज माफी कर उन्हें राहत देने का किया है।
      पूर्व मंत्री श्री दीपक सक्सेना ने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले में सोयाबीन के बाद मक्का का उत्पादन और सब्जियों का उत्पादन भी सर्वश्रेष्ठ मात्रा में हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री नाथ के प्रयासों से किसानों को उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक और फसल संरक्षण कार्यक्रमों की सहज उपलब्धता होने से उत्पादन में क्रांति आई हुई है। उन्होंने कहा कि मक्का और सब्जी उत्पादन की प्रचुर उपल्बधता को देखते हुये प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को स्थापित करने से प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। कार्यक्रम की शुरूआत में संचालक कृषि श्री संजीव सिंह ने कॉर्न फेस्टिवल छिन्दवाड़ा के उद्देश्यों की जानकारी दी।
      छिन्दवाड़ा कॉर्न फेस्टिवल 2019 के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने सांस्कृतिक मंडप में दीप प्रज्जवलित कर मेले का शुभारंभ किया। मक्का फेस्टिवल के लिये एक दिन में छिन्दवाड़ा के 4 हजार 674 शासकीय विद्यालयों के बच्चों द्वारा पौने 3 लाख मक्के के विषय पर पेंटिंग बनाकर छिन्दवाड़ा में विश्व रिकार्ड स्थापित किया है। इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के साउथ एशिया प्रभारी श्री आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को वर्ल्ड बुक रिकार्ड का प्रमाण पत्र सौंपा। चित्रकला प्रतियोगिता में इन पेटिंग्स में से चयनित सर्वश्रेष्ठ 12 पेटिंग से बनाये गये कैलेंडर का मुख्यमंत्री द्वारा विमोचन किया गया।
फार्म इको ऐप की लांचिंग-कॉर्न फेस्टिवल छिन्दवाड़ा 2019 में आई.आई.टी. मुंबई से पढ़े छिन्दवाड़ा जिले के छात्र प्रदीप शेंडे द्वारा निर्मित फार्म इको ऐप की मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा लांचिंग की गई। इस फार्म इको ऐप में नि:शुल्‍क रूप से किसानों को शासन की योजनाओं, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह, मार्गदर्शन, बीज, कीटनाशक, खाद्य, उपज के परिवहन, उपज को रखने के लिये वेयर हाउस, किराये पर उन्नत कृषि यंत्र की उपलब्धता, कांट्रेक्ट फार्मिंग आदि के संबंध में सहज ही उपलब्ध हो जायेंगे।
क्रमांक/2493/दिसंबर-161/जैन॥
राज्य स्तरीय कॉर्न फेस्टिवल में पहुंचे प्रदेश भर के मक्का उत्पादक किसान
छिन्दवाड़ा में आयोजित फेस्टिवल में मक्का फसल
विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के साथ किसानों की हुई परिचर्चा
जबलपुर/ 15 दिसंबर 2019/ पुलिस ग्राउंड छिन्दवाड़ा में आयोजित राज्य स्तरीय कॉर्न फेस्टिवल कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के मक्का उत्पादक किसान पहुंचे। खंडवा, रतलाम, खरगोन तथा अलग-अलग स्थानों से आये किसानों की मक्का फसल विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के साथ परिचर्चा संपन्न हुई। परिचर्चा में देश के अग्रणी कृषि शोध संस्थानों के  कृषि वैज्ञानिको द्वारा किसानों को मक्के के फायदों, मक्का उत्पादन में बढ़ोत्तरी, मक्का के पारम्परिक तथा व्यवसायिक उपयोग के अतिरिक्त अन्य उपयोगों की जानकारी दी गयी।
