News.12.09.2019_A


संभागीय जनसंपर्क कार्यालय-जबलपुर
मध्य प्रदेश शासन
समाचार
स्वास्थ्य-सुपोषण-समेकित कृषि-स्वरोजगार के लिए मिलकर अभियान के रूप में कार्य करें  संभागायुक्त द्वारा समीक्षा बैठक में निर्देश
जबलपुर 12 सितंबर 2019
      संभागायुक्त राजेश बहुगुणा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्वरोजगार आदि विकास की योजनाओं को पहुंचाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी समन्वय और सहयोग से कार्य करें। वे केवल अपने विभाग के कार्यों तक ही सीमित नहीं रहें। अन्य विभागों से मिलकर योजनाएं बनाएं तथा अमल में लाएं। मैदानी कर्मचारी पूर्ण समर्पण और मेहनत से समाज के विकास के लिए उत्तरदायित्व की भावना से कार्य करें। गरीब और उपेक्षित तबके की उन्नति के लिए जुट जाएं।
      संभागायुक्त श्री बहुगुणा कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, आजीविका मिशन, समन्वित कृषि प्रणाली, शिक्षा और शालेय स्वच्छता के लिए चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को मार्गदर्शन दे रहे थे। इस अवसर पर कलेक्टर भरत यादव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संयुक्त आयुक्त अरविंद यादव, संबंधित विभागों के संयुक्त संचालक, जिला प्रमुख अधिकारी और मैदानी अधिकारी मौजूद थे।
      स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त ने कहा कि एल-वन, एल-टू और एल-थ्री प्रसव केन्द्रों पर लक्ष्य से अधिक संस्थागत प्रसव हो ऐसा प्रयास करें। इन केन्द्रों में सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ायी जाए। आबादी का बड़ा हिस्सा सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं पर विश्वास करता है तथा निर्भर भी है। उन्होंने ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता तथा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता एमपीडब्ल्यू से कहा कि वे संस्थागत प्रसव के प्रति समाज के विश्वास में वृद्धि करें। बारिश अब समाप्ति की ओर है मौसमी बीमारियां बढ़ सकती हैं अत: आवश्यक दवाओं का इंतजाम रखें, जांच किट उपलब्ध रहे। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ बीमारियों के संबंध में जागरूकता लाएं। संभागायुक्त ने एल-वन प्रसव केन्द्र बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
      कलेक्टर ने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए ऐहतियाती कदम उठाए जाएं। नगरीय निकाय, ग्राम पंचायतों तथा अन्य विभागों  का सहयोग लेकर पेयजल स्वच्छता, छिड़काव आदि कार्य अभियान के स्वरूप में करें। स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया की रोकथाम के लिए ऐहितियाती कदम उठाए जाएं।
      संभागायुक्त ने बताया कि नवम्बर माह में मण्डला में जटिल रोगों की सर्जरी से इलाज के लिए वृहद् स्वास्थ्य शिविर आयोजित होगा। जिसमें संभाग से और बाहर अन्य संभाग के जटिल मरीज आएंगे तथा सर्जरी से इलाज किया जाएगा। यह शिविर राज्य सरकार और रोटरी क्लब के सहयोग से आयोजित होगा। उन्होंने मरीजों के चयन के लिए आशा कार्यकर्ता और विकासखण्ड अधिकारियों को जिम्मेदारी दी।
      महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में संभागायुक्त ने कहा बच्चों, धात्री माताओं और गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास तथा अन्य संबंधित संस्थाओं को मिलकर कार्य करना होगा। बच्चों के पोषण की योजना में परिवार के पुरूष वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
      अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर पोषण बढ़ाने के लिए कार्य करें। अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र तक अनिवार्य रूप से लाया जाए। ऐसे परिवारों को प्रेरित करने की चुनौती स्वीकार की जाए। इलाज के बाद नियमित फालोअप किया जाए ताकि इलाज का फायदा बरकरार रहे।
      संभागायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को प्रोटीनयुक्त पोषण आहार दिया जाए। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी, मातृ वंदना योजना आदि कार्यक्रमों की समीक्षा की। संभागायुक्त ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त शासकीय भवनों में भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो। मरम्मत आदि के लिए ग्राम पंचायतें और नगरीय निकाय सहयोग करें।
      संभागायुक्त ने कहा कि अच्छा कार्य कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई गई है।
      संभागायुक्त श्री बहुगुणा ने कहा आजीविका मिशन के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों में गठित स्वसहायता समूहों की आदिवासी महिला सदस्यों को समेकित कृषि प्रणाली से भी जोड़ा जाए। उन्हें कृषि के अतिरिक्त अन्य स्वरोजगार मूलक गतिविधियों से भी जोड़ा जाए। समूह सदस्यों को समेकित कृषि प्रणाली का लाभ बताया जाए।
      संभागायुक्त ने कहा कि आजीविका मिशन अंतर्गत स्वसहायता समूहों को अगरबत्ती निर्माण का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। बताया गया कि भारत सरकार ने अगरबत्ती उद्योग के अंतर्गत आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब प्रदेश व देश के अन्य भागों में अगरबत्ती की मांग बढ़ेगी। अत: कृषक खेत के एक हिस्से में अगरबत्ती की स्ट‍िक बनाने में उपयोगी बांस का उत्पादन ले सकते हैं। स्वसहायता समूह मसाला अन्य जरूरी सामग्री तैयार कर अगरबत्ती का उत्पादन कर सकते हैं। उत्पादित अगरबत्ती की मार्केटिंग के लिए शहरी क्षेत्रों में पृथक स्वसहायता समूहों को दायित्व सौंपा जाए। अगरबत्ती निर्माण लागत कम रहे ऐसा प्रयास करें। संभाग में स्थापित अगरबत्ती बनाने वाली मशीनों को गतिशील किया जाए। इसी तरह स्वसहायता समूहों को मुर्गीपालन, अण्डा उत्पादन, गणवेश निर्माण का प्रशिक्षण देकर इन कार्यों में दक्ष बनाकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है। बैठक में स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद की मार्केटिंग के लिए दुकान-प्रदर्शन स्थल के संबंध में चर्चा की गई। संभागायुक्त ने सांची पार्लर को उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि उपयुक्त स्थानों पर सांची पार्लर प्रारंभ कर स्वसहायता समूह द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट खाद की आधा, एक, दो किलो की थैलियां रखी जा सकती हैं। जैविक खाद का छोटे स्तर पर उपयोग करने के इच्छुक लोग जैविक खाद खरीदेंगे।
क्रमांक/1577/सितंबर-100/खरे॥


स्व-प्रेरणा से शाला परिसर की साफ-सफाई करने वाले शिक्षकों और विद्यार्थियों का करें
गांधी जयंती पर सम्मान
संभागायुक्त ने की शालेय स्वच्छता कार्यक्रम “मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी” की समीक्षा
जबलपुर, 12 सितंबर, 2019
      संभागायुक्त श्री राजेश बहुगुणा ने जिले की उन सभी शालाओं के शिक्षकों और विद्यार्थियों को गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से पन्द्रह अक्टूबर के बीच सम्मानित करने के निर्देश दिये हैं, जो अपने शाला परिसर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी स्वयं संभाल रहे हैं ।  श्री बहुगुणा ने कहा कि इन शालाओं के सम्मान के कार्यक्रम में स्थानीय जनसमुदाय की भागीदारी से आयोजित किये जाने चाहिए ।  समुदाय द्वारा सम्मानित किये जाने से इन्हें अलग पहचान मिलेगी, इनका हौसला बढ़ेगा और दूसरी शालायें भी उनसे प्रेरणा लेंगी ।
      श्री बहुगुणा आज यहां कलेक्टर कार्यालय में शालेय स्वच्छता “मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी” कार्यक्रम के तहत जबलपुर जिले में हुए कार्यों की समीक्षा कर रहे थे । बैठक में कलेक्टर श्री भरत यादव, नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार, जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्र तथा शिक्षा विभाग,नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों के अधिकारी मौजूद थे ।  
