News.01.01.2020_A


संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
जय किसान ऋण माफी योजना:
किसानों से बैंक शाखा जाकर गुलाबी फार्म में भरे गये आवेदनों का
निराकरण कराने की अपील
बैंक शाखा स्तर पर दो दिन और लगेंगे शिविर
अभी तक 35 फीसदी किसानों ने ही कराया अपने आवेदनों का निराकरण
जबलपुर, 01 जनवरी, 2020
      जय किसान ऋण माफी योजना के तहत गुलाबी फार्म में आवेदन भरने वाले किसानों से जिला प्रशासन ने तीन जनवरी तक बैंक शाखावार लगाये जा रहे शिविरों में पहुंचकर अपने आवेदनों का निराकरण कराने की अपील की है ।
      उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास डॉ. एस.के. निगम ने बताया कि कलेक्टर श्री भरत यादव के निर्देश पर ऋण माफी योजना के तहत किसानों द्वारा गुलाबी फार्म में ऋण माफी के दिये गये आवेदनों के निराकरण के लिए 26 दिसंबर से 3 दिसंबर तक बैंक शाखावार शिविर आयो‍जित किये जा रहे हैं। बैंक शाखा स्तर पर लगाये जा रहे शिविरों में जिन आवेदनों का निराकरण नहीं हो सकेगा उनका निपटारा 4 जनवरी को जनपद पंचायत मुख्यालयों में शिविर लगाकर किया जायेगा ।
      उप संचालक किसान कल्याण के मुताबिक जय किसान ऋण माफी योजना के तहत जिले में कुल 11 हजार 263 किसानों द्वारा ऋण माफी के लिए गुलाबी फार्म में आवेदन दिये गये थे ।  इनमें से 6 हजार 863 गुलाबी फार्म (गुलाबी-1) ऐसे थे जिनमें किसानों ने यह दावा किया था कि उन्हें 31 मार्च 2018 तक ऋण माफी की पात्रता बनती है लेकिन बैंकों द्वारा ग्राम पंचायतों में प्रदर्शित सूची में उनके नाम शामिल थे ।
      इसी तरह 4 हजार 410 ऐसे गुलाबी फार्म (गुलाबी-2) भी प्राप्त हुए जिनमें या तो ऋणी कृषक की मृत्यु हो चुकी थी और उनके वारिसों द्वारा ऋण माफी का दावा किया गया था अथवा बैंक द्वारा पंचायत स्तर पर प्रदर्शित सूची में ऋण राशि में अंतर था ।
      डॉ. निगम के मुताबिक इन दोनों श्रेणी के गुलाबी फार्म भरने वाले किसानों में से अभी तक लगभग 35 फीसदी किसानों ने ही अपने आवेदनों का बैंक शाखा स्तर पर लगाये जा रहे शिविरों में निराकरण कराया है । उन्होंने कहा कि गुलाबी फार्मों में ऋण माफी के लिए दिये गये आवेदनों का निराकरण बैंक शाखा स्तर पर लगाये जा रहे शिविरों में ही रिकार्ड के आधार पर संभव है । यदि किसान इन शिविरों में अपने आवेदनों का निराकरण कराने नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें जय किसान ऋण माफी योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा ।
      उप संचालक किसान कल्याण ने ऐसे सभी किसानों से जिन्होंने अपने गुलाबी फार्म का निराकरण बैंक शाखा में लगाये जा रहे शिविरों में जाकर नहीं कराया है, उन किसानों को शेष दो दिनों में उस बैंक शाखा में पहुंचकर, जहां से उन्हें कृषि ऋण हुआ था अपने आवेदनों का निराकरण करने का आग्रह किया है । डॉ. निगम ने कहा कि किसानों को अपने आवेदनों के निराकरण के लिए ऋण संबंधी दस्तावेज, भरे गये गुलाबी फार्म की पावती, खसरा खतौनी, हितग्राही की मृत्यु होने पर वारिस संबंधी दस्तावेज एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से साथ लेकर बैंक शाखा जाना होगा ।
क्रमांक/2651/जनवरी-01/जैन

नौ राजस्व अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार-नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस
    जबलपुर 01 जनवरी 2020
      राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने में लापरवाही बरतने और निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं करने और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी शासकीय कार्य में अपेक्षित गति नहीं लाने के आरोप में संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने जबलपुर संभाग के जबलपुर, मण्डला और बालाघाट जिलों के कुल नौ राजस्व अधिकारियों जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हैं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संभागायुक्त ने सात दिवस के भीतर अपना लिखित उत्तर संभागायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इन अधिकारियों के विरूद्ध कलेक्टर्स द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी।
      संभागायुक्त श्री मिश्रा ने जबलपुर जिले में पदस्थ नायब तहसीलदार रांझी भूमिका पाण्डे, अतिरिक्त तहसीलदार गोरखपुर प्रदीप मिश्रा और नायब तहसीलदार अधारताल सुषमा धुर्वे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बालाघाट जिले में नायब तहसीलदार कटंगी शैलेन्द्र राय, नायब तहसीलदार मेंडकी कैलाश कन्नौजे और नायब तहसीलदार बुदबुदा सारिका परस्ते को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मण्डला जिला में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व निवास आशा कुशरे, तहसीलदार घुघरी निशा नापित और तहसीलदार निवास अक्तूराम ठाकुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
क्रमांक/2652/जनवरी-02/खरे॥

