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जिले की विशिष्टताओं और संसाधनों पर केन्द्रित कार्ययोजना
बनाएं – प्रभांशु कमल
कृषि उत्पादन आयुक्त ने पशुपालन, मछली पालन व उद्यानिकी की
समीक्षा की
जबलपुर, 04 जून, 2019
कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने कहा है
कि जिले की विशिष्टताओं और उपलब्ध संसाधनों को समाहित करते हुए पशुपालन, दुग्ध उत्पादन,
मछली पालन और उद्यानिकी विभाग की हर जिले की अलग-अलग कार्ययोजना बनाएं। इस पर प्रभावी
अमल करें ताकि ग्रामीणों और किसानों की आय में वृद्धि हो और वे समृद्धि की ओर बढ़ सकें।
उन्होंने 15 दिनों के भीतर संभाग के सभी विकासखण्डों में विकासखण्ड स्तरीय पशु कल्याण
समिति गठित करने के भी निर्देश दिए। श्री कमल आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रबी
2018-19 की समीक्षा और खरीफ 2019 के कार्यक्रम निर्धारण की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव,
प्रमुख सचिव मत्स्य पालन श्री राय, आयुक्त उद्यानिकी कवीन्द्र कियावत, संभागायुक्त
राजेश बहुगुणा, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीडी
जुयाल, राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के डॉ भदौरिया सहित संभाग के सभी जिलों
के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पशुपालन, मछली पालन एवं उद्यानिकी
विभाग के जिला अधिकारी मौजूद थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि ग्रामीणों और
किसानों की आय वृद्धि की दृष्टि से पशुपालन व दुग्ध उत्पादन में अच्छी संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय पशु कल्याण समिति की तरह ही अब विकासखण्ड स्तर पर भी पशु
कल्याण समिति का गठन 15 दिनों के भीतर कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने दुग्ध उत्पादन
और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में सुधार की नसीहत देते हुए अधिकारियों
को निर्देशित किया कि हर जिले का पृथक प्रोजेक्ट बनाया जाए और
उसी पर अमल किया जाए। दुग्ध उत्पादन मार्गों (मिल्क रूट) का नए सिरे से चयन करें और गांवों में दुग्ध
सहकारी समिति गठित कर दूध संकलन की दिशा में कारगार प्रयास करें। उन्होंने पशुपालन
को बढ़ावा देने के लिए नस्ल संवर्धन हेतु कृत्रिम गर्भाधान पर जोर दिया।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव ने कलेक्टर्स
को निर्देशित किया कि गौशाला प्रोजेक्ट राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। जिला
कलेक्टरों ने इस मामले में अच्छा काम भी किया है। अधिकांश जिलों में गौशालाओं के लिए
स्थल चयन भी कर लिया गया है। उन्होंने बीमार पशुओं का पशुपालकों के घर वैन द्वारा डॉक्टर
पहुंचाकर इलाज कराने के लिए शुरू की गई सेवा पशुधन संजीवनी और इसके टोल फ्री नंबर
1962 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
जबलपुर कलेक्टर की सराहना
कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल और अपर
मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने गौशालाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान जबलपुर के
कलेक्टर भरत यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुरैना और ग्वालियर कलेक्टर रहते हुए
गौशालाओं के स्थापना और समग्र विकास के मामले में “भरत” ने बेहतर काम किया है। उसी
तर्ज पर सभी कलेक्टर कार्य करें। एपीसी श्री कमल ने कलेक्टर जबलपुर से कहा कि अब
जबलपुर में भी व्यवस्थित और अच्छी गौशालाओं का निर्माण कराएं।
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बैठक
में वत्स उत्पादन, उन्नत पशु प्रजनन, बैकयार्ड कुक्कट विकास योजना, अनुदान के आधार
पर बकरा, सूकर पालन, पशुओं के बधियाकरण, टीकाकरण और हितग्राहीमूलक योजनाओं की समीक्षा
की।
मछली
पालन विकास पर चर्चा के दौरान एपीसी प्रभांशु कमल ने अधिकारियों को मत्स्य उत्पादकता
और मत्स्य पालन के रकबे में बढ़ोत्तरी के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव मत्स्य पालन
श्री राय ने कहा कि मत्स्योत्पादन के मामले में जबलपुर संभाग पूरे प्रदेश में अव्वल
है। आजीविका आय उपार्जन एवं रोजगार सृजन की दृष्टि से मत्स्यपालन काफी संभावनाशील क्षेत्र
है। मत्स्यपालन कर किसान प्रति एकड़ 8 से 10 लाख रूपए तक प्रतिवर्ष कमा सकता है। उन्होंने
कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं से बनने वाले तालाबों को कम से कम 5 से 6 फीट गहरा
जरूर बनवाएं। ताकि इन जल संरचनाओं में भी मछलीपालन किया जा सके। प्रमुख सचिव मछली
