NEWS -21-05-2021

 

संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय जबलपुर

मध्य प्रदेश शासन

समाचार


ग्राम स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि होंगे कोरोना युद्ध के सेनापति : मुख्यमंत्री श्री चौहान

31 मई तक कोरोना मुक्त करने का लें संकल्प
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोविड-19 के नियंत्रण की रणनीति पर पंचायत प्रतिनिधियों से किया वर्चुअल संवाद 

जबलपुर, 21 मई, 2021

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के विरुद्ध विकट युद्ध जारी है। ग्राम स्तर तक पहुँच चुका यह युद्ध पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना नहीं जीता जा सकता है। इस युद्ध में पंचायत प्रतिनिधि ही अपने-अपने क्षेत्र के सेनापति हैं। सभी को कोरोना कर्फ्यू, किल-कोरोना अभियान, टेस्टिंग, मेडिकल किट वितरण और टीकाकरण में हर संभव सहयोग करते हुए अपने गाँव और प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त करने का लक्ष्य रख कर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को कोविड-19 के नियंत्रण की रणनीति के संबंध में निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा संबोधित कर रहे थे।

प्रदेश को फिर दुष्चक्र में फँसने से बचाना है

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कल 78 हजार  268 टेस्ट हुए, जिसमें 4 हजार 384 व्यक्ति ही पॉजिटिव आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या लगातार घट रही है। कल यह संख्या 4 हजार 300 थी, जबकि 9 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ हुए। प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 5.6 प्रतिशत हो गई है। हमें यह ध्यान रखना है कि यह लड़ाई लम्बी है अत: लापरवाह होने का समय नहीं है। हमारा प्रदेश कठिन दौर से गुजरा है। कोरोना के प्रकोप से अस्पताल भरे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव था। लगातार प्रयासों से व्यवस्थाएँ स्थापित हुई हैं। यदि लापरवाही बरती तो प्रदेश फिर कोरोना के दुष्चक्र में फँस जायेगा।

कोरोना कर्फ्यू का पालन हो

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आने वाले समय में प्रतिदिन सावधानी जरूरी है। हर गाँव में कोरोना कर्फ्यू का पालन किया जाये। गाँव के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट हो, जो भी पॉजिटिव आये, उसका तत्काल उपचार किया जाये। उपार्जन, तेंदूपत्ता संग्रहण और पत्ता जमा कराने में भीड़ नहीं लगे। जिन गाँवों में संक्रमण है, वहाँ विशेष सावधानी बरती जाये। मनरेगा के कार्यों में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों का ध्यान रखा जाये और 31 मई तक शादी-विवाह जैसी भीड़ भरी गतिविधियां टाली जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि किल-कोरोना अभियान की टीमें घर-घर जायें और सर्दी खाँसी से प्रभावित प्रत्‍येक व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जायें। कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में या आवश्यकता होने पर कोविड केयर सेंटर में रखा जाये।

'अपना गाँव-कोरोना मुक्त गाँव' के संकल्प पर कार्य करें

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आव्हान किया कि सभी पंचायत प्रतिनिधि 31 मई तक अपनी ग्राम पंचायत को कोरोना मुक्त करने का संकल्प लें और इस दिशा में एकजुट होकर प्रयास करें। अपना गाँव कोरोना मुक्त गाँव का संकल्प लेकर इसे पूरा करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई उनके सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती है। पंच, सरपंच, जिला और जनपद पंचायत प्रतिनिधि और क्राइसेस मेनेंजमेंट कमेटी के सदस्यों को जिम्मेदारी संभालनी होगी।

गरीब परिवारों की सहायता के लिए प्रयास जारी

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा दो माह का और राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। यह सुनिश्चित करना होगा कि राशन सभी को वितरित हो और दुकानों पर भीड़ न लगे। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर तथा निर्माण श्रमिकों के खातों में राशि जारी की गई है। किसान भाइयों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा डीएपी खाद के लिए 14 हजार 500 करोड़ का अनुदान जारी किया गया है।

