संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
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दस्तक अभियान के क्रियान्वयन में जबलपुर जिला प्रदेश
में दूसरे स्थान पर
कलेक्टर ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास के अमले
को दी शाबासी
श्री यादव ने की स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास
विभाग के कार्यों की समीक्षा
जबलपुर, 24 जुलाई, 2019
दस्तक अभियान
के क्रियान्वयन में
प्रदेश स्तर की ओव्हर
ऑल रैंकिंग में
जबलपुर जिले को
प्रदेश में दूसरा
स्थान प्राप्त हुआ है । कलेक्टर श्री भरत यादव
ने जिले की
इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य तथा
महिला एवं बाल
विकास विभाग के
अमले की सराहना करते हुए शाबासी और बधाई दी
है ।
आज बुधवार
को स्वास्थ्य
तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की
समीक्षा के लिये आयोजित
बैठक में श्री
यादव ने दस्तक
अभियान में जिले
को मिली इस
उपलब्धि का श्रेय दोनों
विभाग के मैदानी
अमले को दिया
। उन्होंने कहा
कि शहरी और
ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर
दस्तक देकर गम्भीर बीमारियों, विकृतियों, कुपोषण
एवं एनीमिया से
पीड़ित बच्चों को
चिन्हित करने तथा उनके
उपचार के प्रबंध करने के
सौंपे गए दायित्व का
जिस गम्भीरता और
सजगता से निर्वाह इन
विभागों के मैदानी अमले
ने किया हैं,
वास्तव में इसके
लिये वे सम्मान
के हकदार हैं
।
श्री यादव ने
अभियान के तहत
पोषण पुनर्वास केन्द्रों में
भर्ती किये गए
बच्चों का निरंतर
फॉलोअप लेने के
निर्देश भी बैठक में दिए
। उन्होंने दस्तक अभियान के
31 जुलाई
तक चलने वाले
मॉपअप राउंड में
डायरिया से पीड़ित होने
वाले बच्चों के
चिन्हांकन पर विशेष ध्यान
देने के निर्देश दिए
।
कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में
आयोजित इस बैठक
में अपर कलेक्टर डॉ
सलोनी सिडाना भी
मौजूद थीं । बैठक में दस्तक अभियान की
गतिविधियों के अलावा स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की
समीक्षा भी की गई ।
कलेक्टर
श्री यादव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित
करने के निर्देश दिये । उन्होंने जल जनित
रोगों की रोकथाम के उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता भी बताई
। श्री यादव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि उन्हें संक्रामक रोगों से
पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के साथ-साथ बीमारी की वजह जानने के प्रयास करने होंगे
ताकि संबंधित क्षेत्र में बीमारी को जड़ से समाप्त करने जरूरी कदम उठाये जा सकें ।
कलेक्टर
ने बैठक में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी शासकीय अस्पतालों एवं
स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी रेबीज तथा एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता
सुनिश्चित करने के निर्देश भी बैठक में दिये ।
उन्होंने स्कूली बच्चों के नेत्र परीक्षण के लिए कैलेण्डर तैयार करने तथा
इस कार्य में रेडक्रॉस सोसायटी तथा सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लेने की बात कही ।
उन्होंने 8 अगस्त को कृमि नाशक दिवस पर स्कूलों एवं आंगनबाड़ी के प्रत्येक बच्चे को
कृमि नाशक दवा खिलाने के निर्देश दिये । श्री यादव ने कहा कि जो बच्चे इस दिन दवा
खाने छूट जाते हैं उन्हें 16 अगस्त को मॉपअप राउण्ड में अनिवार्य रूप से कृमि नाशक
दवा खिलाई जानी चाहिए ।
श्री
यादव ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रत्येक सेक्टर पर एक-एक आंगनबाड़ी
केन्द्र को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र का स्वरूप देने की दिशा में अभी तक की गई
कार्यवाही की समीक्षा भी की । उन्होंने
आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों में क्या-क्या सुविधायें होनी चाहिए इस बारे में
सुविचारित रणनीति बनाई जाये । श्री यादव
ने प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के प्रकरणों के हितग्राहियों को द्वितीय एवं
तृतीय किश्त का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश भी बैठक में दिये ।
बैठक
में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुरली अग्रवाल तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी
महिला एवं बाल विकास एम.एल. मेहरा भी उपस्थित थे ।
क्रमांक/1143/जुलाई-267/जैन
शासकीय स्कूलों में हो बेहतर शैक्षणिक वातावरण—भरत यादव
कलेक्टर ने शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के स्कूलों,
छात्रावासों एवं आश्रमों की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
जबलपुर 24 जुलाई 2019
कलेक्टर श्री भरत यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग
तथा आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिले में संचालित स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण
को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए इन संस्थाओं में अध्ययनरत बच्चों को पाठ्य पुस्तकों,
गणवेश एवं साइकिलों का वितरण तय समय-सीमा में करने के निर्देश दिये हैं ।
श्री यादव आज मानस भवन में शिक्षा विभाग एवं
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शाला प्रमुखों तथा छात्रावास एवं आश्रम के अधीक्षकों
की बैठक को संबोधित कर रहे थे । बैठक में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्र, अपर कलेक्टर
डॉ. सलोनी सिडाना, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पूजा
द्विवेदी एवं जिला परियोजना समन्वयक आर.पी. चतुर्वेदी मौजूद थे ।
कलेक्टर ने बैठक में शाला प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों
तथा छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षकों को विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने की दिशा में व्यक्तिगत
पहल करने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि शिक्षकों को न केवल बच्चों को अच्छी शिक्षा
देनी होगी बल्कि उनके परफार्मेंस की नियमित रूप से मॉनीटरिंग भी करनी होगी ।
कलेक्टर ने शासकीय शालाओं के प्रति समाज की सोच
बदलने की जिम्मेदारी संभालने का अनुरोध भी संस्था प्रमुखों से किया । श्री यादव ने कहा कि जो शाला प्रमुख या शिक्षक लीक
से हटकर अपनी संस्था में व्यक्तिगत तौर पर या समाज को भागीदार बनाकर बेहतर शैक्षणिक
सुविधायें जुटाने के प्रयास करेंगे उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा । उन्होंने शाला
परिसर में स्वच्छता के प्रति ज्यादा ध्यान दिये जाने की जरूरत भी बताई ।
कलेक्टर ने बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग
द्वारा संचालित आवासीय शालाओं, छात्रावास एवं आश्रमों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध
कराने की दिशा में शिक्षा के आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने पर जोर दिया । उन्होंने छात्रावास एवं आश्रमों में बिजली, पानी
एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान देने के निर्देश भी दिये । श्री यादव
ने सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त करने की जरूरत पर बल देते हुए छात्रावास एवं आश्रमों
में वाटर फिल्टर, टेलीविजन और कम्प्यूटर, इंटरनेट जैसी सुविधायें जुटाने की बात भी
कही । उन्होंने आश्रम, छात्रावास एवं शाला परिसरों में वर्षाकाल के दौरा पौधारोपण के
कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिये । कलेक्टर ने सरकारी स्कूलों के कक्षा ग्यारहवीं
एवं बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए संकुल स्तर पर कैरियर काउंसिल कार्यक्रमों का
आयोजन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ।
क्रमांक/1144/जुलाई-268/जैन
किसान भाईयों को अल्पवर्षा
की वर्तमान स्थिति में समसामयिक सलाह
जबलपुर 24 जुलाई 2019
अल्पवर्षा तथा सूखे की निर्मित हो रही स्थिति
में किसान भाईयों को खेती-किसानी की दृष्टि से कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समसामयिक
सलाह दी गई है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ एके सिंह
ने इस संबंध में बताया कि जिन किसान भाईयों ने अभी तक बोनी नहीं की है, वे कम पानी
वाली फसलें यथा अरहर, उड़द, मूंग व तिल की बोनी करें तथा देर से बोनी की दशा में बीजदर
25 प्रतिशत बढ़ाकर बोनी करें। बोनी हेतु उड़द की उन्नत किस्में यथा आईपीयू 94-1, पंत
उड़द 30, पंत उड़द 31, आईपीयू 2-43, प्रताप उड़द 1, मूंग की उन्नत किस्में पूसा विशाल,
पीडीएम 139, आईपीएम 2-3, एमएच 421, अरहर की उन्नत मध्यम अवधि की किस्में टीजेटी
501, पीकेवी तारा, पूसा 992, तिल की उन्नत प्रजातियां यथा जेटीएस 8, टीकेजी 22, टीकेजी
55 आदि किस्मों का प्रयोग करें।
बोनी से पूर्व बीज को मिश्रित फफूंदनाशी और कार्बेन्डाजिम
और मेंकोजेब की 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज व जैव उर्वरकों (राइजोबियम व पीएसबी) की
5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें। किसान भाई उक्त फसलों
की बोनी मेंढ़ नाली विधि से करें, ताकि नमी अधिक समय तक संरक्षित रहे। किसान भाई बोनी
करते समय जैव उर्वरकों (पीएसबी माइकोराइजा, सूडोमोनास, पोटास विलयक जीवाणु, जैव अपशिष्ट
अपघटक) का प्रयोग आधार रूप में करें। जिन किसान भाईयों की बोनी हो चुकी है वे नमी संरक्षण
हेतु खेत में बखर चलाएं तथा आवश्यकतानुसार जीवन रक्षक सिंचाई करें। समय से नींदा नियंत्रण
हेतु निंदाई-गुड़ाई करें तथा खरपतवारों को कतारों के मध्य रखें ताकि नमी संरक्षण हो।
क्रमांक/1145/जुलाई-269/मनोज