      राज्य स्तरीय कॉर्न फेस्टिवल कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ.खनोरकर और डॉ.पवार ने किसानों को मक्के के उन्नत बीजो एवं खेती के बारे में जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ.खनोरकर ने मक्के की सिंगल क्रॉस हाइब्रिड बीजों की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मक्के के औषधीय गुणों, पशुपालन में उपयोग एवं कपड़ा उद्योग, तेल उत्पादन आदि के संबंध में भी जानकारी दी। राष्ट्रीय बीज निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ.गुलवीर सिंह पवार ने मक्का फसल उत्पादन में बीजों की गुणवत्ता और उनके महत्त्व की जानकारी देते हुये बताया कि राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा मक्के के उन्नत बीजों का प्रदेश के साथ-साथ देशभर में उत्पादन एवं सतत वितरण कराया जा रहा है। मक्के पर आयोजित कार्यशाला में हरियाणा के कृषक श्री अरुण कुमार ने मक्के की सफल खेती के बारे में अपने अनुभव किसानों से साझा किए। उन्होंने हरियाणा के अंतर्गत अलग-अलग होने वाली स्वीट कॉर्न एवं बेबी कॉर्न की खेती से जुडी जानकारी दी।
कार्यक्रम में किसानों ने साझा किये अपने अनुभव- कॉर्न फेस्टिवल में छिन्दवाडा के साथ-साथ अन्य जिलों से आये किसानों ने मक्का उत्पादक से संबंधित अपने अनुभव साझा किये गये। खंडवा जिले के किसान शिवप्रसाद चौहान, क्वारसिंह, थोमसिंह, भावसिंह, रामेश्वर ठाकरे और दादू कासडे ने बताया कि हम लोग कई पीढियों से मक्के की सफल खेती कर रहे है। मक्के की औसतन खेती आर्थिक रूप से लाभदायक रहती है। खंडवा जिले में इस वर्ष अधिक बारिश के बावजूद मक्के का उत्पादन औसत से बेहतर रहेगा। संपूर्ण मध्यप्रदेश में मक्का उत्पादन में अग्रणी जिला छिन्दवाडा की महिला किसान भी परिचर्चा में शामिल हुई। ग्राम सहजपुरी की महिला किसान श्रीमती सुरती धुर्वे ने अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि वे विगत 16 वर्षो से मक्के की खेती कर रही है। उन्होंने 3 एकड में 45 क्विंटल तक मक्के का उत्पादन किया है जो कि अन्य फसलों से अधिकतम है। इसी प्रकार महिला किसान श्रीमती सजनी उईके भी 4-5 सालों से मक्के की खेती से जुड़ी हुई है और उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है।
क्रमांक/2494/दिसंबर-162/जैन॥
विद्यालयीन शिक्षा के साथ-साथ‍ प्रेक्टिकल ज्ञान भी प्राप्‍त करें युवा- मुख्‍यमंत्री श्री कमल नाथ
मुख्‍यमंत्री ने किया एन.आई.आई.टी के विद्य‍ार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित
जबलपुर/ 15 दिसंबर 2019/  "जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल मंत्र सतत सीखते रहना हैहमे नित्य नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान में  लगातार वृद्धि के लिए  हमेशा तैयार रहना चहिए और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए" यह बात मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा अपने उद्बोधन में एन.आई.आई.टी इंस्टिट्यूट के कार्यक्रम में उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ अपने छिन्‍दवाडा प्रवास कार्यक्रम तहत 15 दिसम्बर को शहनाई लॉन में आयोजित एनआईआईटी के सर्टिफिकेट वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस अवसर पर सांसद श्री नकुलनाथ, मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे, पूर्व विधायक श्री दीपक सक्सेना के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
            मुख्‍यमंत्री ने कहा की  वर्तमान प्रतिस्पर्धा के इस युग मे युवाओं में स्किल्स का होना जरूरी है। युवाओं में विद्यालयीन साक्षरता के साथ प्रेक्टिकल ज्ञान भी होना चाहिये । उन्होंने केन्‍द्रीय वाणिज्यि मंत्री रहते हुये छिंदवाड़ा जिले के युवाओं के स्किल डेवलपमेंट की दिशा में किये गए अपने प्रयासों एवं एनआईआईटी की स्थापना को लेकर अपनी मंशा के बारे में जानकारी दी । श्री कमल नाथ ने उपस्थित युवाओं से हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर छिंदवाड़ा जिले का नाम ऊँचा करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत मे उन्होंने एनआईआईटी के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट का वितरण किया। सर्टिफिकेट प्राप्त छात्र-छात्रायें  विप्रो, टीसीएस,एचसीएल जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनी में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