किसी भी व्यक्ति को लुटने नहीं दिया जायेगा

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से प्रभावित लोगों के नि:शुल्क इलाज के लिए शासकीय और अनुबंधित अस्पतालों में व्यवस्था की गई है। गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा है। अस्पतालों पर लगातार नजर रखी जा रही है। संकट के इस समय किसी भी व्यक्ति को लुटने नहीं दिया जायेगा। टीकाकरण के लिए जन-जागरण अभियान चलाना होगा। साथ ही, टीकाकरण को लेकर बन रहे भ्रम को दूर करना आवश्यक होगा।

तीसरी लहर के लिए तैयारियाँ आवश्यक

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी तैयारियाँ आवश्यक हैं। इस ओर राज्य सरकार सजग है और आवश्यक स्वास्थ्य संरचना और संसाधनों की व्यवस्था कर रही है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ायें और कोरोना से बचाव की सावधानियों का इस प्रकार पालन करें कि तीसरी लहर का असर ही न हो। कोरोना मानवता के विरूद्ध संकट है। अत: हम अपने गाँव को समरस गाँव बनायें और सब मनमुटाव भूलकर इस बड़े संकट का सामना करें।

क्रमांक/1955/मई-299/मनोज

 


 

कोरोना मुक्ति के लिए आक्रमक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाये-मुख्यमंत्री श्री चौहान

जहाँ आवश्‍यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू करें
अनियंत्रित ऑक्सीजन फेफड़ों के लिए घातक, डॉक्टर की देखरेख में ही लगायें ऑक्सीजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना पर भोपाल संभाग के जिलों की समीक्षा की 

जबलपुर, 21 मई, 2021

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंग‍और माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करना होगा। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू की जाये। प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त बनाने के लिए क्राइसेस मेनेंजमेंट ग्रुप के सभी सदस्य और शासकीय अमला पूरी सजगता और सचेत होकर इस दिशा में कार्य करें। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जायें और कोरोना संभावित व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए किल कोराना अभियान में घर-घर सर्वे का कार्य निरंतर जारी रहे। प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दवा दी जाये और उनकी स्थिति पर नजर रखा जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना प्रभावित व्यक्ति को यदि ऑक्सीजन लगाने की आवश्यकता है, तो वह अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में ही लगाई जाये। अनियंत्रित ऑक्सीजन के उपयोग से मरीजों के फेफड़ों को नुकसान हो रहा है। जिला कलेक्टरों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिये गये।  

           मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल संभाग की कोविड-19 की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। भोपाल कलेक्ट्रेट से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल संभाग की विकासखण्ड स्तरीय क्राइसेस मेनेंजमेंट समितियों को संबोधित भी किया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, विधायक श्री रमेश्वर शर्मा तथा श्रीमती कृष्णा गौर और कमिश्नर भोपाल श्री कविन्द्र कियावत बैठक में उपस्थित थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ऑनलाइन सम्मिलित हुए।

          बैठक में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा तथा राजगढ़ कलेक्टर द्वारा शासकीय तथा निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था, सेंपिलिंग टेस्टिंग की व्यवस्था, पॉजिविटी रेट, संक्रमित मरीजों और कंटेनमेंट एरिया प्रबंधन, ऑक्सीजन के प्रबंधन, टीकाकरण अभियान, आयुष्मान भारत योजना में लाभान्वित मरीजों की संख्या और मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।

31 मई के बाद क्रमबद्ध रूप से होगा जीवन सामान्य

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 31 मई के बाद लगातार सावधानियाँ बरतना आवश्यक है। मई माह के बाद क्रमबद्ध रूप से जीवन सामान्य होगा। कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक व्यवहार अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा। टीकाकरण के लिए जन-जागरण और टीके के संबंध में बने भ्रम को दूर करना आवश्यक है। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि एक भी टीका व्यर्थ नहीं जाये।

विदिशा मेडिकल कॉलेज में भी होगा ब्लैक फंगस का इलाज

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी के उद्देश्य से अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और बच्चों के लिए वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था की जायेगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड बढ़ाये जायेंगे। ब्लैक फंगस इलाज के लिए मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था की जा रही है। विदिशा मेडिकल कॉलेज में भी इसकी व्यवस्था होगी।

