News.12.06.2019_A


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न
जबलपुर 12 जून 2019
      अनुसूचित जाति-जनजाति बालिका छात्रावासों में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधीक्षक स्थानांतरित होंगे और प्रथम चरण में एक माह में ही इन सभी बालिका छात्रावासों के मुख्य गेट से आने-जाने वाले व्यक्तियों की निगरानी के लिए सीसीटीव्ही कैमरा लगेगा।
      ये निर्देश संभागायुक्त राजेश बहुगुणा ने जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति विकास विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में विभाग के जिला और संभागीय कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी मौजूद थे।
      संभागायुक्त श्री बहुगुणा ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रावासों में सीसीटीव्ही कैमरे स्थापित करने के कार्य को आवश्यकतानुसार चरणबद्ध ढंग से बढ़ाया जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजातियों की प्रगति, कल्याण और इनकी बहुलता वाले क्षेत्रों के विकास के लिए स्वीकृत कार्यों के पूर्ण होने में लगने वाले संभावित समय की जानकारी ली। निर्देश दिए कि विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी 20 प्रतिशत कार्यों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करें।
      संभागायुक्त श्री बहुगुणा ने पोस्टमेट्रिक छात्रवृत्ति, आवास सहायता, संभाग, जिला तथा तहसील मुख्यालयों में निजी स्वामित्व वाले भवन किराए से लेकर अध्ययन करने वाले छात्रों को शासन से किराया राशि का नियमित भुगतान और बस्ती विकास योजना में प्रगति की जानकारी ली। संभागायुक्त ने शहरों में निजी भवन में किराए से रहने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने पिछड़ी बस्तियों का चिन्हांकन समय पर कर विकास के प्रस्ताव प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
      बैठक में बैगा और भारिया जनजाति के परिवारों को हर माह दी जा रही एक हजार रूपए राशि के वितरण, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत बैंकों से राशि प्रदाय किया जाना आदि योजनाओं की समीक्षा की।
      संभागायुक्त ने कहा कि शालेय शिक्षा विभाग की शालाओं में पढ़ रहे अनुसूचित जाति जनजाति के विद्यार्थियों का प्रोफाइल तैयार कर शासन की योजना का सुनिश्चित लाभ दिलाएं। इन कार्य की सहजता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को अपनाकर कार्य की गति को बढ़ाया जाए। संभागायुक्त ने अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए ग्राम पंचायतों को प्रदत्त राशि के उपयोग की भी जानकारी ली। उन्होंने अत्याचार निवारण अधिनियम तहत न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों, निर्णीत प्रकरणों तथा ऐसे प्रकरण जिसमें दोषियों को सजा दी गई है, की जानकारी ली। बैठक में संयुक्त आयुक्त अरविंद यादव भी मौजूद थे।
क्रमांक/659/जून-127/खरे॥

सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए प्रशिक्षकों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला कल
जबलपुर 12 जून 2019 
सातवीं आर्थिक जनगणना की तैयारियां प्रगति पर हैं। देश भर में गणनाकारों द्वारा शुरू किए जाने वाले प्रक्षेत्र कार्य की तैयारी के लिए केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा कई कार्यकलापों की योजना बनाई गई है। राज्य स्तर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण इस व्यापक प्रक्रिया का एक अंतरंग तत्व है। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश के लिए सातवीं आर्थिक जनगणना की खातिर प्रशिक्षकों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन होटल समदड़िया, रसेल चौक, डॉ. बराट रोड, जबलपुर में 14 जून को किया जा रहा है।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को क्षेत्र में गणना (आंकड़ा संग्रह एवं पर्यवेक्षण) में उपयोग में लाई जाने वाली प्रमुख अवधारणाओं एवं परिभाषाओं प्रक्रियाओं,डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षत किया जाएगा।
आर्थिक जनगणना-2019
सातवीं आर्थिक जनगणना का संचालन 2019 में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान आर्थिक जनगणना में,सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पस वीइकल्ससीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। सातवीं आर्थिक जनगणना मेंआंकड़ा संग्रहसत्यापनरिपोर्ट सृजन एवं प्रसार के लिए एक आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा। सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए प्रक्षेत्र कार्य के जून, 2019 के आखिर या जुलाई के पहले सप्ताह से आरंभ किए जाने की संभावना है। इस प्रक्रिया के परिणामों को प्रक्षेत्र कार्य के प्रमाणन एवं सत्यापन के बाद उपलब्ध कराया जाएगा।
आर्थिक जनगणना गैर-फार्म कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र में वस्तुओं/सेवाओं (स्वयं के उपभोग के एकमात्र प्रयोजन के अतिरिक्त) के उत्पादन या वितरण में जुड़े घरेलू उद्यमों सहित सभी प्रतिष्ठानों को कवर करेगी। यह कवरेज वैसा ही है जैसा 2013 में संचालित छठी आर्थिक जनगणना में था।
आर्थिक जनगणना के बारे में
आर्थिक जनगणना भारत की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों का सम्पूर्ण विवरण है। आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालनगत एवं संरचनागत परिवर्ती कारकों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की सूचनाएं उपलब्ध कराती है। आर्थिक जनगणना देश में सभी आर्थिक प्रतिष्ठानों की आर्थिक गतिविधियों के भौगोलिक विस्तार/क्लस्टरोंस्वामित्व पद्धतिजुड़े हुए व्यक्तियों इत्यादि के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी उपलब्ध कराती है। आर्थिक जनगणना के दौरान संग्रहित सूचना राज्य एवं जिला स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी योजना निर्माण के लिए उपयोगी होती है। आर्थिक जनगणना देश में सभी प्रतिष्ठानों के विस्तृत एवं व्यापक विश्लेषण के लिए आरंभ किए गए अनुवर्ती उद्यम सर्वे हेतु एक अद्यतन सैम्पलिंग फ्रेम भी उपलब्ध कराती है।
पुरानी आर्थिक जनगणना
अभी तक केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आर्थिक जनगणनाएं (ईसी) संचालित की गई हैं। पहली आर्थिक जनगणना 1977 में आरंभ की गई थी दूसरी आर्थिक जनगणना 1980 में एवं तीसरी आर्थिक जनगणना 1990 में संचालित की गई थी। चौथी आर्थिक जनगणना 1998 में एवं पांचवीं 2005 में संचालित की गई थी। छठी आर्थिक जनगणना 2013 में संचालित की गई थी।
क्रमांक/660/जून-128/मनोज॥

