NEWS -17-03-2021-B

 

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार


जिला पंचायत की सीईओ ने लगवाई कोरोना वेक्सीन की दूसरी डोज

जबलपुर, 17 मार्च 2021

जिला पंचायत की सीईओ रिजू बाफना ने आज जिला चिकित्सालय पहुँचकर कोरोना वेक्सीन की दूसरी दोज लगवाई जिला पंचायत की सीईओ ने इस अवसर पर सभी फ्रंट लाईन वर्कर्स से कोरोना की दूसरी डोज अनिवार्यतः लगवाने का आग्रह किया

क्रमांक/1075/मार्च-220/जैन

कलेक्टर ने की सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा

सौ दिन से अधिक समय तक लंबित शिकायतों का प्राथमिकता से निराकरण करने के दिये निर्देश

जबलपुर, 17 मार्च 2021

कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में तत्परता बरतने के निर्देश सभी विभागों के जिला अधिकारियों को दिये है। श्री शर्मा ने सौ दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों का निराकरण तीन दिन के भीतर करने की हिदायत भी अधिकारियों को दी है।

          कलेक्टर ने ये निर्देश सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों के निराकरण की स्थिति की विभागवार समीक्षा करते हुये दिये है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अधिकारियों का शिकायतों का निराकरण शिकायतकर्ता को संतुष्टि के साथ करना होगा। शिकायतों का फोर्स क्लोजर किसी भी हालत में न करने की हिदायत भी उन्होंने दी।

          श्री शर्मा ने खाद्य आपूर्ति विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ऊर्जा विभाग, संस्थागत वित्त जैसे उन विभागों के अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन को शिकायतों के निराकरण पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी है जहां बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती है। श्री शर्मा ने शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।

ज्ञात हो कि कलेक्टर श्री शर्मा कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी होम आइसोलेशन में रहते हुये जिले में चल रही गतिविधियों पर नजर रखे हुये है और योजनाओं की प्रगति की निवास से ही ऑनलाइन समीक्षा भी कर रहे है।

क्रमांक/1076/मार्च-221/जैन

 

अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में 1012 दम्पतियों को दी गई प्रोत्साहन राशि 

जबलपुर, 17 मार्च 2021

प्रदेश में छूआछूत को दूर करने के लिये अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग दम्पत्तियों को प्रोत्साहित कर रहा है। राज्य सरकार अब इन्हें प्रोत्साहित करने के लिये दो लाख रूपये का पुरस्कार दे रही है। वर्ष 2020-21 में योजना में 20 करोड़ 24 लाख रूपये की राशि 1012 दम्पत्तियों को उपलब्ध कराई गयी है। योजना में ऐसे दम्पत्तियों को पुरस्कृत किया जाता है, जिसमें सवर्ण युवक अथवा युवती द्वारा अनुसूचित जाति की युवक एवं युवती से विवाह किया जाता है।

सामाजिक समरसता के लिये सद्भावना शिविर

सामाजिक समरसता के निर्माण के उद्देश्य से जिला मुख्यालय पर सद्भावना शिविर आयोजित किये जा रहे है। सद्भावना शिविर का आयोजन मुख्य रूप से प्रतिवर्ष दो अक्टूबर को किया जाता है। शिविर के माध्यम से जन-सामान्य को छूआछूत की सामाजिक बुराई के बारे में जानकारी दी जाती है।

नागरिक अधिकार का प्रभावी क्रियान्वयन

प्रदेश में उत्पीड़न के शिकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों एवं उनके परिजनों को राहत राशि समय पर भुगतान करने के लिये योजना को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है। अनुसूचित जातियों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 तथा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2021-22 में 111 करोड़ 28 लाख रूपये का बजट में प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 43 जिलों में विशेष न्यायालय की स्थापना की है। प्रदेश के 7 जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में अधिसूचित किया है ताकि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों को त्वरित न्याय मिल सकें। मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य जहाँ प्रत्येक जिले में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सभी जिलों में विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है।

क्रमांक/1077/मार्च-222/जैन

 

भारत केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को देगी एक नया परिदृश्य

