NEWS -03-04-2021-C

 

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार

 

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बैठक संपन्न

जबलपुर, 03 अप्रैल, 2021

कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में कोरोना के इलाज हेतु चिकित्सालयों में व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बैठक संपन्न हुई। इस दौरान सीएमएचओ सहित  मेडिकल टीम के सदस्य उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए  चिकित्सीय सुविधा व समुचित बिस्तरों की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। आवश्यकतानुसार आईसीयू व ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तर बढ़ाएं। इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने निर्देशित किया कि बिस्तरों की उपलब्धता की प्रतिदिन ऑनलाइन अपडेट नियमित रूप से कराएं ताकि लोगों को पता चल सके कि किस अस्पताल में कितने बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान मुख्य रूप से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ इलाज सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

क्रमांक/1350/अप्रैल-50/उइके

रविवार के लॉकडाउन में शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी

जबलपुर, 03 अप्रैल, 2021

कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने रविवार 4 अप्रैल के लॉकडाउन के दौरान जबलपुर शहर में शराब के क्रय-विक्रय, परिवहन एवं भण्डारण को भी प्रतिबंधित कर दिया है।  इस बारे में जारी आदेश में कहा गया है कि नगर निगम जबलपुर एवं छावनी परिषद जबलपुर की सीमा क्षेत्र में स्थित सभी देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर विक्रय दुकानें तथा मदिरा विक्रय से संबंधित सभी अन्य केन्द्रों, एम्बी वाईन आउटलेट, भांग एवं भांग घोटा दुकानें रविवार 4 अप्रैल को संपूर्ण दिवस के लिए बंद रहेगी । इस दिन शराब के क्रय-विक्रय, संक्रमण एवं परिवहन पर भी प्रतिबंध रहेगा ।

क्रमांक/1351/अप्रैल-51/जैन

जिले में नरवाई जलाना प्रतिबंधित

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश

जबलपुर 03 अप्रैल 2021

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने नरवाई जलाने से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों और कृषि के नुकसान के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत जिले की सीमा में नरवाई (गेहूं एवं अन्य फसलों के डंठलों) जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है।

          जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा है कि नरवाई जलाने से विगत वर्षों में कई गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई हैं और संपत्ति की हानि हुई है। नरवाई जलाने से कृषि भूमि की उर्वरता में कमी और पर्यावरण को हानि पहुंचती है। साथ ही पर्यावरणीय तापमान बढ़ने से ग्रीष्म ऋतु में जल संकट में भी बढ़ोत्तरी होती है और कानून व्यवस्था के लिए विपरीत स्थितियां निर्मित होती हैं।

          किसानों द्वारा नरवाई जलाने से खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, धन, संपत्ति, प्राकृतिक वनस्पति एवं जीव-जंतु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यापक नुकसान होता है। साथ ही खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते हैं। जिससे खेत की उर्वरा शक्ति शनै:-शनै: घटती है और उत्पादन प्रभावित होता है। खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा के नष्ट करने जैसा है। इसके अलावा नरवाई जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन्हीं तमाम स्थितियों पर विचारोपरांत कलेक्टर ने नरवाई जलाना प्रतिबंधित किया है।

वर्तमान में गेहूं की फसल की कटाई अधिकांशत: कम्बाईन्ड हार्वेस्टर द्वारा की जाती है। कटाई उपरान्त बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई से) भूसा न बनाकर किसान जला देते हैं। ऐसा करना उचित नहीं है।

भूसे की आवश्यकता पशु आहार के साथ ही अन्य वैकल्पिक रूप में भी की जाती है। एकत्रित किया गया भूसा ईंट भट्टा एवं अन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता है। भूसे की मांग प्रदेश के अन्य जिलों के साथ अनेक प्रदेशों में भी होती है। एकत्रित भूसा 4-5 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में भूसा व पैरा उपलब्ध्ाप नहीं होने पर पशु अन्य हानिकारक पदार्थ पॉलीथिन आदि खाते हैं, जिससे वे बीमार होते हैं और अनेक बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है। इसके अलावा नरवाई का भूसा दो-तीन माह बाद दोगुनी दर पर बिकता है, जबकि कृषकों को यही भूसा बढ़ी हुई दरों पर खरीदना पड़ता है।

क्रमांक/1352/अप्रैल-52/जैन