प्रदेश ऑक्सीजन में होगा आत्म-निर्भर

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन में आत्म-निर्भता के लिए प्रत्येक जिले में गतिविधियाँ आरंभ करनी होंगी। बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट तथा अन्य व्यवस्थाएँ आवश्यक हैं। इसके लिए बिजली पर छूट और सरकारी अनुदान की व्यवस्था की जायेगी।

मेरा जिला कोरोना मुक्त जिला

          मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल संभाग के सभी जिले 'मेरा जिला कोरोना मुक्त जिला'' का संकल्प लें और इस दिशा में सब मिलकर प्रयास करें। यह उपलब्धि जन-जन के सहयोग और टीम भावना से ही संभव है। समीक्षा बैठक में भोपाल कलेक्टर ने बताया कि भोपाल क्षेत्र में टेस्टिंग के लिए 28 मोबाइल जाँच दल सक्रिय हैं। मरीजों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए निरामय भोपाल एप विकसित किया गया है, जिस पर योग, मनोचिकित्सक, फीजियोथ्रेपिस्ट व चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है। अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। जहाँ जन-अभियान परिषद तथा स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से भोजन तथा मरीज व उनके परिजनों की सहायता के लिए अन्य व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। किल कोरोना अभियान में भी स्वयं सेवी संस्थाओं  का सहयोग लिया जा रहा है।

वाल पेंटिंग से दी कोरोना की दवाओं की जानकारी

           राजगढ़ कलेक्टर ने बतया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज को लगने वाली दवाओं के नाम वाल पेंटिंग द्वारा ग्राम पंचायत भवनों पर प्रदर्शित किये गये हैं। इससे जागरूकता बढ़ी है  और मरीजों का दवाएँ लेना भी बढ़ा है। राजगढ़ कलेक्टर ने बताया कि ऐसे बहुत से प्रकरण आये हैं जिसमें ग्रामीण बुखार को टाइफाइड या मोतीझिरा मान रहे थे, वह टेस्टिंग के बाद कोरोना निकला। ऐसे मरीजों का तत्काल उपचार आरंभ किया गया है। विदिशा कलेक्टर ने बताया कि राशन दुकानों और हेंड पंपों पर अधिक भीड़ न हो इसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।  

क्रमांक/1956/मई-300/मनोज

 

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के आदेश जारी

 जबलपुर, 21 मई, 2021

मख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, जिनके माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है।

          महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। योजना में परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक, बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में, 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक इनमें से जो भी कम हो और जिनके माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। "कोविड-19 से मृत्यु" का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।

योजना का लाभ लेने की पात्रता

          प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो। परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो। बाल हितग्राही के मृतक माता-पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों, जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन पाने की पात्रता हो। ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही, जिनके माता-पिता, अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु होने से अनाथ हो गये हैं, को पाँच हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। बाल हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक और बच्चे के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद उनके व्यक्तिगत खाते में राशि दी जाएगी।

खाद्यान्न सुरक्षा

          प्रत्येक बाल हितग्राही तथा नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत निःशुल्क मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा। ऐसे परिवारों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला-बाल विकास विभाग द्वारा पात्रता पर्ची जारी किये जाने के लिये जिला खाद्य अधिकारी को उपलब्ध करवायी जाएगी।

शिक्षा सहायता

          शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। जो बाल हितग्राही निजी स्कूलों में आरटीई (शिक्षा का अधिकार) प्रावधान अंतर्गत अध्ययनरत हो या आगे होंगे, का शुल्क संबंधित स्कूल को प्रदाय किया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही, जो RTE कोटे से पृथक निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं या होंगे, को आरटीई प्रतिपूर्ति सीमा तक राशि दी जाएगी।

          शासकीय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक बाल हितग्राही को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। निजी स्कूल में अध्ययनरत बाल हितग्राही को 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष की सहायता दी जाएगी। यह वित्तीय सहायता, बाल हितग्राही को सामान्य शासकीय योजना में पात्रतानुसार प्राप्त होने वाली छात्रवृत्ति एवं अन्य लाभ के अतिरिक्त होगी।

