NEWS -24-02-2021-A

 

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार

गेहूँ उर्पाजन हेतु पंजीयन की अंतिम तिथि आज

कलेक्टर शर्मा ने की किसानों से पंजीयन कराने की अपील

जबलपुर, 24 फरवरी, 2021

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले के किसानों से आग्रह किया है कि वे गेहूँ उर्पाजन के लिये ई -उर्पाजन पोर्टल पर आज ही अपना पंजीयन करायें। पंजीयन कराने की गुरूवार 25 फरवरी अंतिम तिथि है।

कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन के लिये किसान अपना पंजीयन समिति स्तर पर बनाये गये केन्द्रों, लोक सेवा केन्द्रों, एम.पी. ऑनलाइन के कियोस्क एवं कृषि उपज मंडी समितियों में करा सकते हैं। किसानों के पंजीयन की सुविधा के लिये ये केन्द्र सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर खोले गये थे।

क्रमांक/798/फरवरी-305/मनोज

सीआईआई मॉडल कैरियर सेंटर में प्लेसमेंट ड्राइव कल

जबलपुर, 24 फरवरी, 2021

राज्य शासन के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश 2020 अभियान के अंतर्गत प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु जिला प्रशासन के निर्देशानुसार नगर निगम एवं सीआईआई के संयुक्त तत्वावधान में शक्ति भवन, रामपुर में तरंग ऑडिटोरियम के सामने स्थित सीआईआई मॉडल कैरियर सेंटर जबलपुर में शुक्रवार 26 फरवरी को प्रात: 10 बजे से सायं 4 बजे तक प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है। प्लेसमेंट ड्राइव में निजी क्षेत्र के विभिन्न सेक्टर्स के नियोजकों द्वारा विभिन्न रोजगार अवसरों हेतु भर्ती की जाएगी। समस्त 18 से 30 वर्ष तक की आयु की 10वीं, 12वीं, स्नातक, पीजीडीसीए, डीसीए, एमसीए उत्तीर्ण इच्छुक युवा अपने आधार एवं बायोडाटा के साथ प्लेसमेंट ड्राइव में उपस्थित होकर लाभ ले सकते हैं। कोविड-19 के तहत सतर्कता हेतु मास्क पहनकर आना एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है।

क्रमांक/799/फरवरी-306/मनोज

 

लिफ्ट संबंधी सुरक्षा प्रावधानों का करें कड़ाई से पालन : नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह

भूमि विकास नियम, 2012 में संशोधन 

जबलपुर, 24 फरवरी, 2021

राज्य शासन द्वारा जन सामान्य की सुरक्षा के लिए भूमि विकास नियम, 2012 के प्रावधानों में 28 सितम्बर 2020 को संशोधन किया गया है। लिफ्ट के संचालन, रख-रखाव और सुरक्षा के संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने इन प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये हैं।

लिफ्ट इंजीनियर

लिफ्ट के संस्थापन एवं संचालन के लिए विशेषज्ञता प्राप्त लिफ्ट इंजीनियर का प्रावधान भूमि विकास नियम में किया गया है। इसके अनुसार लिफ्ट इंजीनियर को इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक के साथ लिफ्ट की स्थापना, निर्माण, परीक्षण तथा ऑडिट से संबंधित 5 वर्ष का अनुभव आवश्यक होगा। लिफ्ट इंजीनियर लिफ्ट की स्थापना पूर्ण होने पर निर्धारित प्रपत्र पर विधिवत अनुज्ञप्ति क्रमांक सहित हस्ताक्षर करेगा। लिफ्ट इंजीनियर लिफ्ट स्थापना के पश्चात् भवन स्वामी को रख-रखाव के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी करेगा।

 

लिफ्ट की स्थापना

लिफ्ट की स्थापना के लिये भवन स्वामी को स्थानीय नगरीय निकाय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना आवश्यक होगा। इसमें लिफ्ट की क्षमता, माप तथा लिफ्ट की संख्या का स्पष्ट विवरण देना होगा। भवन स्वामी को लिफ्ट का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के साथ लिफ्ट का बीमा मान्यता प्राप्त संस्था से कराना होगा। भवन स्वामी को लिफ्ट इंजीनियर द्वारा स्थापना के पश्चात् दिए गए रख-रखाव के निर्देशों का पालन करना होगा।

भवन स्वामी द्वारा ऐसे लिफ्ट का उपयोग नहीं किया जाएगा, जो सुरक्षित नहीं है। इसके लिए भवन स्वामी पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगा। यदि लिफ्ट का उपयोग नहीं किया जा रहा हो, तो भवन स्वामी पूरी तरह से बिजली की आपूर्ति से लिफ्ट को डिस्कनेक्ट करेगा एवं सभी दरवाजों को सुरक्षित रूप से बंद करेगा, जिससे आकस्मिक प्रवेश को रोका जा सके। भवन स्वामी द्वारा राष्ट्रीय भवन संहिता में किए गए प्रावधानों के अनुसार संचालन और रख-रखाव किया जाएगा।

भवन स्वामी लिफ्ट इंजीनियर से विधिवत हस्ताक्षरित एक छह मासिक आवधिक सुरक्षा और लेखा परीक्षा रिपोर्ट संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेगा। केवल व्यक्तिगत भवन स्वामी को इससे छूट होगी। भवन स्वामी उल्लेखित प्रावधानों का पालन करने में यदि विफल रहता है, तो लिफ्ट के संचालन को सक्षम प्राधिकारी द्वारा रोक दिया जाएगा। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में 24 घंटे के अंदर दुर्घटना का पूर्ण विवरण भवन स्वामी संबंधित प्राधिकारी को देगा।

