News 18-06-2019--C


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
सेटेलाइट से होगी अवैध कटाई की निगरानी
विकास कार्यों में एक हेक्टेयर से अधिक स्वीकृति के लिये केन्द्र को भेजेंगे प्रस्ताव
वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने की विभागीय समीक्षा 
जबलपुर, 18 जून, 2019
वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा है कि विकास कार्यों में राज्य शासन के पास मात्र एक हेक्टेयर तक वन भूमि स्वीकृति के अधिकार हैं, इसे बढ़ाने के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। साथ ही इस आशय का पत्र भारत के अन्य राज्यों को भी भेजा जाएगा। इससे वन क्षेत्र में जरूरी विकास कार्यों में गति आयेगी। श्री सिंघार ने आज भोपाल स्थित मंत्रालय में वन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिये। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री जे.के. मोहंती भी मौजूद थे।
मंत्री श्री सिंघार ने दो-दिवसीय समीक्षा के पहले दिन आज विकास, वन्य-प्राणी, अनुसंधान विस्तार एवं लोक-वानिकी, संयुक्त वन प्रबंधन, वन भू-अभिलेख संरक्षण और उत्पादन प्रभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेड़-पौधों की निगरानी के लिये जीआईएस आधारित सेटेलाइट इमेजरी व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसके द्वारा सतत मॉनीटरिंग से पौधों का विकास और अवैध कटाई पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। मंत्री ने कहा कि विभाग स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिकतम संसाधन उपलब्ध कराये। इससे भी अवैध कटाई पर अंकुश लगेगा।
वन विभाग के पास 9 करोड़ से अधिक पौधे तैयार
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान एवं विस्तार डॉ. पी.सी. दुबे ने बताया कि वन विभाग के पास 9 करोड़ 21 लाख 9 हजार 282 पौधे उपलब्ध हैं। इस मानसून में 5 करोड़ पौधों की माँग है। माँग के उपरांत बचे हुए पौधे अगले वर्ष तक और मजबूत स्थिति में पहुँच जायेंगे। प्रदेश में विलुप्त होती 20 प्रजातियों के पौध-रोपण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रोपणियों में पॉलीथिन के स्थान पर रूट ट्रेनर और रासायनिक खाद के बदले वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्री श्री सिंघार ने इस मानसून के लिये एक करोड़ सीड बॉल तैयार करने के निर्देश दिये। अब तक प्रदेश में 60 लाख सीड बॉल तैयार किये जा चुके हैं।
मंत्री श्री सिंघार ने नील गायों से खेतों को बचाने के लिये ऐसे पौधों पर शोध करने के निर्देश दिये, जो नील गाय को निहायत नापसंद हों, ताकि खेत के बाहरी हिस्से में इनको लगाकर बिना नील गाय को नुकसान पहुँचाये फसल बर्बादी को रोका जा सके। बैठक में बताया गया कि 53 वन समितियों में गौ-शालाओं का निर्माण किया जा रहा है।
वन मंत्री ने अवैध उत्खनन, अतिक्रमण की बीटवार रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। श्री सिंघार ने कहा कि प्रदेश में वन अपराधों की दृष्टि से 1923 अति-संवेदनशील और 2583 संवेदनशील वन बीट हैं। अवैध कटाई, उत्खनन आदि वन अपराधों को रोकने के लिये वन विभाग को तीन विशेष सशस्त्र बल की टुकड़ियाँ प्राप्त हैं। इनके लिये बटालियन कमाण्डर को विभाग में ही नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ करें। इससे यह व्यवस्था अधिक प्रभावशाली होगी। इस वर्ष अब तक अवैध कटाई के 12 हजार 602, अतिक्रमण के 266, अवैध उत्खनन के 316 मामले दर्ज किये जा चुके हैं। अवैध परिवहन में जप्त वाहनों की संख्या 212 है। श्री सिंघार ने जंगल में आग को रोकने के लिये लागू फायर अलार्म सिस्टम से वन समितियों और गाँवों को जोड़ने के निर्देश दिये।
क्रमांक/728/जून-196/मनोज