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संपूर्ण भारतीय समाज ने किया है आत्मसात, स्वीकार और स्वागत : श्री पोखरियाल
शिक्षाविद ही ला सकते हैं शिक्षा व्यवस्था में व्यवहारिक परिवर्तन : मंत्री श्री यशोधरा राजे
राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविज़न 2021' का समापन 

जबलपुर, 17 मार्च 2021

अनुसंधान और पेटेंट की दिशा में देश को आगे ले जाने के लिए भारत सरकार ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से 50 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति निश्चित रूप से भारत को ज्ञान की महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगी।सार्थक एजुविजन-2021’ के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियालनिशंकने यह बात कही। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और भारतीय शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता के भाव की स्थापना के उद्देश्य से देशभर से जुटे शिक्षाविद, शिक्षक और विशेषज्ञों के मंथन पर केंद्रित नेशनल कांफ्रेंस एवं एक्सपो का समापन हुआ। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर ने तीन दिन में हुए मंथन के बाद एक्शन फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हम अपने आईआईटी जैसे संस्थानों को गुरुकुल बनता देखना चाहते हैं, नए गुरुकुल नहीं बनाना चाहते।

खेल, युवा कल्याण एवं तकनीकी शिक्षा कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि समाज में मानव संसाधन की कमी नहीं है, कमी केवल दिशा देने की है। शिक्षाविदों के अनुभव और मार्गदर्शन ही शिक्षा व्यवस्था में व्यवहारिक परिवर्तन ला सकते हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि भारत के मॉडल को अपनाकर कई देशों ने अभूतपूर्व तरक्की की है, लेकिन हम अपनी अदूरदर्शिता और अंग्रेज पोषित व्यवस्था से पीछे चले गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हम इसे वापस स्थापित करेंगे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि जो कार्य शासन को करना चाहिए था, वह कार्य भारतीय शिक्षण मंडल के माध्यम से किया गया है, इसके लिए शिक्षाविदों का स्वागत है। कार्यक्रम का संचालन मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयंत सोनवलकर ने किया और भारतीय शिक्षण मंडल के मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष प्रो. आशीष डोंगरे ने आभार व्यक्त किया।

विश्वविद्यालय और इंडस्ट्री के बीच तालमेल आवश्यक

शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता एवं एक्रीडेशन सिस्टम पर चर्चा सत्र में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडेशन के सदस्य सचिव डॉ. अनिल कुमार नासा ने शिक्षा नीति में आवश्यक गुणवत्ता एवं मानकों को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को अध्यापन से अलग भी भूमिका निभानी होगी। प्रवेश एवं शुल्क नियंत्रण समिति के अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र कान्हेरे ने कहा कि आउटकम बेस एजुकेशन की सार्थकता के लिए विश्वविद्यालयों और इंडस्ट्री के बीच तालमेल होना आवश्यक है। इस परिचर्चा का संचालन कर रहे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारतीय शिक्षा व्यवस्था में पहली बार एक्रीडेशन की अनिवार्यता का प्रावधान किया गया है।

नैतिकता और आचरण से भी जुड़ी है शिक्षा

शिक्षा, संस्कृति और संस्कारविषय पर वीडियो संदेश में केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि शिक्षा, गणित और विज्ञान तक सीमित नहीं है, यह नैतिकता और आचरण से भी जुड़ी हुई है। भारत में कई भाषाएँ हैं जिनमें शिक्षा दी जानी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसके लिए प्रावधान है। भारत की संस्कृति कई भाषाएँ सीखने की इजाजत देती है।

त्रिवेणी है शिक्षा, संस्कृति और संस्कार

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष डॉ. गोविंद शर्मा ने कहा कि शिक्षा, संस्कृति और संस्कार त्रिवेणी है। इसमें सभी को डुबकी लगाना चाहिए। शिक्षा समाज का बुनियादी आधार है। शिक्षा के तीन काम हैं- व्यक्ति को योग्य बनाना, अर्जित ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाना और ज्ञान अर्जित करना, नवाचार और शोध करना। श्री दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि कल्पनाशीलता साहित्य से आती है, इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा पर बहुत अधिक बल दिया गया। एसटीपीआई के महानिदेशक डॉ. ओमकार राय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति टेक्नोलॉजी इंटेंसिव है। इसमें तकनीक का उपयोग बहुत अधिक होगा।

