News.12.07.2019_C


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
सभी जिलों में नेशनल लोक अदालत 13 जुलाई को
बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों के होंगे समझौते 
जबलपुर, 12 जुलाई, 2019
पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र के सभी जिलों में शनिवार 13 जुलाई को होने वाली नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए लोक अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।
विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 तथा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तों का मसौदा जारी कर दिया गया है। कंपनियों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 138 के न्यायालयों में लंबित प्रकरण एवं जो प्रकरण न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, की प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिये निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी। 
प्रिलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।  
न्यायालयीन लंबित प्रकरणों - में कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि लोक अदालत में छूट कुछ नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी।
  • आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।
  • उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।
  • आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
  • नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे।
  • सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। 
  • विद्युत वितरण कंपनियों ने कहा है कि यह छूट मात्र शनिवार 13 जुलाई 2019 को होने वाली नेशनल लोक अदालत में समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।
क्रमांक/1040/जुलाई-164/मनोज

प्रत्येक गाँव तक प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना राज्य की प्राथमिकता
एआईजीजीपीए में व्याख्यान माला में महानिदेशक श्री परशुराम 
जबलपुर, 12 जुलाई, 2019
प्रत्येक गाँव तक प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना राज्य की प्राथमिकता में शामिल है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एआईजीजीपीए) के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने 'असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम' व्याख्यानमाला में 'काम्प्रेहेन्सिव हीलकेयर फॉर रूरल पुअर' विषय पर विचार व्यक्त करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जन-स्वास्थ्य सहयोग संस्था के अनुभवों से अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन संस्थान लाभान्वित होगा। इस संस्थान ने गाँवों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने में उल्लेखनीय कार्य किया है।
जन-स्वास्थ्य सहयोग गनयारी (बिलासपुर) के सह-संस्थापक डॉ. रमन कटारिया ने बताया कि नई दिल्ली स्थित एम्स के 6 चिकित्सकों द्वारा यह संस्थान वर्ष 1999 में स्थापित किया गया। संस्थान ने सहभागिता आधारित मॉडल पर ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु कल्याण संक्रामक रोग, कुपोषण और टीबी जैसी बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान 70 ग्रामों में यह कार्य कर रहा है। संस्थान द्वारा मध्यप्रदेश के 6 जिलों में भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को दक्ष बनाकर स्थानीय स्तर की चिकित्सीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। श्री कटारिया ने महँगी दवाओं की तुलना में जेनेरिक दवाओं के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बाल अवस्था में संतुलित खानापान से बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है।
संस्थान के प्रमुख सलाहकार श्री एम.एम. उपाध्याय ने कहा कि जन-स्वास्थ्य सहयोग द्वारा किये गये कार्यों के परिणाम उस क्षेत्र के स्वास्थ्य सूचकों में दिखते हैं।
क्रमांक/1041/जुलाई-165/मनोज