लिफ्ट प्राधिकारी

लिफ्ट प्राधिकारी संबंधित नगरीय निकायों के आयुक्त अथवा मुख्य नगरपालिका अधिकारी होंगे। प्रत्येक लिफ्ट प्राधिकारी सभी लिफ्ट की भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक सूची निर्धारित प्रपत्र में संधारित करेगा। ऐसे स्थल, जिनमें पूर्व से लिफ्ट स्थापित है, उनके भवन स्वामी को भी इसकी सूचना निर्धारित प्रपत्र में निर्धारित शुल्क के साथ प्राधिकारी को देनी होगी। इसे प्राधिकारी उपरोक्त सूची में संधारित करेगा। सक्षम प्राधिकारी लिफ्ट के व्यक्तिगत रूप से परिचालन में लापरवाही एवं त्रुटि पाए जाने पर लिफ्ट के संचालन को रोक सकेगा।

क्रमांक/800/फरवरी-307/मनोज

 महिला बाल विकास विभाग मैदानी अधिकारीयों-कर्मचारियों को करेगा प्रोत्साहित

'कर्मचारी ऑफ द मंथ' के रूप में मिलेगा सम्मान 

जबलपुर, 24 फरवरी, 2021

महिला बाल विकास विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारीयों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। इसमें ओवर-ऑल परफॉरर्मेंस ग्रेडिंग के आधार पर आँगनवाडी कार्यकर्ता से लेकर परियोजना अधिकारी स्तर तक के उत्कृष्ट वर्कर्स को 'कर्मचारी ऑद द मंथ' के रूप में चयनित किया जायेगा। चयनित अधिकारी-कर्मचारी को प्रतिमाह विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल के होम पेज पर प्रदर्शित किया जायेगा।

विभाग द्वारा राज्य स्तर पर चयनित एक आँगनवाडी कार्यकर्ता और एक-एक पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी को 'कर्मचारी ऑफ द मंथ' के रूप में चयनित किया जायेगा। संभाग स्तर पर एक-एक पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी, जिला स्तर पर एक-एक आँगनवाडी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक तथा परियोजना स्तर पर 'आँगनवाडी कार्यकर्ता ऑफ द मंथ' के रूप में चयन किया जायेगा। परियोजना स्तर पर माह के उत्कृष्ट वर्कर का चयन संबंधित परियोजना अधिकारी द्वारा, जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा तथा संभाग स्तर के अधिकारी और कर्मचारी ऑफ द मंथ का चयन संबंधित संयुक्त संचालक द्वारा किया जाकर संचालनालय में प्रेषित किया जायेगा।

राज्य स्तर पर चयनित उत्कृष्ट वर्कर्स की फोटो, नाम सहित एवं अन्य स्तर पर चयनित उत्कृष्ट वर्कर्स के नाम की सूची पूरे माह विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल पर प्रदर्शित की जायेगी। परियोजना, जिला एवं संभाग स्तर के नोटिस बोर्ड पर भी उनके नाम प्रदर्शित किये जायेंगे।

क्रमांक/801/फरवरी-308/मनोज

 

 मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया से प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी की

रोकथाम एवं बचाव हेतु प्रभावी कार्यवाही करें- कलेक्टर

कलेक्टर श्री शर्मा ने दिया राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश

जबलपुर, 24 फरवरी, 2021

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले के राजस्व विभाग के सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे संबंधित विकासखंड चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य अमले के साथ समन्वय स्थापित कर मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया से संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्र में बीमारी की रोकथाम व बचाव हेतु प्रभावी कार्यवाही करें। साथ ही लोगों में इन सभी बीमारियों के प्रति जनजागरूकता फैलायें और इनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करें।

इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित क्षेत्रों वाले 49 गांव और मोहल्ले चिन्हित किये गये हैं। जिसमें बरेला के अंतर्गत आने वाले बरगी व बरेला, चरगंवा क्षेत्र के तहत ग्राम मिरगा, कुण्डम का कोसम डोंगरी एवं कुण्डम, पाटन का कटंगी और मझगंवा क्षेत्र का सिहोरा एवं खजरी कछपुरा शामिल है। इसके अलावा पनागर का पनागर शिवाजी वार्ड, केवलारी, परियट, नुनियाकला तथा कुसनेर और शहपुरा का शहपुरा, भिटौनी, बेलखेड़ा और मझौली का देवरीपीपल, टप्पा, पवार, पोंडा गांव मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया प्रभावित गांव में शामिल है।

जबकि नगर निगम क्षेत्र जबलपुर का गढ़ा, धनवंतरी नगर, शास्त्री नगर, गोहलपुर, अधारताल, हनुमानताल, सुहागी, कंचनपुर, रद्दी चौकी, केन्ट, रामपुर, मदनमहल, आमनपुर, गुलौआ चौक, गढ़ा पुरवा, संजीवनी नगर, गढ़ा बाजार, शीतला माई, सूपाताल, मुजावर मोहल्ला, शारदा चौक, सिद्धबाबा, लालमाटी, घमापुर, प्रेमसागर, रांझी बड़ा पत्थर, परसवाड़ा और चार खंबा शामिल है।

क्रमांक/802/फरवरी-309/मनोज