क्रमांक/2495/दिसंबर-163/जैन॥

मक्का फसल के लिये उपयोगी जानकारियां मिल रही हैं प्रदर्शनी में
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने किया कॉर्न फेस्टिवल प्रदर्शनी का शुभारंभ
जबलपुर/ 15 दिसंबर 2019/ मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने छिन्दवाडा में 15 और 16 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कृषि आदान, सिंचाई यंत्र, कृषि यंत्र, उन्नत तकनीक और मक्का की विभिन्न प्रजातियों के उन्नत बीजों पर आधारित विशाल प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। एक्जिबिशन जोन में 120 से भी अधिक स्टाल लगाये गये है। प्रदर्शनी में बीज, कीटनाशक दवा निर्माता कंपनियों, उर्वरक प्रदाता, कृषि यंत्र प्रदाता कंपनियों आदि ने अपने स्टाल लगाये हैं और कृषकों के लिये उन्नत तकनीक के साथ ही उपयोगी जानकारियां प्रदर्शित की हैं। प्रदर्शनी में कृषकों को कृषि के लिये वित्तीय मदद तथा जैविक कृषि को बढ़ाने की जानकारी भी दी जा रही है।
      प्रदर्शनी में बताया जा रहा है कि अलग-अलग भूमि तथा पर्यावरण के लिये अनुकूल मक्का की प्रजातियां कौन सी है? उनके बीज से होने वाले मक्का फसल का उत्पादन-उत्पादकता क्या होगी? छिन्दवाडा जिले में पूर्व में मक्का की फसल पर फॉल आर्मि वर्म का प्रकोप हुआ था। प्रदर्शनी में मक्का फसल से इस कीट को नष्ट करने के उपायों की जानकारी दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदर्शनी के अवलोकन में पर्याप्त समय दिया। मुख्यमंत्री प्रत्येक स्टाल तक पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनी को कृषकों के लिये उपयोगी बताया।
      प्रदर्शनी में छिन्दवाडा नगर स्थित एफ.डी.डी.आई. जो कि जूतों और फैशन डिजाईन से संबंधित महाविद्यालय और प्रशिक्षण संस्थान है, .टी.डी.सी.ट्रेनिंग सेंटर, सिल्क हैंडलूम सौंसर और उद्यानिकी उत्पादों से संबंधित कंपनियों के स्टाल भी है। राष्ट्रीय स्तर की उन्नत कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के कृषि यंत्रों का सजीव प्रदर्शन किया गया है जिसमें ऐसे कृषि यंत्र भी हैं जिनको आज तक किसानों द्वारा पहले कभी उपयोग में नहीं लाया गया है। वे शायद इन कृषि यंत्रों से पहली बार परिचित हुये हैं। उन बड़े कृषि यंत्रों का भी प्रदर्शन हो रहा है जो किसानों के लिये उपयोगी है, परंतु उन्हें योजनाओं के तहत कृषकों को प्रदाय नहीं किया जाता है उन यंत्रों के प्रदर्शन के साथ-साथ विभाग की इनोवेटिव योजनाओं के तहत किसानों से तत्काल ऑन स्पॉट इसकी बुकिंग कराई जाकर किसानों को उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री श्री नाथ के साथ जिले के सांसद श्री नकुल नाथ, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे, जनजातीय कार्य मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव, विधायक सर्वश्री सुनील उईके, निलेश उईके और सुजीत चौधरी, पूर्व विधायक श्री दीपक सक्सेना, म.प्र.बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष श्री गंगाप्रसाद तिवारी, संभागायुक्त श्री रवीन्द्र कुमार मिश्रा, डी.आई.जी.श्री सुशांत सक्सेना, मुख्ममंत्री के ओ.एस.डी.श्री संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के उप सचिव श्री अनुराग सक्सेना, सांसद के निज सचिव श्री जे.पी.सिंह,  कलेक्टर डॉ.श्रीनिवास शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह नागेश, अतिरिक्त कलेक्टर श्री राजेश शाही, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शशांक गर्ग, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी पत्रकारगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, कृषक और आम जन मौजूद थे।     