उच्च शिक्षा

          केंद्रीय विश्व विद्यालय तथा प्रदेश में स्थित समस्त विश्वविद्यालय एवं महा विद्यालयों में स्नातक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत बाल हितग्राही को भी सहायता दी जाएगी। शासकीय अथवा केंद्र, राज्य शासन से अनुदानित विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों में हितग्राहियों को प्रवेश शुल्क और परीक्षा शुल्क सहित अन्य समस्त वार्षिक वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क सहित) का लाभ देय होगा। साथ ही कॉशनमनी जमा कराने से छूट रहेगी। बाल हितग्राहियों का प्रवेश निःशुल्क होगा। समस्त शुल्क की संबन्धित संस्था को प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाएगी। ऐसे निजी विश्वविद्यालय और अशासकीय महाविद्यालयों में, जहाँ शुल्क का निर्धारण मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा नियत किया जाता है, में अध्ययनरत होने पर समस्त वार्षिक वास्तविक शुल्क या 15 हजार रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति बाल हितग्राही के आधार लिंक्ड बैंक खाते में की जाएगी।

तकनीकी शिक्षा

          तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत स्नातक, पोलीटेकनिक डिप्लोमा, आईटीआई और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये भी योजना के हितग्राही को सहायता दी जाएगी। बाल हितग्राही जो शासकीय, अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करता है तो उसके द्वारा देय शुल्क शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल हितग्राही, जो निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में जेईई मेन्स परीक्षा या पृथक प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेशित होता है तो उसका अधिकतम डेढ़ लाख रूपये प्रतिवर्ष या वास्तविक देय शुल्क जो भी कम हो, राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। बाल हितग्राही, जो मध्यप्रदेश के उन निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में जहाँ स्नातक में प्रवेश 12वीं कक्षा की परीक्षा के आधार पर होता है, उनका वास्तविक शुल्क या 75 हजार रूपये वार्षिक जो भी कम हो राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष

          जिन बाल हितग्राहियों ने राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के आधार पर केन्द्र या राज्य शासन एवं निजी मेडिकल कॉलेज, डेन्टल कॉलेज के एबीबीएस, बीडीएस आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी (बी.ए.एम.एस/ बी.यू.एम.एस/ बी.एच.एम.एस) पाठ्यक्रम एवं मध्यप्रदेश में स्थित प्रायवेट मेडिकल, आयुष महाविद्यालय के एमबीबीएस, बी.ए.एम.एस, बी.यू.एम.एस, बी.एच.एम.एस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया हो, उनके द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। भारत शासन के ऐसे संस्थान, जो स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर प्रवेश देते हैं, को भी योजना में सम्मिलित मान्य किया जाएगा। शासकीय मेडिकल कॉलेज में शिक्षित डॉक्टर 2 वर्ष तक राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने का अनुबंध करेंगे और इस आशय के लिए 10 लाख रूपये के बांड के रूप में निष्पादित करेंगे। प्रायवेट कॉलेज में यह अवधि 5 वर्ष तथा बांड की राशि 25 लाख रूपये होगी।

विधि शिक्षा

          कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) अथवा स्वयं के द्वारा अयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद एडमिशन वाले कोर्स के बाल हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। भारत सरकार, राज्य सरकार के समस्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स (जिसमें मास्टर डिग्री के साथ बैचलर डिग्री भी सम्मिलित है) के बाल हितग्राहियों द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

          राज्य शासन के समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संचालित समस्त स्नातक तथा राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पोलीटेकनिक महाविद्यालयों में संचालित समस्त डिप्लोमा पाठ्यक्रमों एवं आईटीआई (ग्लोबल स्किल पार्क को सम्मिलित मानते हुए) को योजना में शामिल किया जाएगा।

          शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा उसके अधीन संचालित पैरामेडिकल साइंस के डिप्लोमा, डिग्री एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने वाले बाल हितग्राही द्वारा देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिये विभिन्न संस्थाओं को देय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क सहित) जो शुल्क विनियामक समिति अथवा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार या राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है. का ही भुगतान किया जाएगा तथा कॉशन मनी जमा करने से भी छूट प्राप्त होगी। योजना में पात्र विद्यार्थी जो पूर्व से किसी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं, उन्हें भी योजना लागू वर्ष से लाभ प्रदान किया जा सकेगा। बाल हितग्राही को उच्च शिक्षा के लिये किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने पर उस पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित वर्षों के लिए ही शिक्षा प्राप्ति संबंधी लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी।

महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संस्थानिक सहायता

          18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बाल हितग्राही, जिनका कोई घर या निश्चित निवास स्थान नहीं है और जिनके जीवन निर्वाह के लिए कोई दृश्यमान साधन नहीं है अथवा कोई भी संरक्षक उनकी देख-रेख करने का इच्छुक नहीं है, को संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा सहायता एवं पुनर्वास हेतु बाल कल्याण समिति द्वारा देख-रेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक घोषित किया जाकर प्रदेश में संचालित बाल देख-रेख संस्था में प्रवेश सुनिश्चित करवाया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही को योजना के तहत प्रदाय मासिक आर्थिक एवं मासिक राशन की पात्रता नहीं होगी, किंतु बाल देखरेख संस्थाओं में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर निर्मुक्त होने वाले बच्चों को वे समस्त सहायता दी जाएगी, जिसका योजना में प्रावधान है।

आवेदन की प्रक्रिया

          मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में सभी आवेदन दस्तावेजों सहित योजना के लिए निर्मित पोर्टल covidbalkalyan.mp.gov.in पर ही प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला-बाल विकास का यह दायित्व होगा कि वह ऐसे परिवारों की पहचान करें, जिन्हें योजना का लाभ दिया जा सकता है। ऐसे परिवारों से संपर्क कर पोर्टल पर आवेदन भरवाएँ। समस्त लाभ पोर्टल के माध्यम से दिये जाएंगे। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही जिला कलेक्टर के लॉगिन से होगी। प्रकरणों की स्वीकृति और अनुमोदन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप संचालक सामाजिक न्याय और जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास, समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति के अनुमोदन के पश्चात सहायता प्रदान करने के आदेश समिति के सदस्य सचिव द्वारा जारी किये जाएंगे।

मबावि नोडल विभाग होगा

          मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ, बाल हितग्राहियों को शासन की अन्य योजनाओं के अंतर्गत देय लाभ के अतिरिक्त होगा, किन्तु बाल हितग्राही को शिक्षा शुल्क आदि का दोहरा भुगतान किसी अन्य योजना से नहीं होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिये नोडल विभाग महिला-बाल विकास विभाग होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि का प्रावधान महिला-बाल विकास विभाग के बजट में किया जाएगा। निगरानी एवं मूल्यांकन महिला-बाल विकास विभाग द्वारा की जाएगी।

क्रमांक/1957/मई-301/मनोज

 

मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के आदेश जारी

  जबलपुर, 21 मई, 2021

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में राज्य में कार्यरत समस्त नियमित, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, आऊटसोर्स, अन्य शासकीय सेवक और सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई घोषणा के अमल के लिये वित्त विभाग द्वारा प्रारूप तैयार कर योजना का आदेश जारी कर दिया है।

          मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का उद्देश्य ऐसे शासकीय सेवक, सेवायुक्तों की कोविड-19 के उपचार के दौरान या कोविड-19 से स्वस्थ होने के पश्चात संक्रमित होने के साठ दिवस में बीमारी के कारण आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाना है।

पात्र कर्मी

          राज्य के समस्त नियमित वेतन मानदेय, स्थाईकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ/संविदा पर नियुक्त सेवायुक्त जिनका पारिश्रमिक आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय होता है, योजना के लिये पात्र होंगे। विभाग द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 में निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आउटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त, जिनका पारिश्रमिक/मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग एवं ऐसी संस्थाएँ जिनका शत-प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इसके लिये स्थापना अनुदान दिया जा रहा हो, में कार्यरत सेवायुक्त कर्मी हो। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार भी शामिल रहेंगे।

