News.04.07.2019_A


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
डी.ई.ओ. ने 6 स्कूलों का किया औचक निरीक्षण
स्कूल से गायब मिले 2 प्राचार्यों सहित 9 शिक्षकों से स्पष्टीकरण तलब
जबलपुर, 04 जुलाई, 2019
      स्कूल चलें हम अभियान और शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. नेमा ने आज जिले के 6 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अनुपस्थित मिले दो प्राचार्यों सहित 9 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया ।
      डी.ई.ओ. आज दोपहर 12 बजे जब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चरगवाँ पहुंचे तब उन्हें पता चला कि शाला प्राचार्य एन.के. चौकसे 11 जून 2019 से लगातार बिना किसी पूर्व सूचना और अवकाश आवेदन के अनुपस्थित हैं ।  निरीक्षण के दौरान स्कूल अस्त-व्यस्त हालत में मिली, ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल खुले हुए एक माह हो जाने के बाद भी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि स्कूल में महीनों से शैक्षणिक कार्य हो ही नहीं रहा है ।  निरीक्षण के समय किसी भी कक्षा की छात्र उपस्थिति पंजी नहीं मिली, उपस्थित शिक्षकों ने डी.ई.ओ. को बताया कि छात्र उपस्थिति पंजी अभी बनाई ही नहीं गई है ।  शिक्षक यह भी नहीं बता पाये कि कौन शिक्षक किस कक्षा का कक्षा शिक्षक है ।  शिक्षकों द्वारा डेली डायरी भी नहीं तैयार की गई ।  स्कूल का कोई भी शिक्षक यह भी नहीं बता पाया कि इस शैक्षणिक सत्र में कितने छात्रों ने प्रवेश लिया है । छात्रों की प्रोफाइल अपडेशन कार्य भी नहीं किया गया है, इसकी वजह से छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल और पाठ्य पुस्तकों का वितरण नहीं किया जा सका ।  निरीक्षण के दौरान डी.ई.ओ. ने यह महसूस किया कि प्राचार्य महीनों से स्कूल नहीं आये और उनका अधीनस्थ स्टॉफ पर कोई नियंत्रण भी नहीं है । अनुपस्थिति के लिए चरगवाँ स्कूल के प्राचार्य के अलावा वरिष्ठ अध्यापक नीता मांडले, रेखा खरे, अशोक लहंगे, शत्रुघन भारद्वाज और अध्यापक नंदा निनावे, कल्पना विश्वकर्मा तथा कांता रजक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया ।
      इसके बाद दोपहर 1.40 बजे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजौरी पहुंचे डी.ई.ओ. श्री नेमा को स्कूल प्राचार्य रक्षिता मिश्रा बिना किसी पूर्व सूचना के गायब मिली । इस स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक सतीश पांडे भी ‍बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित मिले ।  जबकि वरिष्ठ अध्यापक राजेश तिवारी उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर शाला बंद होने के पहले ही चले गए ।  बिजौरी स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्र उपस्थिति पंजी तैयार नहीं मिली ।  इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए डी.ई.ओ. द्वारा प्राचार्य सहित दोनों वरिष्ठ अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया ।
      डी.ई.ओ. ने पूरक परीक्षा के परीक्षा केन्द्र शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाटन का भी निरीक्षण किया, यहां व्यवस्थित रूप से परीक्षा संचालित हो रही थी, कक्षों में रोशनी कम थी ।  इस पर डी.ई.ओ. ने प्राचार्य को परीक्षार्थियों की सुविधा की दृष्टि से समुचित रोशनी की व्यवस्था के निर्देश दिए ।  इसके बाद शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शहपुरा परीक्षा केन्द्र में सुचारू परीक्षा संचालित होना पाया गया ।  शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला कछार और शासकीय प्राथमिक शाला शीतलपुरी में पर्याप्त संख्या में छात्रों की उपस्थिति मिली और शिक्षक कक्षाओं में पढ़ाते हुए मिले ।
क्रमांक/920/जुलाई-44/मनोज