क्रमांक/1078/मार्च-223/जैन

 

शहर में आज रात 10 बजे से बाजार रहेंगे बंद

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर जिला

दंडाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश

जबलपुर, 17 मार्च 2021

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर जबलपुर शहर की सीमा क्षेत्र के भीतर आज बुधवार से प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी दुकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने के निर्देश दिये हैं।

जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि केमिस्ट, खान-पान की दुकानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके साथ ही आवश्यक सेवायें, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैण्ड आने-जाने के लिए आवागमन साधनों को भी अनुमति होगी। सामानों की आवाजाही करने वाले वाहन ट्रक, डम्फर तथा औद्योगिक गतिविधियां भी इस प्रतिबंध से मुक्त रहेगीं।

जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि जबलपुर जिलों की सीमा अंतर्गत होली या अन्य त्यौहारों हेतु जुलूस, शोभायात्रा, रैली, मेले, उर्स प्रोसेशन आदि का आयोजन पर भी आगामी आदेश तक रोक रहेगी। आदेश के अनुसार खुले स्थानों पर आयोजित समस्त सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही किये जा सकेंगे। सौ से अधिक व्यक्ति शामिल होने पर संबंधित क्षेत्र के एसडीएम से पूर्व अनुमति प्राप्त करना बंधनकारी होगा। बंद या कवर्ड स्थानों पर उनकी कुल क्षमता के पचास प्रतिशत से अधिक क्षमता के लोगों की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी।

प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन कराया जाये। तथा उल्लंघन करने वालों पर पूर्व निर्धारित अर्थदंड लगाया जाये। कोरोना प्रोटोकॉल एवं नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति द्वारा जुर्माना नहीं दिये जाने अथवा विवाद किये जाने पर ऐसे व्यक्ति का वीडियो तैयार कर संबंधित थाने में शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने संबंधी कार्यवाही की जायेगी।

आदेश के मुताबिक दुकानदारों को दुकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रस्सी के माध्यम से अथवा गोले बनाकर फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराना होगा। दुकानदारों से कहा गया है कि उनके प्रतिष्ठान पर आने वाले व्यक्तियों या ग्राहकों से संव्यवहार तभी करें जब वह ठीक ढंग से मास्क का इस्तेमाल कर रहा हो। ऐसा नहीं किये जाने पर दुकानदार को भी जिम्मेदार माना जायेगा तथा नियमों के उल्लंघन के आरोप में उसके प्रतिष्ठान को सील कर दिया जायेगा।

प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र से आये व्यक्तियों को सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा तथा लक्षण दिखाई देने पर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र जाकर कोविड टेस्ट कराना होगा। आदेश के अनुसार जबलपुर शहर एवं उसके आसपास के समस्त स्थलों पर मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना स्वयं व्यक्ति की जवाबदेही होगी। उल्लंघन की दशा में ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जा सकेगी तथा उनके वाहनों को जप्त कर थानों में जमा कर सकेगी। विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों में इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं रहेगा तथा वह इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेगी। इन संस्थानों में सेनेटाईजेशन, मास्क पहनना एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन, पुलिस, नगर निगम के अमले द्वारा निरंतर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये गये हैं। आदेश में कहा गया है कि नगर निगम के वाहनों द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से शहर में नागरिकों को मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने हेतु जागरूक किया जाये। पुलिस द्वारा चौराहे पर लाउडस्पीकर से उद्घोषणा की जाये। साथ ही ग्राम कोटवारों के माध्यम से सभी ग्रामों में डोंडी पिटवाकर रोको-टोको अभियान चलाया जाए।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा एसडीएम द्वारा दी गई अनुमति में दर्शित लिखित शर्तों का उल्लंघन करने पर आयोजनकर्ता अथवा व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 तक तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सभी कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।

क्रमांक/1079/मार्च-224/जैन