News.05.07.2019_A


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
बटुक भैरो बाजनामठ मंदिर ट्रस्ट से संबंधित दावा-आपत्ति आमंत्रित
जबलपुर 05 जुलाई 2019
      तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी गोरखपुर ने बटुक भैरो बाजनामठ मंदिर ट्रस्ट जबलपुर की संपत्ति को लोक न्यास की तरह विर्निदिष्ट कर मप्र लोक न्यास अधिनियम के तहत पंजीयन हेतु पंजीयक लोक न्यास एवं अनुविभागीय अधिकारी मनीषा वास्कले के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है। श्रीमती वास्कले ने आवेदन पर विचार के लिए 15 जुलाई की तिथि नियत की है।
      बटुक भैरो बाजनामठ मंदिर ट्रस्ट के न्यास या संपत्ति में हित रखने वाली कोई भी संस्था या व्यक्ति एक माह के भीतर अपना पक्ष या दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। इस प्रकरण पर विचार के लिए तय तिथि 15 जुलाई को भी न्यायालय में स्वयं या अपने अभिभावक या अभिकर्ता के माध्यम से उपस्थित होकर दो प्रतियों में कथन, दावा व आपत्ति प्रस्तुत किया जा सकता है। अवधि की समाप्ति के पश्चात् प्राप्त दावा-आपत्तियों या सुझावों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। बटुक भैरो बाजनामठ मंदिर ट्रस्ट ग्राम पुरवा के खसरा नंबर 407/1 में एक एकड़ क्षेत्र में स्थित है। शासकीय कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर भवन एवं भूमि की अनुमानित मूल्य एक करोड़ रूपए है। इसकी आय का स्त्रोत दान-दाता, मोटर-साइकिल स्टेण्ड है। साथ ही किसी भी संस्था से प्राप्त धन, मंदिर के संपन्न होने वाले कार्यक्रम से प्राप्त आय व आमजन से प्राप्त होने वाली राशि, मंदिर पर व्यावसायिक क्षेत्र होने की वजह से अर्जित होने वाली आमदनी  मुख्य आय का स्त्रोत है।
क्रमांक/932/जुलाई-56/मनोज॥
जिले में अब तक 170.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज
जबलपुर, 05 जुलाई, 2019
      जिले में एक जून से 5 जुलाई तक 170.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है ।  जबकि गत वर्ष आलोच्य अवधि तक 91.5 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई थी ।
      अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वर्षामापी केन्द्र जबलपुर में एक जून से 5 जुलाई की अवधि में 266.2 मिलीमीटर वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है ।  इसी प्रकार पनागर में 67.9 मिलीमीटर, कुंडम में 169.6 मिलीमीटर, पाटन में 221.3 मिलीमीटर, शहपुरा में 135.7 मिलीमीटर, सिहोरा में 154.4 मिलीमीटर और मझौली में 180.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है ।
क्रमांक/933/जुलाई-57/मनोज!!