जिला योजना समिति की बैठक आज
जबलपुर, 12 जून, 2019
      प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री प्रियव्रत सिंह की अध्यक्षता में 13 जून को दोपहर 12 बजे से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई है ।
      बैठक में खाद-बीज की उपलब्धता, बीज निगम, कृषि विभाग व उप पंजीयक सहकारी समिति तथा ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा होगी ।  इसके अलावा ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति, जल संरक्षण व वृक्षारोपण की समीक्षा के तहत वन, सिंचाई और नगर निगम व जिला पंचायत की समीक्षा होगी ।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित दस्तक अभियान की भी प्रभारी मंत्री समीक्षा करेंगे ।
क्रमांक/661/जून-129/मनोज
संशोधित
आई.टी.आई. में कैम्पस इंटरव्यू कल
जबलपुर, 12 जून, 2019
      शासकीय आदर्श आईटीआई जबलपुर में प्रदेश की सभी शासकीय एवं प्राइवेट आईटीआई से सत्र 2016, 2017, 2018 एवं 2019 में इलेक्ट्रीशियन, टर्नर, फिटर, मशीनिस्ट एवं मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रेड से उत्तीर्ण आवेदकों के लिए 14 जून की सुबह 10 बजे से कैम्पस इंटरव्यू आयोजित किया गया है ।  प्लेसमेंट अधिकारी ललित डेहरिया ने बताया कि मे. व्ही.ई. कामर्शियल लिमिटेड इंदौर द्वारा तकनीशियन के पद हेतु लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू के माध्यम से चयन किया जायेगा । लिपिकीय त्रुटिवश पहले 14 जून के स्थान पर 16 जून को कैम्पस इंटरव्यू होना प्रकाशित हो गया था ।  सभी इच्छुक पुरूष आईटीआई उत्तीर्ण ट्रेनीस इसमें सम्मिलित हो सकते हैं ।  इच्छुक प्रशिक्षार्थी अपने साथ 10वीं, आईटीआई की मार्कशीट, आधार कार्ड, 2 पासपोर्ट साइज फोटो के साथ शासकीय आदर्श आईटीआई माढोताल में उपस्थित होवें ।
क्रमांक/662/जून-130/मनोज

यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य सचिव श्री शर्मा का पुलिस अधीक्षकों को पत्र 
जबलपुर, 12 जून, 2019
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य सचिव और विशेष पुलिस महानिदेशक श्री पुरुषोत्तम शर्मा ने भोपाल तथा इंदौर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सहित सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। श्री शर्मा ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये निरंतर अभियान चलाकर मासिक रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के लिये भी कहा है।
विशेष पुलिस महानिदेशक श्री शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क सुरक्षा संबंधी गठित समिति के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक सड़कदुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के लिये कहा है। उन्होंने बताया कि शराब पीकर या नशे में वाहन चालन, तेज गति से वाहन चलाने, हेलमेट बगैर और तीन सवारी के साथ दुपहिया वाहन चालन, बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाने से दुर्घटनाओं में इजाफा होता है। वाहन चलाते समय मोबाईल फोन के उपयोग, लालबत्ती के उल्लघंन, ओव्हर लोडेड सवारी / माल वाहक यान चलाने, विपरीत मार्ग पर वाहन चालन और माल वाहक में सवारी को ले जाने से भी दुर्घटनाएँ घटती हैं। श्री शर्मा ने वाहन चालकों की इन गतिविधियों को रोकने के लिये सघन प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।
श्री शर्मा द्वारा जारी परिपत्र में बताया गया है कि राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर घटित दुर्घटनाओं में मृत्यु की तुलना में ग्रामीण/देहात और अन्य सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या बहुत अधिक है। इन दुर्घटनाओं में वाहन मालिक, ड्रायवर और परिचालक जिम्मेदार होते हैं। मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 में घटित सड़क दुर्घटनाओं में 19 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएँराष्ट्रीय राजमार्ग, 27 प्रतिशत राज्य राजमार्ग और 54 प्रतिशत अन्य सड़क मार्गों पर हुई हैं। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में से 24 प्रतिशत एनएच, 30 प्रतिशत एसएच तथा 46 प्रतिशत अन्य मार्गों पर हुई है।
क्रमांक/663/जून-131/मनोज