क्रमांक/2496/दिसंबर-164/जैन॥
कॉर्न फेस्टिवल 2019 के अंतर्गत फूड जोन में मक्के से बने लगभग
200 प्रकार के लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने पहुंच रहे हैं लोग
जबलपुर/ 15 दिसंबर 2019/ छिंदवाडा के पुलिस ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल के अंतर्गत बनाये गये फूड जोन में मक्के से बने लजीज व्यंजन सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। इस फूड जोन में मक्के का केवल पॉपकॉर्न की तरह उपयोग करने वाले लोगों को मक्के से बनने वाले विविध स्वादिष्ट व्यंजनों की जानकारी और स्वाद दोनों मिल रहे हैं। फूड जोन मे हल्दीराम, इंदौर सराफा, मध्यप्रदेश पर्यटन निगम एवं विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टॉल सहित अन्य 80 से अधिक स्टॉल के माध्यम से मक्के के 200 से अधिक स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका लोगों को मिल रहा है। मक्के की रोटी, सरसों का साग, मक्के के बड़े, मक्के की खीर, मक्के का पोहा, मक्के के पापड़, मक्के का खूत, मक्के के ब्रेड पकोड़े, मक्के के मंगोड़े, स्वीट कॉर्न, मक्का चिप्स, चाइनीस कॉर्न, कॉर्न पेस्ट्रीज, मक्के की टिक्की, मक्का वेज पकौड़ा, मक्के की बाटी, मक्के का चांवल, कॉर्न वेज बिरयानी, पॉपकॉर्न शेक, मक्के की बर्फी, कॉर्न नारियल पेड़ा, मक्के का पिठला, कॉर्न खस्ता पपड़ी, कॉर्न सूप, कॉर्न भेल, मेथी कॉर्न टिक्की, कॉर्न पनीर कुरकुरे, चिली कॉर्न, कॉर्न मंचूरियन, कॉर्न मूस, कॉर्न सैंडविच, कॉर्न केक, चीज कॉर्न पॉप, कॉर्न चूड़ा, गाजर कॉर्न हलवा, मक्के की गुपचुप, मक्के का कटलेट, कॉर्न रबड़ी, कॉर्न समोसा, कॉर्न पकोड़े, मैगी कॉर्न, स्वीट कॉर्न चार्ट, कॉर्न कस्टर्ड, कॉर्न पाव भाजी, कॉर्न पराठे और यहां तक की कॉर्न पिज्जा का स्वाद भी चखने को मिल रहा है। इसके अलावा मक्के से बनी और भी डिशेज का स्वाद यहां चखा जा सकता हैं। आम जन इस मौके का फायदा जरूर उठायें।
क्रमांक/2497/दिसंबर-165/जैन॥
फूड जोन में पातालकोट की रसोई बनी आकर्षण का केंद्र
जनजातीय पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने पहुंच रहे हैं लोग
जबलपुर/ 15 दिसंबर 2019/ दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल 2019 के अंतर्गत पुलिस ग्राउंड में अलग-अलग जोन बनाए गए हैं। इनमें से फूड जोन में मक्का से तैयार कई तरह के स्वादिष्ट और पारंपरिक व्यंजनों के 80 से भी ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं। फूड जोन में बनाई गई पातालकोट की रसोई सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जहां पहुंचकर लोग जनजातीय पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाने बड़े उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं। इस रसोई में पातालकोट के जनजातीय लोगों द्वारा खाये जाने वाले पारंपरिक व्यंजन मक्के की रोटी, बल्लर की सब्जी, बल्लर और बरबटी की मिक्स दाल, कुटकी का भात, भेजरा (देशी टमाटर) की चटनी और मक्के का हल्वा वाली थाली लोगों को बहुत पसंद आ रही है। आम जन के साथ ही प्रदर्शनी जोन में स्टॉल लगाने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधि भी पातालकोट की रसोई का स्वाद ले रहे हैं।
क्रमांक/2498/दिसंबर-166/जैन॥