नगरीय निकायों के अधिकारियों को दी गई वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया की जानकारी
जबलपुर 01 जनवरी, 2020
      जिले के सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों की आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी गई । कलेक्टर श्री भरत यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में नगरीय निकायों के अधिकारियों को आरक्षण की प्रक्रिया का गहन अध्ययन करने के निर्देश दिये गये हैं ।
      कलेक्टर श्री यादव ने बैठक में बताया कि शासन द्वारा जनवरी माह के अंत तक नगर निगम जबलपुर सहित जिले की नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिये गये हैं ।  उन्होंने कहा कि आरक्षण की प्रक्रिया और इस बारे में जारी दिशा-निर्देशों का सभी अधिकारियों को गहन अध्ययन करना होगा और अच्छी तरह समझना होगा ताकि आरक्षण की कार्यवाही के दौरान किसी तरह की त्रुटि की गुंजाइश न रहे । श्री यादव ने आरक्षण की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतने की हिदायत भी दी है ।
      बैठक में बताया गया कि जिले में नगरीय निकायों के वार्डों के आरक्षण की कार्यवाही की तिथि जल्दी ही तय की जायेगी ।  निर्धारित तिथि की सार्वजनिक सूचना जारी की जायेगी और आरक्षण की कार्यवाही को आम नागरिकों की उपस्थिति में संपन्न कराया जायेगा ।  बैठक में अपर कलेक्टर व्ही.पी. द्विवेदी, जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी दिनेश त्रिपाठी तथा सभी नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद थे । 
क्रमांक/2653/जनवरी-03/जैन

जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त
जबलपुर, 01 जनवरी, 2020
      कलेक्टर भरत यादव ने मतदाता सूची की सटीकता के वांछित स्तर को प्राप्त करने के लिए आवश्यक जानकारियाँ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश भोपाल को भेजने जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आशीष कुमार शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है ।
      कलेक्टर के आदेशानुसार नोडल अधिकारी जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, श्मशान एवं कब्रिस्तान के प्रभारी अधिकारियों आदि से आवश्यक जानकारी का संग्रह करेंगे । ईआरओ नेट डैशबोर्ड में डेटा दर्ज करेंगे ।  ये सभी कार्रवाई पूर्ण कर मुख्य निर्वाचक पदाधिकारी को जानकारी भेजेंगे । इनके सहयोग के लिए सहायक प्रोग्रामर निर्वाचन दीपक दुबे को नियुक्त किया गया है ।
क्रमांक/2654/जनवरी-04/खरे

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवाओं से आवासीय प्रशिक्षण हेतु तीन जनवरी तक आवेदन आमंत्रित
    जबलपुर 01 जनवरी 2020
      सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार एमएसएमई द्वारा प्रायोजित एवं उद्यमिता विकास केन्द्र (सेडमैप) जबलपुर द्वारा एंटरप्रेन्योरशिप स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम सात दिवसीय एवं 21 दिवसीय नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार एवं स्वरोजगार से लाभान्वित किया जाना है। आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों का पंजीयन कर साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जाएगा।
      आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियां जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य है एवं न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 वीं उत्तीर्ण है पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पंजीयन करा सकते हैं। पंजीकृत आवेदकों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जाएगा। पंजीयन हेतु आवेदन की अंतिम तिथि तीन जनवरी तय की गई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जबलपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मण्डला जिले के प्रशिक्षणार्थी लाभ ले सकते हैं। चयनित आवेदकों की कार्यक्रम में 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए सेडमैप के जिला समन्वयक अजय तिवारी के मोबाइल नंबर 8815220586 पर अथवा उद्यमिता विकास केन्द्र जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र टीव्ही टावर के पास कटंगा में संपर्क किया जा सकता है।
क्रमांक/2655/जनवरी-05/जैन॥

अनाश्रित 7800 गौ-वंश के लिये 23 करोड़ से बनेंगी गौ-शालाएँ
जबलपुर 01 जनवरी, 2020
प्रदेश में वन समितियों के माध्यम से 78 गौ-शालाएँ बनाई जाएंगी। तीस लाख रुपये प्रति गौ-शाला की दर से बनने वाली 50 गौ-शालाओं का 15 करोड़ रुपये का वित्त पोषण लघु वनोपज संघ और शेष 28 गौ-शालाओं के लिये 8 करोड़ 4 लाख रुपये का वित्त पोषण वन सुरक्षा समितियों को दी जाने वाली लाभांश की राशि से किया गया है। गौवंश को सतत चारा आपूर्ति के उद्देश्य से संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के सहयोग से चारा उत्पादन के लिये उपयुक्त वन क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन श्री चितरंजन त्यागी ने बताया कि अनाश्रित गायों के लिये गौ-शाला खोलना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। वन विभाग द्वारा गौ-शालाओं के लिये स्थल का चयन उस क्षेत्र में उपलब्ध अनाश्रित गौ-वंश के आधार पर किया गया है। सौ गायों की क्षमता वाली प्रत्येक गौ-शाला के लिये 30 लाख रुपये प्रति इकाई की दर से प्राक्कलन तैयार किये गए हैं। इसमें गायों के लिये शेड, चारे के लिये गोदाम और जल की व्यवस्था की गई है। अनाश्रित गायों को आश्रय मिल जाने से उन्हें उपचार और आहार की सुविधा मिलेगी। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
क्रमांक/2656/जनवरी-06/खरे