"प्रश्नों के सही उत्तर बताओ-हिन्दुस्तान का दिल घूमकर आओ"
7 अगस्त से जिला और 5 सितम्बर को राज्य स्तरीय .प्र.पर्यटन क्विज 
जबलपुर, 05 जुलाई, 2019
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश के 9 वीं से 12 वीं कक्षा तक अध्ययनरत बच्चों के लिये 'मध्यप्रदेश पर्यटन क्विज -2019' का आयोजन किया जा रहा है।
क्विज का उद्देश्य प्रदेश के समृद्ध इतिहास, परम्पराओं, ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक रंगों, कला, प्राकृतिक समृद्धि, महापुरूषों, पर्यटन महत्व की संभावनाओं से परिचित कराने तथा सीखने की प्रक्रिया विकसित करना है। क्विज सभी 52 जिलों के शासकीय/अशासकीय स्कूलों में एक साथ जिला स्तर पर 7 अगस्त और राज्य स्तर पर 5 सितम्बर को होगी।
जिलों में कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, पर्यटन के प्रमोशन, संवर्धन के लिये गठित डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षा विभाग से एक क्विज मास्टर के सहयोग और समन्वय से जिला स्तरीय क्विज होगी। पंजीयन के लिये जिला शिक्षा अधिकारी/प्राचार्य जिला स्तर उत्कृष्ट विद्यालय/जिला टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल (कलेक्टर कार्यालय) में 20 जुलाई 2019 तक प्रपत्र जमा करना होगा।
प्रत्येक जिले की प्रथम 3 विजेता टीम को 2 रात 3 दिन तथा 3 उप-विजेता टीम को एक रात्रि दो दिन मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के होटलों में ठहरने के कूपन दिये जाएंगे। संबंधित पर्यटन स्थल तक लाना-लेजाना, भोजन, रूकना, स्थानीय भ्रमण आदि का व्यय मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड वहन करेगा।
क्विज के दोनों चरण में मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं पर्यटन से संबंधित परिक्षेत्र, कला, संवर्धन, अध्यात्म, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से संबंधित प्रश्न होंगे। प्रथम चरण में चयनित 6 टीम के बीच द्वितीय चरण में आडियो विजुअल, मल्टीमीडिया आधारित क्विज होगा। इसमें प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी विद्यालय राज्य स्तर पर सहभागिता करेंगे।
क्रमांक/934/जुलाई-58/मनोज
स्वयं के व्यय पर रिक्त पद, परस्पर स्थानांतरण निर्धारित प्रतिशत में नहीं होंगे शामिल
जबलपुर, 05 जुलाई, 2019
राज्य शासन ने राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति-2019-20 में संशोधन कर स्पष्ट किया है कि स्वयं के व्यय पर रिक्त पद, परस्पर किए गए स्थानांतरण निर्धारित स्थानांतरण प्रतिशत में शामिल नहीं होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने आज यह आदेश जारी किया।
क्रमांक/935/जुलाई-59/मनोज
सहायक संचालक शिक्षा को पनागर स्कूल के कक्षों में मिला गंदगी का अंबार
जबलपुर 05 जुलाई 2019
      लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशों के तहत सहायक संचालक शिक्षा एस. वर्मा ने विगत दिनों शासकीय उत्कृष्ट उमावि बालक पनागर का अकादमिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शाला प्रांगण, अध्यापन हेतु उपयोग लाए जाने वाले अध्यापन कक्ष, प्रयोगशालाएं आदि में गंदगी का अंबार पाया गया। निरीक्षण के दौरान शाला में पदस्थ शिक्षकों द्वारा अध्यापन हेतु तैयार की जाने वाली दैनंदिनी भी तैयार नहीं की गई और न ही समय विभाग चक्र तैयार किया गया था।
      संस्था प्राचार्य श्रीमती शैलबाला डोंगरे को समक्ष में निर्देश दिए गए कि संभागायुक्त द्वारा विगत माह शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाए जाने हेतु समीक्षा बैठक में दिए गए आवश्यक निर्देशों का भी पालन नहीं हो रहा है। निरीक्षणकर्ता अधिकारी एस. वर्मा सहायक संचालक शिक्षा द्वारा निर्देशित किया गया है कि तीन दिवस के अंदर संस्था गतिविविधयों एवं अध्यापन कार्य से संबंधित समस्त कार्यवाही पूर्ण कर प्रतिवेदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग में आवश्यक रूप से प्रस्तुत करें।
क्रमांक/936/जुलाई-60/मनोज॥

आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर से मिलेगी वेतन आहरणअवकाश की जानकारी