तीन अभिभावकों को लीगल गार्जियनशिप मिली
जबलपुर, 04 जुलाई, 2019
      राष्ट्रीय न्यास, भारत सरकार के अंतर्गत जिले में संचालित जिला लोक लेवल कमेटी के द्वारा मानसिक मंदता से ग्रस्त दिव्यांगजन के अभिभावकों को लीगल गार्जियनशिप प्रदान किये जाने के उद्देश्य से प्रतिमाह के प्रथम गुरूवार को शिविर का आयोजन किया जाता है । 
      माह के प्रथम गुरूवार को आज जिला पंचायत कार्यालय में शिविर का आयोजन किया गया । शिविर में लीगल गार्जियनशिप के संबंध में बरेला, सिहोरा एवं नगरीय क्षेत्र के तीन प्रकरण प्राप्त हुए जिनका निराकरण डॉ. रामनरेश पटेल सदस्य एवं नोडल अधिकारी नि:शक्तजन कल्याण द्वारा किया गया । समय-सीमा बैठक में कलेक्टर एवं चेयरपर्सन जिला लोकल लेवल कमेटी के निर्देशानुसार मानसिक मंदता, बहुविकलांग, सेरेब्रेल पालसी, ऑटिज्म श्रेणी के दिव्यांगजन को वैधानिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अधिक से अधिक संख्या में अभिभावकों द्वारा लीगल गार्जियनशिप प्राप्त करने का आग्रह किया गया है ।
क्रमांक/921/जुलाई-45/मनोज

रेडक्रॉस समिति द्वारा छात्र-छात्राओं को दिया गया प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण
जबलपुर, 04 जुलाई, 2019
      इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर भरत यादव के निर्देशन में सेंट एलॉयसिस हायर सेकेण्डरी स्कूल पेंटीनाका सदर में छात्र-छात्राओं को प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण दिया गया ।
      प्रशिक्षण के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को किस तरह दुर्घटना के बाद तत्काल प्राथमिक उपचार कर जीवन की रक्षा की जाये । इस पर प्रत्यक्ष प्रशिक्षण दिया गया एवं हृदयघात होने पर तत्काल किस तरह सीपीसीआर पद्धति से इसकी जीवन रक्षा की जा सकती है, इस पर भी प्रशिक्षण दिया गया । 
      इस शिविर में शहर के अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ.बी.के. डॉग एवं उनकी टीम द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं एवं अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है ।  शिविर का उद्घाटन फादर सिबि जोसफ, प्राचार्य सेंट एलॉयसिस सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, उप प्राचार्य जॉयस परेरा एवं कोऑर्डिनेटर शरद सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मनीष कुमार दुबे द्वारा किया गया ।  शिविर का संचालन रमेश नायडू रेडक्रॉस कार्यकारिणी सदस्य द्वारा किया गया । शिविर में रेडक्रॉस से रमेश नायडू, विक्रम पटेल का विशेष योगदान रहा ।
क्रमांक/922/जुलाई-46/मनोज

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने
आवेदन करने की अंतिम तिथि आज
जबलपुर 04 जुलाई 2019
      कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए जिले के किसानों से पांच जुलाई तक संबंधित तहसील कार्यालयों में आवेदन करने का आग्रह किया गया है।
      अधीक्षक भू-अभिलेख के मुताबिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, परिवार की समग्र आईडी, आईएफएससी कोड सहित बैंक खाता की जानकारी और मोबाइल नंबर सहित निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा।
      अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि योजना के लिए आवेदन का निर्धारित प्रारूप संबंधित तहसील कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन के प्रारूप को वेबसाइट Jabalpur.nic.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। अधीक्षक भू-अभिलेख के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक परिवारों को दो-दो हजार रूपए की तीन बराबर किश्तों में प्रतिवर्ष छह हजार रूपए की सम्मान निधि दी जाएगी। सम्मान निधि की यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। 
क्रमांक/923/जुलाई-47/मनोज॥

शासकीय सेवाओं में नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा निर्धारित

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी

जबलपुर 04 जुलाई 2019
राज्य सरकार ने शासकीय सेवाओं में सीधी भरती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्ति के लिए तय अधिकतम आयु सीमा में संशोधन के आदेश जारी किए हैं। राज्य शासन ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
खुली प्रतियोगिता से सीधी भरती के भरे जाने वाले पदों के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजपत्रित, अराजपत्रित और कार्यपालिक से भरे जाने वाले पदों के लिए आयु न्यूनतम-अधिकतम 21 से 40 वर्ष होगी। लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए न्यूनतम-अधिकतम आयु सीमा 18 से 40 वर्ष रहेगी।
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय/निगम/मंडल/स्वशासी संस्था के कर्मचारियों/नगर सैनिक/नि:शक्तजन, महिलाओं (अनारक्षित, आरक्षित) आदि के लिए अधिकतम आयु सीमा में पाँच वर्ष की छूट रहेगी।
आदेश के अनुसार .प्र. लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले इन वर्गों के लिए 21 से 45 वर्ष और लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर के पदों पर 18 से 45 वर्ष की आयु सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित की गई है।
क्रमांक/924/जुलाई-48/मनोज॥