पालन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पात्र मछली पालकों को किसान क्रेडिट
कार्ड दिलाना सुनिश्चित करें। साथ ही हर विकासखण्ड में एक मॉडल मछली पालक तैयार
करें जिसे देखकर अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें। उन्होंने फिश फीड प्लांट लगाने पर
अनुदान मुहैया कराने के प्रावधान का भी अधिकाधिक लोगों को लाभ प्रदान करने के
निर्देश दिए।
उद्यानिकी
विभाग की समीक्षा के दौरान एपीसी ने कहा कि इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं
हैं, इस दिशा में ठोस कार्य करें। बैठक में सब्जी मसाला कार्यक्रम, राज्य वित्त
पोषित योजना, टिश्यू कल्चर लैब के पौधों की समीक्षा हुई। एपीसी ने कहा कि
कार्ययोजना जिला स्तर से ही तैयार की जाती है, इसलिए जिला स्तर पर उद्यानिकी
क्षेत्र की उपलब्धि हासिल करने कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
बैठक
में कुलपति डॉ पीडी जुयाल ने पशुओं के लिए प्रोस्थेटिक लिम्ब (कृत्रिम अंग), पंचगव्य
यूनिट, मेरा गांव-मेरा गौरव, प्रान पालन, उन्नत भारत अभियान, बकरीपालन और मछलीपालन
के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला। एपीसी ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि
वे विश्वविद्यालय के सतत् संपर्क में रहकर जिले के पशुपालक, दुग्ध उत्पादक और मछली
पालकों को लाभांवित करें।
क्रमांक/565/जून-33/मनोज॥
फिलाटेली विरासत को संजोए रखने
की कोशिश : डॉ धीरेंद्र पाठक
मुस्कान किरार एवं बाल श्री
विजेता बच्चों पर डाक तार विभाग के सहयोग से बाल भवन जारी करेगा विशेष डाक टिकट
जबलपुर, 04 जून, 2019
फिलाटेली अर्थात पुराने टिकटों के संग्रह का काम इतिहास
और विरासत को संजोकर रखने जैसा है । विश्व में ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं का संग्रह
जैसे कॉइन कलेक्शन कागजी मुद्रा और डाक टिकट का संग्रह करने की रुचि कई लोगों में है
। जिनका उपयोग ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में प्रमाणिक तौर पर किया जा सकता है । यह
खुशी की बात है कि बाल भवन के साथ मिलकर भारतीय डाक विभाग ने बच्चों को डाक टिकिटों
के इतिहास से परिचित कराने का यह महत्वपूर्ण कार्य अपने हाथ में लिया है ।
इस आशय के विचार संभागीय बाल भवन में भारतीय पोस्टल
विभाग द्वारा फिलाटेली, भारत एवं विश्व का पोस्टल इतिहास, सामान्य एवं विशेष डाक टिकिटों
की जानकारी हेतु आज आयोजित एक कार्यक्रम में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के पत्रकारिता
विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र पाठक ने व्यक्त किये । कार्यक्रम की महत्व को रेखांकित
करते हुए मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव पोस्टल डिपार्टमेंट ऑफ इंडिया श्री यूनुस अदीब ने
डाक टिकट संग्रह की एवं डाक विभाग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तार से जानकारी बाल
भवन के बच्चों को दी।
इस अवसर पर सीनियर फिलाटेलिस्ट अरविंद मलिक द्वारा संग्रहित
डाक टिकटों का प्रदर्शन किया गया जिसमें यातायात, भारतीय इतिहास, महान कवि एवं साहित्यकार
आदि पर जारी डाक टिकट्स शामिल थे।
बालभवन की पूर्व छात्रा एशियन पदक विजेता कुमारी मुस्कान
किरार के माता-पिता श्री वीरेंद्र किरार एवं माता श्रीमती माला किरार खास तौर पर मौजूद
रहे। संभागीय बाल भवन द्वारा शीघ्र ही मुस्कान किरार पर डाक विभाग के सहयोग से एक डाक
टिकट जारी करने जा रहा है साथ ही विशेष उपलब्धियां पाने वाले जैसे बाल श्री विजेता
बच्चों एवं राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि पाने वाले बच्चों के भी डाक टिकट पोस्टल विभाग
के सहयोग से जारी किए जाएंगे । कार्यक्रम का संचालन कुमारी कल्याणी नेमा ने किया, अतिथियों
का स्वागत श्रीमती विजय लक्ष्मी अय्यर, श्रीमती मीना सोनी, डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे,
डॉक्टर रेनू पांडे आदि ने किया ।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चिट्ठी
ख़त शीर्षक से लिखे गीतों का गायन कुमारी उन्नति तिवारी मास्टर राजवर्धन पटेल,सूर्यभान
सिंह, समीर सराठे, आकर्ष जैन ने किया । समवेत स्वरों में बच्चों ने पर्यावरण गीत की
प्रस्तुति भी दी ।
क्रमांक/566/जून-34/जैन॥
मलेरिया रथ से किया जायेगा जागरूक
जबलपुर, 04 जून, 2019
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जून माह में चलाये
जा रहे मलेरिया निरोधक माह के तहत आज मंगलवार को जिला चिकित्सालय परिसर में आयोजित