महर्षि वाल्मीकि स्मृति पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक मंडल में
जबलपुर की आशा खरे शामिल
जबलपुर, 18 जून, 2019
महर्षि वाल्मीकि स्मृति पुरस्कार में चयन के लिए निर्णायक मण्डल का गठन किया गया है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 तथा 2017-18 के चयन के लिए निर्णायक मण्डल तथा जूरी का गठन किया गया है। मंत्री, अनुसूचित जाति कल्याण की अध्यक्षता में गठित निर्णायक मण्डल एवं जूरी में अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग तथा प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण सदस्य होंगे। आयुक्त, अनुसूचित जाति कल्याण निर्णायक मण्डल एवं जूरी के सदस्य सचिव होंगे। निर्णायक मण्डल में जबलपुर की सुश्री आशा खरे, कटनी के श्री राकेश जाटव और नरसिंहपुर के श्री अमित चौहान (तिलक) को अशासकीय सदस्य मनोनीत किया गया है।
क्रमांक/729/जून-197/मनोज

आदिवासी विकास विभाग में ऑन लाइन हुई स्थानांतरण प्रक्रिया

जबलपुर, 18 जून, 2019
आदिवासी विकास विभाग में स्थानांतरण के आवेदन अब ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे। इसके लिये विभागीय वेबसाईट www.tribal.mp.gov.in पर सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। आवेदक वेबसाईट पर नवीन शिक्षक संवर्ग स्थानांतरण पर क्लिक करने पर प्रदर्शित कॉलम में टीचर्स रजिस्टर्ड आईडी डालने पर आवेदक के एमपीटॉस पर दर्ज मोबाईल/-मेल पर ओटीपी आएगा। इसे यथा स्थान प्रविष्ट करने पर आवेदक से संबंधित जानकारी प्रदर्शित होगी।
आवेदक के नियुक्ति आदेश में भिन्नता पाए जाने पर ड्राप डाउन से सही विषय का चयन किया जा सकता है। इसके पश्चात् स्थानांतरण के विकल्प का सही चयन करना होगा। इनमें से किसी एक विकल्प का चयन करने पर चाही गई जानकारी आवेदक को ड्राप डाउन से चयन कर पूरी करना होगी। इसके बाद सक्षम स्तर पर आवेदन प्रदर्शित होने लगेगा। आवेदक चाहें तो आवेदन का प्रिंट भी प्राप्त कर सकेंगे। कार्यालय द्वारा स्थानांतरण नीति के अनुरूप निर्णय स्थानांतरण आदेश एमपीटॉस पर ही अपलोड किये जायेंगे।
विभागीय शिक्षकों एवं अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित स्थानांतरण नीति 2019-20 के अनुसार किये जायेंगे।
क्रमांक/730/जून-198/मनोज
नये आदिवासी छात्रावासों के भवन निर्माण के लिये लगभग 95 करोड़ स्वीकृत
एमपीटास से 21 हजार विद्यार्थियों को 18.67 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति का ऑनलाइन वितरण 
जबलपुर, 18 जून, 2019
राज्य सरकार द्वारा विगत 6 माह में 15 नए सीनियर छात्रावास भवन निर्माण के लिये 3312.40 लाख, 8 महाविद्यालयीन छात्रावास भवन के लिये 1766.40 लाख एवं 20 विशेष पिछड़ी जाति के छात्रावास भवन के लिये 4400 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। अभी तक 2 एकलव्य आवासीय विद्यालय, 48 छात्रावास, 50 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं 30 आश्रम शाला भवन सहित 130 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है।
प्रदेश में आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए प्रारंभ की गई पेपरलेस स्व-सत्यापित प्रक्रिया (MPTAAS) से प्रथम वर्ष के लगभग 21 हजार विद्यार्थियों को 18.67 करोड़ रूपये छात्रवृत्ति वितरित की गई है। साथ ही, JEE, NEET, CLAT में सफल 46 विद्यार्थियों को 23 लाख रुपये उनके खाते में सीधे ऑनलाइन जमा कराये गये हैं।
राज्य शासन द्वारा 89 आदिवासी विकासखण्डों में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए हाट-बाजारों में बैंक एटीएम स्थापित किए गए हैं। इसके लिये पायलट प्रोजेक्ट के साथ केन्द्र शासन से 12 करोड़ की राशि स्वीकृत कराई गई है।