अंतर्राज्यीय समानता लाने की दिशा में भी काम करे वित्त आयोग : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

कृषि वृद्धि दर ज्यादा होने पर गरीबी उन्मूलन होना चाहिए 
मानव विकास की खराब स्थिति पर वित्त आयोग ने जताई चिंता 
राज्य की अपेक्षाओं पर 15 वें वित्त आयोग से चर्चा

जबलपुर 04 जुलाई 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि अब वित्त आयोग को केन्द्र और राज्य के संबंधों से परे जाकर अंतर्राज्यीय समानता लाने की दिशा में भी सोचना होगा। उन्होंने आज यहाँ मंत्रालय में 15वें वित्त आयोग के समक्ष अपने विचार रखते हुए आयोग से को-ऑपरेटिव संघीय व्यवस्था को गतिशील बनाने नये तरीके से परिभाषित करने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषताएँ होती हैं। किसी एक फार्मूला या व्यवस्था के आधार पर राज्यों की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिये राज्य के संसाधनों के संबंध में इसी दृष्टिकोण से विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधन देश के भी संसाधन है इसलिये इन संसाधनों को सहेजने और सम्हाल कर रखने के लिये राज्यों की भरपाई होना चाहिए।
वनों के संरक्षण-संवर्द्धन खर्च की भरपाई पर विचार करे आयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय बहुल प्रदेश है और खनिज संपन्न राज्य है। यहाँ की वन संपदा अत्यंत समृद्ध अवस्था में है। इसकी तुलना अन्य राज्यों से नहीं हो सकती। वित्त आयोग को इसे ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का अपनी वन संपदा को बढ़ाने और बचाने पर जो धन खर्च होता है उसने सिर्फ राजस्व की हानि होती है बल्कि राजस्व हासिल करने के अवसर भी समाप्त हो जाते हैं। आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि इसकी भरपाई कैसे होगी। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने में मध्यप्रदेश के वनों का महत्वपूर्ण योगदान है और जलवायु परिवर्तन का खतरा सिर्फ मध्यप्रदेश पर नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों के रख-रखाव के कारण विकास गतिविधियाँ कम होती हैं इन वनों में लगभग एक करोड़ वनवासी रहते हैं। विकास के अवसरों के अभाव में चरमपंथी विचार पनपने लगते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के अभाव मे शहरीकरण की प्रक्रिया भी आधी अधूरी रह जाती है। इसका गाँवों और शहरों में एक साथ असर पड़ता है। आय में असमानताएँ बढ़ती है।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज सम्पन्न राज्य है। पिछले दो दशक में सभी खनिजों के लिये सिर्फ एक ही नीति रही है जबकि खनिज विशेष के लिये अलग से नीति होना चाहिए।
कर राजस्व बँटवारा पद्धति पर पुनर्विचार जरूरी
करों के बँटवारे के संबंध में अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर राजस्व के बँटवारे की पद्धति पर फिर से विचार करने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं होता है तो राज्यों के बीच असमानताएँ बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के संसाधनों पर लगाए गए उप कर और सरचार्ज में भी राज्य की बराबर की भागीदारी होना चाहिए।
एक और कृषि क्रांति की जरूरत
कृषि क्षेत्र के संबंध में वित्त आयोग से राज्य की अपेक्षाएँ साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब एक और कृषि क्रांति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ज्यादा उत्पादन और उत्पादकता के बावजूद अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण किसानों की स्थिति में अपेक्षानुरूप सुधार नहीं हो पाता न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में उनकी जितनी सहायता होती है उससे दोगुनी तेजी से खेती की लागत बढ़ जाती है। इस वजह से किसान हमेशा कर्ज के जाल में ही फँसा रहता है और सरकार के प्रयासों को उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिल पाते।
वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. के. सिंह ने मुख्यमंत्री के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि 14वें वित्त आयोग ने वन संरक्षण, राजस्व और क्षतिपूर्ति से संबंधित विषयों पर ध्यान दिया था। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति होना चाहिए। उन्होंने राज्य के मानव विकास में पिछड़ने, विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के मानव विकास सूचकांकों में पीछे रहने, पर चिंता जाहिर की। श्री सिंह ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि मध्यप्रदेश की कृषि वृद्धि दर ज्यादा रिपोर्ट होने के बावजूद गरीबी उन्मूलन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
इस मौके पर केंद्रीय वित्त आयोग के सदस्य श्री अजय नारायण झा, श्री रमेश चंद्र, श्री अशोक लहरी, श्री अनूप सिंह, आयोग के सदस्य सचिव श्री अरविंद मेहता और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक/925/जुलाई-49/मनोज

आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये "आँगनवाड़ी शिक्षा" -लर्निंग शुरू
जबलपुर, 04 जुलाई, 2019

महिला-बाल विकास विभाग ने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और अधिक दक्ष बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम "आँगनवाड़ी शिक्षा" -लर्निंग व्यवस्था शुरू की है। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था जी.आई.जेड. के सहयोग से तैयार इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से पूरे राज्य में सभी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर मास्टर्स ट्रेनर्स बनाया गया है। अब तक लगभग 25 हजार आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों ने यह कोर्स प्रारंभ कर दिया है और तीन हजार ने इसे पूर्ण कर लिया है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब सुपरवाइजर ट्रेनिंग देगी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने वार्ड और मोहल्ले की महिलाओं को अपने मोबाईल पर वीडियो दिखाकर आसान तरीके से बच्चों को स्वास्थ और पोषण आहार की जानकारी देगी।
प्रभावशील वीडियो के माध्यम से जानकारी
-लर्निंग पाठ्यक्रम को आसान, मनोरंजक और प्रभावी बनाया गया है। इसमें गेम, क्विज, फिल्म आदि को भी शामिल किया गया है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने मोबाइल पर पालकों को वीडियो के माध्यम से घर पर मौजूद खाद्य सामग्री से बच्चों के लिये पौष्टिक आहार बनाने की जानकारी देगी। बच्चों के पालन-पोषण को लेकर भी वीडियो में छोटी-छोटी बातों को रोचक तरीके से बताया गया है।
-लर्निंग के सात मॉड्यूल
-लर्निंग के सात मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। इसमें 6 माड्यूल कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों दोनों के लिए और एक मॉड्यूल (सेक्टर प्रबंधन) केवल पर्यवेक्षकों के लिए तैयार किया गया है।
वृद्धि निगरानी मॉड्यूल से बच्चों के विकास का वर्णन किया जा सकेगा।  कुपोषण प्रबंधन मॉड्यूल से कुपोषण के प्रकार और दुष्प्रभाव की जानकारी से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपडेट रहेंगी। स्थूल एवं सूक्ष्म पोषक तत्व मॉड्यूल से बच्चों को दिये जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी जा सकेगी। सूचना, शिक्षा एवं संचार मॉड्यूल से आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सूचनाओं के साथ ही उनके काम के प्रति सजग रखा जा सकेगा। सामुदायिक सहभागिता मॉड्यूल से आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामुदायिक सहभागिता के तरीके सिखाये जाएंगें। प्रारंभिक बाल अवस्था और अनौपचारिक शिक्षा मॉड्यूल से कार्यकर्ताओं को बच्चों को आँगनवाड़ी केन्द्र पर दी जाने वाली शिक्षा के तरीके सिखाये जाएंगे। सेक्टर प्रबंधन मॉड्यूल से ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को, अन्य सेक्टर के काम से काम करने के तरीके की जानकारी मिलेगी।
आँगनवाड़ी शिक्षा ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरे विश्व में सबसे अधिक उपयोग होने वाले सुरक्षित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम मूडल फ्रेमवर्क में तैयार किया गया है। पाठ्यक्रम को मोबाइल एप के रूप में भी विकसित किया गया है, जो एंड्राइड बेस्ड है। इसका उपयोग कहीं भी किसी भी समय किया जा सकेगा।
क्रमांक/926/जुलाई-50/मनोज