 जबलपुर, 05 जुलाई, 2019

शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कठिनाइयों के मद्देनजर मंत्रालय में '-दक्ष' प्रशिक्षण किया जा रहा है। कोष एवं लेखा संचालक जे.के. शर्मा ने बताया कि कठिनाइयों का निराकरण और उपलब्ध सुविधाओं के उपयोग की जानकारी प्रशिक्षण में दी जायेगी। प्रशिक्षण 16 जुलाई तक चलेगा।
आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अधिकारी एवं कर्मचारी वेतन आहरणअवकाश स्वीकृति , शासन द्वारा डीएएरियरवेतन वृद्धि आदि से जुड़ी जानकारी अपने मोबाइल नंबर -मेल दर्ज कर एस.एम.एस. ईमेल द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
 श्री शर्मा ने बताया कि अधिकारी एवं कर्मचारी अपना मोबाइल नंबर -मेल आई.डी. IFMIS पर दर्ज कराए। आहरण अधिकारी द्वारा सभी अधिकारी एवं कर्मचारी लॉगिन/पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारी एवं कर्मचारी www.ifmisprod.mptreasury.gov.in पर लॉगिन कर समस्त जानकारी देखे एवं उसे सही करवायें।
क्रमांक/937/जुलाई-61/मनोज

शब्दों का मकड़जाल और महँगाई बढ़ाने वाला बजट - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
जबलपुर, 05 जुलाई, 2019

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने केन्द्रीय वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में प्रस्तुत बजट 2019-20 को शब्दों का मकड़जाल बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट कम भाषण ज्यादा है। बजट के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट युवाओं, किसानों और मध्यम वर्ग को बेहद निराश करने वाला है। जनता अपने आपको ठगा-सा महसूस कर रही है। जैसा कि केन्द्र की सरकार की पहचान नये जुमले बनाने वाली सरकार के रूप में होने लगी है, इस बजट में भी कोई ठोस बात नहीं की गई है। पिछले कार्यकाल की बातें दोहराने की नाकाम कोशिश की है। जो काम मामूली सुधार से हो सकते थे उन्हें बजट में शामिल कर ध्यान भटकाने की कोशिश हुई है।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि देश को अपेक्षा थी कि बजट में किसानों के दुख:-दर्द को दूर करने वाले उपायों के बारे में उल्लेख होगा। बेरोजगारी दूर करने और युवाओं के सपनों को साकार करने के बारे उल्लेख होता। अनुसूचित वर्गों के विकास की चर्चा होती। इन बिन्दुओं पर बजट ने निराश किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से एक बात साफ हो जाती है कि चंद महीने पहले पेश किये गये अंतरिम बजट में राज्यों को जो हिस्सा मिलना था उसे कम कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के हिस्से के 2677 करोड़ रूपये कम कर दिये गये हैं। शायद इसी कारण वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण योजनाओं और खर्च के संबंध में चुप रहना ही ठीक समझा। इससे केन्द्र सरकार के बेहद खराब आर्थिक प्रबंधन की झलक मिलती है। बजट से सरकार के आर्थिक वृद्धि दर के गलत आंकड़े भी सामने आये हैं।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि बजट के पहले उम्मीद थी कि पेय जल के लिये नये मेगा प्लान की घोषणा होगी जिससे लोगों की जल समस्या दूर होगी। इसके विपरीत वित्त मंत्री के बजट भाषण में इस संबंध में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर विशेष एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से आम लोगों का जीना मुश्किल हो जायेगा। इससे व्यापार पर विपरीत प्रभाव तो पड़ेगा ही साथ ही महँगाई भी बढ़ेगी। यह ऐसा बजट है जो महँगाई बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि हाल में चुनाव में विकास के सभी जरूरी मुद्दों को दरकिनार किया गया और अब नये भारत का जुमला बनाकर फिर से जनता को परोसा गया है। गरीबी, महँगाई और बेरोजगारी के साथ नया भारत कैसे बनेगा, इसका कोई रोडमैप बजट में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी दूर करने के उपायों और युवाओं को आगे बढ़ने के मौके देने के बारे में बजट में कोई ठोस बात नहीं है। मीडिया और बीमा क्षेत्र को विदेशी पूंजी निवेश के लिए खोलने का कदम 'मेक इन इंडिया' के विपरीत है क्योंकि इससे देश की प्रतिभाओं को अनावश्यक प्रतियोगिता का दबाव सहना पड़ेगा। स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को भी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गाँव, गरीब और किसान की बातें 2014 से हर साल हो रही हैं लेकिन इस बजट में भी उनके लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
क्रमांक/938/जुलाई-62/मनोज