पात्रता की शर्तें

          मृत सेवायुक्त के कोविड-19 पॉजिटिव होने के संबंध में चिकित्सकीय प्रयोगशाला की विधिमान्य रिपोर्ट (आरटीपीसीआर/आरएटी) होना चाहिये। मृत्यु की तिथि पर शासन में नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत होना आवश्यक है। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त पूर्णकालिक रूप से नियोजित कार्यरत होना चाहिये। अंशकालिक रूप से नियोजित/कार्यरत सेवायुक्त को इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी। वर्तमान में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत जिन परिवारों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने की पात्रता है, उन्हें इस योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।

वित्तीय सहायता

          योजना अंतर्गत अधिकतम 5 लाख रूपये तक विशेष अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा सकेगा। जिन सेवायुक्तों को उनके नियोक्ता द्वारा पूर्व से ही अनुग्रह राशि (एक्सरोशिया) एवं मृत्यु सह सेवानिवृत्ति उपादान या अन्य किसी नियम अधिनियम के तहत किसी भी प्रकार का अन्य उपादान का भुगतान किया जा रहा है तथा सेवायुक्तों को इन शीर्षो में भुगतान की गई कुल राशि 5 लाख रुपये से कम है तो 5 लाख रूपये एवं वास्तविक भुगतान हेतु आंकलित राशि के अन्तर की राशि का भुगतान इस योजना में किया जायेगा। जिन सेवायुक्तों को अनुग्रह राशि / उपादान राशि की पात्रता नहीं है, उनके पात्र दावेदार को 5 लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा। परिवार में एक से अधिक सेवायुक्तों के योजनांतर्गत पात्र होने की स्थिति में प्रत्येक सदस्य के निधन पर निर्धारित गणना अनुसार पृथक-पृथक राशि देय होगी।

योजना की अवधि

          मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना 1 मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी। यदि सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजिटिव था लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात कोविड-19 पॉजिटिव होने के 60 दिवस के भीतर हो जाती है तो इस स्थिति में भी पात्र दावेदार को विशेष अनुग्रह राशि की पात्रता होगी।

प्रकरण स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी

          जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर को प्रेषित किया जायेगा। संबंधित जिले के कलेक्टर योजनांतर्गत सक्षम स्वीकृति जारी करने के लिये अधिकृत रहेंगे। कार्यालय प्रमुख की मृत्यु के प्रकरण में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने के लिये सक्षम प्राधिकारी होंगे।

          मंत्रालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में सामान्य प्रशासन विभाग/संबंधित विभागाध्यक्ष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी होंगे। राजभवन, विधानसभा, उच्च न्यायालय की स्थापना में कार्यरत सेवायुक्तों के प्रकरणों के लिये प्रमुख सचिव राजभवन, प्रमुख सचिव विधानसभा, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय सक्षम प्राधिकारी होंगे।

आहरण संवितरण अधिकारी

          संबंधित सेवायुक्त की मृत्यु के समय जिस कार्यालय से उसका अन्तिम वेतन/ मानदेय/पारिश्रमिक का आहरण किया गया हो उसी कार्यालय के आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा योजना अंतर्गत सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर कोषालय से राशि आहरण की जायेगी। राशि का आहरण उसी बजट शीर्ष से किया जायेगा, जिससे मृतक सेवायुक्त का अंतिम वेतन/ मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। आऊटसोर्स के माध्यम से सेवा प्रदान कर रहे सेवायुक्तों के लिये योजनांतर्गत राशि का भुगतान उनकी सेवायें प्रदान करने वाली एजेंसी के स्थान पर संबंधित दावेदार के खाते में किया जायेगा।

दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया

          मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना में दावेदार को आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित परिशिष्ट-1 अनुसार दावा प्रपत्र भरकर उस कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा, जहाँ संबंधित शासकीय सेवक/सेवायुक्त मृत्यु के पूर्व कार्यरत था। संबंधित कार्यालय प्रमुख दावे का प्रसंस्करण करेगा एवं निर्धारित परिशिष्ट-2 अनुसार सक्षम स्वीकृति जारी करने करने के लिये सक्षम प्राधिकारी को दावा प्राप्त होने के तीन कार्य दिवस में अनिवार्यतः प्रेषित करेगा। सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर आहरण संवितरण अधिकारी देयक तैयार करेगा और अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिये कोषालय में देयक जमा करायेगा। कोषालय के द्वारा संबंधित दावेदार के खाते में राशि जारी की जायेगी।