वनाधिकार के निरस्त दावेदारों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बेदखल करने के आदेश के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका की गई थी। न्यायालय द्वारा कार्यवाही को स्थगित कराया जाकर "वन मित्र" सॉफ्टवेयर के माध्यम से पुन: परीक्षण करने का निर्णय लिया गया।
आदिवासी क्षेत्रों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी की पहल की गई है। भारत सरकार के टेलीकॉम मंत्रालय को प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
आदिवासी छात्रों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के प्रयासों में तेजी लाते हुए 134 आश्रम शालाओं में अंग्रेजी शिक्षण सहायकों के लिए 12 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। इसी के साथ 1546 छात्रावास अधीक्षकों को ऑनलाइन हॉस्टल संचालन का प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के सिकिल सेल अनीमिया से पीड़ितों के इलाज के लिए 3.12 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की गई है। आयुष विभाग के माध्यम से पीड़ितों की हौम्योपैथी चिकित्सा कराई गई है।
क्रमांक/731/जून-199/मनोज
आदिवासी हितों के संरक्षण के प्रति सरकार प्रतिबद्ध
पूर्ववर्ती सरकार में निरस्त हुए पट्टों पर पुनर्विचार किया जाएगा : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 
जबलपुर, 18 जून, 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार आदिवासियों के हितों के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध है। इसलिए हमने सरकार में आते ही पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में साढ़े तीन लाख से अधिक आदिवासियों के पट्टे के जो आवेदन निरस्त किए गये थे, उन पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। श्री नाथ ने ये बात आज पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आए एक प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान कही। प्रतिनिधि मंडल में बुधनी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी शामिल थे।
पूर्ववर्ती सरकार में निरस्त हुए थे 3 लाख 55 हजार आवेदन
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि हमारी सदैव नीति रही है कि आदिवासी वर्ग का केवल सर्वांगीण विकास हो, बल्कि परम्परा से उन्हें मिले अधिकारों का संरक्षण भी हो। श्री नाथ ने बताया कि वनाधिकार कानून 2006 यूपीए सरकार ने लागू किया था। इस कानून के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 6 लाख 25 हजार आवेदन पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल में आए थे। इनमें से 3 लाख 55 हजार आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। नई सरकार ने इन सभी आवेदनों का पुनरीक्षण कर पात्र कब्जा धारियों को वनाधिकार पत्र देने का काम शुरू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यही नहीं, हमने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 2000 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 2500 रुपये की है। सरकार के इस निर्णय से तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में लगे आदिवासियों को प्रति बोरा 500 रुपये का लाभ मिला है। यह राशि पूर्व में बैंकों के माध्यमों से तेंदूपत्ता श्रमिकों को दी जाती थी, जिससे उन्हें कठिनाई होती थी। नई सरकार ने यह निर्णय लिया कि तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि का संग्राहक को नगद भुगतान किया जाएगा।
श्री कमल नाथ ने कहा कि आज आदिवासी वर्ग को उनके पारंपरिक अधिकार देने और उनका संरक्षण करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सर्वविदित है। इसलिए आदिवासी परिवारों के साथ किसी भी प्रकार के अन्याय को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
क्रमांक/732/जून-200/मनोज