एक कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.एम. अग्रवाल ने मलेरिया रथ को हरी
झंडी दिखाकर रवाना किया । मलेरिया रथ
जबलपुर शहर के विभिन्न इलाकों का भ्रमण करेगा तथा इसके माध्यम से जनसामान्य को
मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग से बचाव के प्रति जागरूक किया जायेगा । मलेरिया रथ को रवाना करने के अवसर पर जिला
मलेरिया अधिकारी डॉ. नीता मिश्रा भी मौजूद थीं ।
क्रमांक/567/जून-35/जैन
बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने चित्रकला
प्रतियोगिता एवं
ओपन क्विज का आयोजन आज से
जबलपुर, 04 जून, 2019
बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा
करने के उद्देश्य को लेकर पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा
राष्ट्रीय हरित कोर के माध्यम से पर्यावरण दिवस पांच जून से तीन दिनों तक चित्रकला
प्रतियोगिता ओपन हाउस क्विज एवं व्याख्यान के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के मुताबिक
पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर बच्चों के लिए आयोजित इन प्रतियोगिताओं का मुख्य
कथानक वायु प्रदूषण होगा । चित्रकला
प्रतियोगिता, ओपन क्विज एवं व्याख्यान के ये कार्यक्रम बुधवार 5 जून को सुबह 9 बजे
से सरस्वती शिशु मंदिर अधारताल में, गुरूवार 6 जून को सुबह 8 बजे से पं. लज्जाशंकर
झा मॉडल उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं प्रात: 9 बजे से गढ़ाफाटक स्थित
संभागीय बाल भवन में तथा शुक्रवार 7 जून को प्रात: 11 बजे से भंवरताल पार्क के
सामने स्थित आकृति कला केन्द्र में आयोजित किये जायेंगे । इन प्रतियोगिता में किसी भी आयु वर्ग के स्कूली
बच्चे शामिल हो सकेंगे ।
क्रमांक/568/जून-36/जैन
बारहवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों
के लिये कैरियर काउंसिलिंग 6 को
जबलपुर 04 जून 2019
मध्यप्रदेश दूरिज्म बोर्ड द्वारा जबलपुर टूरिज्म
प्रमोशन काउंसिल के तत्वावधान में गुरूवार 6 जून को कैरियर काउंसिलिंग के तहत कक्षा
बारहवीं में औसत से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय कैरियर
काउंसलिंग कार्यशाला का आयोजन पं. लज्जाशंकर झा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (मॉडल
स्कूल) में प्रात: 10 बजे से किया गया है ।
सीईओ जेटीपीसी हेमंत सिंह ने बताया कि कैरियर
काउंसिलिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी,
ट्रेवल एण्ड टूरिज्म स्टडीज (एमपीआईएचटीटीसी) भोपाल तथा पर्यटन के क्षेत्र में कार्य
कर रहे संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा तथा मध्यप्रदेश
के विभिन्न संस्थानों में डिप्लोमा व डिग्री कोर्सेज एवं सर्टिफिकेट कोर्सेज में प्रवेश
दिलाकर पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने में सहयोग प्रदान किया जाएगा।
कार्यशाला में जिला प्रशासन के सहयोग से विद्यार्थियों
के लिये इवेंट ले-आउट काउंसिलिंग प्रपत्र, काउंसिलिंग स्टॉल एवं अन्य व्यवस्थाएं की
गई हैं । कार्यशाला में शामिल होने वाले विद्यार्थियों
का सर्वप्रथम पंजीयन होगा तत्पश्चात उनकी रूचि एवं योग्यतानुसार काउंसिलिंग की जायेगी
।
क्रमांक/569/जून-37/जैन
जन-सहयोग से तैयार होगी बाघ की 7×11 मीटर की चित्रकृति
बाघ संरक्षण के लिये वन विभाग की अनूठी पहल
जबलपुर, 04 जून, 2019
प्रदेश में 50 हजार से अधिक लोगों के सहयोग से 7 मीटर लम्बी और 11 मीटर चौड़ी बाघ की वृहद चित्रकृति तैयार की जायेगी। वन विभाग द्वारा तैयार बाघ आकृति को 96 अलग-अलग टुकड़ों में प्रदेश के विभिन्न नगरों और गाँवों में जन-सहयोग से छाप लगाकर रंगा जायेगा। कृति का अनावरण अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर 29 जुलाई को होगा।
उल्लेखनीय है कि शासन और जन-सहयोग के समन्वित प्रयासों से मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ी है। सम्पूर्ण विश्व में बाघों ने मध्यप्रदेश को पहचान दिलाई है। विगत वर्षों में वन और वन्य प्राणी संरक्षण के प्रयासों ने इसमें सतत् योगदान दिया है। इसी से उत्साहित होकर वन विभाग ने यह वृहद चित्र जन-सहयोग से बनाने का निर्णय लिया है।
सीधी में संजय टाइगर रिजर्व द्वारा 6 जून को गायत्री मंदिर परिसर में शाम 4 से 7 बजे तक 'आओ बाघ बनायें, मिलकर बाघ बचायें' कार्यक्रम किया जा रहा है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे कार्यक्रम में शामिल होकर बाघ पर चित्रकृति छाप अंकित कर इस अनूठी पहल में अपना योगदान दें।
क्रमांक/570/जून-38/जैन