          अनुग्रह राशि के लिये दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 अथवा योजना की अवधि की समाप्ति के 3 माह पश्चात की दिनांक होगी। अपरिहार्य स्थिति में विलंब के कारणों से संतुष्ट होने पर सक्षम प्राधिकारी अधिकतम छः माह तक का विलंब माफ कर सकेंगे। अनुग्रह राशि के लिये दावा प्रस्तुत करने की पात्रता के क्रम में पति/पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) प्रथम हकदार होंगे। इनके न रहने की स्थिति में विधिक सन्तानों (एक से अधिक होने पर बराबर राशि) तथा विधिक सन्तान न होने पर माता /पिता को दावा प्रस्तुत करने का अधिकार होगा।

          राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/ विश्वविद्यालय उनकी स्थापना में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से योजना का संचालन कर सकते हैं। शासी निकाय द्वारा योजनांतर्गत प्रकरणों की स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी का नामांकन किया जायेगा।

          नगरीय निकायों एव पंचायती राज संस्थाओं की स्वीकृत स्थापना में कार्यरत नियमित/ स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आऊटसोर्स सेवायुक्तों को उनके प्रशासकीय विभाग द्वारा निर्णय लिया जाकर योजना को लागू किया जा सकता है। ऐसे प्रकरणों में योजनांतर्गत स्वीकृति देने के लिये सक्षम प्राधिकारी जिला कलेक्टर होंगे।

          राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों तथा नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत योजना संचालन की स्थिति में उनकी स्वयं की निधि से योजनांतर्गत अनुग्रह राशि का भुगतान किया जायेगा। उपरोक्त किसी संस्था को योजना अंतर्गत स्वीकृत अनुग्रह राशि भुगतान हेतु वित्तीय व्यवस्था में कठिनाई परिलक्षित होती है तो समुचित कारण सहित राशि की मांग का प्रस्ताव अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को प्रेषित किया जायेगा। अनुग्रह राशि के भुगतान संबंधी उक्त उपबंधों का निर्वचन तथा कठिनाईयों के निराकरण के लिये प्रकरण वित्त विभाग को प्रेषित किये जा सकते हैं।

क्रमांक/1958/मई-302/मनोज

 

घर-घर सेम्पल लेने मोबाइल वेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

  जबलपुर, 21 मई, 2021

          प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के उपायों की समीक्षा के लिये आयोजित की गई बैठक के बाद कलेक्टर कार्यालय परिसर से डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान चिन्हित बीमार एवं कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों के घर-घर जाकर सेम्पल लेने तैयार किये गये चार मोबाईल वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।  

क्रमांक/1959/मई-303/जैन

 

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में मिली सफलता

एकजुट होकर किये प्रयासों का नतीजा- मंत्री श्री भदौरिया

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों की समीक्षा बैठक में

श्री भदौरिया ने की जनप्रतिनिधियों, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी की तारीफ

जबलपुर, 21 मई, 2021

जिले में कोरोना संक्रमण के प्रकरणों में तेजी से आ रही कमी पर सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया ने संतोष व्यक्त करते हुए इसे एकजुट होकर किये गये प्रयासों का नतीजा बताया है तथा इसके लिए जनप्रतिनिधियों, खंड स्तरीय, वार्डवार एवं ग्रामवार गठित आपदा प्रबंधन समितियों और समर्पित भाव से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों की सराहना की है।

श्री भदौरिया आज शुक्रवार की शाम यहां कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री श्री भदौरिया ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने में मिली सफलता के लिए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की अगुवाई में बनाई गई आक्रामक रणनीति को भी श्रेय दिया। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि कोरोना की रोकथाम में मिली सफलता को आगे भी बरकरार रखना होगा और कोशिश करनी होगी कि 31 मई तक जिले में कोरोना संक्रमण की दर एक से दो फीसदी तक रख सकें और जबलपुर इस दिशा में प्रदेश में नंबर वन पर रहे।