      संभागायुक्त ने बैठक में कहा कि जिस तरह इन स्कूलों के शिक्षक एवं बच्चे स्वयंसेवी रूप से शाला परिसर के साथ-साथ शाला के शौचालय की साफ-सफाई का कार्य कर जो मिसाल पेश की है उसकी जितनी तारीफ की जाये कम है । लेकिन इसके साथ ही उनके इस कार्य को पहचान मिलनी चाहिए तथा समुदाय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जाना चाहिए । श्री बहुगुणा ने कहा कि इन स्कूलों को इनके इस पवित्र कार्य में सहयोग करना प्रशासन का भी दायित्व है । उन्होंने शिक्षकों और बच्चों के सम्मान के कार्यक्रमों में इन स्कूलों को स्वच्छता किट प्रदान किये जाने का सुझाव दिया । श्री बहुगुणा ने ऐसी सभी स्कूलों को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में एलईडी टीव्ही भी दिये जायें ।
      श्री बहुगुणा ने शालेय स्वच्छता कार्यक्रम “मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी” को अपनाने वाली स्कूलों के शौचालयों को स्मार्ट टायलेट का स्वरूप देने तथा उनके रखरखाव के लिए पंच परमेश्वर योजना के प्रावधानों के तहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये । उन्होंने नगर निगम सीमा क्षेत्र के भीतर चिन्हित ऐसी सभी शालाओं को शिक्षा उपकर की राशि से गांधी जयंती पर एलईडी टीव्ही प्रदान करने की बात कही।
      संभागायुक्त ने कहा कि ऐसी शालाओं को नल-जल योजनाओं से नल कनेक्शन देने में भी प्राथमिकता दी जाये जहां के शिक्षक और बच्चे खुद अपने हाथों से शाला परिसर और शौचालयों की सफाई कर रहे हैं । संभागायुक्त ने शालेय स्वच्छता कार्यक्रम को और गति देने की आवश्यकता भी बैठक में बताई । उन्होंने कहा कि इस कार्य में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने भी जुड़ने की सहमति प्रदान की है ।  श्री बहुगुणा ने इस कार्यक्रम से जनसमुदाय को जोड़ने पर भी बल दिया ।
      बैठक में बताया गया कि संभागायुक्त की पहल पर संभाग भर में शुरू किये गये शालेय स्वच्छता कार्यक्रम “मेरी शाला, मेरी जिम्मेदारी” के तहत जबलपुर जिले में करीब दो सौ ऐसे स्कूलों को चिन्हित और सत्यापित किया गया है जहां शिक्षकों की अगुवाई में स्कूल लगने के पहले छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिदिन शाला परिसर एवं शौचालयों की साफ-सफाई की जाती है । इनमें से 30 शाला जबलपुर शहर में स्थित हैं ।
क्रमांक/1579/सितंबर-102/जैन

नेत्रहीन दिव्यांग छात्राओं को संगीत सिखाने संकल्पित बालभवन
जबलपुर 12 सितम्बर 2019
      बालभवन जबलपुर द्वारा नेत्रहीन कन्या विद्यालय की 23 बालिकाओं को स्वच्छ भारत अभियान पर समूह गीत गायन का प्रशिक्षण देने के साथ ही संगीत विधा में पारंगत किया गया है। बालभवन ने इस विद्यालय की छात्राओं के लिए संगीत के उपकरणों की जरूरत को जनसहयोग से पूरा किया और नेत्र दिव्यांग बेटियों को संगीत सिखाने की मुहिम साकार करने के विशेष प्रयास किए।
      संभागीय बालभवन ने स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और नेत्र दिव्यांग बेटियों को संगीत सिखाना ये दो बड़े लक्ष्य निश्चित किए। बालभवन ने इन बेटियों को विधिवत् संगीत के प्रोफेशन ग्रुप के रूप में तैयार कर दिया है। ज्ञातव्य है कि संगीत के प्रशिक्षण के लिए संगीत कक्षा का शुभारंभ नि:शक्तजन कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने किया।
      जबलपुर के भंवरताल स्थित नेत्रहीन विद्यालय आवासीय संस्थान है। यहां नेत्रहीन दिव्यांग छात्राओं को संगीत की शिक्षा देने के लिए संगीत के उपकरणों की पूर्ति संचालक बालभवन गिरीश बिल्लोरे के 89 वर्षीय पिता काशीनाथ जी बिल्लोरे और बड़े भाई सतीश बिल्लोरे के सहयोग से हो गई इसके बाद बालभवन ने इन छात्राओं को संगीत का प्रशिक्षण देने सभी तैयारियां की। डॉ शिप्रा सुल्लेरे ने इन बालिकाओं को संगीत सिखाकर उन्हें प्रोफेशनल स्तर की योग्यता तक ले जाने में अद्भुत योगदान दिया। साथ ही तबला प्रशिक्षक सोमनाथ सोनी भी नियमित रूप से नेत्रहीन विद्यालय जाकर प्रशिक्षण देते हैं