श्री भदौरिया ने बैठक में जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी में आई कमी का खासतौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जिस रणनीति के साथ काम किया गया उसी रणनीति पर शहर के उन क्षेत्रों में भी काम करने की जरूरत है जहां प्रतिदिन पांच से अधिक नये प्रकरण सामने आ रहे हैं। भदौरिया ने इन क्षेत्रों में कांटेक्ट ट्रेसिंग पर ज्यादा ध्यान देने, संक्रमण के कारणों को जानने तथा उसके निदान के सभी संभव उपायों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरतने के निर्देश भी बैठक में दिये।

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण के प्रभावी क्रियान्वयन पर दें विशेष ध्यान-

जिले के कोविड प्रभारी बनाये गये सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री श्री भदौरिया ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश भी बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिन्हित करें जिनके माता-पिता दोनों का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया है। उन्होंने बेसहारा हो गये ऐसे प्रत्येक बच्चे को मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

श्री भदौरिया ने बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के मुताबिक कोरोना से मृत हुए व्यक्तियों के परिवारजनों को एक-एक लाख रुपये की अनुगृह राशि शीघ्र प्रदान किये जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने कोरोना काल के दौरान मृत हुए शासकीय एवं अद्र्धशासकीय संस्थानों के नियमित, अस्थाई, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मियों के परिवारजनों को भी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के कार्य में तत्परता बरतने की बात कही।

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीणों को करें प्रेरित

श्री भदौरिया ने बैठक में जिले में कोरोना के टीके लगाने के लिए चलाये जा रहे अभियान की समीक्षा करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करने पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने ग्रामीणों को कोरोना के टीके लगाने के कार्य में गति लाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने के निर्देश बैठक में दिये।

तीसरी लहर की संभावनाओं के मद्देनजर करें पूरी तैयारी

बैठक में मंत्री श्री भदौरिया कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की बताई जा रही संभावनाओं के मद्देनजर समय रहते सभी जरूरी तैयारियां करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। बैठक में उन्होंने इस बारे में अभी तक किये गये  प्रयासों का ब्यौरा भी अधिकारियों से लिया।

बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि जबलपुर जिले में जनप्रतिनिधियों, आम जनता तथा सामाजिक संगठनों के मिले-जुले प्रयासों से कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है। उन्होंने बताया कि करीब बीस दिनों पहले जिले में कोरोना की संक्रमण की दर लगभग 30 फीसदी थी वह अब गिरकर साढ़े छह से सात फीसदी पर आ गई है। आने वाले तीन-चार दिनों में इसमें और कमी परिलक्षित होगी। श्री शर्मा ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए अपनाई गई रणनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि जबलपुर शहर को 17 जोनों में बांटा गया है। हर जोन पर पंद्रह-पंद्रह वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। उनके अधीन वार्डवार अलग-अलग टीमें भी बनाई गई हैं जो अपने क्षेत्र पर लगातार नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने कांटेक्ट ट्रेसिंग पर भी ज्यादा जोर दिया जा रहा है। पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों को घरों में आइसोलेट किया जा रहा है और ऐसे क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे कर बीमार एवं कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित कर दवाओं की किट वितरित की जा रही है।

कलेक्टर ने बैठक में बताया कि शहरी क्षेत्र की तरह जिले के ग्रामीण क्षेत्र में भी यही रणनीति अपनाई गई है और इसके अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले की 516 ग्राम पंचायतों में से 16 ग्राम पंचायतें ही ऐसी हैं जहां पांच से अधिक एक्टिव केस हैं। और 216 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जो कोरोना से पूर्णत: मुक्त हैं। श्री शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में बीस दिन पहले कोरोना संक्रमण की दर करीब 18 फीसदी थी वह गिरकर 1.2 प्रतिशत पर आ गई है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, नगर निगम आयुक्त संदीप जीआर, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित एवं राजेश बाथम, सीईओ स्मार्ट सिटी निधि सिंह राजपूत, जेडीए के सीईओ प्रशांत श्रीवास्तव, मेडीकल कालेज के डीन डा. प्रदीप कसार, सीएमएचओ डॉ. रात्नेश कुररिया तथा सभी एसडीएम एवं कोरोना पर रोकथाम के लिए जिम्मेदार सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

क्रमांक/1960/मई-304/जैन