बालभवन का बालिकाओं की संगीत प्रतिभा को निखारने का संकल्प जारी है। प्रयास हो रहा है कि गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में नेत्रहीन दिव्यांग बालिकाएं गायन की प्रस्तुति दें। सात सितम्बर को जबलपुर में महिला उद्यमियों की संस्था मावे द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला उद्यमियों के सम्मेलन में नेत्र दिव्यांग बालिकाओं ने अपने गायन प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। नेत्रहीन दिव्यांग गायिका बालिकाओं के संगीत ग्रुप में मोना , नीलम, गुनिता, हर्षिता, शिवकुमारी, दसोदा, सीता बर्मन, ललित, महिमा, रोशनी, चन्द्रकला, सोनिया, शिवानी-1, प्रीति, सुरजना, सरिता, बिट्टू, वर्षा, सुमंती, गुड़िया, सिया कुमारी, अर्चना और शिवानी शामिल हैं। डॉ शिप्रा सुल्लेरे जहां संगीत गायन प्रशिक्षक हैं वहीं हारमोनियम में साथ भी देती हैं। गिटार श्रेया ठाकुर और तबला में मनीषा तिवारी का सहयोग मिलता है।
नेत्रहीन दिव्यांग बालिकाओं को समूहगाह के लिए प्रेरित करने, उन्हें प्रशिक्षित करने में नगर निगम जबलपुर के अधिकारियों  सहायक आयुक्त नगर निगम जबलपुर  एकता अग्रवाल, अपर आयुक्त रोहित कौशल का योगदान सराहनीय रहा इन प्रयासों को अमलीजामा पहनाने में कोऑर्डिनेटर कुमारी शैलजा सुल्लेरे, प्राचार्य नेत्रहीन कन्या विद्यालय पूनम चंद मिश्र की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
क्रमांक/1580/सितंबर-103/समर्थ/कोष्टा
 


851 सरकारी स्कूलों ने हासिल किया स्वर्ण पदक चैम्पियन स्तर
जबलपुर 12 सितंबर 2019
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रदेश के शासकीय स्कूलों में संचालित दक्षता उन्नयन कार्यक्रम में 851 स्कूलों ने स्वर्ण पदक चैम्पियन स्तर हासिल किया है। इन स्कूलों के नाम राज्य शिक्षा केन्द्र की वॉल ऑफ फेम पर प्रदर्शित किये जायेंगे। इन स्कूलों की जिलावार सूची राज्य शिक्षा केन्द्र के 'विमर्श' पोर्टल पर उपलब्ध है। इन स्कूलों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।
इन स्कूलों में भोपाल संभाग के 82, इन्दौर के 107, उज्जैन के 119, रीवा के 34, सागर के 72, होशंगाबाद के 104, ग्वालियर के 52, शहडोल के 47, मुरैना (चंबल) के 49 और जबलपुर संभाग के 186 स्कूल शामिल हैं।
दक्षता उन्नयन कार्यक्रम
दक्षता उन्नयन कार्यक्रम अंतर्गत शालाओं को राज्य स्तर से 'वॉल ऑफ फेम' पर सम्मानित किये जाने के लिये तीन स्तर निर्धारित किये गये हैं। स्कूल के 90 प्रतिशत विद्यार्थियों के भाषा और गणित की मूलभूत दक्षताओं के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने पर स्कूल को स्वर्ण पदक चैम्पियन स्तर प्रमाण-पत्र, 75 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा भाषा और गणित की मूलभूत दक्षताओं के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने पर रजत पदक चैम्पियन स्तर प्रमाण-पत्र और 60 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा भाषा और गणित की मूलभूत दक्षताओं के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने पर स्कूल को कांस्य पदक चैम्पियन स्तर प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। इन तीनों पदक के अर्हता प्राप्त स्कूलों को क्रमश: राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।
भाषा और गणित की मूलभूत दक्षता के उच्चतम स्तर को स्कूल में बेसलाइन, मिडलाइन और एंडलाइन टेस्ट के आधार पर जाँचा जाता है। स्वर्ण चैम्पियन, रजत चैम्पियन और कांस्य चैम्पियन स्कूलों की सूची एक वर्ष में तीन बार जारी की जाएगी। प्रथम सूची 30 सितम्बर से पहले, द्वितीय सूची 31 दिसंबर से पहले और तृतीय सूची 31 मार्च से पहले जारी की जाएगी।
क्रमांक/1578/सितंबर-101/जैन॥